एक देश जो अंतरिक्ष, सॉफ्टवेयर, ऑटोमोबाइल, मिसाइल समेत कई क्षेत्रों में सुपर पावर है, वो जीरो टेक्नोलॉजी की मध्यवर्ती वस्तुएं नहीं बना सकता यह समझ के परे है. समझना होगा कि चीन द्वारा सस्ते माल की डम्पिंग और कई अन्य अनुचित हथकंडे अपना कर भारत में क्षमता निर्माण को बाधित किया गया है.

When and how process of increasing imports from China can be stop? | अश्विनी महाजन का ब्लॉग: कब और कैसे रूकेगा चीन से बढ़ते आयात का सिलसिला ?

रुपया 20 पैसे की गिरावट के साथ 82.85 प्रति डॉलर पर

मुंबई, 27 दिसंबर (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले मंगलवार को रुपया 20 पैसे की गिरावट के साथ 82.85 (अस्थायी) प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की बाजार से निकासी और आयातकों की मासांत की डॉलर मांग के विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत कारण रुपये में यह गिरावट देखने को मिली।

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.71 के स्तर पर कमजोर खुला और कारोबार के अंत में यह 20 पैसे की गिरावट दर्शाता 82.85 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.69 के उच्चस्तर और 82.87 के निचले स्तर को छुआ। सोमवार को रुपया 82.65 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।

इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की कमजोरी या मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.27 प्रतिशत घटकर 104.02 रह गया।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.83 प्रतिशत बढ़कर 84.62 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

खत्म होगी डॉलर विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत की बादशाहत, वैश्विक स्तर पर व्यापार के लिए उपलब्ध होगा डिजिटल रूपी

नई दिल्ली। आरबीआई ने हाल ही में डिजिटल रूपी पेश किया है। इस ऐतिहासिक कदम से न सिर्फ सरकार के डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी बल्कि अमेरिकी डॉलर की बादशाहत को भी झटका लगेगा। जानकारों की मानें तो यूक्रेन युद्ध के बाद अमेरिका ने जिस तरह रूस के विदेशी मुद्रा भंडार पर पाबंदी लगा दी। इससे कई देश समझ गए कि वैश्विक स्तर पर व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है।

डिजिटल मुद्रा दुनियाभर के देशों की यह चिंता कम कर सकता है। पहले ईरान और अब रूस ने जो रास्ता दिखाया है, उसका असर आने वाले दिनों में यह हो सकता है कि भारत अन्य देशों से कारोबार में रुपये में लेनदेन के विकल्प पर जोर देगा। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होने के साथ निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।

आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी का कहना है कि डिजिटल रूपी मुद्रा प्रणाली के सिस्टम में दक्षता लाएगी। भुगतान के तरीके में नया लचीलापन देने के साथ विदेश में होने वाले भुगतान को भी बढ़ावा देगा। सामाजिक और आर्थिक परिणामों से होने वाले नुकसानों से भी बचा जा सकेगा।

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डिजिटल रुपये का इस्तेमाल यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के जरिये भुगतानों के लिए किया जा सकता है। यह पारंपरिक ऑनलाइन लेनदेन से अलग है।

एमएसएमई : 1.31 करोड़ लोगों को मिला रोजगार
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को इस साल विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इससे छोटे उद्योग बड़े पैमाने पर प्रभावित हुए। उद्यम पोर्टल के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 8 दिसंबर के बीच उद्यम-पंजीकृत 7,995 एमएसएमई बंद हुए। इस बीच, एमएसएमई ने 1.31 करोड़ लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए।

डिजिटल रुपया डॉलर का शासन समाप्त होगा, वैश्विक व्यापार के लिए डिजिटल मुद्रा उपलब्ध

Digital rupee dollar rule will end, digital currency available for global trade

आरबीआई ने हाल ही में डिजिटल करेंसी पेश की है। इस ऐतिहासिक कदम से न केवल सरकार को डिजिटल अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में मदद मिलेगी बल्कि अमेरिकी डॉलर के प्रभुत्व को भी झटका लगेगा। जानकारों की माने तो अमेरिका ने यूक्रेन युद्ध के बाद रूस के विदेशी मुद्रा भंडार पर जिस तरह से प्रतिबंध लगाया था। इससे कई देशों को यह अहसास हुआ कि वे वैश्विक व्यापार के लिए डॉलर पर निर्भर नहीं रह सकते। डिजिटल करेंसी दुनिया भर के देशों की इस चिंता को कम कर सकती है।

ईरान और अब रूस के दिखाए रास्ते का असर आने वाले दिनों में हो सकता है कि भारत अन्य देशों के साथ व्यापार में रुपये के विकल्प पर जोर देगा। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी और निर्यात को विदेशी मुद्रा व्यापार में भारत बढ़ावा मिलेगा।आरबीआई के कार्यकारी निदेशक अजय कुमार चौधरी का कहना है कि डिजिटल करेंसी सिस्टम में दक्षता लाएगी. भुगतान के तरीके में नया लचीलापन प्रदान करने के अलावा, यह विदेशी भुगतानों को भी बढ़ावा देगा सामाजिक और आर्थिक परिणामों से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है।डिजिटल रुपयों का उपयोग UPI, NEFT, RTGS, IMPS, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से भुगतान के लिए किया जा सकता है। यह पारंपरिक ऑनलाइन लेनदेन से अलग है।

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