डीमैट अकाउंट क्या होता है ? what is demat account in hindi mrvalu पर आसान शब्दों में

आप सबको पता होगा कि शेयर मार्केट में निवेश की शुरुआत करने का सबसे पहला स्टेप होता है डिमैट अकाउंट खोलना पर Demat account kya hota hai ? what is demat account ये कैसे काम करता है? इसके बारेमे आपको कोई नही बताएगा। इंटरनेट पर तो कई सारे आर्टिकल मिल जायेंगे लेकिन सब आर्टिकल में पूरी जानकारी नहीं दी हुई है और ऐसे शब्दों का उपयोग किया हुआ है जो आपको समझ ही नही आयेंगे। इसीलिए आपको mrvalu पर Demat account kya hota hai ? what is demat account in hindi आर्टिकल आसान शब्दों में बताया है तो आप mrvalu के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ना।

Demat account kya hota hai? what is demat account in hindi

हम थोड़े पास्ट में चलते है और समझते है की डीमैट अकाउंट की शुरुआत कैसे हुई थी।

लगभग सन 1999 के पहले ऑनलाइन कोई प्रोसेस नही होती थी तब हमे ट्रेडिंग करने के लिए या किसी कंपनी का शेयर खरीदने के लिए स्टॉक एक्सचेंज पर जाना पड़ता था। उस समय में हम किसी शेयर को खरीदते तो हमे स्टॉक एक्सचेंज के और से कागज के रूप में शेयर को दिया जाता था। स्टॉक एक्सचेंज क्या हैं और शेयर की शुरूआत कैसे हुई इसके बारे में ज्यादा जानना चाहते है तो आप " share market kya hai in hindi आसान शब्दों में " इस ब्लू लिंक को क्लिक करके शेयर के बारे में ज्यादा जानकारी ले सकते हो।

जब कंप्यूटर और इंटरनेट का जमाना आया तब आविष्कार हुआ Dmate account का और डीमैट अकाउंट के आनें से कई प्रोब्लम का सॉल्युसन हो गया जैसे की हमे अब स्टॉक एक्सचेंज पर जाना नही पड़ता है, लिक्विडिटी ज्यादा हो गई है, नई कंपनी IPO के जरिए अच्छा फंड जुटान लगी, बहुत सारे लोगों को स्टॉक मार्केट के बारे में सीखने और कमाने का अवसर मिला ऐसे बहुत सारे फायदे हमे डिमैट अकाउंट से हुए है और सबसे बड़ा फायदा ये हुआ की हमे कोई कागज के रूप में शेयर रखने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब हमारे डीमैट अकाउंट में डिजीटल रूप में शेयर रहता है।

डीमैट अकाउंट का पूरा नाम है "Dematerialize Account" यानी की कोई मैटेरियल(कागज आदि) के उपयोग किए बिना इंटरनेट की मदद से ऑनलाइन अकाउंट ओपन किया जाता है। जैसे ही हम ओनलाइन Paytm, Google pay आदि में अकाउंट ओपन करते है वैसे ही डीमेट अकाउंट ओपन किया जाता है और जैसे हमे Paytm में पैसे दिखते है वैसे ही हमें डीमैट अकाउंट में कितने और कौनसी कंपनी के शेयर लिए है और कितने पैसे हमारे डीमेट अकाउंट में है ये सब दिखता है।

Demat account और tradimg account का उपयोग क्या है in hindi

डीमैट अकाउंट का उपयोग होता है आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदते है उस शेयर को डीमैट अकाउंट में स्टोर करना और ट्रेडिंग अकाउंट का काम होता है कंपनी के शेयर को खरीदने के लिए पैसे को स्टोर करना। डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनो एक साथ ही जुड़ेहुए होते है मतलब आप सिर्फ डीमेट अकाउंट को नही खोल सकते हो और ना ही आप खाली ट्रेडिंग अकाउंट को खोल सकते हो।

Demat account काम कैसे करता है in hindi

डीमैट & ट्रेडिंग अकाउंट काम कैसे करता हैं? हमने नीचे एक इमेज और उसके नीचे नंबर अनुसार बताया है जिससे आपको पूरा समझ समझ आ जायेगा।

उपर इमेज में बताया है stock buy करने के लिए बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने पड़ते है और वो पैसे ट्रेडिंग अकाउंट में स्टोर रहते है।

जब कोई ट्रेडर शेयर को buy करेगा तब स्टॉक एक्सचेंज उस buyer के लिए seller सर्च करेगा। उसके बाद स्टॉक एक्सचेंज buyer के ट्रेडिंग अकाउंट से seller के ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे को डिपॉजिट करेगा जिसमे 2 दिन का समय लगता है।

जब seller के ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे डिपोजिट हो जायेंगे तब seller के डीमैट अकाउंट से शेयर buyer के डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर हो जायेंगे।

शेयर buyer के डीमैट अकाउंट में शेयर ट्रांसफर होने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है के लिए T+2 दिन का टाइम लगता है क्योंकि buyer के ट्रेडिंग अकाउंट से seller के ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर होने का प्रोसेस को पूरा होने के लिए T+2 दिन का समय लगता है

डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनो ज्वाइंट ही होते है इसीलिए हम लोग ज्यादातर डीमैट अकाउंट शब्द का उपगोग करते है मतलब है "डीमैट अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जायेंगे" ऐसे ही बोलते है इसीलिए आगे आपको ऐसा लिखा हुआ मिले तब कन्फ्यूज नही होना है।

T+2 settlement meaning in hindi शेयर मार्केट में T+2 दिन का settlement टाइम क्यों लगता है?

जब बायर किसी शेयर को खरीदते है तब बायर के ट्रेडिंग अकाउंट में से पैसे बायर के ब्रोकर के अकाउंट में जाते है उसके बाद बायर के ब्रोकर को NSE के द्वारा इनफॉर्म किया जाता है की उसे किस सेलर के ब्रोकर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने है और उसके बाद बायर का ब्रोकर सेलर के ब्रोकर के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करता है और सेलर का ब्रोकर बायर के अकाउंट में शेयर ट्रांसफर करता है इन प्रोसेस को 2 दिन लगते है इसीलिए जब बायर किसी शेयर को खरीदता है तब उसके अकाउंट में शेयर को आने के लिए T+2 दिन का टाइम लगता है।

T+2 में T का मतलब Trade यानी जिस दिन Trade किया उसके 2 दिन के बाद बायर के डीमैट अकाउंट में शेयर आयेगा और अगर शेयर को सेल किया है तब Trade करने के 2 दिन के बाद डीमैट अकाउंट में पैसे आयेंगे।

जब जब शेयर खरीद कर उस दिन ही बेचते है उसे intraday ट्रेडिंग कहते है intraday ट्रेडिंग में हमारे ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे आने के लिए T+2 दिन का समय नही लगता है और अगर हम F&O करते है तब उसमे भी T+2 दिन का समय नही लगता है क्योंकि इसमें मेने ऊपर बताई हुई प्रोसेस नही होती है।

F&O (Future and Option) का क्या मतलब होता है

किसी भी ब्रोकर से हम अपना Demat account कैसे खोलें in hindi

जैसे की हमने आपको बताया डीमेट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ज्वाइंट होते है इसीलिए आज कल ट्रेडिंग अकाउंट शब्द का उपयोग बहुत कम हो गया है अगर हम डीमेट अकाउंट को खोलते है तब उसके साथ ही हमारा ट्रेडिंग अकाउंट खुल जायेगा। ट्रेडिंग करने के लिए हमे trading terminal की जरूरत होती है जो हमारा ब्रोकर हमे प्रोवाइड करता है।

आप अपने हिसाब से किसी भी ब्रोकर के पास अपना डीमेट अकाउंट को खोल सकते है zerodha, Angel broking, upstock जैसे बहुत सारे ब्रोकर है आपको जो भी ब्रोकर अच्छा लगे उसके के पास अपना अकाउंट खोल सकते है। में कोटक सिक्योरिटी का उपयोग करता हु जो बहुत अच्छा ब्रोकर है और मुझे पसंद भी है और उसकी सर्विस भी अच्छी है आप अगर कोटक सिक्योरिटी में अपना अकाउंट ओपन करना चाहते ही तो उसकी लिंक मेने नीचे दी है।

Demat Trading Account: अगर आपका भी है डीमैट अकाउंट तो फटाफट करा लें KYC, वरना कल से हो जाएगा डिएक्टिवेट

शेयर मार्केट (Stock Market)

Demat Trading Account: अगर आपका भी डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट है तो फटाफट इसकी KYC करा लें. अगर 31 आज केवाईसी डिटे . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : July 31, 2021, 11:54 IST

नई दिल्ली. अगर आपके पास डीमैट (Demat) और ट्रेडिंग (Trading) अकाउंट हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. दरअसल, डीमैट अकाउंट या ट्रेडिंग अकाउंट वाले निवेशकों को डिपॉजिटरी (Depositories) द्वारा 31 जुलाई यानी आज तक केवाईसी (KYC) डिटेल को पूरा करने की सलाह दी गई है. अगर 31 जुलाई तक केवाईसी डिटेल अपडेटेड नहीं हुई तो कल से (1 अगस्त) आपके अकाउंट डिएक्टिवेट हो जाएंगे.

नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरीज लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज (CDSL) ने इस साल 7 और 5 अप्रैल को सर्कुलर जारी किया था. इस सर्कुलर में 31 जुलाई से पहले केवाईसी डिटेल को अपडेट करने को कहा गया था. अगर ये जानकारियां अपडेट नहीं की जाती हैं तो आपको डीमैट अकाउंट (Demat Account) डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा. फिर ये जानकारियां अपडेट होने के बाद ही उसे दोबारा एक्टिवेट किया जाएगा.

इन डिटेल्स को करें अपडेट :
1. नाम
2. पता
3. पैन
4. मोबाइल नंबर
5. ईमेल आईडी
6. इनकम रेंज

1 जून, 2021 से जरूरी हैं ये जानकारियां
1 जून, 2021 से खोले गए नए अकाउंट्स के लिए सभी छह केवाईसी जानकारियां को अनिवार्य कर दिया गया है. सभी मौजूदा अकाउंट्स के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा डिपॉजिटरी को यह वेरीफाई करने के लिए कहा गया था.

शेयर बाजार में बढ़ रही है खुदरा निवेशकों की भागीदारी
हाल ही में सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा था कि घरेलू सिक्योरिटीज बाजार में खुदरा निवेशकों की रूचि तेजी से बढ़ी है और अप्रैल जून के दौरान हर महीने 24.5 लाख डिमैट अकाउंट्स खोले गए हैं. उन्होंने कहा था कि देश के सिक्योरिटीज बाजार में निवेशकों की रूचि बढ़ने का प्रमुख कारण मौजूदा कम ब्याज दर और पर्याप्त नकदी उपलब्धता है. त्यागी ने आगाह करते हुए कहा कि नकदी में कमी या ब्याज दर बढ़ने से बाजार पर प्रभाव पड़ सकता है.

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Demat Account क्या है ?

दोस्तों जैसा की आप शेयर बाजार में काम करने के लिये इच्छुक है , तभी आप यह ब्लॉग पड़ने के लिये आये है।
दोस्तों जैसा की मै आपको बता दू , अगर आप शेयर बाजार में काम करना चाहते है तो आपको डीमैट अकाउंट ओपन करवाना पड़ेगा,
डीमैट अकाउंट हमारे बैंक अकाउंट से लिंक होता है।
और आप कुछ ही सेकंड में आप अपने पैसे को डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते है , और आप कुछ ही सेकंड में अपना फण्ड विथड्रॉ कर सकते है

जैसे की आप चित्र में देख पा रहे है , एक राहुल नाम के लड़के के पास डीमैट अकाउंट है और सेविंग अकाउंट है , जो की दोनों अकाउंट लिंक है , अब जैसा आपका अकाउंट ओपन होगा आप ट्रेडिंग अकाउंट के Through अपना Trading or Investment स्टॉक मार्किट में कर सकते है !

Trading Account क्या होता है ?

दोस्तों जैसे ही आप अपना डीमैट अकाउंट ओपन करवाते हो , ब्रोकर आपको एक ट्रेडिंग अकाउंट देता है जिसके Through हम ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट कर सकते है !

Broker क्या होता है ?

दोस्तों जैसा की मैंने ऊपर एक Term Use किया ब्रोकर , अब ये ब्रोकर क्या है ,
दोस्तों में आपको बता दू , आपको डीमैट अकाउंट ओपन यही ब्रोकर के पास ही ओपन करवाने होते है !

Broker हमारे 2 प्रकार के होते है !

1. Full-service stock broker

2. Discount Broker

Full service stock broker हमको सारे facility provide करती है , हम अगर नए है तो बहुत प्रॉब्लम आती है जैसे ट्रेडिंग App को चलाने में दिक्क्त होती है , आर्डर लगाने में दिक्क्त होती है, टिप्स लेने में दिक्क्त होती है , और भी बहुत सारे प्रॉब्लम फेस करना होता है ,
लेकिन मै आपको बता दू Full service stock broker में ये सब प्रॉब्लम नहीं होगी , सारे facility provide होगी।
हाँ लेकिन आपको ब्रोकरेज यहाँ ज्यादा देना होगा !

ex. Angel one , kotak securities , motilal oswal , iifl securities

Discount Broker हमको कुछ facility provide नहीं करती है , लेकिन यहाँ आपको ब्रोकरेज कम देना होता है !
डिस्काउंट ब्रोकर जैसे ;- zerodha , 5paisa, upstox, grow

अगर आप नए है तो मै आपको Recomend करूंगा ,full service stock broker से अपना demat account ओपन करवाये ! क्योकि strating में सिखने में थोड़ा टाइम लगता है , बाकी सपोर्टिंग टीम आपकी पूरी साहयता करेगी !

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट.

  • Connect@ Money9.com
  • Updated On - July 28, 2022 / 10:41 AM IST

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों की खरीद और बिक्री कैसे की जाती है?

शेयर मार्केट में निवेश शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट (खातों) की जरूरत होती है. ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट. हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है, लेकिन ट्रांजैक्शन (लेन-देन) को पूरा करने के लिए तीनों एक-दूसरे पर निर्भर होते हैं. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए.

डीमैट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है. जैसे एक सेविंग अकाउंट (बचत खाता) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है, वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है. डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयरों और डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है. ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैट रूप में स्टोर (संग्रहित) करते हैं. फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में परिवर्तित करने की प्रक्रिया (प्रोसेस) को डिमैटेरियलाइजेशन कहा जाता है. जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया जाता है.

डीमैट अकाउंट के प्रकार (टाइप)

डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव काफी सावधानी से करना चाहिए. कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है. निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं. 5पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं. डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं.

1)- रेगुलर डीमैट अकाउंट

एक रेगुलर डीमैट अकाउंट भारतीय निवासी निवेशकों के लिए होता है जो केवल शेयर खरीदना और बेचना चाहते हैं और सिक्योरिटीज को जमा (डिपॉजिट) करना चाहते हैं. जब आप शेयर बेचते हैं तो शेयर अकाउंट से डेबिट हो जाते हैं. इसी तरह जब आप शेयर खरीदते हैं तो वो आपके अकाउंट में क्रेडिट हो जाते हैं. यदि आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं तो डीमैट अकाउंट की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस तरह की डील के लिए स्टोरेज की कोई जरूरत नहीं होती है.

2)- डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट

यह एक नए तरह का डीमैट अकाउंट है, जिसे बाजार नियामक (मार्केट रेगुलेटर) सेबी ने पेश किया है. छोटे निवेशकों को ध्यान में रखते हुए यह अकाउंट शुरू किया गया है. 50,000 रुपये से कम के स्टॉक और बॉन्ड रखने के लिए कोई मेंटेनेंस चार्ज (रखरखाव शुल्क) नहीं देना होगा. 50,000 रुपये से 2 लाख रुपये तक की सिक्योरिटी रखने पर सिर्फ 100 रुपये का चार्ज लगता है.

3)- प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Repatriable Demat Account)

प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता NRI (अनिवासी भारतीयों) के लिए है. इसके जरिए वे भारतीय बाजार में निवेश कर सकते हैं और विदेशों में भी पैसा भेज सकते हैं. हालांकि फंड ट्रांसफर करने के लिए डीमैट खाते को NRI (Non-Resident External) खाते से जोड़ा जाना चाहिए.

4)- गैर प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता (Non-repatriable Demat Account)

अनिवासी भारतीयों (NRI) के लिए एक गैर-प्रत्यावर्तनीय डीमैट खाता भी है. हालांकि इस खाते के जरिए विदेश में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है.

डीमैट अकाउंट के फायदे

डीमैट अकाउंट बिना किसी परेशानी के शेयरों को तेजी से ट्रांसफर करने की सुविधा देता है. शेयर या सिक्योरिटीज सर्टिफिकेट एक डीमैट अकाउंट में इलेक्ट्रॉनिक रूप से रखे जाते हैं. ऐसे में इनके चोरी, जालसाजी और नुकसान की संभावना बहुत कम होती है. ट्रेडिंग एक्टिविटी को आसानी से ट्रैक किया जा सकता है. डीमैट खातों को कभी भी और कहीं भी एक्सेस किया जा सकता है. बोनस स्टॉक, राइट्स इश्यू, स्प्लिट शेयर अपने आप अकाउंट में जमा हो जाते हैं.

डीमैट अकाउंट कैसे खोलें

शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए डीमैट खाता खोलना अनिवार्य है. आप किसी वित्तीय संस्थान या ब्रोकर के माध्यम से डीमैट खाता (अकाउंट) खोल सकते हैं. सबसे पहले आपको इसके लिए एक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) चुनना होगा. यह एक वित्तीय संस्थान, ऑथराइज बैंक या ब्रोकर कोई भी हो सकता है. आप उनके साथ एक डीमैट खाता खोल सकते हैं. डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट को ब्रोकरेज चार्ज, सालाना चार्ज और लीवरेज के आधार पर चुना जाना चाहिए. DP सिलेक्ट करने के बाद आपको खाता खोलने का फॉर्म, KYC फॉर्म भरना होगा और फिर जमा करना होगा. इसके साथ आपको कुछ डॉक्युमेंट भी देने होंगे.

इनमें पैन कार्ड, रेजिडेंस प्रूफ, आईडी प्रूफ और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं. वेरिफिकेशन प्रोसेस (सत्यापन प्रक्रिया) के लिए ओरिजनल कॉपी (मूल प्रति) अपने पास रखें. इसके अलावा आपको बैंक डिटेल देने के लिए एक कैंसिल चेक (रद्द चेक) जमा करना होगा. इसके बाद आपको एग्रीमेंट साइन करना होगा जिसमें रूल और रेगुलेशन के साथ-साथ आपके अधिकारों के बारे में सभी जानकारी होगी. आपको रूल और रेगुलेशन (नियमों और विनियमों) को ध्यान से पढ़ना चाहिए. आजकल कई प्लेटफॉर्म ऑनलाइन डीमैट खाता खोलने की सुविधा देते हैं. अपने डीमैट की सरल प्रक्रिया को पूरा करने के बाद आप अपना डीमैट खाता खोल सकते हैं.

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में 4 बड़े अंतर

डीमैट और ट्रेडिंग

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट में क्या अन्तर होता है? इस को ठीक से समझने के लिए पहले दोनों को समझना होगा की आखिर ये दोनों अकाउंट क्या होते है. दोनों ही अकाउंट या खाते शेयर मार्केट में यूज़ किये जाते है.

अंतर समझने के लिए पहले समझते हैं, की शेयर मार्केट में शेयर की खरीद और बेचाली कैसे होती है?

आजकल के समय, जब भी कोई व्यक्ति शेयर को खरीदना चाहता है, तो पास डीमैट अकाउंट और ट्रेडिंग अकाउंट होना जरुरी होता है. कुछ समय पहले ये अलग अलग होते थे. लेकिन अब अधिकतर स्टॉक ब्रोकर इन्हे एक साथ लिंक करके देते हैं.

शेयर मार्केट में जब कोई ट्रांसेक्शन होता है, मतलब यदि आप ने शेयर को खरीदने के लिए आर्डर किया है, तो वह शेयर किसी दूसरे निवेशक के डीमैट खाते से निकाल कर आपके डीमैट खाते में डिपाजिट कर दिया जायेगा। इस प्रक्रिया में, स्टॉक आपके डीमैट खाते में आने में T+2 दिन का समय लगेगा। शेयर आपके ट्रेडिंग अकाउंट में तुरंत क्रेडिट हो जाता है. जबकि डीमैट अकाउंट में आने में दो दिन का समय लगता है।

1.शेयर क्रेडिट होने का समय

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों में शेयर के क्रेडिट होने का समय एक मुख्य अंतर होता है. ट्रेडिंग अकाउंट में शेयर को आर्डर के तुरंत बाद क्रेडिट कर दिया जाता है, जबकि डीमैट अकाउंट में आने में लगभग दो दिन का समय लगता है। किसी विशेष स्थिति में, डीमैट अकॉउंट में शेयर क्रेडिट होने में अधिक समय भी लग सकता है.

2.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट मैनटैनिंग ऑथोरिटी

स्टॉक मार्केट में, ट्रेडिंग अकाउंट डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट क्या है के सारे ट्रांसेक्शन स्टॉक ब्रोकर ( जैसे Zerodha या Upstox) के अधीन होते हैं, जबकि डीमैट अकाउंट के ट्रांसेक्शन डिपॉज़िटरी (NSDL या CDSL) के अधीन होते हैं.

3.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के काम

डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों के काम अलग अलग होते है. टेक्नोलॉजी की वजह से आज यह संभव है. आपको शेयर खरीदने बेचने के लिए किसी खास जगह जैसे शेयर बाजार में जाने की जरुरत नहीं होती है. यह काम डिजिटल रूप में मोबाइल या लैपटॉप से ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से कर सकते हैं.

जबकि शेयर को रखने के लिए लम्बे चौड़े कागजों की जरुरत नहीं होती है, बल्कि ये डीमैट अकाउंट में डिजिटल रूप में रख सकते है.

डीमैट अकाउंट शेयर को होल्ड करने का स्पेस होता है, जबकि ट्रेडिंग अकाउंट शेयर खरीदने बेचने का माध्यम होता है.

4.डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के चार्ज

डीमैट और रीमैट चार्ज

शेयर को फिजिकल फॉर्म मतलब कागजी फॉर्म से डिजिटल फॉर्म में कन्वर्ट करने के लिए चार्ज को डीमैट चार्ज लगता है, जबकि इसके विपरीत शेयर को डिजिटल फॉर्म से फिजिकल फॉर्म में चेंज करने के लिए रीमैट चार्ज लगता है.

इसके दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट में स्टॉक ब्रोकर कुछ अन्य प्रकार के चार्ज लगाता है, जैसे ब्रोकरेज चार्ज, डीपी चार्ज आदि कहते है।

Q.क्या केवल डीमैट अकाउंट को रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यदि कोई व्यक्ति शेयर को लम्बे समय के लिए रखना चाहता है, तो वह केवल डीमैट अकाउंट खुलवा सकता है. जबकभी कोई निवेशक आईपीओ में निवेश करना चाहता है तो उसे केवल डीमैट अकाउंट की ही जरुरत होती है.

Q.क्या केवल ट्रेडिंग अकाउंट ही रख सकते हैं?

A. जी हाँ, यह भी संभव है लेकिन वह व्यक्ति केवल फ्यूचर और ऑप्शन जैसी चीजों में ही ट्रेड कर सकता है. क्योकि इनमे शेयर की डिलीवरी नहीं दी जाती।

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