The fluctuation in value depicted in Weekly Statistical Supplement (WSS) is due to change in frequency of revaluation from monthly to weekly basis and is based on international prices of gold and exchange rates. (2/2)— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 27, 2019
फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग
Q93. Consider the following statements about Algorithmic trading:
1. It is also known as black-box trading
2. It is the process of using computers programed to follow a defined set of instructions for placing a trade.
3. It is banned in India.
Which of the above statement(s) is/ are correct?
एल्गोरिदमिक व्यापार के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. इसे ब्लैक-बॉक्स ट्रेडिंग के नाम में भी जाना जाता है।
2. कम्प्यूटर प्रोग्राम से व्यापार में किसी निर्देश को दिये जाने की प्रक्रिया है।
देश में नौकरी के लिए विदेशों के जॉब ऑफर ठुकरा रहे IITian, ये हैं 3 कारण
भारत में नौकरी करने के लिए IIT इंजीनियर्स विदेशों से मिलने वाले Job Offers ठुकरा रहे हैं. इसके पीछे 3 अहम कारण बताए जा रहे हैं.
इंजीनियरिंग करने वाले ज्यादातर लोगों में विदेश में जॉब करने की तमन्ना होती है. हर साल बड़ी संख्या में आईटी प्रोफेशनल्स नौकरी के लिए दूसरे देश चले भी जाते हैं. इनमें IIT स्टूडेंट्स की भी बड़ी संख्या होती है. इन्हें तो प्लेसमेंट में ही कई इंटरनेशनल जॉब ऑफर मिल जाते हैं. लेकिन लेटेस्ट डाटा इसके ठीक विपरीत कहानी बयां कर रहे हैं. हाल में हुए IIT Placements में कई स्टूडेंट्स ने उन्हें विदेशी कंपनियों से मिले Job Offer ठुकरा दिए. इसकी जगह भारत में मिलने वाली Jobs का ऑफर स्वीकार किया.
IIT Delhi में 1 दिसंबर से प्लेसमेंट शुरू हुए हैं. अपने बयान में आईआईटी दिल्ली ने बताया कि ‘कुछ स्टूडेंट्स ने इंटरनेशनल की जगह डोमेस्टिक जॉब ऑफर को तरजीह दी है.’ ऐसे कुछ मामले अन्य भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों यानी IITs में भी देखने को मिल रहे हैं. ये बात चौंकाती जरूर है. लेकिन इसके पीछ भी तीन कारण बताए गए हैं.
International Jobs को ना.. क्यों?
आईआईटी दिल्ली प्लेसमेंट टीम के एक सदस्य ने बताया कि जिन स्टूडेंट्स ने विदेशों के जॉब ऑफर को मना किया उन्हें भी बेहतरीन हाई फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग (HFT) कंपनियों ने नौकरी के करोड़ों के ऑफर दिए थे. उन्होंने छात्रों के इस फैसले के पीछे 3 बड़े और महत्वपूर्ण कारण बताए हैं-
- जो सैलरी पैकेज वो कंपनियां दे रही थीं, उसके बराबर उन्हें भारत में भी कंपनियां ऑफर कर रही हैं.
- यहां रहने का खर्च कई दूसरे देशों (जहां के ऑफर मिले) की तुलना में कम है.
- जॉब मार्केट, सैलरी के मामले में ग्रोथ उन देशों की तुलना में बराबर ही है.
HFT के अलावा कंसल्टिंग फर्म के साथ भी ऐसा ही ट्रेंड देखा गया. कंसल्टिंग फर्म आर्थर डी लिटल के मैनेजिंग पार्टनर बार्निक मैत्र का कहना है कि ‘अगर भारतीय फर्म एक अच्छा ब्रांड है और पैसे अच्छे हैं तो स्टूडेंट्स विदेश जाने के बजाय उन्हें चुनने को प्राथमिकता दे रहे हैं. ‘
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HFT और क्वांट कंपनियां वो हैं जो कैंडिडेट्स को मैथेमेटिकल और स्टैटिस्टिकल तरीकों से मार्केट का एनालिसिस करने के लिए हायर करती हैं. वैश्विक मंदी के बावजूद ये कंपनियां IIT स्टूडेंट्स को करोड़ों के Salary Package वाले ऑफर्स दे रही हैं. सबसे बड़ा ऑफर जेन स्ट्रीट कैपिटल ने दिया जो करीब 4 करोड़ रुपये सालाना का था. क्वांटबॉक्स ने 10 से ज्यादा आईआईटी स्टूडेंट्स को ऐसे Job Offers दिए, जिसके लिए सैलरी पैकेज सालाना 1.6 करोड़ से लेकर 2.4 करोड़ रुपये तक रहा.
RBI ने सोना बेचने की खबरों को बताया झूठा, ट्विटर पर दी सफाई
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग RBI) ने उन मीडिया रिपॉर्ट्स को झूठा बताया है जिनमें यह बताया गया था कि RBI सोना बेच रहा है. RBI ने कहा है कि उसने सोने को बेचना या उसकी ट्रेडिंग करने की काई शुरुआत नहीं की है.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने उन मीडिया रिपॉर्ट्स को झूठा बताया है जिनमें यह बताया गया था कि RBI सोना बेच रहा है. RBI ने कहा है कि उसने सोने को बेचना या उसकी ट्रेडिंग करने की काई शुरुआत नहीं की है. RBI ने ट्वीट किया है कि मीडिया के कुछ प्लेटफॉर्म्स पर यह दावा किया जा रहा है कि RBI सोने को बेच रहा है या उसकी ट्रेडिंग कर रहा है. इस बात को स्पष्ट किया जाता है कि RBI सोने को न बेच रहा हा और न उसकी ट्रेडिंग कर रहा है.
1.15 फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग बिलियन डॉलर का सोना बेचने की रिपॉर्ट्स थीं
RBI की यह सफाई इकॉनोमिक टाइम्स में छपी उस रिपोर्ट के बाद आई है जिसमें यह कहा गया था कि RBI अपने रिजर्व से 1.15 बिलियन डॉलर का सोना बेच रहा है. उस रिपोर्ट में RBI के weekly statistical supplement data का हवाला देते हुए यह कहा गया था कि जुलाई की शुरूआत से उसने 5.1 बिलियन डॉलर का सोना खरीदा है और 1.15 बिलियन डॉलर का सोना बेचा है.
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RBI ने रिवेल्युएशन की फ्रिक्वेंसी में बदलाव बताया
अखबार ने RBI के डाटा का हवाला दिया था कि देश के फॉरेक्स रिजर्व में सोने का मूल्य 11 अक्टूबर को 26.7 बिलियन डॉलर है. रिपॉर्ट में कहा गया था कि फॉरेक्स रिजर्व में सोने का स्टॉक का रिवेल्युएशन महीने में एक बार किया जाता है. आखिरी हफ्तों में कोई भी बदलाव सोने की फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग खरीद या बिक्री की ओर संकेत करता है. हालांकि, सेंट्रल बैंक ने कहा था कि यह बदलाव रिवेल्यूएशन की फ्रिक्वेंसी में बदलाव की फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग वजह से है और यह सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों और एक्सचेंज रेट पर निर्भर है.
The fluctuation in value depicted in Weekly Statistical Supplement (WSS) is due to change in frequency of revaluation from monthly to weekly basis and is based on international prices of gold and exchange rates. (2/2)
— ReserveBankOfIndia (@RBI) October 27, 2019
रिपॉर्ट में RBI के नजदीकी सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया था कि यह हो सकता है कि सेंट्रल बैंक ने हाल में ही खरीदे सोने में कुछ बेचा हो. ऐसा भी हो सकता है कि सोने की ट्रेडिंग treasury operations का हिस्सा हो, जैसे करेंसी में ट्रेडिंग की जाती है.
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वितरित ऊर्जा संसाधनों का एकीकरण
टाटा पावर-डीडीएल उत्तर व उत्तर-पश्चिम दिल्ली के 70 लाख से अधिक निवासियों को निर्बाध बिजली आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम पक्षधारकों पर केंद्रित आईटी-ओटी व स्मार्ट ग्रिड गतिविधियां लागू करते हैं। पीक लोड का बेहतर प्रबंधन और विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को लेकर हम 'वितरित ऊर्जा संसाधनों का एकीकरण' करने के लिए टेक्नोलॉजी पार्टनर्स के साथ सहयोग कर रहे हैं। बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) इंस्टॉल करने से लेकर लाइव पीयर-टु-पीयर (पी2पी) सोलर एनर्जी ट्रेडिंग और शहरी माइक्रो ग्रिड लगाने तक हम कई टेक्नोलॉजी पहली बार अपना रहे हैं जिससे पीक लोड का बेहतर प्रबंधनए सिस्टम में लचीलापन और हमारे उपभोक्ताओं को विश्वसनीय बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
दक्षिण एशिया का पहला 10 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस)
टाटा पावर-डीडीएल ने एईएस और मित्सुबिशी के साथ मिलकर रोहिणी ग्रिड-24 में दक्षिण एशिया का पहला 10 मेगावाट बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (बीईएसएस) इंस्टॉल किया है जो डिस्कॉम व उपभोक्ताओं को डिमांड साइड मैनेजमेंट, फ्रीक्वेंसी नियमन और मुख्य उपभोक्ताओं को आपूर्ति विश्वसनीयता सुनिश्चित करने जैसे फायदे पहुंचा रहा है।
टाटा पावर-डीडीएल पर बीईएसएस के उपयोग
- डिमांड साइड मैनेजमेंट/पीक घटाना - पीक डिमांड की अवधि के दौरान बिजली की मांग कम करने के लिए एनर्जी स्टोरेज का उपयोग करना।
- बिजली की खरीद-फरोख्त – स्टोरेज सिस्टम को चार्ज करने के लिए ऑफ-पीक समय के दौरान कम कीमत पर बिजली खरीदना जिससे स्टोर की गई बिजली को कीमत बढ़ने पर बाद में बेचा जा सके। इसके कभी-कभी इलेक्ट्रिक एनर्जी टाइम शिफ्ट भी कहा जाता है।
- सहायक बाज़ारों के लिए फ्रीक्वेंसी नियमन – फ्रीक्वेंसी को टॉलरेंस बैंड्स में बनाए रखने के लिए नियंत्रण वाले क्षेत्रों के बीच इंटरचेंज प्रवाह का प्रबंधन करना।
- नवीकरणीय ऊर्जा पर पकड़ – लगाए गए अनुमान के करीब बिजली आपूर्ति करने के लिए एनर्जी स्टोरेज को पवन व सौर ऊर्जा के साथ उपयोग करना।
- ट्रांसमिशन/डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम स्थगन – नई उत्पादन/डिस्ट्रिब्यूशन संयंत्र बनाने की ज़रूरत को कम करना और/या स्थगित करना।
स्मार्ट ग्रिड लैब
टाटा पावर-डीडीएल ने भारत में एक अनूठी स्मार्ट ग्रिड लैब स्थापित की है जिसमें भविष्य को ध्यान में रखकर विकसित की गई एडवांस्ड डिस्ट्रिब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम, सेल्फ हीलिंग ग्रिड, ऑटोमेटेड डिमांड रिसपॉन्स ग्रिड ऑप्टिमाइज़ेशन, होम ऑटोमेशन, बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जैसी टेक्नोलॉजीज़ प्रदर्शित की गई हैं। हाल में इसे भारत सरकार ने इन-हाउस आरऐंडडी यूनिट के तौर पर सम्मानित किया है।
ब्लॉकचेन इनेबल्ड पीयर-टु-पीयर (पी2पी) एनर्जी ट्रेडिंग
आईएसजीएफ और पावर लेजर के साथ मिलकर टाटा पावर-डीडीएल निम्नलिखित उद्देश्य हासिल करने के लिए दिल्ली में एक अनूठे प्रकार का पायलट प्रोजेक्ट आयोजित कर रही है:
- अपने नेटवर्क में चयनित की गई टाटा पावर-डीडीएल की साइटों पर प्रोज्यूमर्स और उपभोक्ताओं के लिए पी2पी एनर्जी ट्रेडिंग की तकनीकी व्यवहार्यता और लागत की जांच करना।
- दिल्ली में ब्लॉकचेन इनेबल्ड पीयर-टु-पीयर (पी2पी) एनर्जी ट्रेडिंग के लिए एक उपयुक्त बिज़नेस मॉडल विकसित करना।
इस परियोजना में टाटा पावर-डीडीएल की अपनी इमारतों व प्रोज़्यूमर्स समेत 100 से अधिक जगह प्रतिभागिता कर रही हैं।
अर्बन या शहरी माइक्रो ग्रिड
टाटा पावर-डीडीएल दिल्ली के सिविल लाइंस में स्थित सैंट ज़ेवियर्स स्कूल में एक अर्बन या शहरी माइक्रो ग्रिड-"इंटीग्रेटेड लोकल एनर्जी सिस्टम्स (एनर्जी आइलैंड्सद्ध)" स्थापित कर रही है। यह एच2020: आईइलेक्ट्रिक्स-शक्ति प्रोजेक्ट का हिस्सा है जिसके लिए वित्तीय मदद यूरोपीय संघ के हॉराइज़न 2020 रिसर्च ऐंड इनोवेशन प्रोग्राम के तहत उपलब्ध कराई जा रही है। इसमें बैटरी एनर्जी स्टोरेज (274 किलोवाट आवर), स्मार्ट ग्रिड्स, रूफटॉप सोलर के ज़रिए नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादनए ग्रिड डिजिटलाइज़ेशन, लोकल एनर्जी कमोडिटीज़ और डिमांड साइड प्रतिक्रिया को प्रदर्शित किया गया है।
कम्युनिटी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम
टाटा पावर-डीडीएल ने रानी बागए दिल्ली में भारत के पहले ग्रिड कनेक्टेड-कम्युनिटी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (सीईएसएस) को बिजली देने के लिए नेक्सचार्ज के साथ हाथ मिलाया है। रानी बाग सबस्टेशन पर लगा 150 किलोवाट/528 किलोवाट आवर क्षमता का सीईएसएस डिस्ट्रिब्यूशन स्तर पर आपूर्ति की विश्वसनीयता को बेहतर कर डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफॉर्मर्स पर पड़ने वाले पीक लोड को कम करेगा।
IIT-K के छात्र को मिला रिकॉर्ड 4 करोड़ का प्लेसमेंट, ये है वह कंपनी
हाई-फ़्रीक्वेंसी और क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्मों ने गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) से शीर्ष प्रतिभाओं को ₹4 करोड़ के उच्च वेतन की पेशकश की, क्योंकि देश के प्रमुख इंजीनियरिंग स्कूलों में प्लेसमेंट सीज़न शुरू हो गया। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में पिछले साल की तुलना में अधिक मौन प्लेसमेंट सीजन होने की उम्मीद है |
हाई-फ़्रीक्वेंसी और क्वांटिटेटिव ट्रेडिंग फर्मों ने गुरुवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (IIT) से शीर्ष प्रतिभाओं को ₹4 करोड़ के उच्च वेतन की पेशकश की।भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) में पिछले साल की तुलना में अधिक मौन प्लेसमेंट सीजन होने की उम्मीद है। वैश्विक स्वामित्व वाली ट्रेडिंग फर्म जेन स्ट्रीट ने पहली बार फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग 4 करोड़ रुपये से अधिक की पेशकश के साथ एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है।
प्लेसमेंट प्रतिनिधियों ने ईटी को बताया कि जेन स्ट्रीट ने गुरुवार को फाइनल प्लेसमेंट सीजन के पहले दिन दिल्ली, बॉम्बे और कानपुर के आईआईटी के कम से कम तीन छात्रों को इंटरनेशनल पोस्टिंग के लिए यह प्री-प्लेसमेंट ऑफर (पीपीओ) हासिल किया। ये ऑफर ऐसे साल में आए हैं जब तकनीकी कंपनियों ने तकनीकी मंदी और वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बीच परिसरों सहित समग्र भर्ती को धीमा कर दिया है। पिछले साल की तुलना में इस प्लेसमेंट सीजन में तकनीकी कंपनियों से विशेष रूप से सॉफ्टवेयर भूमिकाओं के लिए कम ऑफर देने की उम्मीद है, जब छात्रों को सॉफ्टवेयर भूमिकाओं के प्रस्तावों की भरमार थी।
कानपुर, दिल्ली और बॉम्बे सहित आईआईटी में प्लेसमेंट प्रतिनिधियों ने ईटी को बताया कि जेन स्ट्रीट द्वारा पेश किए गए पीपीओ अब तक सबसे ज्यादा हैं।जेन स्ट्रीट ने गुरुवार को प्रेस समय तक ईटी के ईमेल प्रश्नों का जवाब नहीं दिया। सत्र 1.1 के अंत में IIT मद्रास के छात्रों द्वारा प्रति वर्ष ₹1 करोड़ से अधिक के वेतन पैकेज वाले कुल 25 प्रस्ताव प्राप्त हुए। आईआईटी मद्रास के एडवाइजर-प्लेसमेंट सथ्यन सुब्बैया ने ईटी को बताया कि ऑप्टिवर, दा विंची, कोहेसिटी और रूब्रिक से कुल 15 अंतरराष्ट्रीय ऑफर मिले थे।
इस साल आईआईटी में अंतरराष्ट्रीय पेशकश करने वाली अन्य कंपनियों में कनाडा के लिए वैश्विक निवेश प्रबंधन फर्म स्क्वायरपॉइंट फ़्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कैपिटल, जापान के लिए राकुटेन और नाइजीरिया के लिए तोलाराम ग्रुप शामिल हैं।कुल मिलाकर, हम सीजन के अंत तक प्लेसमेंट के अच्छे होने की उम्मीद करते हैं, जो कि मई 2023 है," IIT दिल्ली में करियर सेवाओं के प्रमुख, अनिष्या ओबराई मदान ने कहा। "हालांकि कुछ क्षेत्र वर्तमान में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, अन्य क्षेत्र जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
IIT गुवाहाटी को पहले दिन 139 ऑफर मिले हैं। संस्थान द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, पहले दिन उच्चतम अंतरराष्ट्रीय ऑफर 2.4 करोड़ रुपये है जबकि उच्चतम घरेलू ऑफर 1.1 करोड़ रुपये है।इस वर्ष IIT में भर्ती करने वालों में AppDynamics, Bajaj Auto, BCG, केयर्न ऑयल एंड गैस, दा विंची डेरिवेटिव्स, फ्लिपकार्ट, ग्रेविटॉन, इंटेल टेक्नोलॉजीज, JP Morgan, Maverick Derivatives, Microsoft, Texas Instruments, Qualcomm, Procter & Gamble, Morgan Stanley, शामिल हैं।
प्लेसमेंट सेल ने कहा कि लगभग 1 करोड़ रुपये और उससे अधिक के पैकेज की पेशकश करने वाली कंपनियों में क्वांटबॉक्स रिसर्च, वर्ल्डक्वांट, अल्फाग्रेप और ग्रेविटॉन शामिल हैं।
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