दूसरी ओर ब्रिटेन की एक कंसल्टेंसी संस्था आर्थिक और व्यापार अनुसंधान- सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड विदेशी मुद्रा व्यापार पश्चिम बंगाल बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) ने एक दिन पहले ही कहा है कि भारत 2035 तक विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। रिपोर्ट के 14वें संस्करण के अनुसार, अगले पांच वर्ष में भारत की वार्षिक आर्थिक वृद्धि औसतन 6.4% रहने की उम्मीद है, और फिर उसके बाद के नौ वर्षों में भारत की विकास दर औसतन 6.5% रहने की आशा है। यह उम्मीद है कि 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.8% की दर से बढ़ेगी।रिपोर्ट किए गए विकास चार्ट में भारत 2022 में विश्व आर्थिक लीग तालिका में पांचवें स्थान से चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद 2037 तक वैश्विक रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंच जाएगा। इसी तरह से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का मानना है कि न 2029 और न ही 2035 तक बल्कि भारत आनेवाले पांच सालों के बाद वर्ष 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की उम्मीद बरकरार रखे हुए है।कहना होगा कि अभी जिस तरह से भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में निर्णय लिए जा रहे हैं, उन्हें देखते हुए भारत को जल्द ही दुनिया तीसरी आर्थिक महाशक्ति के रूप में देखेगी । इसका अर्थ यह है कि केंद्र की मोदी सरकार के नेतृत्व में जिस तरह से देश में निर्णय लिए जा रहे हैं और जिस दिशा में चला जा रहा है, वह भारत के लिए सफलता के चरण हैं।
वित्त वर्ष 2019-20 में 20% तक घट सकता है चावल निर्यात
अब तक ईरान के लिए चावल निर्यात निर्यात में 22 फीसदी की गिरावट आयी विदेशी मुद्रा व्यापार पश्चिम बंगाल है. ईरान भारतीय चावल का सबसे बड़ा खरीदार है
ड्रिप कैपिटल के सह-संस्थापक और सह-मुख्य कार्यपालक अधिकारी पुष्कर मुकेवार ने कहा, ''अबतक निर्यात फीका लग रहा है. सबसे बड़ा निर्यात बाजार ईरान को भारत से चावल निर्यात निर्यात में 22 फीसदी की गिरावट आयी है. इसके अलावा संयुक्त अरब अमीरात (33 फीसदी), नेपाल (23 फीसदी), यमन (2 फीसदी, सेनेगल (90 फीसदी) और बांग्लादेश (94 फीसदी) जैसे अन्य निर्यात बाजारों में भी चावल निर्यात में कमी आयी है.''
हालांकि, कुछ देशों को निर्यात बढ़ा है. सऊदी अरब को होने वाले चावल निर्यात में 4 फीसदी जबकि इराक को 10 फीसदी और अमेरिका को होने वाले चावल निर्यात में 4 फीसदी की वृद्धि हुई है.
साल 2022 में भारत बना दुनिया की पांचवीं अर्थव्यवस्था, अब तीसरे स्थान के लिए बढ़ाएं कदम
नईदिल्ली। भारत के लिए 2022 का वर्ष अर्थव्यवस्था के शक्ति केंद्र के रूप में महत्वपूर्ण साबित हुआ है । भारत ने ब्रिटेन को पछाड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का तमगा हासिल किया। भारतीय अर्थव्यवस्था ने 854.7 बिलियन डॉलर के साथ दुनिया में यह जगह बनाई । ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर के साथ छठे नंबर पर पहुंच गई। ब्रिटेन अब भी अर्थव्यवस्था को लेकर अपने मुश्किल दौर से गुजर रहा है । वहीं भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली इकोनॉमी में शामिल है।
एक दशक पहले, भारत का था 11वां स्थान -
दरअसल, एक दशक पहले, भारत सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में 11वें स्थान पर था, जबकि ब्रिटेन पांचवें स्थान पर। दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक को पीछे विदेशी मुद्रा व्यापार पश्चिम बंगाल छोड़ना, विशेष रूप से दो शताब्दियों तक भारतीय उपमहाद्वीप पर शासन करने वाली अर्थव्यवस्था को पीछे छोड़ देना वास्तव में मील का पत्थर है। स्वाधीनता के बाद बीते 75 वर्षों के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति आय छह गुना बढ़ी है । निश्चित तौर पर भारत की इस सफलता के पीछे मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों का बड़ा योगदान है ।
PAN Card: …तो खत्म हो जाएगा पैन कार्ड! कई तरह के ट्रांजैक्शन में आधार से ही चल जाएगा काम
देश में 129 करोड़ से अधिक लोगों के पास आधार है और करीब 43 करोड़ लोगों के पास पैन कार्ड है। सरकारी विभाग अब आधार के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं। यानी पैन का इस्तेमाल धीरे-धीरे खत्म हो जाएगा। जानकारों का कहना है कि अगर सरकार पैन कार्ड को लेकर यह फैसला लेती है तो टैक्सपेयर्स को इसका फायदा होगा। हालांकि कुछ तरह के ट्रांजैक्शन पर हाई टैक्स कटौती का सामना करना पड़ सकता है। नए बैंक खाताधारक और टैक्सेबल सीमा में नहीं आने वाले लोगों को भी इसका फायदा होगा। अगर कोई एक साल के दौरान 20 लाख रुपये से अधिक ट्रांजैक्शन करता है तो उसे पैन कार्ड दिखाना होता है।
अभी कई तरह के कामों के लिए पैन कार्ड की जरूरत पड़ती है। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने, बैंक अकाउंट खुलवाने, एफडी या डिपॉजिट अकाउंट खुलवाने, क्रेडिट कार्ड या बैंक लोन लेने, शेयर बाजार में निवेश करने, बड़ी कीमत का बीमा कराने, कार या बड़ी गाड़ी खरीदने या बेचने, महंगी ज्वैलरी खरीदने, प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने और विदेशी मुद्रा खरीदने जैसे कई कामों के लिए पैन की जरूरत पड़ती है। विदेश जाने के लिए वीजा लेने के लिए भी पैन कार्ड नंबर की जरूरत पड़ सकती है।
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