जवाब कमोडिटी बाजार के

कमोडिटी को हिंदी में जिंस और स्पॉट को हाजिर व फ्यूचर को वायदा कहते हैं। लेकिन हम बोलचाल के कारण इनके लिए अंग्रेजी शब्दों का ही इस्तेमाल करेंगे। स्पॉट भाव तो सीधा-सीधा वह भाव है जिस पर हम नकद देकर कोई जिंस खरीदते हैं। इसमें भी रिटेल और होलसेल भाव अलग होते हैं। फ्यूचर भाव भविष्य की किसी तारीख को उसी जिंस के भाव होते हैं। स्पॉट मार्केट और फॉरवर्ड एंड फ्यूचर्स मार्केट्स जैसे, सोने का भाव स्पॉट भाव अगर आज 16,800 रुपए प्रति दस ग्राम है तो आज ही इसके एक महीने के फ्यूचर का भाव 16,900 रुपए और दो महीने के फ्यूचर का भाव 17,150 रुपए हो सकता है। फ्यूचर और स्पॉट भाव के अंतर को कॉस्ट ऑफ कैरी कहते हैं। इस लागत में ब्याज, भंडारण व बीमा वगैरह का खर्च गिना जाता है।

आम तौर पर फ्चूयर भाव स्पॉट भाव से अधिक होते हैं। लेकिन अगर इसका उल्टा हो जाए तो इसे बैकवर्डेशन कहते हैं। ऐसा कृषि जिंसों में बराबर होता है क्योंकि जब भी नई फसल आएगी, उस वक्त फ्यूचर भाव स्पॉट के कम ही रहते हैं।

2. कमोडिटी फ्यूचर्स क्या हैं?

कमोडिटी फ्यूचर्स कांट्रैक्ट दो पक्षों में आगे की किसी तारीख पर मौजूदा फ्यूचर भाव पर खरीदने या बेचने का करार होता है। फ्यूचर्स कांट्रैक्ट इस मायने में स्पॉट मार्केट और फॉरवर्ड एंड फ्यूचर्स मार्केट्स फॉरवर्ड कांट्रैक्ट से अलग होते हैं कि उनका निश्चित मानक होता है और उनकी ट्रेडिंग कमोडिटी एक्सचेंजों में होती है। दूसरे शब्दों में खरीदने-बेचनेवाले फ्यूचर्स कांट्रैक्ट शर्तें नहीं तय करते, बल्कि उन्हें एक्सचेंज द्वारा निर्धारित मानक शर्ते माननी पड़ती हैं।

3. कमोडिटी एक्सचेंज क्या होते हैं?

कमोडिटी एक्सचेंज ऐसे संस्थान हैं जो कमोडिटी स्पॉट मार्केट और फॉरवर्ड एंड फ्यूचर्स मार्केट्स फ्यूचर्स की ट्रेडिंग का प्लेटफॉर्म मुहैया कराते हैं, उसी तरह जैसे स्टॉक एक्सचेंज शेयरों व उनके डेरिवेटिव (फ्यूचर, ऑप्शन) की ट्रेडिंग का मंच उपलब्ध कराते हैं। इस मंच पर बहुत से खरीदारों और बहुत से विक्रेताओं के बीच उस कांट्रैक्ट का भाव खोजा या पाया जाता है। इसमें अमूमन किसी व्यक्ति की नहीं, बाजार की मर्जी चलती है जो सबसे मिलकर बनता है, लेकिन उनसे अलग भी होता है। भारत में कमोडिटी एक्सचेंज इस समय 120 से ज्यादा जिंसों के फ्यूचर्स में ट्रेडिंग की सुविधा दे रहे हैं।

4. देश में इस समय कुल कितने कमोडिटी एक्सचेंज हैं?

देश में इस समय कुल 22 कमोडिटी एक्सचेंज हैं, जिनमें से तीन राष्ट्रीय और 19 क्षेत्रीय एक्सचेंज हैं। तीन राष्ट्रीय एक्सचेंज हैं, मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स), नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज (एनसीडीईएक्स) और नेशनल मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एनएमसीई), जिसमें से पहले दो एक्सचेंज मुंबई और तीसरा अहमदाबाद में है।

5. कमोडिटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) का क्या मतलब होता है?

ये ऐसे ईटीएफ होते हैं जो कृषि उत्पादों, प्राकृतिक संसाधनों या धातुओं जैसे भौतिक जिंसों में निवेश करते हैं। इनमें एक खास जिंस से जुड़े ईटीएफ भी होते हैं जैसे गोल्ड ईटीएफ। ऐसे फंड संबंधित जिंस को भौतिक रूप में भी रखते हैं और उनके फ्यूचर्स में भी निवेश करते हैं। दूसरे कमोडिटी ईटीएफ किसी स्पॉट मार्केट और फॉरवर्ड एंड फ्यूचर्स मार्केट्स खास कमोडिटी सूचकांक में निवेश करते हैं। इस सूचकांक में बहुत सारे जिंस शामिल हो सकते हैं।

6. दुनिया में बनाया गया सबसे पहला कमोडिटी एक्सचेंज कौन-सा है?

दुनिया का पहला कमोडिटी एक्सचेंज शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबीओडी) है जिसका गठन 1848 में शिकागो के कुछ व्यापारियों ने मिलकर किया था। ये व्यापारी सौदों के बाजार के लिए कोई साझा जगह चाहते थे। पहले चार सालों में इसे आटे की एक दुकान से चलाया गया। इससे पहले होता यह था कि शिकागो में अपना अनाज लाने वाले किसानों को कोई ग्राहक ही नहीं मिलता था। इसके चलते उन्हें अपना अनबिका अनाज पास की एक झील में फेंकना पड़ता था।

7. अभी भारत में कमोडिटी एक्सचेंजों पर कौन-सा कानून लागू होता है?

कमोडिटी एक्सचेंज भारत सरकार के फॉरवर्ड कांट्रैक्ट्स रेगुलेशन एक्ट, 1952 के अंर्तगत संचालित होते हैं। इन एक्सचेंजों की नियामक संस्था फॉरवर्ड मार्केट कमीशन (एफएमसी) है जो खाद्य, उपभोक्ता व आपूर्ति मंत्रालय के अधीन है। एफएमसी ही तय करता है कि किस कमोडिटी फ्यूचर्स में ट्रेडिंग हो सकती है। एफएमसी का गठन 1953 में किया गया और इसका मुख्यालय मुंबई में है।

8. क्या फ्यूचर्स कांट्रैक्ट ट्रेडिंग में डिलीवरी लेना अनिवार्य है?

नहीं। फिर भी फ्यूचर्स कांट्रैक्ट में डिलीवरी का प्रावधान इसलिए रखा गया है ताकि कमोडिटी के फ्यूचर भाव उसके तत्कालीन भाव से जुड़े रहें। इन सौदों में डिलीवरी जरूरी भी हो सकती है या यह बेचनेवालों की स्थिति व मांग से तय होती है। वैसे, पिछले तीन-चार सालों से कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंजों पर ज्यादातर कृषि जिंसों में डिलीवरी जरूरी कर दी गई है। एक्सचेंजों पर ट्रेड किए जा रहे कुछ फ्यूचर्स कांट्रैक्ट ऐसे हैं स्पॉट मार्केट और फॉरवर्ड एंड फ्यूचर्स मार्केट्स जिनमें खरीदार या विक्रेता डिलीवरी की मांग कर सकते हैं।

9. एनटीएसजी कांट्रैक्ट क्या होता है?

इसे कहते हैं नॉन-ट्रांसफरेबल स्पेसिफिक कांट्रैक्ट। वैसे तो इसके नाम में ही इसका अर्थ छिपा है। दरअसल, यह कांट्रैक्ट दो पक्षो में हुआ ऐसा करार है जिसमें सौदे की शर्तें अपने अनुरूप पहले तय होती है। किस माल की डिलीवरी कैसे लेनी है, यह भी तय रहता है। इस कांट्रैक्ट के तहत अधिकार व देनदारियां माल से जुड़े डिलीवरी ऑर्डर, रेलवे रसीद व वेयरहाउट रसीद जैसे दूसरे दस्तावेज किसी और को देकर नहीं बदली जा सकती हैं।

10. रिटेल निवेशक को कमोडिटी बाजार में निवेश करने के क्या फायदे हो सकते हैं?

पहली बात तो यह है कि कमोडिटी एक स्वतंत्र निवेश माध्यम है जिसकी चाल शेयर बाजार से अलग होती है। इसलिए अपनी निवेश की पोटली में इसे भी शामिल करना चाहिए। हां, इतना जरूर है कि अगर किसी जिंस में थोड़ी-सी सकारात्मक बात उससे जुडी कंपनी के शेयर में कई गुना ज्यादा उछाल ले आती है। लेकिन नकारात्मक बात का असर भी ऐसा ही तीखा होता है। दूसरे कमोडिटी में औसतन 17 साल का चक्र चलता है। ताजा चक्र 1999 में शुरू हुआ है जो 2016 तक चलेगा। इसलिए इसमें अपने पांच-छह का रुख फायदे का रहेगा।

एक बात और है कि जहां अधिक मुद्रास्फीति के दौर में शेयरों के दाम घटते हैं, वही कमोडिटी व उसके डेरिवेटिव के दाम बढ़ते हैं। इसलिए एक तरफ का घाटा दूसरी तरफ पाटा जा सकता है यानी हेजिंग के लिए कमोडिटी बाजार का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसलिए अपने पोर्टफोलियो में शेयरों और कमोडिटी का सही संतुलन आपके निवेश को ज्यादा कमाऊ बना सकता है।

Nifty 50 Futures - दिसम्बर 22

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com -- राज्य के स्वामित्व वाली तेल और प्राकृतिक गैस प्रमुख ONGC (NS:ONGC) और बाजार पूंजीकरण द्वारा देश की सबसे मूल्यवान कंपनी, Reliance Industries .

मालविका गुरुंग द्वारा Investing.com - बुधवार को अपनी मौद्रिक नीति घोषणा में यूएस फेड द्वारा तेजतर्रार दृष्टिकोण के बीच, वैश्विक बाजारों से निराशावादी भावनाओं पर नज़र रखते हुए.

चेन्नई, 14 दिसम्बर (आईएएनएस)। जमा पर ब्याज की तुलना में बैंक क्रेडिट और उधार दरों में तेजी से वृद्धि के साथ, बैंक शेयरों ने बुधवार को निफ्टी बैंक के साथ एनएसई में 44,151.80 अंकों.

Nifty 50 Futures विश्लेषण

इरादा इरादा मेरा विश्लेषण साझा करना है और आपको अपनी पसंद के शेयरों को सीखने और पहचानने में मदद करना है। आने वाले सप्ताह के लिए मेरी वॉचलिस्ट पर महत्वपूर्ण - सकारात्मक कुछ हफ्तों के.

निफ्टी बैंक आज के सत्र में निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है, पूर्व में 0.05% की बढ़त के साथ 43,655 पर और बाद में 2:21 PM IST तक 0.27% की गिरावट के साथ 18,446 पर रहा।.

कमजोर वैश्विक संकेतों और आईटी क्षेत्र के निरंतर दबाव के कारण सप्ताह की शुरुआत नकारात्मक रही। बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स एक अंतराल के साथ खुला, लेकिन अधिकांश शुरुआती नुकसानों को.

तकनीकी सारांश

Nifty 50 वायदा परिचर्चा

banknifty till now 44200 is resistance level and nifty 18750👈. After fed meeting tomorrow some direction may clear.

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कम जोखिम में ज्यादा फायदा पाने का आसान तरीका है ऑप्शन ट्रेडिंग से निवेश, ले सकते हैं बीमा

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

General Awareness Quiz : 4 दिसम्बर 2020 | Questions based on Financial Market

General Awareness Quiz : 4 दिसम्बर 2020 | Questions based on Financial Market |_40.1

Sol.The most common financial market is Real Estate Investment Trusts (REITs). It initiates investments from small investors who are interested in real estate investing but lack sufficient funds for the purpose. These trusts pool in the funds collected from such investors into profitable real estate projects.स्पॉट मार्केट और फॉरवर्ड एंड फ्यूचर्स मार्केट्स

Sol.These markets require financial intermediaries such as a bank, non-banking financial companies, stock exchanges, mutual fund companies, insurance companies, brokers, etc. to function.

Practice with Crash Course and Online Test Series for IBPS Mains 2020:

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