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तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स

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Technical Analysis (Hindi)

अगर आप शेयर बाजार में निवेश करते हैं तो आपने Technical Analysis के बारे में सुना होगा।Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) बाजार की चाल और बाजार की प्रवृत्ति को समझने के उद्देश्य से तकनीकी चार्ट या तकनीकी संकेतकों के माध्यम से बाजार व्यवहार का अध्ययन है। इस ब्लॉग आर्टिकल में हम Technical Analysis के बारे में जानेगे !!

Table of Contents

Technical Analysis क्या होता हैं|What is Technical Analysis

Technical Analysis ( तकनीकी विश्लेषण ) एक अध्ययन हैं जो चार्ट और तकनीक इंडिकेटर का उपयोग करके हिस्टोरिकल ट्रेंड के आधार पर भविष्य में होने वाले शेयर प्राइस के बढ़ने और गिरने के बारे में बताता हैं जिसके माध्यम से बाजार की चाल और व्यवहार को समझने में आसानी होती हैं शेयर्स के खरीदने का मूल्य, खरीदने का समय, कितना खरीदना और बेचना, स्टॉप लॉस और एग्जिट आदि के बारे में बताता है।टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से किसी भी स्टॉक में कब एंट्री और एग्जिट करना हैं ये भी प्राइस पैटर्न और इंडीकेटर्स की मदद से पता लगाया जा सकता हैं।Technical एनालिसिस की सबसे ख़ास बात ये हैं की ये किसी भी एसेट क्लास पे अप्लाई किया जा सकते हैं क्यूंकि चार्ट एनालिसिस हर एक एसेट क्लास पे काम करता हैं क्यंकि ये उसके प्राइस बेहवियर को पास्ट डाटा के आधार पे जानने का तरीका हैं।

Technical Analysis कैसे करें|How to do Technical Analysis

टेक्निकल एनालिसिस शेयर का हिस्टोरिकल ट्रेडिंग डाटा को चार्ट के माध्यम से समझता हैं और यह डाटा आगे आने वाले समय के बारे में क्या संकेत देता है।यहां Technical Analysis Study में उपयोग किए जाने वाले बुनियादी उपकरण हैं जैसे कैंडलस्टिक चार्ट, वॉल्यूम, ट्रेंडलाइन, मूविंग एवरेज आदि। मुख्य पैरामीटर स्टॉक की प्रवृत्ति और मूल्य व्यवहार की पहचान करना है।

Technical Analysis study (तकनीकी अध्ययन) में Price और Volume दो महत्वपूर्ण कारक हैं क्योंकि तकनीकी अध्ययन में Price सर्वोच्च है और वॉल्यूम मूल्य पैटर्न का समर्थन करती है या मूल्य व्यवहार को प्रभावित करती है।टेक्निकल एनालिसिस में आप चार्ट को analyse कर सकते हैं क्यूंकि एक चार्ट ट्रेंड के बारे में काफी कुछ बताता हैं उसमे प्राइस और वॉल्यूम के पैटर्न्स को ध्यान में रखना चाहिए क्यूंकि प्राइस ही सबसे ऊपर क्यूंकि जितने इंडिकेटर और टेक्निकल उपयोग केवल ट्रेंड और प्राइस का मूवमेंट देखने के लिए होते हैं

[Part-1] Technical Analysis में हमें क्या-क्या सिखना पड़ता तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स है?

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जैसा की हमने पिछले कुछ Article में Share Market के बारे में Basic जानकारी एवं इससे पैसा कमाने के सभी प्रमुख तरीकों के बारे में बात किया, पर Share Market से पैसा कमाने के लिए किसी शेयर के Price के बारे में हमारा Prediction सही होना बहुत ही महत्वपूर्ण है। ताकि हमें यह पता लग सके की शेयर का Price बढ़ेगा या घटेगा। किसी शेयर के Price के Movement के बारे में पता करने के लिए हम मुख्य रूप से Technical Analysis का इस्तेमाल करते हैं, जिसे सिखना बहुत ही आवश्यक है।

Technical Analysis क्या है?

Technical Analysis का प्रयोग करके किसी शेयर के पिछले Price Movement को देखते हुए अगले Price Movement का पता लगाना Technical Analysis कहलाता है। इसमें कई सारे Concept आते हैं, जिसे हम शेयर के Price Chart पर Apply करते हैं। किसी भी तरह के Technical Analysis का इस्तेमाल करने के लिए हमें उस शेयर का Price Chart चाहिए होता है। जिसमें उस शेयर का पिछला Price Movement एवं Live Price Movement दोनों प्राप्त हो रहा होता है। चुकी Technical Analysis बिना Price Chart के संभव नहीं है, इसलिए हमलोग सबसे पहले Price Chart क्या है? एवं इसके प्रकार के बारे में समझते हैं।

Price Chart किसी भी शेयर के Price में हो रहे बदलाव को एक Chart के माध्यम से दर्शाता है। जिससे हमें संक्षिप्त में यह पता चला जाता है कि किसी शेयर का Price किसी Particular समय अंतराल में कितना था एवं कुछ समय बाद या कुछ समय पहले शेयर में क्या बदलाव आया है? इससे हमें यह पता चल जाता है की शेयर का Price लगातार बढ़ रहा है या घट रहा है। सबसे मत्वपूर्ण बात यह है कि हम एक ही Screen में उस शेयर में पिछले कई वर्षों में कितना बदलाव हुआ है यह भी जान लेते हैं।

शेयर का Chart देखने के लिए सबसे अच्छा Website कौन है?

जब हम अपना Analysis, Price Chart के तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स आधार पर करने का निर्णय लेते हैं तो यह सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है कि हम Chart देखने के लिए किस Website का उपयोग करें? तो मै जिस Website का उपयोग करता हूँ वह सबसे अच्छा एवं Accurate Chart दिखाने वाले Website में पहले नम्बर पर Tradingview.com है, जिसका तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स इस्तेमाल मै स्वयं करता हूँ। दूसरे नम्बर पर Investing.com है और तिसरे नम्बर पर आप अपने Broker के Web Platform पर Log In करके भी Chart देख सकते हैं।

सबसे पहले हम साधारण भाषा में Price Chart के प्रकार के बारे में बात कर लेते हैं। यह मुख्य रूप से 13 प्रकार के होते हैं, जो निम्नलिखित है।

  1. Candles Chart
  2. Lines Chart
  3. Bars Chart
  4. Hollow Candles Chart
  5. Column Chart
  6. Area Chart
  7. Base Line Chart
  8. Hakin Ashi Chart
  9. Renko Chart
  10. Line Break Chart
  11. Kagi Chart
  12. Point & Figure Chart
  13. Range Chart

Technical Analysis में हमें क्या-क्या सिखना पड़ता है?

अगर हम Technical Analysis में इस्तेमाल होने वाले सभी Concept, Tools, Indicator, Software, Price Pattern एवं Chart Pattern कि बात करे तो यह इतना है कि आप गिनते-गिनते थक जायेंगे, पर यह ख़त्म होने का नाम नहीं लेगा। इसीलिए हम कुछ प्रमुख उपयोग किया जाने वाला एवं मेरे Favourite Concept, Tools, Indicator, Software, Price Pattern एवं Chart Pattern जो आपको एक Expert बनने के लिए सिखना होगा, निचे दिए गए हैं।

ऊपर हमने जिस 10 चीजों को सिखने का Suggestion दिया है, अगर आप ये सभी चीजें अच्छे से सिख लेते हैं तो आप Technical Analysis में Expert बन जायेंगे, पर इसके लिए आपको सिखने के साथ-साथ बहुत ही अधिक Practice कि जरुरत होगी। इसके बाद आप Chart देखकर ही जान जायेंगे की Price कहाँ से ऊपर जाएगा और कहाँ से निचे। इसे हम धीरे-धीरे आने वाले Article के जरिए आप तक पहुँचाते रहेंगे।

कैंडलस्टिक अंतराल

प्रत्येक कैंडलस्टिक द्वारा दर्शाई गई समय-सीमा को ग्राफ के ऊपर डिफॉल्ट विकल्पों में से किसी एक को चुनकर बदला जा सकता है। यदि आपको अधिक अंतराल की आवश्यकता है, तो दाईं ओर नीचे की ओर स्थित तीर पर क्लिक करें।

यहां आप तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स एक नया अंतराल चुन सकते/सकती हैं या अपने डिफॉल्ट विकल्पों में अधिक अंतराल जोड़ने के लिए [संपादित करें] बटन दबा सकते/सकती हैं।

ड्रॉइंग उपकरण

चार्ट के बाईं ओर आपके चार्टिंग विश्लेषण में सहायता के लिए तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स कई ड्राइंग टूल और विकल्प प्रदान किए गए हैं । टूल के प्राथमिक फंक्शन की विविधताओं को खोजने के लिए आप प्रत्येक टूल पर राइट-क्लिक भी कर सकते/सकती हैं।

लोकप्रिय बुनियादी उपकरण

लॉन्ग या शॉर्ट तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स पोजीशन टूल आपको ट्रेडिंग पोजीशन को ट्रैक या अनुकरण करने की अनुमति देता है। आप मैन्युअल रूप से प्रवेश मूल्य, टेक प्रॉफिट और स्टॉप-लॉस स्तरों को समायोजित कर सकते/सकती हैं। फिर आप संबंधित जोखिम/इनाम अनुपात देखेंगे/देखेंगी।

2. अपनी लॉन्ग/शार्ट पोजीशन बनाने के लिए ग्राफ पर क्लिक करें। हरा छायांकित क्षेत्र आपके लक्ष्य (संभावित लाभ) का प्रतिनिधित्व करता है, जबकि लाल आपके स्टॉप-लॉस क्षेत्र (संभावित हानि) को दर्शाता है। केंद्र में, आप जोखिम/इनाम अनुपात देख सकते/सकती हैं।

3. अपना जोखिम/इनाम अनुपात बदलने के लिए बॉक्स के किनारों को ड्रैग करें। टारगेट आपके प्रवेश मूल्य और टेक प्रॉफिट लेवल के बीच मूल्य में अंतर तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स को दिखाता है। स्टॉप आपके प्रवेश मूल्य और स्टॉप-लॉस स्तर के बीच मूल्य में अंतर को दर्शाता है।

कभी कभी टेक्निकल एनालिसिस क्यों काम नहीं करता ?

Hindi -Why technical analysis sometimes work sometime not? clip_image003%25255B3%25255D education

टेक्निकल एनालिसिस कभी कभी किसी ट्रेडर के लिए कम नहीं करता और उसका मुख्य कारण होता है , अनुभव की कमी | जो लोग या ट्रेडर्स मार्केट में नए है वो ज्यादातर पकीमतों को या फिर इंडीकेटर्स को अच्छे से नहीं समज पाते और गलती कर बैठते है | इसी कहते है की लिए एक यशस्वी ट्रेडर्स के पीछे उसके अनुभव का हाथ होता है | ज्यादातर व्यावसायिक और नए ट्रेडर्स एक ही तकनीक अपनाते है मगर व्यवसायिक ट्रेडर मुनाफा कमाता है और उसी तकनीक से नए ट्रेडर्स को नुकसान होता है | यह कही बार देखा गया है | दूसरा यह की बहुत बार ट्रेडर्स चार्ट्स, प्राइस तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स पैटर्न और इंडीकेटर्स के ऊपर इतना निर्भर हो जाते है की वो मार्केट की परिस्थितियों को जानना और समज़ना भूल जाते , और अपने इस छोटे कोष से बाहर न आने की वजह से गलत साबित होते रहते है | यही व्यवसायिक ट्रेडर्स मार्केट और उतार-चढाव के हिसाब से अपनी तकनीक और इंडीकेटर्स को ट्यून करते रहते है | जैसे की ज्यादा चढ़ उतार वाले मार्केट में चार्ट पर फाल्स ब्रेकआउट या ब्रेकडाउन होने पर ट्रेडर्स को मुख्य ट्रेंड के साथ रहना चाहिए | तकनीकी विश्लेषण में ट्रेंड लाइन्स दूसरा उदहारण में बुल मार्केट में कीमते ओवर बाउट स्थिति में हप्ते या फिर महीनो तक ट्रेंड करती है और बीच बिच में गलत सेल सिग्नल निर्माण होते है | कभी कभी कुछ तकनीक कुछ वक्त तक ही काम करते जाते है क्योकि मुख्य मार्केट मेकर्स वही टेक्निक्स उपयोग में लाते है और उनपर ही उस वक्त भरोसा बैठ होता है , इसे “सेल्फ फुल फिलिंग प्रोफेसी” भी कहा जाता है | कुछ ट्रेडर्स बहुत सामान्य तकनीक उपयोग करते है और फिर भी मुनाफा कमाते है और कुछ जटिल और महंगी ट्रेडिंग सिस्टम का उपयोग करके भी सदा नुकसान में ही बैठे होते है | ये इस लिए होता है क्योकि व्यावसायिक ट्रेडर्स जो गैर प्रचलित ट्रेडिंग की रणनीति बनाते है वो अनुभव पर आधारित होती है और उसकी मार्केट पर पूरी पकड़ होती है | ट्रेडिंग का मुख्य उद्देश मुनाफा कमाना है न की वैज्ञानिक तरीकेसे सही रहना |

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