तना क्या होता है, तने की विशेषता | What is stem in hindi
तना पुष्पीय पादपों का वह सीधा (Erect), प्रारोही (Ascending) वायवीय (Aerial) भाग है, जिस पर पत्तियाँ, शाखाएँ, फूल एवं फल लगते हैं। यह अंकुरित बीज के भ्रूण के प्रांकुर (Plumule) से विकसित होता है। तने का वह भाग, जहाँ से शाखाएँ एवं पत्तियाँ निकलती हैं, पर्व (Node) कहलाता है। तरुण (Young) एवं शाकीय पादपों (Herbaceous plants) में तना प्रायः हरे रंग का होता है, परन्तु काष्ठीय (Woody) पेड़ों में यह भूरे रंग का हो जाता है।
मूल्यांकन की विशेषताएं
मूल्यांकन कार्यक्रम में क्रमिकता या क्रमबद्धता का विशेष महत्व है। मूल्यांकन में क्रमिकता न होने पर शिक्षार्थी या कार्यकर्ता को अपनी प्रगति के बारे में अन्त तक कोई सूचना नहीं मिल पाती है। अत: इसके अभाव में शिक्षार्थी में कार्य के प्रति त्रुटिपूर्ण अभिव्यक्ति विकसित हो सकती है, वह त्रुटिपूर्ण कार्यविधि अपना सकता है तथा गलत निष्कर्ष निकाल सकता है।
मूल्यांकन कार्य के क्रम में निश्चितता का होना भी आवश्यक है। जिस प्रकार पाठ्यक्रम के उद्देश्यों में पूर्व संबंध होता है तथा जिस प्रकार उन्हें महत्त्व के क्रम में व्यवस्थित किया जाता है, उसी प्रकार का क्रम उनकी जांच में भी रहना चाहिए। उदाहरणार्थ, यदि संकल्प नाव को तथ्यों से अधिक महत्वपूर्ण माना गया है, तो मूल्यांकन कार्य में भी महत्त्व के उसी क्रम को बनाए रखना चाहिए।
2. वस्तुनिष्ठता
एक उत्तम परीक्षा का वस्तुनिष्ठ होना अति आवश्यक है। वस्तुनिष्ठता का अर्थ यह है कि मूल्यांकन में व्यक्तिगत पक्षों का प्रभाव नहीं होना चाहिए। स्पष्ट है कि ज्ञानात्मक क्षेत्र में मूल्यांकन में वस्तुनिष्ठता भावात्मक क्षेत्र की तुलना में अधिक होगी। ज्ञानात्मक क्षेत्र में यह उच्च स्तर की अपेक्षा निम्न स्तर पर अधिक वस्तुनिष्ठ होगा।
इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि जटिल अधिगम प्रक्रिया के मापन के लिए जब तक संतोषजनक परिभाषाएं विकसित नहीं हो पाती तब तक पर्याप्त सीमा तक हमें विशेषज्ञों द्वारा किए गए मूल्यांकन पर ही निर्भर रहना होगा। यहां पर यह बात भी महत्वपूर्ण है कि आत्मनिष्ठता और वस्तुनिष्ठता में परस्पर उतना विरोध नहीं है जितना प्राय: समझा जाता है।
यह दोनों वास्तव में एक ही सीढ़ी के दो पद हैं। अत: लक्ष्य यह होना चाहिए कि मूल्यांकन के उपकरणों को यथासंभव अधिक से अधिक वस्तुनिष्ठ बनाया जाए। इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान रखने की आवश्यकता होती है कि किसी मूल्यांकन कार्य को उससे अधिक वस्तुनिष्ठ न मान लिया जाए। जितना कि वह वास्तव में है।
3. विश्वसनीयता
एक अच्छा मूल्यांकन विश्वसनीय भी होना चाहिए। इसका तात्पर्य यह है कि बार-बार तथा अनेक लोगों द्वारा मूल्यांकन किए जाने पर भी उसके निष्कर्षों में कोई अंतर नहीं आए। अतः स्पष्ट है कि विश्वसनियता के लिए वस्तुनिष्ठता एक पूर्व आवश्यकता है। इसलिए निबंधात्मक परीक्षा की अपेक्षा वस्तुनिष्ठ परीक्षा अधिक विश्वसनीय होती है।
4. वैधता
एक उत्तम परीक्षण का वैध होना भी आवश्यक है। वैधता से तात्पर्य परीक्षण की सार्थकता से है अर्थात परीक्षण जिस मापन के लिए बनाया गया है, उसे ही उसका मापन करना चाहिए। इसलिए कोई मूल्यांकन प्रक्रिया तभी वैध कहलाती है जब वह उसी गुण, पक्ष, विशेषता आदि का मापन करती है जिसका मापन करना अभीष्ट होता है। अत: पाठ्यक्रम के मूल्यांकन में उन्हीं पक्षों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए जिन पक्षों पर वह पाठ्यक्रम आधारित है।
5. व्यावहारिकता
एक अच्छी परीक्षा की प्रमुख विशेषता यह होती है कि उसका प्रयोग, अंकन एवं प्राप्त प्रदत्तो का अर्थापन करना सरल होता है। किसी भी परीक्षण की रचना शिक्षार्थियों की अधिगम उपलब्धियों के मूल्यांकन के लिए की जाती है। अत: परीक्षण का व्यवहारिक होना अति आवश्यक होता है। इसलिए मूल्यांकन कार्यक्रम इस प्रकार निर्धारित किया जाना चाहिए जो व्यवहारिक भी हो।
6. व्यापकता
किसी मूल्यांकन कार्यक्रम में सभी पक्षों पर सभी शैक्षिक उद्देश्यों की जांच की जानी चाहिए। कुछ क्षेत्रों में जांच कार्य कठिन अवश्य होता है, किंतु इसके लिए भी कोई ना कोई उपाय निकालने का प्रयास करना चाहिए। परीक्षण उपकरणों के रूप में मानकीकृत परीक्षाओं के अतिरिक्त शिक्षक निर्मित परीक्षाओं, विधिवत पर्यवेक्षण, अभिलेख, स्तरमापी, प्रश्नावली आदि अनेक विधियों प्रवृत्तियों को भी मूल्यांकन हेतु काम में लाया जा सकता है।
इस प्रकार शिक्षार्थियों के व्यवहार में ज्ञानात्मक, भावात्मक तथा क्रियात्मक सभी क्षेत्रों में हुए परिवर्तनों की जांच करके मूल्यांकन को व्यापक रूप प्रदान किया जाना चाहिए। पाठ्यक्रम के मूल्यांकन में तो व्यापकता का होना सर्वाधिक महत्वपूर्ण है।
7. शिक्षार्थी की सहभागिता
परस्परागत दृष्टि में शिक्षार्थी का मूल्यांकन प्रक्रिया में कोई स्थान नहीं होता है। इसके अनुसार छात्र ज्ञान प्राप्त करते हैं तथा शिक्षक, प्रधानाध्यापक एवं विशेष रूप से नियुक्त परीक्षक, उनके कार्यों का मूल्यांकन करते हैं। इस प्रकार से शिक्षार्थी और परीक्षक भी दो प्रथम वर्गों में विभक्त होते आए हैं, किंतु शिक्षार्थी मूल्यांकन प्रक्रिया में भाग लेते हैं। वास्तविकता तो यह है कि प्रत्येक छात्र स्वयं तथा अपने साथियों के व्यवहार में होने वाले परिवर्तनों का निरंतर मापन एवं मूल्यांकन करता रहता है।
नवीन दृष्टिकोण के विकास के परिणामस्वरूप अब यह अनुभव किया जाने लगा है कि शिक्षकों तथा अन्य बाह्य परीक्षकों द्वारा किए जाने वाले मूल्यांकन की अपनी सीमाएं हैं। चूकि अधिगम एक क्रियाशील प्रक्रिया है, अत: इससे परिणाम के साथ-साथ अधिगम अनुभवों का भी अपना विशेष महत्व है। इसलिए यह आवश्यक हो जाता है कि परिणामों के साथ-साथ अधिगम अनुभवों का भी मूल्यांकन किया जाता रहे।
मूल्यांकन को पूर्ण रूप से शिक्षकों एवं बाह्य परीक्षकों को सौंप देने पर अधिगम अनुभवों की उपेक्षा होने की अधिक संभावना रहती है। इससे मूल्यांकन कार्य अपूर्ण रह जाता है तथा अधिगम प्रक्रिया को आवश्यक पुष्ठ पोषण नहीं मिल पाता है।
भारतीय गायिकाओं में बेजोड़: लता मंगेशकर
लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। पाठ के संदर्भ में स्पष्ट करते हुए बताएँ कि आपके विचार में इसे प्राप्त करने के लिए किस प्रकार के अभ्यास की आवश्यकता है?
लेखक ने पाठ में गानपन का उल्लेख किया है। ‘गानपन’ वह मिठास होती है जो श्रोता को मस्त कर देती है। इसका वह अनुभव कर सकता है। EMA की विशेषताएँ EMA की विशेषताएँ जिस प्रकार मनुष्यता होने पर ही मनुष्य होता है, उसी प्रकार ‘गानपन’ के होने पर ही संगीत होता है। लता के हर गाने में शत-प्रतिशत ‘गानपन’ मौजूद रहता है। लता की लोकप्रियता का मर्म भी यही ‘गानपन’ है।
हमारे विचार में इस ‘गानपन’ की विशेषता को प्राप्त करने के लिए नादमय उच्चार करके गाने के अभ्यास की आवश्यकता है। इसमें दो शब्दों का अंतर एक दूसरे में विलीन हो जाता है। गाने को मिठास और स्वाभाविकता के साथ गाया जाना भी आवश्यक है। बहुत ऊँची पट्टी में नहीं गाना चाहिए।
लेखक ने लता की गायकी की किन विशेषताओं को उजागर किया है? आपको लता की गायकी में कौन-सी विशेषताएँ नजर आती हैं? उदाहरण सहित बताइए।
लेखक ने लता की गायकी की निम्नलिखित विशेषताओं को उजागर किया है-
1. निर्मलता-लता की गायकी की एक प्रमुख विशेषता है-उसके स्वरों की निर्मलता। लता का जीवन की ओर देखने का जो दृष्टिकोण है, वही उसके गाने की निर्मलता में झलकता है।
2. स्वरों की कोमलता और मुग्धता-लता की गायकी के स्वरों में कोमलता और मुग्धता है। इसके विपरीत नूरजहाँ के गायन में एक मादक उत्तान दिखाई पड़ता था।
3. नादमय उच्चार-यह लता के गायन की एक अन्य प्रमुख विशेषता है। उसके गीत के किन्हीं दो शब्दों का अंतर स्वरों की आस द्वारा बड़ी सुंदर रीति से भरा रहता है और ऐसा प्रतीत होता कि वे दोनों शब्द विलीन होते-होते एक दूसरे में मिल जाते हैं।
4. श्रृंगार की अभिव्यक्ति–लेखक के मत में लता ने करुण रस के साथ तो अधिक न्याय नहीं किया, पर मुग्ध श्रृंगार की अभिव्यक्ति करने वाले गाने उत्कटता से गाए हैं।
हमें भी लता की गायकी में उपर्युक्त सभी विशेषताएँ नजर आती हैं। लता की गायकी में वह जादू है जो सभी को मंत्रमुग्ध कर देता है। लता के गायन की मिठास लोगों को मस्त कर देती है।
लता ने करुण रस के गानों के साथ न्याय नहीं किया है जबकि श्रृंगारपरक गाने वे बड़ी उत्कटता से गाती हैं-इस कथन से आप कहाँ तक सहमत हैं?
सामान्यत: ऐसा माना जाता है कि लता के गाने में करुण रस विशेष प्रभावशाली रीति से व्यक्त होता है, पर लेखक को यह बात जँचती नहीं। लेखक का मानना है कि लता ने करुण रस के साथ उतना न्याय नहीं किया है जितना मुग्ध शृंगार के साथ किया है। श्रृंगारपरक गाने वे बहुत उत्कटता से गाती हैं।
हम लेखक के इस कथन से केवल आशिक रूप से ही सहमत हैं। लता ने श्रृंगारपरक गाने उत्कटता के साथ अवश्य गाए हैं, पर करुण रस के साथ भी न्याय किया है। हाँ, उनकी संख्या अवश्य कम हो सकती है। उदाहरण के रूप में हम लता के द्वारा चीनी आक्रमण की पृष्ठभूमि में गाया गीत ‘ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी’ को ले सकते हैं। इस गीत में उन्होंने इतनी करुणा उँडेली कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू की आँखें भी सजल हो उठी थीं। लता ने सभी प्रकार के गाने पूरी तन्मयता के साथ गाए हैं।
Database क्या है। Database की विशेषताएं बताइये।
इस ब्लॉग में डेटाबेस और DBMS क्या होता है। डेटाबेस के उदाहरण। डेटाबेस की विशेषताएं और कमियॉ एंव डेटाबेस के उपयोग के बारे में। तथा डेटाबेस कितने प्रकार के होते है। इन सभी के बारे में जानने की कोशिश करते है। आशा करते है कि यह ब्लॉग आपको जरूर पसन्द आयेगा।
Database क्या है।
डेटाबेस डाटा स्टोर करने का एक व्यवस्थित तरीका होता है। डाटाबेस में Table होते है। और इसके अन्दर Column होते है। जिसमें कई प्रकार का डाटा स्टोर किया जाता है। डाटा व्यवस्थित होने के कारण जरूरत पड़ने पर डाटा को Access और Manage करने में आसानी होती है। डेटाबेस को अच्छे से समझने के लिये एक उदाहरण लेते है।
उदाहरण के लिये -
आज बहुत से छोटे स्कूलो में जब विघार्थियो का Admission होता है, तो विघार्थी का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, एड्रेस तथा अन्य सभी जानकारियो को रजिस्टर पर नोट किया जाता है। लेकिन बड़े कालेजो एंव विश्वविघालयो में विघार्थियो का Admission होता है, तो विघार्थी का नाम, पिता का नाम, माता का नाम, एड्रेस तथा अन्य सभी जानकारियो को रजिस्टर पर नोट करने के अलावा कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर की सहायता से डेटाबेस में व्यवस्थित तरीके से Store किया जाता है।
DBMS क्या होता है।
DBMS का पूरा नाम Database Management System होता है। यह एक साफ्टवेयर होता है। जिसकी सहायता से डेटाबेस को Create, Delete, Update तथा Manage किया जाता है। DBMS की सहायता से उपयोगकर्ता डाटा को आसानी से Access और Analysis कर सकते है। DBMS के निम्नलिखित उदाहरण है। जैसे- Microsoft Excel, Sql Server, MySql और Oracle इत्यादि।
Database की विशेषताएं।
डेटाबेस की निम्नलिखित विशेषताएं इस प्रकार है।
1- डेटाबेस में डाटा को क्रमबध्द Store किया जाता है। जिसको हम Sorting कह सकते है।
2- डेटाबेस में डाटा की Security और Privacy का प्रबन्घ अच्छे से होता है।
3- डेटाबेस में डाटा का Backup और Recovery पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
4- डेटाबेस में कम Space में अधिक डाटा Store किया जा सकता है।
5- डेटाबेस को Multiple उपयोगकर्ता एक साथ Access कर सकते है।
6- डेटाबेस में किसी भी डाटा का Duplicate नही होता है। अर्थात् डेटाबेस Redundancy को कम करता है।
Database की कमियॉ।
डेटाबेस की निम्नलिखित कमियॉ इस प्रकार है।
1- इसमे इस्तेमाल होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का Cost अधिक हो सकता है।
2- डेटाबेस का आकार बड़ा और Complexity जटिल होता है। इसलिये इसको Handle करने के लिये एक अच्छे Database इन्जीनियर की आवश्यकता पड़ती है।
3- डेटाबेस के सिस्टम में अचानक डेटाबेस Failure हो जाने वजह से महत्वपूर्ण डाटा का Loss भी हो सकता है।
Database के उपयोग।
डेटाबेस का उपयोग वैसे तो बहुत से क्षेत्रो EMA की विशेषताएँ में किया जाता है। लेकिन उनमें से कुछ इस प्रकार है।
1. बैकिंग में
बैकिंग के क्षेत्र के डेटाबेस का उपयोग बैंको के Staff तथा बैंको के Customer का डाटा सुरक्षित करने के लिये किया जाता है। इसलिये आजकल हर एक बैंको में डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है।
2. सोशल मीडिया नेटवर्क में
सोशल मीडिया नेटवर्क में भी डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है। हम सभी लोग Facebook, Instagram और Instagram जैसे अन्य सोशल साइट्स का इस्तेमाल करते है। और इन्ही सोशल साइट्स पर अपने Information को डेटाबेस में Store करते है।
3. शॉपिंग वेबसाइट में
किसी भी शॉपिंग वेबसाइट (Flipkart तथा Amazon) में डेटाबेस का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। क्योकि डेटाबेस की सहायता से ही शॉपिंग वेबसाइट में प्रोडक्ट की जानकारी, कस्टमर की Personal जानकारी तथा अन्य सभी जानकारियो को Store किया जाता है।
4. रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम में
रेलवे की रिजर्वेशन सिस्टम में भी डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है। क्योकि रेलवे की टिकट बुकिंग के दौरान पैसेन्जर की पूरी जानकारी रेलवे की डेटाबेस में Store होता है।
5. लाइब्रेरी मैनेजमेन्ट सिस्टम में
किसी कॉलेज या स्कूल की लाइब्रेरी में विधार्थियो द्वारा लिया गया बुक या वापस किया गया बुक की पूरी जानकारी डेटाबेस में Store किया जाता है। इसलिये लाइब्रेरी मैनेजमेन्ट सिस्टम में भी डेटाबेस का इस्तेमाल किया जाता है।
6. उद्योग क्षेत्र में
किसी कम्पनी या कारखाना में कितने प्रोडक्ट का निर्माण हुआ, कितने इन्जीनियर थे, कितने मजदूर काम किये, कितने दिन का समय लगा तथा कितना पैसे खर्च हुये इत्यादि जानकारी डेटाबेस में Store किये जाते है।
इसे भी पढ़ें।
Database के प्रकार।
वैसे EMA की विशेषताएँ तो डेटाबेस कई प्रकार के होते है। लेकिन उनमे से जो डेटाबेस प्रचलित है, वह इस प्रकार है।
1. Centralized Database
Centralized Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें सम्पूर्ण डाटा किसी Single कम्प्यूटर सिस्टम पर Store और Manage किया जाता है। और यह किसी Single लोकेशन पर स्थापित होते है। इसमें Multiple यूजर नेटवर्क के माध्यम सें डेटाबेस के सम्पूर्ण डेटा को Access कर सकते है।
2. Distributed Database
Distributed Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें Multiple डेटाबेस कम्प्यूटर नेटवर्क के माध्यम से एक साथ जुड़े होते है। जो अलग-अलग लोकेशन पर स्थापित होते है। और एक Single डेटाबेस की तरह महसूस होते है।
3. Hierarchical Database
Hierarchical Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें डाटा को Tree Struture में व्यवस्थित किया जाता है। जैसे एक पेड़ में कई शाखा होते है। वैसे इसमें प्रत्येक रिकार्ड के लिये एक Parent तथा कई Child होते है।
4. Relational Database
Relational Database एक पावरफुल और Flexible डेटाबेस होता है। इसकी बनावट Table जैसी होती है। इसमें Row और Column होते है। जिसमें डाटा को व्यवस्थित तरीके से Store किया जाता है। इस डेटाबेस में Row को Record तथा Column को Field कहते है। इसमें Table को डेटाबेस की भाषा में Relation कहते है। इसमें एक Unique Field होता है। जिसे Key कहते है। इसी Key की सहायता से Tables को आपस में कनेक्ट किया जाता है।
5. Object Oriented Database
Object EMA की विशेषताएँ Oriented Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें डाटा को Object के रूप में Store किया जाता है। अर्थात यह डेटाबेस Object Oriented प्रोग्रामिंग के सिद्धान्तो का पालन करती है। इस डेटाबेस का इस्तेमाल Real World Entity को उसके सम्बन्ध बताने के लिये किया जाता है। इसमें Audio, Video तथा Graphics का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
6. Network Database
Network Database एक ऐसा डेटाबेस होता है। जिसमें डाटा को Graph की तरह व्यवस्थित किया जाता है। इस डेटाबेस में एक Child रिकार्ड के एक से अधिक Parent रिकार्ड हो सकता है। अर्थात यह डेटाबेस Hierarchical Database का विस्तारित रूप होता है।
Posted By- Pappu Singh
नमस्कार दोस्तो। मेरा नाम Pappu Singh है। मैं गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला हूँ। मैं इन्जीनियरिंग में कम्प्यूटर साइंस से Graduate हूँ। मुझे छात्रो तथा लोगो के साथ प्रोग्रामिंग, कम्प्यूटर, नेटवर्किंग, साइबर सिक्योरिटी और Science की अदभुत जानकारी Share करने में अच्छा लगता है।
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