(Disclaimer: म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी फंड में निवेश की सलाह नहीं देता है.)
इन म्यूचुअल फंड्स ने केवल 3.5 साल में दोगुना किया निवेशकों का पैसा, क्या आपको भी करना चाहिए निवेश?
क्ववांट टैक्स प्लान में 5 साल में 22 फीसदी का सीएजीआर दिया है.
इन म्यूचुअल फंड्स ने 5 साल में 20 फीसदी या उससे अधिक का सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) दर्ज किया है. अगर किसी निवेशक . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 09, 2022, 07:50 IST
निवेश सलाहकार निधि मनचंदा के अनुसार, इन फंड्स ने रिस्क को अच्छे से मैनेज किया है.
उनका कहना है कि इन फंड्स का रिस्क एडजेस्टेड रिटर्न बहुत अधिक है.
बता दें कि क्वांट म्यूचुअल फंड्स की स्कीम्स ने 5 साल में लगभग सभी फंड्स से बेहतर रिटर्न दिया है.
नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड बगैर फंड मैनेजमेंट की चिंता किए निवेश से बेहतर रिटर्न कमाने का अच्छा तरीका होते हैं. कई फंड ऐसे होते हैं जो बहुत कम समय में निवेश का पैसा दोगुना या अधिक कर देते हैं. ऐसा ही फंड है क्वांट म्यूचुअल फंड. इसकी 4 स्कीम्स क्वांट टैक्स प्लान, क्वांट एक्टिव फंड, क्वांट स्मॉल कैप फंड और क्वांट मिड निवेशकों को क्या करना चाहिए कैप फंड पिछले 5 साल में रिटर्न देने के मामले में हर इक्विटी फंड से आगे रहे हैं. इन म्यूचुअल फंड्स ने 5 साल में 20 फीसदी या उससे अधिक का सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) दर्ज किया है.
2022: डबल डिजिट के करीब सेंसेक्स और निफ्टी का रिटर्न
इस साल के उतार चढ़ाव के बीच सेंसेक्स और निफ्टी का रिटर्न करीब 9 फीसदी हो गया है. 1 जनवरी से अबतक 5000 अंकों से ज्यादा, जबकि निफ्टी में करीब 1500 अंकों की तेजी आई है. जून 2022 में शेयर बाजार में खासा करेक्शन देखने को मिला था. 17 जून 2022 को निफ्टी 15183 के लेवल तक कमजोर हुआ था. जबकि सेंसेक्स में 50921 के लेवल तक गिरावट आई. आज निफ्टी 18888 और सेंसेक्स 63583 के लेवल तक पहुंच गया.
बैंक की बजाए इस सरकारी स्कीम में जमा करें 4.50 लाख, हर महीने 2500 रुपये होगी इनकम, 5 साल बाद पूरा पैसा वापस
म्यूचुअल फंड निवेशक रहें अलर्ट
BPN फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम का कना है कि बाजार अपने आलटाइम हाई पर हैं, जबकि कुछ अनिश्चितताएं अभी मौजूद हैं. ऐसे में यह संभव है कि नियर टर्म में कुछ करेक्शन देखने को मिल सकता है. इसलिए निवेशकों को कुछ अलर्ट रहने की जरूरत है. खासतौर से वे निवेशक जिनके फाइनेंशियल गोल पूरे हो चुके हैं और उनकी उम्र भी कुछ ज्यादा हो चकी है.
उनका कहना है कि अगर आप रिटायरमेंट की अवस्था में हैं या वहां तक पहुंच रहे हैं तो निवेश को लेकर सजग रहें. अगर आपने जो फाइनेंशियल गोल सेट किया था, उसके नजदीक पहुंच रहे हैं या पहुंच चुके हैं तो समय समय पर प्रॉफिट बुकिंग शरु करें. इसके लिए सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान बेहतर हो सकता है. ऐसे निवेशक अपना कुछ पैसा डेट या फिक्स्ड इनकम प्लान में भी डाल सकते हैं.
अगर लक्ष्य पूरे होने के करीब हैं
उदाहरण के तौर पर मान लिया कि आपने कार खरीदने के लिए एसआईपी शुरू की थी और आपका लक्ष्य 8 लाख रुपये जुटाने का था. अगर आप के एसआईपी की वैल्यू 8 लाख के करीब है और कार खरीदने में 4 या 5 महीने बचे हैं तो यह पैसा निकाल सकते हैं. 4 से 5 महीने के लिए कुछ पैसा शॉर्ट टर्म डेट प्लान में या निवेशकों को क्या करना चाहिए बैंक में रख सकते हैं. इससे अगर हाल फिलहाल में बाजार में गिरावट आती भी है तो आपको नुकसान नहीं होगा. आप अपने लक्ष्य से पीछे नहीं रह जाएंगे.
एके निगम का कहना है कि यंगर जेनरेशन के पास लंबी अवधि के लिए मौके होते हैं. वहीं एसआईपी सुरक्षित निवेश का आल टाइम फेवरेट जरिया बनता जा रहा है. अगर पैसों की तत्काल जरूरत नहं है तो यंग जेनरेशन को एसआईपी जारी रखनी चाहिए. कुछ पैसों की जरूरत आगे पड़ने वाली है तो कुछ रकम इक्विटी से निकालकर डेट में या इमरजेंसी फंड के लिए रख सकते हैं. मल्टी एसेट अलोकेशन निवेशकों को क्या करना चाहिए भी एक बेहतर विकल्प है. यह कुल निवेश का 20 फीसदी हो सकता है.
इंट्रेस्ट रेट बढ़ने के बीच डेट फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट लाए हैं आपके लिए ये तीन फंड, जहां होगी मोटी कमाई
Debt Funds: जब इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी होती है तो बॉन्ड के प्रति आकर्षण कम हो जाता है और इसकी कीमत घट जाती है. बॉन्ड की कीमत घटने से डेट फंड की नेट असेट वैल्यु यानी NAV भी घट जाती है. बता दें कि बॉन्ड की कीमत घटने से बॉन्ड यील्ड बढ़ने लगती है.
Debt Fund Investment: ग्लोबल इकोनॉमी इस समय महंगाई से जूझ रही है. महंगाई को काबू में लाने के लिए दुनियाभर के सेंट्रल बैंक इंट्रेस्ट रेट में भारी बढ़ोतरी कर रहे हैं. हाल ही में यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने इंट्रेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. इस साल के लिए यूरोजोन के ग्रोथ का अनुमान 2.3 फीसदी से घटाकर 1.4 फीसदी कर दिया है. सितंबर के अंत में फेडरल रिजर्व की भी बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि अमेरिकी फेडरल लगातार तीसरी बार इंट्रेस्ट रेट में 75 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करेगा. ऐसे में डेट म्यूचुअल फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए? आइए एक्सपर्ट निवेशकों को क्या करना चाहिए की बात समझते हैं.
बाजार इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर तैयार
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज (Feroze Azeez, Deputy CEO, Anand Rathi Wealth)ने कहा कि इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी के बीच भारत में 10 साल की बॉन्ड यील्ड इस सप्ताह 7.16 फीसदी पर बंद हुई. डेट म्यूचुअल फंड पर इसके असर को लेकर फिरोज अजीज ने कहा कि इंट्रेस्ट रेट में संभावित बढ़ोतरी को लेकर बाजार तैयार है. यही वजह है कि बॉन्ड यील्ड में गिरावट आई है. भारतीय बॉन्ड बाजार पर इसका कोई नकारात्मक असर नहीं दिख रहा है. बाजार का सेंटिमेंट मजबूत बना हुआ है. ग्रोथ रेट 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. महंगाई में लगातार कमी आ रही है.
जीएसटी कलेक्शन में 33 फीसदी का उछाल आया है. कॉर्पोरेट के रिजल्ट्स अच्छे आए हैं. लार्जकैप का ग्रोथ 19 फीसदी का है, जबकि मिडकैप का ग्रोथ 15 फीसदी के करीब है. अच्छे रिजल्ट के कारण अर्निंग पर शेयर में भी 15 फीसदी तेजी का अनुमान है. पुराना अनुमान 12 फीसदी का ही था. एक्सपर्ट ने कहा कि इतने सकारात्मक संकेतों के बीच इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी को लेकर नरमी दिख सकती है. डेट फंड इन्वेस्टर्स को फिलहाल घबराने की कोई जरूरत नहीं है.
इंट्रेस्ट रेट बढ़ने पर डेट फंड के NAV की वैल्यु घट जाती है
जैसा कि हम जानते हैं, इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी होने बॉन्ड की कीमत घट जाती है जिसके कारण डेट फंड का NAV यानी नेट असेट वैल्यु भी घट जाती है. इसका नुकसान निवेशकों को होता है. अभी इंट्रेस्ट रेट में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. फाइनेंशियल एक्सपर्ट फिरोज अजीज का कहना निवेशकों को क्या करना चाहिए है कि इस रिस्क को घटाने के लिए रोल डाउन स्ट्रैटिजी का इस्तेमाल करें. इस स्ट्रैटिजी के तहत मैच्योरिटी तक अपने फंड के साथ टिके रहें. इससे निवेशकों को घाटा नहीं होगा.
वर्तमान में बॉन्ड यील्ड फिक्स्ड डिपॉजिट से ज्यादा अट्रैक्टिव है. ऐसे में लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सलाह होगी. एक्सपर्ट ने IDFC Gilt 2027 Index Fund-Reg(G), Aditya Birla SL Nifty SDL Apr 2027 Index Fund और Kotak Nifty SDL Apr 2027 Fund को डेट निवेशकों के लिए चुना है. उनका कहना है कि अभी इन तीनों फंड के लिए यील्ड 6.64 फीसदी, 6.68 फीसदी निवेशकों को क्या करना चाहिए और 6.94 फीसदी है.
बाजार में उतार चढ़ाव की बढ़ी आशंका, म्यूचुअल फंड निवेशकों को क्या करना चाहिए
After adjusting for tracking error and expenses of the fund, the index fund mirrors the returns that the index generates.
Right Strategy to Invest in Mutual Funds: शेयर बाजार में इन दिनों जमकर उतार चढ़ाव बना हुआ है. घरेलू बाजार ही नहीं पिछले कुछ दिनों से दुनियाभर के बाजारों में ऐसी हलचल है. घरेलू स्तर पर बाजार की बात करें तो निफ्टी 11700 से 12000 के दायरे में हिचकोले खा रहा है. पिछले 3 दिनों के दौरान बाजार में 2 बार भारी गिरावट आई है. वहीं, ग्लोबल बाजारों में भी तेजी के बाद मुनाफा वसूली देखी जा रही है. ऐसे में इक्विटी म्यूचूअल फंड को लेकर निवेशकों का कनफ्यूजन दूर नहीं हो पा रहा है. वैसे भी म्यूचुअल फंड मार्केट में अभी ज्यादातर सेग्मेंट के रिटर्न पर दबाव दूर नहीं हुआ है. यहां तक पिछले 5 साल में लॉर्जकैप फंडों में भी बहुत कम ही फंड ऐसे हैं जिन्होंने बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है.
एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी
अगर निवेशक एसेट अलोकेशन स्ट्रैटेजी पर चलते निवेशकों को क्या करना चाहिए हैं तो उन्हें रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर इक्विटी और डेट फंड में निवेश करना चाहिए. अगर रिस्क लेने की क्षमता ज्यादा है तो इक्विटी में 80 फीसदी और डेट में 20 फीसदी अलोकेशन होना चाहिए. वहीं, अगर रिस्क लेने की क्षमता मॉडरेट है तो इक्विटी और डेट में 50:50 फीसदी निवेश करें. लेकिन अगर कन्जर्वेटिव इन्वेस्टर हैं तो यह रेश्यो 30:70 का होना चाहिए.
Nifty के लिए 18665 का लेवल अहम, टूटा तो 18888 तक पहुंचेगा बाजार, US Fed पॉलिसी और महंगाई पर रहेगी नजर
लॉर्जकैप फंड
आमतौर पर देखा गया है कि बाजार के उतार चढ़ाव में निवेशकों का भरोसा लॉर्जकैप फंडों पर बना रहता है. लॉर्जकैप फंड उन कंपनियों में पैसा लगाते हैं, जो वेल कैपिटलाइज होती है. कैपिटल की कमी न होने के चलते ये कंपनियां दबाव झेल सकती हैं. लॉर्जकैप फंडों को देखें तो लंबी अवधि में सामान्य तौर पर ज्यादातर में बेहतर रिटर्न मिलता है. ये मिडकैप और स्मालकैप की तुलना में ज्यादा सुरक्षित होते हैं. अगर 5 साल या ज्यादा अवधि को ध्यान में रखकर निवेश कर रहे हैं तो ये स्कीमें बिना किसी बड़ी अस्थिरता के लंबी अवधि में पैसा बनाने में मदद कर सकती हैं.
लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमें बेहद बड़ी कंपनियों के शेयरों में निवेश करती हैं. सेबी के नियम के अनुसार लार्जकैप म्यूचुअल फंड स्कीमों के लिए निवेशकों से जुटाई गई रकम का कम से कम 80 फीसदी शीर्ष 100 कंपनियों में निवेश करना जरूरी है. बाजार में अस्थिरता के दौरान निवेशकों को क्या करना चाहिए छोटी कंपनियों की अपेक्षा ये अधिक स्थिर रहती हैं.
लॉर्ज एंड मिडकैप
स्लोडाउन के पीरियड में इक्विटी में कमजोरी आती है, जबकि रिकवरी पीरियड में खससतौर से मिडकैप में तेजी देखने को मिलती है. हालांकि बाजार अच्छा खासा रिकव होने के बाद वोलेटाइल हुआ है. फिर भी लॉर्ज एंड मिडकैप के जरिए निवेशक लॉर्जकैप की तुलना में कुछ बेहतर रिटर्न हासिल कर सकते हैं. असल में ये फंड लॉर्जकैप के अलावा, मिडकैप कंपनियों में भी पैसा लगाते हैं. पोर्टफोलियो में मिडकैप के साथ लॉर्जकैप भी शामिल होने से रिस्क कम होता है.
मिड कैप इक्विटी फंड जोरदार रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन उनमें बाजार का जोखिम भी अधिक होता है. ऐसे में अगर निवेशकों में जोखिम अधिक लेने की क्षमता है, वे इस सेग्मेंट को देख सकते हैं. निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्यों और जोखिम लेने की क्षमता का आंकलन जरूर करना चाहिए.
(नोट: बीएनपी फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम से बात चीत पर भी आधारित)
इन म्यूचुअल फंड्स ने 5 साल में 20 फीसदी या उससे अधिक का सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) दर्ज किया है. अगर किसी निवेशक . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 09, 2022, 07:50 IST
निवेश सलाहकार निधि मनचंदा के अनुसार, इन फंड्स ने रिस्क को अच्छे से मैनेज किया है.
उनका कहना है कि इन फंड्स का रिस्क एडजेस्टेड रिटर्न बहुत अधिक है.
बता दें कि क्वांट म्यूचुअल फंड्स की स्कीम्स ने 5 साल में लगभग सभी फंड्स से बेहतर रिटर्न दिया है.
नई दिल्ली. म्यूचुअल फंड बगैर फंड मैनेजमेंट की चिंता किए निवेश से बेहतर रिटर्न कमाने का अच्छा तरीका होते हैं. कई फंड ऐसे होते हैं जो बहुत कम समय में निवेश का पैसा दोगुना या अधिक कर देते हैं. ऐसा ही फंड है क्वांट म्यूचुअल फंड. इसकी 4 स्कीम्स क्वांट टैक्स प्लान, क्वांट एक्टिव फंड, क्वांट स्मॉल कैप फंड और क्वांट मिड कैप फंड पिछले 5 साल में रिटर्न देने के मामले में हर इक्विटी फंड से आगे रहे हैं. इन निवेशकों को क्या करना चाहिए म्यूचुअल फंड्स ने 5 साल में 20 फीसदी या उससे अधिक का सीएजीआर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) दर्ज किया है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 166