Stock Market: अगले हफ्ते भी शेयर बाजार में जारी रहेगा उतार-चढ़ाव, ग्लोबल संकेतों का दिखेगा असर
Stock Market: अगर आपका पैसा भी मार्केट में लगा हुआ है तो उससे पहले आप जान लें कि अगले हफ्ते बाजार की चाल कैसी रहने वाली है.
By: पीटीआई- भाषा | Updated at : 03 Jul 2022 02:58 PM (IST)
Stock Market Update: शेयर बाजार में लगातार उठापटक जारी है. अगर आपका पैसा भी मार्केट में लगा हुआ है तो उससे पहले आप जान लें कि अगले हफ्ते बाजार की चाल कैसी रहने वाली है. बता दें आने वाले हफ्ते में ग्लोबल संकेत के अलावा कच्चे तेल की कीमतें, विदेशी निवेशकों के रुख और घरेलू वृहद आर्थिक आंकड़ों से सेंसेक्स-निफ्टी की दिशा तय होगी. मार्केट एक्सपर्ट ने यह राय जताई है.
आने वाला है तिमाही रिजल्ट का सीजन
मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि कंपनियों के तिमाही रिजल्ट का सीजन आने से पहले बाजार में उचार-चढ़ाव बना रह सकता है. उन्होंने कहा कि कमजोर ग्लोबल रुख और तिमाही नतीजों से पहले बाजार की धारणा प्रभावित हुई है.
जानें क्या है एक्सपर्ट की राय?
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा है कि बाजार हर दिन निचले स्तर पर जाने के बाद उबर रहा है. ग्लोबल ग्लोबल मार्केट्स क्या है मार्केट में कमजोरी, रुपये में गिरावट और घरेलू रिफाइनरियों के अप्रत्याशित लाभ पर कर जैसे कारकों से बाजार की धारणा प्रभावित हुई है.
ग्लोबल मार्केट पर निर्भर करेगा बाजार
मीणा ने कहा है कि विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अब भी बिकवाली कर रहे हैं, लेकिन उनकी बिक्री की रफ्तार कम हुई है. ऐसे में यदि ग्लोबल मार्केट स्थिर रहता है, तो बाजार में तेजड़िया गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं. उन्होंने कहा कि कच्चे तेल के दाम, डॉलर सूचकांक और रुपये का उतार-चढ़ाव अन्य कारक हैं, जो आगे बाजार की दिशा तय करेंगे.
TCS 8 जुलाई को जारी करेगा नतीजे
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष- अजित मिश्रा ने कहा है कि इस सप्ताह तिमाही नतीजों के सीजन की शुरुआत होगी. आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) आठ जुलाई को अपने तिमाही नतीजों की घोषणा करेगी. मार्केट की इस पर नजर रहेगी.
कच्चे तेल की कीमतों का भी दिखेगा असर
इसके अलावा ग्लोबल मार्केट का रुख, कच्चे तेल की कीमतों का उतार-चढ़ाव और रूस-यूक्रेन युद्ध पर भी बाजार की नजर रहेगी. वृहद आर्थिक आंकड़ों के मोर्चे पर मंगलवार को PMI सेवा क्षेत्र के आंकड़े आएंगे, जो निश्चित रूप से कारोबारी धारणा को प्रभावित करेंगे.
चीन जारी करेगा मुद्रास्फीति के आंकडे़
सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा है कि इस सप्ताह भी बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. वृहद आर्थिक मोर्चे पर निवेशकों की निगाह फेडरल ओपन मार्केट कमेटी की बैठक के ब्योरे पर रहेगी. इसके अलावा ग्लोबल बाजारों का रुख चीन के मुद्रास्फीति के आंकड़ों से प्रभावित होगा, जो इस सप्ताह आने हैं. साथ ही घरेलू मोर्चे पर तिमाही नतीजों का सीजन शुरू होने जा रहा है. ऐसे में शेयर विशेष गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं.
सेंसेक्स-निफ्टी में रही बढ़त
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 179.95 अंक या 0.34 फीसदी के लाभ ग्लोबल मार्केट्स क्या है में रहा. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 52.80 अंक या 0.33 फीसदी का उछाल आया.
जारी रहेगा उतार-चढ़ाव
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा है कि कई तरह की अड़चनों के बावजूद बाजार ने जुझारू क्षमता दिखाई है. उन्होंने कहा कि पिछले करीब 15 कारोबारी सत्रों से निफ्टी व्यापक दायरे में रहा है और इसमें उतार-चढ़ाव बढ़ा है. आगे चलकर बाजार का रुख कमजोर रह सकता है, क्योंकि अब भी वैश्विक रुझान ही बाजार की दृष्टि से महत्वपूर्ण बने हुए हैं.
Published at : 03 Jul 2022 02:58 PM (IST) Tags: Stock Market Stock Market update हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi
Share Market Today, 18 July 2022: ग्लोबल मार्केट के बाद भारतीय शेयर बाजार में भी जोरदार उछाल
Share Market News Today (आज का शेयर बाजार), 18 July 2022: हफ्ते के आखिरी दिन ग्लोबल बाजार हरे निशान में बंद हुए थे। आज बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 2,54,11,751.76 करोड़ रुपये हो गया।
Share Market News Today, 18 July 2022: आज हफ्ते के पहले कारोबारी दिन तीस शेयरों ग्लोबल मार्केट्स क्या है ग्लोबल मार्केट्स क्या है पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 446.07 अंक यानी 0.83 फीसदी उछलकर 54206.85 अंक पर खुला। इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 139.70 अंक यानी 0.87 फीसदी की बढ़त के साथ 16188.90 अंक पर खुला। शुरुआती कारोबार में 1606 शेयरों में तेजी आई, 356 शेयरों में गिरावट आई और 114 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। दरअसल US Fed के ब्याज दरों में कमी की आशंका से अमेरिकी बाजारों में तेजी आई। Dow Jones में 600 अंकों से ज्यादा की तेजी दिखी है। इससे घरेलू बाजार भी प्रभावित हुआ।
खबर लिखने के समय तक सभी सेक्टर्स हरे निशान पर थे। इनमें मेटल, फार्मा, प्राइवेट बैंक, पीएसयू बैंक, रियल्टी, ऑटो, एफएमसीजी, आईटी, बैंक, फाइनेंस सर्विस और मीडिया शामिल हैं।
देखिए कैसे रहे अमेरिकी और यूरोपिय बाजार के संकेत -
पिछले हफ्ते सेंसेक्स की टॉप 10 में से 6 कंपनियों का घटा मार्केट कैप
पिछले हफ्ते सेंसेक्स की टॉप 10 में से 6 कंपनियों के मार्केट कैप में कुल 1,68,260.37 करोड़ रुपये की गिरावट आई। सबसे ज्यादा नुकसान सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को हुआ। टीसीएस का मार्केट कैप 99,270.07 करोड़ रुपये कम होकर 10,95,355.32 करोड़ रुपये पर आ गया। पिछले हफ्ते बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 721.06 अंक या 1.32 फीसदी नीचे आ गया।
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पैसे कमाने का शानदार तरीका, इस ग्लोबल मार्केट में निवेश कर होगी अच्छी कमाई
अगर आप भी पैसों के लिए परेशान रहते हैं और निवेश कर अपने पैसे बढ़ाने का कोई तरीका खोज रहे हैं तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। आज हम आपको निवेश का एक ऐसा विकल्प बताने जा रहे हैं जिसे आप में से कुछ ही लोगों ने सुना होगा। खास बात ये है कि ये लगभग शेयर बाजार की तरह ही काम करता है। आइए जानते हैं ये है क्या।
फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग के जरिए कमाएं पैसे
हम बात कर रहे हैं फॉरेक्स करंसी ट्रेडिंग की। इसे एफएक्स (FX) मार्केट भी कहा जाता है। जिस तरह शेयर बाजार में कंपनियों के शेयर का लेनदेन होता है, उसी तरह ग्लोबल मार्केट्स क्या है करंसी ट्रेडिंग यानी कि मुद्रा विनिमय में अलग-अलग देशों की करंसी का लेनदेन होता है। इस करंसी ट्रेडिंग के जरिए आप रुपये को डॉलर से एक्सचेंज कर सकते हैं या पॉन्ड को यूरो से भी एक्सचेंज कर सकते हैं। और इसी के माध्यम से आप पैसे कमा सकते हैं। आइए जानते हैं कैसे।
ऐसे करें निवेश
इस ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट का हिस्सा बनकर आप पैसे कमा सकते हैं। यहां निवेश करने के लिए आप किसी एजेंसी की मदद ले सकते हैं। फ्रॉड का शिकार होने से बचने के लिए आपको इस बात का ध्यान देना होगा कि वो एजेंसी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) या सेबी (SEBI) की गाइडलाइन के अनुरूप व्यवसाय करती हो। बता दें कि करंसी ट्रेडिंग कोई नई नहीं है। इसकी शुरुआत साल 1970 में ही हो गई थी। आगे आपको बताते हैं ये काम कैसे करता है।
ऐसे काम करता है फॉरेक्स ट्रेडिंग
जिस तरह शेयर बाजार में निवेश के लिए डीमेट खाता होना अनिवार्य है, उसी तरह फॉरेक्स ट्रेडिंग के लिए किसी फॉरेक्स एजेंसी या ब्रोकर के साथ एक ट्रेडिंग खाते की जरूरत होती है। इस मार्केट में एक करंसी को दूसरी करंसी से बदला जाता है। करंसी बदलने के लिए एक एक्सचेंज रेट होता है। यानी एक करंसी को दूसरी करंसी में बदलने की दर। इसी दर के हिसाब से आप कमाई कर सकते हैं। अब उदाहरण के माध्यम से समझते हैं कि आपको इससे कैसे फायदा होगा।
ऐसे होगी कमाई
मान लीजिए कि आपने किसी एजेंसी से रुपये के बदले 1,000 डॉलर लिए। अब जिस वक्त आपने डॉलर खरीदा उस वक्त उसका एक्सचेंज रेट 1.5 था यानी आपको 1,000 डॉलर ग्लोबल मार्केट्स क्या है खरीदने के लिए 1,500 रुपये देने पड़े। अब कुछ समय बाद एक्सचेंज रेट में थोड़ा बदलाव हुआ और यह बढ़कर 1.55 हो गया। यानी अब जब आप 1,000 डॉलर बेचेंगे तो आपको 1,550 रुपये मिलेंगे। इस तरह आपको कुल 50 रुपये का मुनाफा हुआ। बता दें कि ये एक छोटा सा उदाहरण है। आपको कितना निवेश करना है ये आपकी इच्छा पर निर्भर करता है।
अमर उजाला डिजिटल आपके लिए सीरीज के तहत पाठकों द्वारा पूछी गईं जानकारियों पर विस्तृत खबर बना रहा है। यह खबर भी पाठकों द्वारा चाही गई थी। यदि आप भी ऐसी किसी विषय के बारे में जानना चाहते हैं तो इस पेज के अंत में दिए गए कमेंट बॉक्स में लिख सकते हैं या अमर उजाला के ट्विटर और फेसबुक पेज पर अपनी बात #aapkeliye #आपकेलिए हैशटैग से लिख सकते हैं।
ब्रिटेन पहले से पस्त, 'मंदी' से अमेरिकी शेयर बाजार चौथे दिन भी धड़ाम, भारत पर क्या होगा असर?
अमेरिका में आर्थिक मंदी की आशंका गहराने लगी है. फेडरल रिजर्व के आक्रमक रुख ने निवेशकों को टेंशन में डाल दिया है. कमजोर होती अर्थव्यवस्था के बीच फेड रिजर्व सख्त रुख अपनाने के संकेत दे रहा है, जिसका असर भारत समेत एशियाई मार्केट पर दिख रहा है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 20 दिसंबर 2022, 6:16 PM IST)
अमेरिका (USA) में आर्थिक मंदी (Economic Recession) की आशंका और चीन (China) में कोविड के मामलों में बढ़ोतरी का असर भारतीय शेयर मार्केट (Indian Stock Market) पर नजर आने लगा है. पिछले पांच दिनों में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) दो फीसदी से अधिक टूटा हैं और निफ्टी (Nifty) में भी दो फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. इस गिरावट की वजह अमेरिका में मंदी की आशंका को माना जा रहा है. ब्रिटेन (Britain) पहले ही आर्थिक मंदी की चपेट में आ चुका है और अब अमेरिका में आर्थिक मंदी की आशंका गहरा रही है. अमेरिकी मार्केट (US Market) लगातार चौथे सेशन में भी गिरावट के साथ क्लोज हुआ था.
लगातार टूट रहा भारतीय बाजार
मंगलवार को कारोबार के अंत में सेंसेक्स (Sensex) 103 अंक यानी एक फीसदी की गिरावट के साथ 61,702 पर बंद हुआ. वहीं, निफ्टी 35 अंकों की गिरावट के साथ 18,385 पर बंद हुआ. ऑटो, FMCG,आईटी, मेटल और रियल्टी की अगुआई में सभी सेक्टर इंडेक्स लाल निशान में ट्रेड कर रहे थे. BSE मिडकैप और स्मॉल कैप इंडेक्स भी लगभग आधा फीसदी टूटकर कारोबार कर रहे थे.
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अमेरिकी मार्केट में नहीं थम रही गिरावट
मार्केट के जानकारों का कहना है कि अभी बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है. निवेशक फेडरल रिजर्व के आक्रमक रुख से चिंतित हैं. इसकी वजह से दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी मंदी की चपेट में आ सकती है. वॉल स्ट्रीट सोमवार को लगातार चौथे सेशन में गिरकर बंद हुआ.
डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज (Dow jones) 162.92 अंक या 0.49% गिरकर 32,757.54 पर, S&P 500 34.7 अंक या 0.90% गिरकर 3,817.66 पर और नैस्डैक कंपोजिट (IXIC) 159.38 अंक या 1.49 फीसदी गिरकर 10,546.03 पर क्लोज हुआ. इसके अलावा एशियाई बाजरों में भी गिरावट का ही रुख रहा. कमजोर ग्लोबल संकेतों की वजह से भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में नजर आ रहा है.
निवेशकों की चिंता
निवेशकों को चिंता है कि फेडरल रिजर्व की सख्ती के चलते अमेरिका की इकोनॉमी मंदी में फंस सकती है. फेड के चेयर जोरमी पॉवेल ने अनुमान से अधिक सख्त रुख जाहिर किया है. पावेल ने कमजोर अर्थव्यवस्था संकेतों के बावजूद बढ़ोतरी का वादा किया है.
कंज्यूमर्स पर भारी महंगाई
अमेरिका में महंगाई दर कंज्यूमर्स पर भारी पड़ रही है. कॉमर्स डिपार्टमेंट के अनुसार, नवंबर के महीने में खुदरा बिक्री में 0.6 फीसदी की गिरावट आई, जबकि Dow Jones 0.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान लगाया था. पिछले दिनों केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अपनी ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी. इसके बाद से ही अमेरिकी मार्केट में बिकवाली शुरू हो गई थी.
Market Outlook This Week: इस हफ्ते ग्लोबल मार्केट ट्रेंड्स, मैक्रो इकोनॉमिक डेटा से तय होगी बाजार की चाल, क्या है एक्सपर्ट्स की राय
बीते सप्ताह BSE SENSEX सेंसेक्स 812.28 अंक यानी 1.36 फीसदी नुकसान के साथ बंद हुआ. दूसरी तरफ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के Nifty में भी 199.55 अंक या 1.12 फीसदी गिरावट देखी गई.
सोमवार को भारतीय बाजारों का रुख निगेटीव रह सकता है.
Market Outlook This Week: आगामी कम कारोबारी सत्रों वाले सप्ताह में शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव, मैक्रो-इकनॉमिक डेटा और विदेशी फंड के रुझान से तय होगी. एनालिस्ट्स ने यह राय जताई है. फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के जैक्सन होल में शुक्रवार को संबोधन के बाद सोमवार को बाजारों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य ग्लोबल मार्केट्स क्या है निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा, ‘‘पावेल ने अपने संक्षप्ति संबोधन में अत्यधिक सख्त रुख का संकेत दिया है. मौद्रिक रुख उम्मीद से अधिक समय तक सख्त रखने की आशंका को लेकर बाजार चिंतित है.’’ पावेल ने कहा है कि आगामी महीनों में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी करेगा. अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ध्यान चार दशक में सबसे उच्चस्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू करने पर है. बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 812.28 अंक या 1.36 प्रतिशत के नुकसान में रहा। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में 199.55 अंक या 1.12 प्रतिशत की गिरावट आई.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘जैक्सन हॉल संगोष्ठी में पोवल का बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक का ध्यान वृद्धि से अधिक मुद्रास्फीति पर अंकुश की ओर है.’’ उन्होंने कहा कि अमेरिकी बाजारों में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है. सोमवार को भारतीय बाजारों की प्रतिक्रिया भी नकारात्मक रह सकती है. शुक्रवार को वॉल स्ट्रीट बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ. इस बीच, बुधवार को गणेश चतुर्थी पर बाजारों में अवकाश रहेगा.
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स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर वैश्विक बाजारों के रुख का प्रभाव देखने को मिलेगा. इसके अलावा भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और वाहन बिक्री के आंकड़े भी महत्वपूर्ण रहेंगे. इसके साथ ही बाजार की दिशा कच्चे तेल की कीमतों, डॉलर सूचकांक और अमेरिका में बॉन्ड के प्रतिफल पर भी निर्भर करेगी.’’
विश्लेषकों ने कहा कि परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) के आंकड़े गुरुवार को आने हैं. इससे भी बाजार की धारणा प्रभावित होगी. रेलिगेयर ब्रोकिंग लि. के वॉइस प्रेसिडेंट रिसर्च अजित मिश्रा ने कहा, ‘‘यह सप्ताह कम कारोबारी सत्रों वाला होगा. चूंकि इस सप्ताह नए महीने की शुरुआत है, ऐसे में भागीदारों की निगाह वाहन बिक्री आंकड़ों पर भी रहेगी. सभी की निगाह वैश्विक बाजारों विशेषरूप से अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर रहेगी.’’ विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख, रुपये-डॉलर के उतार-चढ़ाव से भी बाजार की धारणा पर असर पड़ेगा.
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