इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को जिस दिन खरीदते हैं, उसी दिन शेयर को बेचना भी होता हैं. मान लीजिए शेयर बाजार खुलने पर अपने कोई शेयर खरीदा कुछ समय बाद देखा कि आपको इंट्राडे ट्रेडिंग 8 बेस्ट नियम शेयर में मुनाफा मिल रहा है. लेकिन आपने शेयर को बेचा नहीं ऐसे में शेयर बाजार बंद होते ही अपने आप शेयर चाहे मुनाफे की ओर या फिर घाटे में चल रहा हो. शेयर ऑटोमैटिक बिक जायेगा। जिसे ट्रेडिंग के भाषा में auto squareoff कहते हैं।

आज से 100% मार्जिन रूल लागू, जानिए क्या है पीक मार्जिन और ट्रेडर्स पर क्या होगा इसका असर

1 सितंबर यानी आज से सेबी ने पीक मार्जिन के नियमों को बदल दिया है। आज से ट्रेडिंग के लिए 100% मार्जिन अपफ्रंट रखने की जरूरत होगी। पहले यह सिर्फ 75% था। यानी शेयर खरीदने या बेचने के लिए 75% अपफ्रंट मार्जिन की जरूरत थी। आज से इंट्राडे पोजीशन में भी 100% मार्जिन की जरूरत होगी।

जानिए इस नियम का ट्रेडर्स पर क्या असर होगा?

फ्यूचर एंड ऑप्शन (F&O) में ट्रेडिंग करने वालों को अब मार्जिन के तौर पर ज्यादा फंड रखना होगा। अब पीक मार्जिन के तौर पर 100% मार्जिन अपफ्रंट रखना होगा। एक ही दिन में शेयर खरीदकर बेचने वाले यानी इंट्राडे करने वालों को भी 100% मार्जिन की जरूरत होगी। पहले 75% मार्जिन अपफ्रंट की जरूरत होती थी।

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आसान शब्दों में कहें तो अगर कोई ट्रेडर 10 लाख रुपए का निफ्टी कॉन्ट्रैक्ट खरीदना चाहता है तो अब उसे बतौर 20% मार्जिन 2 लाख रुपए रखना होगा। लेकिन पहले सिर्फ 1.50 लाख रुपए मार्जिन रखने की जरूरत होती थी।

क्या है पीक मार्जिन?

पिछले साल तक कारोबारी सत्र के अंत में मार्जिन वसूला जाता था। उदाहरण के तौर पर अगर आपने कल 1 करोड़ रुपए F&O में निवेश किया तो आज के मार्केट सत्र में भी अतिरिक्त 1 करोड़ रुपए का निवेश कर सकते थे। पुराने सिस्टम में 1 करोड़ रुपए के अतिरिक्त निवेश पर अलग से कोई मार्जिन नहीं चुकाना पड़ता था। यानी कल के मार्केट सत्र से लेकर आज के मार्केट सत्र के बीच सिर्फ 1 करोड़ रुपए के मार्जिन पर आप 2 करोड़ रुपए F&O में निवेश कर सकते थे। लेकिन नए नियम के मुताबिक, आपको अतिरिक्त 1 करोड़ रुपए पर भी मार्जिन देना होगा।

इंट्राडे ट्रेडिंग का क्या मतलब है (Intraday Trading Meaning in Hindi)

इंट्राडे ट्रेडिंग में एक ही दिन के अंदर स्टॉक को खरीदना और बेचना होता है. यहां पर कोई भी स्टॉक को खरीदने के लिए स्टॉक के इंडेक्स को देखना होता है. क्योंकि एक अच्छा मुनाफा कमाने के लिए स्टॉक का उतार–चढ़ाव किस प्रकार से चल रहा है. उस स्टॉक पर नजर बनाए रखना होता है।

अगर आप intraday trading करना चाहते हैं. यह फिर शेयर मार्केट से कोई भी शेयर खरीदना चाहते हैं, तो सबसे पहले आप के पास एक ट्रेडिंग अकाउंट और डिमैट अकाउंट होना चाहिए. अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि अकाउंट कैस open कराए.

डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलवाए (How to open Demat and Trading Account)

मार्केट में कई ऐसे ब्रोकर है जहां पर आप घर बैठे ऑनलाइन के माध्यम से अपना डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट open करा सकते हैं। उदहारण के लिए आपको कुछ ब्रोकर के नाम बता दें AngelOne, Zerodha, Groww, Dhan जैसे कई अन्न ब्रोकर भी हैं. इन सभी ब्रोकर के Android और iOS App भी स्टोर पर मौजूद हैं. अकाउंट open कराने के बाद आप शेयर मार्केट में शेयर को खरीद या बेच सकते हैं.

जब आप एक दिन के अंदर ही शेयर को खरीद कर बेच देते हैं, तो उसे Intraday Trading कहते हैं. इंट्राडे ट्रेडिंग के कुछ फायदे और नुकसान भी हैं, तो चलिए जान लेते हैं. क्योंकि इन सभी बातों को जानने के बाद हमें इंट्राडे ट्रेडिंग अच्छे से समझ आ जायेगा.

इंट्राडे ट्रेडिंग में Margin मिलता है मार्जिन का मतलब है कि जो शेयर 500 rupee का है वो हमें 50 rupee में मिलता है.

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान Advantage and disadvantage of Intraday Trading

इंट्राडे ट्रेडिंग के फायदे (Advantage of Intraday Trading) :

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आप एक दिन के अंदर पैसे कमा सकते हैं.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए अधिक पैसे की आवश्यकता नहीं होती.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए टेक्निकल एनालिसिस या फंडामेंटल एनालिसिस की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए कोई डिग्री की आवश्यकता नहीं है.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में आपका प्रॉफिट हो या लॉस तुरंत पता चल जाता है. इसके लिए आपको ज्यादा इंतजार करने की जरूरत नहीं होती.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग आप अपने जॉब या फिर बिजनेस के साथ पार्ट टाइम में कर सकते हैं.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग कर के एक अच्छा इनकम बना सकते हैं.

इंट्राडे ट्रेडिंग के नुकसान (Disadvantage of Intraday Trading) :

  • इंट्राडे ट्रेडिंग में इंट्राडे ट्रेडिंग 8 बेस्ट नियम यदि स्टॉप लॉस का प्रयोग नहीं करते तो भारी नुकसान हो सकता है.
  • इंट्राडे में यदि जुआ और सट्टा समझ कर पैसे लगाते हैं, तो आपके पैसे डूब जाएंगे.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में पैसे कमाने के लिए धैर्य बनाए रखना बहुत ही अनिवार्य है. क्योंकि जल्दबाजी में शेयर को खरीदना और बेचना हमेशा नुकसान ही होता है.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में जरा सी चूक पर आपका कैपिटल डूब भी सकता है.
  • इंट्राडे ट्रेडिंग में अधिकांश ट्रेडर ज्यादा कमाने के चक्कर में मुनाफा होते हुए भी अपना नुकसान कर लेते हैं.
  • इंट्राडे में बहुत ही कम समय में आपको फैसले लेने पड़ते हैं. क्योंकि छोटी सी चूक पर आपको आर्थिक नुकसान भी हो सकता है.

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग

शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता है। इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।

शेयर मार्केट के नियम । शेयर मार्केट का गणित

share market ka ganit/niyam

शेयर मार्केट का गणित शब्द का कोई ऐसा अर्थ न निकल लीजियेगा की चलो हमको अब वह चीज़ मिलने वाली है जिसका use करके हम शेयर मार्केट के साथ ही गणित कर देंगे तो आपको मै बता दूँ की यह एक दिन में सपना देखने वाली बात इंट्राडे ट्रेडिंग 8 बेस्ट नियम होगी। यहां पर गणित का अर्थ है नियम,तरीका ,समझ और भी बहुत कुछ इस गणित में शामिल है। आइये समझते है की एक अच्छे शेयर trader and investor में क्या quality होनी चाहिए।

-: शेयर मार्केट के 7 महत्वपूर्ण नियम :-

(1) आपको शेयर मार्केट में investor की तरह long -term invest करना चाहिए न कि trader की तरह short – term मुनाफा के बारे में सोचना चाहिए क्योकि ट्रेडर को तुरंत फायदा चाहिए होता है जो की अधिकतम केस में नहीं होता है और ट्रेडर को माल नुकसान के ही काटना पड़ता है जिससे उसको नुकसान उठाना पड़ता है। अगर सोच लॉन्ग टर्म का होता तो आप वह सौदा hold कर लेते और जब आपको उसमे profit मिलता तो उसे sell करके मुनाफा कमा लेते। यही शेयर मार्केट का नियम /गणित है।

(2) जिस भी कंपनी के शेयर में आप पैसा लगा रहे हैं उसके बारे में कुछ जानकारी इकठ्ठा कर लीजिये मेरी समझ में आपको blue chip कंपनी के शेयर में ही निवेश करना चाहिए।

  • किसी भी शेयर का fundamental जानना बहुत ही जरुरी होता है।
  • शेयर quarter to quarter result क्या रिजल्ट दे रहा है
  • YEAR TO YEAR क्या GROUTH है
  • कंपनी के शेयर गिरवी तो नहीं रक्खे पड़े हैं
  • कंपनी का मार्केट कैप क्या है
  • कम्पनी का BOOK VALUE क्या है
  • कंपनी का PB /PE RATIO क्या है
  • उस SECTOR का PB /PE RATIO क्या है
  • कंपनी का 52 WEEK HIGH और 52 WEEK LOW कितना है
  • कंपनी का मार्केट में डिमांड कितना है

क्या आप भी शेयर बाजार में निवेश करते हैं. अगर हां तो उन शुरुआती गलतियों से बचिए जो अक्सर नए निवेशक करते हैं. कुछ ऐसी गल . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : May 01, 2022, 08:50 IST

Investment Tips: रूस-यूक्रेन संकट, महंगाई और यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के डर से च दुनिया भर के शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव चल रहा है. भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूते नहीं है. इन सबके बीच निवेशक सोच रहे हैं कि कहां और कैसे निवेश करें. किन गलतियों से बचें और क्या करें ? खासतौर से कोरोना के बाद कोरोड़ों की संख्या में नए डिमैट अकाउंट खुले हैं. इन नए निवेशकों को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

शेयर बाजार में आए नए या युवा निवेशक अक्सर कुछ सामान्य गलतियां करते हैं. इस वजह से उन्हें काफी नुकसान उठाना पड़ता है. किसी इंट्राडे ट्रेडिंग 8 बेस्ट नियम निवेशक को कुछ बुनियादी बातों को जरूर सीखना चाहिए और सामान्य सी गलतियां करने से बचना चाहिए.

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