अरुण संकेतक क्या है

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पिछले पृष्ठ मे वापस जाएं | पृष्ठ अंतिम अद्यतन तिथि : 24-12-2021

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अरूण संकेतक छिपा हुआ रत्न जो आपको ओलंपिक व्यापार पर बड़ा लाभ देगा

Aroon Indicator एक ट्रेंड इंडिकेटर है जिसका इस्तेमाल ट्रेडर्स संभावित ट्रेंड और रिवर्सल की पहचान करने के लिए करते हैं। यह सूचक 1995 में तुषार चंदे द्वारा विकसित किया गया था। संकेतक 'अरुण' को इसका नाम संस्कृत शब्द से मिला है जिसका अर्थ है 'डॉन अर्ली लाइट' क्योंकि यह संकेतक आपको संभावित आगामी प्रवृत्ति खोजने में मदद करेगा।

यह इंडिकेटर दो लाइनों Aroon Up की संरचना से बना है जो एक अपट्रेंड की ताकत को मापता है जबकि Aroon डाउन जो एक डाउनट्रेंड की ताकत को मापता है। संकेतक और उनके प्रतिच्छेदन के चारों ओर इन दो पंक्तियों के रिबन खरीदने और बेचने के संकेत उत्पन्न करते हैं।

ओलम्पिक ट्रेड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर एरोन इंडिकेटर कैसे सेट करें

स्वाभाविक रूप से, आपको अपने में लॉग इन करना होगा ओलंपिक व्यापार खाता पहला। लॉग इन करने के बाद इंडिकेटर बटन पर क्लिक करें। और मेनू पर संकेतक नाम खोजें।

यदि आप संकेतक का रंग बदलना चाहते हैं तो पृष्ठ के शीर्ष पर संकेतक के नाम पर क्लिक करें।

Olymp Trade पर Aroon इंडिकेटर का उपयोग कैसे करें

जैसा कि मैंने ऊपर कहा, यह इंडिकेटर दो पंक्तियों Aroon Up और Aroon Down के संयोजन से बना है। जब ये दो रेखाएं एक दूसरे को काटती हैं तो यह एक खरीद और बिक्री संकेत उत्पन्न करती है।

जब हरी रेखा नीचे से लाल रेखा को काटती है और बाद में एक अपट्रेंड में लाल रेखा से ऊपर रहती है तो यह एक तेजी की प्रवृत्ति का संकेत है और यहां हम एक खरीद व्यापार कर सकते हैं।

इसी तरह, जब हरी रेखा ऊपर से लाल रेखा को काटती है और बाद में लाल रेखा हरे रंग की रेखा से ऊपर रहती है तो यह एक मंदी की प्रवृत्ति का संकेत है और हम यहां एक बिक्री व्यापार कर सकते हैं।

अरुण संकेतक पर एक प्रवृत्ति की पुष्टि कैसे करें

अधिकांश ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म में आपको लाइन 50 मिलेगी जिसका मुख्य काम प्रवृत्ति की पुष्टि करने में आपकी मदद करना है। जब हरी रेखा नीचे से लाल रेखा को काटती है तो यह एक तेजी की प्रवृत्ति का संकेत देती है लेकिन जैसे ही यह 50 की रेखा को पार करती है, यह खरीद व्यापार करने का सबसे अच्छा समय है। इसी तरह, जब हरी रेखा ऊपर से लाल रेखा को काटती है तो यह एक मंदी की प्रवृत्ति का संकेत देती है लेकिन जैसे ही हरी रेखा 50 रेखा को पार करती है, यह बिक्री व्यापार करने का सबसे अच्छा समय है।

हालाँकि, यदि आपको पंक्ति 50 दिखाई नहीं देती है। आप उपयोग कर सकते हैं समर्थन और प्रतिरोध स्तर जो और भी अधिक मजबूत खरीद और बिक्री के संकेत देता है। जब संकेतक समर्थन स्तर के पास एक तेजी का चौराहा उत्पन्न करता है तो यह एक अच्छी तेजी की प्रवृत्ति का संकेत देता है। इसी तरह, जब संकेतक प्रतिरोध स्तर के पास एक मंदी का चौराहा उत्पन्न करता है तो यह एक अरुण संकेतक क्या है अच्छी मंदी की प्रवृत्ति का संकेत देता है।

तो, इस तरह से आप Aroon इंडिकेटर के साथ ट्रेड करते हैं। मेरा सुझाव है कि आप इस ट्रेडिंग इंडिकेटर को पर आजमाएं अरुण संकेतक क्या है Olymp Trade डेमो खाते. आपको आभासी मुद्रा के साथ $10 वर्चुअल चिप्स का अभ्यास मिलेगा और एक बार जब आप पर्याप्त शिफ्ट का अभ्यास कर लेंगे ओलम्पिक व्यापार वास्तविक खाता और कुछ असली डॉलर बनाओ। तब तक मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं। अपने विचारों के नीचे टिप्पणी करें और इस लेख को अपने दोस्तों के साथ साझा करें। मैं

अरुण संकेतक क्या है

"लोकल"लोकल में है दम बहुत, लोकल के कम दामदे हाथों को काम यह, आता भी है काम।आता भी है काम, सम्हालता अर्थ-व्यवस्थाहै लोकल की आज, बड़ी दयनीय अवस्था।चलो विदेशी जिन्न, भरें फिर से बोतल मेंमानें मेरी बात.

"छत्तीसगढ़ी कविताओं में किसान और खेतिहर मजदूर की पीड़ा"

"छत्तीसगढ़ी कविताओं में किसान और खेतिहर मजदूर की पीड़ा"प्रशंसा "मुक्त-कण्ठ"से होती है तो पीड़ा को "हृदय"से महसूस किया जाता है। जिनके लिए न तालियाँ बजीं, न थालियाँ बजीं, न शंख फूँके गए, न दीप जलाए गए, न.

सुमित्रानंदन पंत जयंती पर दोहे

प्रकृति-सौंदर्य के कुशल चितेरे, छायावाद के प्रमुख स्तंभ कवि सुमित्रानंदन पंत की जयंती पर कुछ अरुण-दोहे :पतझर जैसा हो गया, जब ऋतुराज वसंत।अरुण! भला कैसे बने, अब कवि कोई पंत।।वृक्ष कटे छाया मरी, पसरा.

"मैं"का मोह

"मैं"का मोहजिस तरह किसी ब्याहता के हृदय में "मैका-मोह"समाया होता है, उसी तरह इस नश्वर संसार के हर क्षेत्र में "मैं-का"मोह चिरन्तन काल से व्याप्त है। जिसने इस मोह पर विजय प्राप्त कर ली, समझो कि उसने.

कोरोना - एक संकेत

सम्हलने, समझने, सीखने, सुधरने का संकेत समझा रहा है कि. समझ प्रकृति के तेवर -Now Or Neverकाम नहीं आएंगेधन, संपत्ति और जेवर- अरुण कुमार निगम#कोरोना-कहर

जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया को काव्यांजलि

🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 विगत पाँच दशकों से छत्तीसगढ़ी गीत और संगीत के शिखर पर विराजमान "जनकवि लक्ष्मण मस्तुरिया की 71 वीं जन्म-जयंती (07 जून 2020) के अवसर पर छत्तीसगढ़ के 32 नवोदित समर्थ कवियों ने अपने गीतों व.

"मोर संग चलव. " (भाग - 1)

# मधुर छत्तीसगढ़ी गीतों का स्वर्णिम इतिहास # "मोर संग चलव. " (भाग - 1) इन तीन शब्दों के साथ ही कवि-गीतकार-गायक लक्ष्मण मस्तुरिया की साँवली-सलोनी सूरत आँखों के सामने झूलने लगती है। मैं सोचने लगता.

"मोर संग चलव. " (भाग - 2)

# मधुर छत्तीसगढ़ी गीतों का स्वर्णिम इतिहास #"मोर संग चलव. " (भाग - 2)मोर संग चलव श्रृंखला भाग 1 के अंत में मैंने लिखा था -"मोर संग चलव"गीत ने वर्ष 1982 में छत्तीसगढ़ी गीत और संगीत को न केवल.

"वासंती फरवरी"

"वासंती फरवरी" कम-उम्र बदन से छरहरी लाई वसंत फिर फरवरी। शायर कवियों का दिल लेकर शब्दों का मलयानिल लेकर गाती है करमा ब्याह-गीत पंथी पंडवानी भरथरी लाई वसंत फिर फरवरी। गुल में गुलाब का दिवस लिए इक.

Article 0

गीत - "क्या जाने कितने दिन बाकी" क्या जाने कितने दिन बाकी छक कर आज पिला दे साकी।। आगे पीछे चले गए सब, मधुशाला में आने वाले धीरे-धीरे मौन हो गए, झूम-झूम के गाने वाले। अपनी बारी की चाहत में, बैठा हूँ.

"छत्तीसगढ़ की गजलें"

मेरी नज़र में……. संकलन - "छत्तीसगढ़ की गजलें" संपादक - श्री रामेश्वर वैष्णव प्रकाशक - समन्वय प्रकाशन, गाजियाबाद प्रकाशन वर्ष - 2019 साहित्य के दो अंग है, गद्य और पद्य। पद्य में छन्द और ग़ज़ल, ये दो ही.

ग़ज़ल : देखो तो !!

देखो तो . आकाओं ने दिया निमंत्रण, बिना विचारे; देखो तो ! पूँजीवादी परम्परा ने, पैर पसारे; देखो तो ! किंकर्तव्यविमूढ़ खड़ी हो, जनता गजट-बजट पलटे पूँजीपतियों की चाँदी है, साँझ-सकारे; देखो तो ! गैस.

गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएँ

रोला छन्द - गुरु गुरु की महिमा जान, शरण में गुरु अरुण संकेतक क्या है की जाओ। जीवन बड़ा अमोल, इसे मत व्यर्थ गँवाओ।। दूर करे अज्ञान, वही गुरुवर कहलाये। हरि से पहले नाम, हमेशा गुरु का आये।। अरुण कुमार निगम

"विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस"- एक चिन्तन दिवस

"विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस"- एक चिन्तन दिवस "सावन" देखो सावन की कंजूसी, गिन-गिन कर बूँदें बाँट रहा। कुछ नगर-गाँव को छोड़ रहा, चुन-चुन अंचल को छाँट रहा।। सौदामिनी रूठी बैठी.

किसी दरबार में जा के गजल हम कह नहीं पाये

ग़ज़ल सियासतदां की सोहबत में कभी हम रह नहीं पाये किसी दरबार में जा के गजल हम कह नहीं पाये। भले दिखने में हैं इक खंडहर दुनिया की नजरों में गमों के जलजले आये मगर हम ढह नहीं.

"साहित्य और संस्कृति के नगर", "दुर्ग"में "श्री गणेशोत्सव - वर्ष 1961"

"साहित्य और संस्कृति के नगर", "दुर्ग"में "श्री गणेशोत्सव - वर्ष 1961" आज से ठीक 60 वर्ष पूर्व दुर्ग नगर में नगर पालिका द्वारा संचालित "बैथर्स्ट प्राथमिक शाला"और "नरेरा कन्या शाला"के संयुक्त तत्वाधान.

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गजल : खेतों में बनी बस्ती शहरों में नजर आती है खूब धनी बस्ती गाँवों में मगर क्यों है अश्कों से सनी बस्ती। कई लोग पलायन कर घर छोड़ गये सूना मेरे गाँव में भी कल तक थी खूब घनी बस्ती। भू-माफिया बिल्डर के.

महँगाई

"महँगाई" पक्ष-विपक्ष के समीकरण में, महँगाई के दो चेहरे हैं एक समर्थन में मुस्काता और दूसरे पर पहरे हैं।। एक राष्ट्र-हित में बतलाता, वहीं दूसरा बहुत त्रस्त है एक प्रशंसा के पुल बाँधे, दूजे का तो बजट.

"गजल" झूठ के दौर में ईमान कहाँ दिखता है शह्र में भीड़ है इंसान कहाँ दिखता है फ्लैट उग आये हैं खेतों में कई अरुण संकेतक क्या है लाखों के लहलहाता हुआ अब धान कहाँ दिखता है लोग खामोश हैं सहके भी सितम राजा के राज दिल पे करे.

पढ़ना मत ऐसे अखबार

"पढ़ना मत ऐसे अखबार" राजाओं पर जान निसार उनको बतलाते अवतार जिनको पाल रही सरकार पढ़ना मत ऐसे अखबार। पाठक को कर दें बीमार द्वेष बढ़ाने को तैयार जुमले छापें, छोड़ विचार पढ़ना मत ऐसे अखबार। झूठी खबरों की.

छत्तीसगढ़ी मुक्तक

हमर भाखा ला खा डारिन…. लहू चुहकिन हमर तन के, हमर हाड़ा ला खा डारिन। हमर जंगल हमर खेती, हमर नदिया ला खा डारिन। हमीं मन मान के पहुना, उतारेन आरती जिनकर, उही मन मूड़ मा चघ के, हमर भाषा ला खा डारिन।। अरुण.

"अवसर मिला भुनाना सीखो"

बेमतलब चिल्लाना सीखो अवसर मिला भुनाना सीखो। महँगे-महँगे वस्त्र पहन कर इत्र लगा, इतराना सीखो। तिकड़मबाजी बहुत जरूरी किसको कहाँ फँसाना सीखो। इसकी टोपी उसके सिर पर हौले से पहनाना सीखो। मूल समस्याओं से.

गजल : मुफ्त में बँटने लगी खैरात है

*गजल 2122 2122 212* जनवरी में हो रही बरसात है रिन्द कहते हैं अहा! क्या बात है। श्रीनगर जम्मू सरीखा हर नगर दिन है कुल्लू-सा मनाली रात है। गिर रहे ओले टपाटप चार सू यह बुजुर्गों पर तो वज्राघात है। वायरस.

डॉ. विद्यावती मालविका

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर…… दुर्ग जिले की सुप्रसिद्ध महिला साहित्यकार - अरुण संकेतक क्या है डॉ. विद्यावती 'मालविका' दुर्ग जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन के चतुर्थ अधिवेशन, पाटन के अध्यक्ष श्री पतिराम साव "विशारद"के.

विधा पुरानी बात नयी. "विष्णुपद छन्द आधारित गीत" मनगढ़ंत आँकड़े दिखा कर, हरदम रास करें। रात-दिवस चैनल पर आकर, बस बकवास करें।। भोली जनता गोटी जैसी, चौसर देश हुआ। प्यादों के मरने पर उनको, तनिक न क्लेश.

National logistics index 2021 : लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में गुजरात टॉप पर कायम

National logistics index 2021

National logistics index 2021 : वाणिज्य मंत्रालय द्वारा 8 नवंबर 2021 को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में शीर्ष स्थान पर बरकरार है। यह सूचकांक निर्यात और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए जरूरी लॉजिस्टिक सेवाओं की कुशलता का संकेतक है। इस सूची में गुजरात अब भी शीर्ष पर कायम है।

आपको बता दें कि गुजरात 21 राज्यों की सूची में पहले स्थान पर है। उसके बाद क्रमश: हरियाणा, पंजाब, तमिलनाडु और महाराष्ट्र का स्थान है। वहीं, उत्तर प्रदेश अब 13वें स्थान से 6ठे स्थान पर आ गया है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल द्वारा 8 नवंबर 2021 को जारी लीड्स (लॉजिस्टिक्स ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट्स) 2021 रिपोर्ट, समस्या वाले क्षेत्रों की पहचान करने और उनसे निपटने के लिए नीतिगत प्रतिक्रिया तैयार करने में मदद करेगी।

सूचकांक का उद्देश्य

सूचकांक का उद्देश्य राज्यों में लॉजिस्टिक संबंधी प्रदर्शन में सुधार पर ध्यान केंद्रित करना है जो देश के व्यापार में सुधार और लेनदेन लागत को कम करने के लिए जरूरी है।

केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में

पूर्वोत्तर राज्यों और हिमालयी केंद्र शासित क्षेत्रों की सूची में, जम्मू-कश्मीर सूची में सबसे ऊपर है। वहीं केंद्र शासित क्षेत्रों में दिल्ली को शीर्ष स्थान मिला है।

पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट

पहली लॉजिस्टिक रिपोर्ट साल 2018 में जारी की गयी थी। पिछले साल कोविड-19 महामारी के कारण रैंकिंग जारी नहीं की गयी थी। गुजरात 2018 और 2019 दोनों ही साल रैंकिंग सूची में पहले स्थान पर था।

टॉप 10 राज्यों की सूची

इस बार टॉप 10 की सूची में गुजरात पहले स्थान पर, हरियाणा दूसरे, पंजाब तीसरे, तमिलनाडु चौथे, महाराष्ट्र पांचवे, उत्तर प्रदेश छठे, ओडिशा सातवें, कर्नाटक आठवें, आंध्र प्रदेश नौवें और तेलंगाना दसवें स्थान पर है।

यह सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित

वहीं पश्चिम बंगाल 15वें, राजस्थान 16वें, मध्य प्रदेश 17वें, गोवा 18वें, बिहार 19वें, हिमाचल प्रदेश 20वें और असम 21वें स्थान पर हैं। समग्र सूचकांक 21 संकेतकों पर आधारित है। सर्वेक्षण मई-अगस्त 2021 के दौरान आयोजित किया गया था। पूरी प्रक्रिया में देशभर के 1,405 लोगों से 3,771 प्रतिक्रियाएं मिलीं।

उद्योग मंत्री ने क्या कहा?

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में जो चीजें रखी गई हैं उनसे अगले पांच साल में लॉजिस्टिक लागत को पांच प्रतिशत तक कम करने का रास्ता साफ हो सकता है। अनुमान के अनुसार, इस समय लागत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का लगभग 13-14 प्रतिशत है।

Niti Aayog Health Index: सुधार वाले बड़े राज्यों में शीर्ष पर यूपी, केरल सबसे आगे

नीति आयोग द्वारा शुरू किए गए चौथे स्वास्थ्य सूचकांक

नीति आयोग ने राज्यों के स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया है। इसके अनुसार हेल्थ इंडेक्स में सुधार वाले बड़े राज्यों में यूपी शीर्ष पर है। हालांकि केरल ओवरआल रैंकिंग में देश के राज्यों में सबसे आगे है।

नयी दिल्ली, प्रेट्र। नीति आयोग ने राज्यों के स्वास्थ्य सूचकांक का चौथा संस्करण जारी किया है। इसके अनुसार, हेल्थ इंडेक्स में सुधार वाले बड़े राज्यों में यूपी शीर्ष पर है। सुधार करने के मामले में 'बड़े राज्यों' में उत्तर प्रदेश, असम और तेलंगाना शीर्ष तीन रैंकिंग वाले राज्य रहे। 'छोटे राज्यों' में मिजोरम और मेघालय ने अधिकतम वार्षिक वृद्धिशील प्रगति दर्ज की। केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली के बाद जम्मू और कश्मीर ने सबसे अच्छा वृद्धिशील प्रदर्शन दिखाया। चौथे स्वास्थ्य सूचकांक के अनुसार, बड़े राज्यों में, सभी मानकों पर स्वास्थ्य के क्षेत्र में केरल ने जहां शीर्ष स्थान हासिल किया है तो वहीं उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है लेकिन सुधार वाले बड़े राज्यों में यूपी टाप पर है। इस बारे में नीति आयोग के सीइओ अमिताभ कांत ने कहा क‍ि जो अरुण संकेतक क्या है बड़े राज्य हैं उनमें सबसे अच्छा काम उत्तर प्रदेश में हुआ है क्योकि उत्तर प्रदेश काफी नीचे था उसने उछाल मारा है। इम्प्रूव रैंकिंग(डेल्टा) उसमें उत्तर प्रदेश नंबर 1, असम नंबर 2 और तेलंगाना नंबर 3 पर है।

बीआरओ के

तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर

इस स्वास्थ्य सूचकांक में 2019-20 (संदर्भ वर्ष) की अवधि को ध्यान में रखा गया है। नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि केरल के बाद स्वास्थ्य के मानकों पर तमिलनाडु और तेलंगाना क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। हालांकि, बढ़ोतरी का प्रदर्शन करने में उत्तर प्रदेश ने सबसे ऊंचा स्थान हासिल किया है। रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश ने आधार वर्ष (2018-19) से संदर्भ वर्ष (2019-20) तक सर्वाधिक वृद्धि का बदलाव दर्ज किया है।

भारत गौरव पहल के तहत श्री जगन्नाथ यात्रा पर्यटक ट्रेन 25 जनवरी से शुरू होगी।

छोटे राज्‍यों में मिजोरम का बेहतर प्रदर्शन

छोटे राज्यों में मिजोरम समग्र प्रदर्शन के साथ-साथ बढ़ती प्रदर्शन में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता के रूप में उभरा है, जबकि केंद्र शासित प्रदेशों में, दिल्ली और जम्मू और कश्मीर समग्र प्रदर्शन के मामले में निचले केंद्र शासित प्रदेशों में से एक थे, लेकिन बढ़ोतरी का प्रदर्शन के मामले में अग्रणी प्रदर्शनकर्ता अरुण संकेतक क्या है के रूप में उभरे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि केरल लगातार चौथे दौर में समग्र प्रदर्शन के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्‍य बनकर उभरा है।

एक महीने सात दिन में सुप्रीम कोर्ट ने निपटाए 6844 केस

समग्र प्रदर्शन और बढ़ते प्रदर्शन में तेलंगाना की अच्‍छी स्थिति

रिपोर्ट के अनुसार, उच्चतम संदर्भ वर्ष (2019-20) सूचकांक स्कोर के साथ समग्र प्रदर्शन के मामले में केरल और तमिलनाडु दो शीर्ष प्रदर्शनकर्ता थे, लेकिन बढ़ते प्रदर्शन के मामले में क्रमशः बारहवें और आठवें स्थान पर रहे। तेलंगाना ने समग्र प्रदर्शन के साथ-साथ बढ़ते प्रदर्शन दोनों के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया और दोनों अरुण संकेतक क्या है उदाहरणों में तीसरा स्थान हासिल किया। र‍िपोर्ट में बताया गया कि समग्र प्रदर्शन और बढ़ते प्रदर्शन दोनों के मामले में राजस्थान सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाला रहा।

कर्नाटक में टीचर ने छात्र की पीट-पीटकर की हत्या

रिपोर्ट में कहा गया है कि छोटे राज्यों के मामले में मिजोरम और त्रिपुरा ने मजबूत समग्र प्रदर्शन दर्ज किया और साथ ही बढ़ते प्रदर्शन में सुधार दिखाया। रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सूचकांक अरुण संकेतक क्या है एक समग्र स्कोर है जिसमें स्वास्थ्य प्रदर्शन के प्रमुख पहलुओं को शामिल करते हुए 24 संकेतक शामिल किया जाता है। इसमें कहा गया है कि स्वास्थ्य सूचकांक में तीन क्षेत्रों में चुनिंदा संकेतक शामिल हैं - स्वास्थ्य र‍िजल्‍ट, शासन और सूचना और प्रमुख इनपुट और प्रक्रियाएं।

प्रधानमंत्री के त्रिपुरा दौरे ने बढ़ाई पूर्वोत्तर की राजनीतिक सरगर्मी

प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद का उदाहरण है र‍िपोर्ट

रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डा राजीव कुमार, सीईओ अमिताभ कांत, अतिरिक्त सचिव डा राकेश सरवाल और विश्व बैंक की वरिष्ठ स्वास्थ्य विशेषज्ञ शीना छाबड़ा ने संयुक्त रूप से जारी किया। रिपोर्ट को विश्व बैंक की तकनीकी सहायता और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के निकट परामर्श से नीति आयोग ने विकसित किया है। रिपोर्ट जारी करते हुए नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा क‍ि राज्यों ने राज्य स्वास्थ्य सूचकांक जैसे सूचकांकों का संज्ञान लेना शुरू कर दिया है। उनका नीति निर्धारण और संसाधन आवंटन में उपयोग किया है। कुमार ने कहा कि यह रिपोर्ट प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद दोनों का एक उदाहरण है।

चीन में से होने वाले आयात में 9.73 फीसद की गिरावट दर्ज की गई।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सूचकांक को प्रोत्साहन से जोड़ने के स्वास्थ्य मंत्रालय के फैसले अरुण संकेतक क्या है से इस वार्षिक उपकरण के महत्व पर फिर से जोर दिया गया। इसने बजट के खर्च और इनपुट से आउटपुट और र‍िजल्‍ट पर ध्यान केंद्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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