2016 mai pradhanmantri bima yojana ka klem kab milega ucco bank peelawa rajasthan ne kiya tha please shujhav batana

PM Shri Yojana

PM SHRI Yojana 2022 – पीएम श्री योजना के लाभ, उद्देश्य व विशेषताएं, अब 14,500 स्कूल होंगे बेहतर

दोस्तों क्या आप जानते हैं कि शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार निरंतर प्रयास कर रही है और इसी कारण सरकार विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन कर रही है हाल ही में केंद्र सरकार ने पीएम श्री योजना नाम से एक नई योजना लांच की है इस योजना के माध्यम से पुराने स्कूलों को नया रूप प्रदान किया जाएगा| और बच्चों को स्मार्ट शिक्षा प्रदान की जाएगी इस PM SHRI Yojana को प्रधानमंत्री द्वारा 5 सितंबर 2022 को शिक्षा दिवस के अवसर पर ट्वीट के माध्यम से लांच किया गया प्रधानमंत्री जी ने ट्वीट के माध्यम से कहा कि आज शिक्षक दिवस के शुभ अवसर पर एक नई पहल की घोषणा करने के लिए मुझे बहुत खुशी हो रही है|

क्या आप इस योजना के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आप हमारे लेख से इस योजना के बारे में सभी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि हम आपको बताएंगे कि PM Shri Yojana क्या है, इसकी विशेषताएं क्या है, इस योजना के उद्देश्य तथा लाभ, यह सभी जानकारी हम आपको अपने लेख के माध्यम से प्रदान करेंगे|

PM SHRI Yojana 2022

जैसा कि हमने आपको बताया कि 5 सितंबर 2022 सोमवार को प्रधानमंत्री द्वारा ट्वीट के माध्यम से एक नई योजना को लांच किया गया है| जिसका नाम पीएम श्री योजना है इस योजना के अंतर्गत संपूर्ण देश में 14500 स्कूलों का विकास एवं उन्नयन किया जाएगा| यानी 14500 पुराने स्कूलों को इस योजना के तहत अपग्रेड किया जाएगा अपग्रेड किए गए स्कूलों को मॉडल स्कूल बनाया जाएगा|

इन स्कूलों में शिक्षा प्रदान करने का एक आधुनिक परिवर्तनकारी और समग्र तरीका अपनाया जाएगा| ट्वीट के माध्यम से प्रधानमंत्री जी ने कहा कि हाल ही में राष्ट्रीय शिक्षा नीति क्षेत्र को बदल दिया है ऐसा मानना है| कि देश के हर ब्लॉक में कम से कम 1 पीएम श्री स्कूल की स्थापना की जाएगी| इस योजना के अंतर्गत जिले के एक माध्यमिक एवं वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल को भी जोड़ा जाएगा स्कूलों में स्मार्ट क्लास, खेल, आधुनिक संरचना आदि पर अधिक ध्यान दिया जाएगा इस योजना से देश के बहुत से छात्र लाभ प्राप्त कर पाएंगे|

किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ, प्राप्त करने के लिए प्रकिया एवं विशेषताएं

जिन मामलों में वार्षिक प्रीमियम भरा जाना हों उनमें बीमा कवर विशेषताएं व लाभ हिस्सा लेने वाली बैंकों से प्रीमियम प्राप्त होने की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगा। तीन वर्ष की अवधि वाले बीमा के मामले में, बीमा काल प्रीमियम प्राप्ति की तिथि से तीन वर्षों तक होगा।

प्रीमियम एवं अन्य सम्बंधित जानकारी

  • प्रत्येक किसान क्रेडिट कार्ड धारक के लिए लागू 15 रुपये वार्षिक प्रीमियम में से 10 रुपये बैंक तथा 5 रुपये किसान क्रेडिट कार्ड धारक को देना होता है।
  • संचालन विधिः क्षेत्रवार आधार पर व्यवसाय की सेवा चार बीमा कम्पनियों द्वारा की जा रही है। युनाइटेड इण्डिया इंश्योरेंस कंपनी, आँध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, अंडमान एवं निकोबार, पुड्डेचेरी, तमिलनाडु तथा लक्षद्वीप को कवर करेगी।
  • लागू करने वाली शाखाओं को बीमा प्रीमियम मासिक आधार पर जमा करना होगा एवं उसके साथ उन किसानों की सूची भी देना होगी जिन्हें उस महीने के दौरान किसान विशेषताएं व लाभ क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हों।
  • भुगतान के दावा की प्रक्रियाः मृत्यु, अक्षमता के दावों के मामलों में तथा डूबने से मृत्यु होने पर:दावे का निपटारा बीमा कंपनियों द्वारा किया जाएगा। इसके लिए एक अलग प्रक्रिया का पालन करना होगा।

सरकार ने कोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में की भारी वृद्धि

31 COMMENTS

Sir ji
Ye Jo kisan credit card ban raha hai aap log bataie ki ye sab kis kis yojna ka labh utha sakte hai isme Judi sab yojna ka labh likh ke comments box me likhe isi number par WhatsApp message kijie
9931967195

Bhai toda khulkar bta sakte ho… good news share ki h aapne..

किसान क्रेडिट कार्ड सम्बंधित सभी जानकारी दी गई लिंक पर देखें ||https:विशेषताएं व लाभ विशेषताएं व लाभ //kisansamadhan.com/?s=%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%A8+%E0%A4%95%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A5%87%E0%A4%A1%E0%A4%BF%E0%A4%9F+%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A1+

विदर्भ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक मे किसान क्रेडिट कार्ड पर 10000 को 12 महिने के बाद कितना ब्याज देना पडेगा

Meri grandmother ki hart attec se elaaj karate time death ho ghi muje ab kya karna chahiye! but unke name pe karsi card or odher karz baki hai?

Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana 2022 Detail’s

योजना का नामबिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना
किनके द्वारा आरंभ की गईबिहार राज्य के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार
जी के द्वारा किया गया
योजना का मुख्य उद्देश्यकोरोना काल में अपने माता-पिता या दोनों में किसी एक
को खोने वाले बच्चो को आर्थिक सहायता प्रदान करना
योजना से जुड़े लाभार्थीकोरोना वायरस के कारण अनाथ हुए बच्चे
वर्ष2022
राज्यबिहार
आर्थिक सहायता राशि1500 रूपए
आवेदन प्रक्रियाऑनलाइन/ऑफलाइन
आधिकारिक वेबसाइटजल्द लांच की जाएगी

बिहार राज्य के मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार जी के द्वारा आरंभ की गई Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana का मुख्य उद्देश्य राज्य के उन सभी बच्चो को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिन्होंने कोरोना संक्रमण से अपने माता-पिता या उनमे से किसी को विशेषताएं व लाभ एक को खोया है। इस योजना के माध्यम से अब अनाथ हुए किसी भी बच्चे को अब अपने भरण पोषण के लिए किसी और पर आश्रित होने की जरुरत नहीं होगी। जिससे वह आत्मनिर्भर बनेंगे व उनके जीवन स्तर में काफी सुधार आएगा। साथ ही उन बच्चो को आवासीय सुविधा भी प्रदान की जाएगी जिनके अभिभावक नहीं है, व वह आवासहीन है।

बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना 2022 की विशेषताएं व लाभ

  • बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना का आरंभ बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के द्वारा 30 मई 2021 को किया गया है।
  • इस योजना के माध्यम से राज्य सरकार उन सभी बच्चो को आर्थिक व आवासीय सहायता प्रदान करेगी जिनके माता-पिता या उनमे से किसी एक की मृत्यु कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है।
  • सभी बच्चो को इस योजना के द्वारा 18 वर्ष की आयु होने तक 1500 रूपए की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
  • इसके अलावा जिन बच्चो के अभिभावक नहीं है, उन सभी बच्चो की देखभाल की बाल गृह के माध्यम से की जाएगी।
  • अनाथ बच्चियों का कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में नामांकन किया जाएगा।
  • 18 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana का लाभ उठा सकते हैं।
  • इस योजना के माध्यम से अब अनाथ हुए किसी भी बच्चे को अब अपने भरण पोषण के लिए किसी और पर आश्रित होने की जरुरत नहीं होगी।
  • जिससे वह आत्मनिर्भर बनेंगे व उनके जीवन स्तर में काफी सुधार आएगा।
  • जिन बच्चो के अभिभावक नहीं है, उन सभी बच्चो को आवासीय सुविधा भी प्रदान की जाएगी।

बिहार मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना में आवेदन हेतु महत्वपूर्ण दस्तावेज

  • आवेदनकर्ता के पास अपना आधार कार्ड होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता के पास निवास प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता के पास आय प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता के पास राशन कार्ड होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता के पास अपने माता पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता के पास मोबाइल नंबर होना चाहिए।
  • आवेदनकर्ता के पास पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ होना चाहिए।

बता दे के अभी बिहार राज्य सरकार के द्वारा Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana को सिर्फ आरंभ करने की घोषणा की गई है। लेकिन जल्द ही प्रदेश सरकार के द्वारा इस योजना को लांच किया जाएगा। जिसके पश्चात आवेदनकर्ता इस योजना के अंतर्गत आवेदन कर सकेंगे। यदि आप भी इस योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते है, तो हमारे इस लेख से जुड़े रहे, जैसे ही सरकार के द्वारा Bihar Mukhyamantri Bal Sahayata Yojana से जुडी किसी भी प्रकार की जानकारी जारी की जाएगी उस जानकारी को हम अपने इस लेख में अपडेट करके आप तक जरूर पहुचाएंगे।

पीपल के पेड़ से होते हैं ये 9 फायदे

पीपल के पेड़ से फायदे

  • नई दिल्ली,
  • 20 अप्रैल 2018,
  • (अपडेटेड 20 अप्रैल 2018, 2:13 PM IST)

हिन्दू धर्म में पीपल के पेड़ का बहुत महत्व होता है. इसे न केवल धर्म संसार से जोड़ा गया है, बल्कि वनस्पति विज्ञान और आयुर्वेद के अनुसार भी पीपल का पेड़ कई तरह से फायदेमंद माना गया है. हम बता रहे हैं, पीपल के पेड़ से होने वाले ऐसे ही कुछ स्वास्थ्य लाभ. आइए जानते हैं, पीपल के पेड़ के 9 बड़े फायदे -

1- सांस विशेषताएं व लाभ की तकलीफ - सांस संबंधी किसी भी प्रकार की समस्या में पीपल का पेड़ आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है. इसके लिए पीपल के पेड़ की छाल का अंदरूनी हिस्सा निकालकर सुखा लें. सूखे हुए इस भाग का चूर्ण बनाकर खाने से सांस संबंधी सभी समस्याएं दूर हो जाती है. इसके अलावा इसके पत्तों का दूध में उबालकर पीने से भी दमा में लाभ होता है.

केन्द्रीयकरण की परिभाषा

लोक प्रशासन के विभिन्न विचारकों ने इस सम्बन्ध में विभिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किये हैं। इन्हें समझने का प्रयास करें

हेनरी फेयोल के अनुसार केन्द्रीयकरण की परिभाषा

“ संगठन में अधीनस्थों विशेषताएं व लाभ की भूमिका को कम करने के लिए जो भी कदम उठाये जाते हैं , वे सब विकेन्द्रीयकरण के अन्तर्गत आते हैं।"

कुण्टज ' ओ ' डोनेल के अनुसार केन्द्रीयकरण की परिभाषा

“ केन्द्रीयकरण और विकेन्द्रीकरण में ठीक उतना ही अन्तर है , जितना कि ठण्डे और गरम में पाया जाता है। ”

लुइस ए 0 ऐलन के शब्दों में केन्द्रीयकरण की परिभाषा

“ केन्द्रीयकरण से आशय है कि किये जाने वाले कार्य के सम्बन्ध में अधिकांश निर्णय उन व्यक्तियों द्वारा नहीं लिये जाते हैं जो कि कार्य कर रहे हैं , अपितु संगठन के उच्चतर बिन्दु पर लिये जाते हैं। ”

केन्द्रीयकरण की विशेषताएँ

उपरोक्त परिभाषाओं के विवेचन के उपरान्त संगठन की निम्नलिखित विशेषताऐं सामने आती हैं। जो इस प्रकार हैं

1. केन्द्रीयकरण के अन्तर्गत संगठन के समस्त अधिकार एक ही व्यक्ति के पास केन्द्रित कर दिये जाते हैं और वह व्यक्ति ही उपक्रम के सम्पूर्ण कार्यों का निर्देशन करता है।

2. केन्द्रीयकरण व्यक्तिगत नेतृत्व में सहयोगी होता है।

3. एकीकरण व समन्वय सुगम व श्रेष्ठतर होता है।

4. नीतियों , विशेषताएं व लाभ व्यवहारों व कार्यवाहियों में एकरूपता रहती है।

5. आपातकालीन परिस्थितियों और संकट का सामना आसानी से हो सकता

6. योजनाओं तथा प्रस्तावों की गोपनीयता बनाई रखी जा सकती है।

7. इसके अन्तर्गत निर्णय परिचालन स्तर पर लेने के बजाए शीर्ष प्रबन्धकों के विशेषताएं व लाभ स्तर या उच्चतर बिन्दु पर लिये जाते हैं।

8. अधिकारों का केन्द्रीयकरण केवल उसी सीमा तक किया जाना चाहिए जो कि श्रेष्ठतम निष्पादन के लिए आवश्यक हो । केन्द्रीयकरण की कोटि का निश्चय संगठन की प्रकृति तथा उसके आकार को ध्यान में रखकर किया जाता है।

केन्द्रीयकरण से संगठन क्या लाभ प्राप्त होते हैं?

एकीकृत व्यवस्था

  • संस्था के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए उच्च अधिकारियों द्वारा अपने अधीनस्थों को केन्द्रीयकृत आदेश एवं निर्देश देना अत्यन्त आवश्यक होता है। चूँकि केन्द्रीकरण के अन्तर्गत निर्णय शीर्ष अधिकारियों द्वारा लिये जाते हैं , जिससे आदेशों एवं निर्देशों में एकता बनी रहती है। एक क्रम में चलते हुए यह एकीकृत व्यवस्था को जन्म देता है।

क्रियाओं की एकरूपता

  • केन्द्रीकरण के अन्तर्गत संस्था के समस्त विभागों को आदेश एक ही केन्द्र-बिन्दु से प्राप्त होते हैं , जिससे इन विभागों की क्रियाओं एकरूपता बनी रहती है। निर्णयों में में भी एकरूपता रहती है। इस प्रकार सम्पूर्ण संगठन की क्रियाओं में एकरूपता का प्रदर्शन होता है ।

संकटकाल में सहायक

  • प्रशासन जितना केन्द्रित होगा , आपातकालीन निर्णय उतना ही शीघ्रता से लिया जा सकेगा। आपातकाल में सोचने-विचारने का समय कम होता है तथा गलत निर्णय लेने पर परिणाम नकारात्मक भी हो सकते हैं। अतैव केन्द्रीकरण के द्वारा संकटकालीन समस्त निर्णय शीर्षस्थ अधिकारी लेते हैं , जिससे अधीनस्थ चिन्तामुक्त रहते हैं।

प्रशासन में केन्द्रीकरण के दोष

यूँ तो केन्द्रीकरण से उपरोक्त लाभ एक संगठन के होते हैं , फिर भी प्रत्येक अवधारणा के जहाँ लाभ होते हैं , वहीं उसकी कुछ हानियों भी होती है। अध्ययन की पूर्णता की दृष्टि से इसके निम्नलिखित दोषों को समझने का प्रयास करें

विकास में बांधक

  • उच्च अधिकारियों पर कार्यभार अधिक हो जाने से विलम्ब के साथ-साथ अकुशलता भी बढ़ सकती है।

उच्च स्तरीय प्रबन्ध का बोलबाला

  • केन्द्रीकरण में शीर्ष प्रबन्ध एवं विभागीय प्रबन्ध के बीच सदैव टकराव की स्थिति बनी रहती है , क्योंकि समस्त अधिकार एवं विशेषताएं व लाभ निर्णय लेने की दक्षता वरिष्ठ अधिकारियों में समाहित कर दी जाती है।

संदेशवाहन में अप्रभावी

  • अधिकारों और उत्तर दायित्वों के मध्य असन्तुलन भी होता है। केन्द्रीकरण का यह असन्तुलन अधिकारियों और कर्मचारियों के मध्य सम्प्रेक्षण प्रणाली को भी हानि पहुँचता है।
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