असेंबली लैंग्वेज क्या है हिंदी में (मशीनी भाषा और असेंबली भाषा में अंतर)

Assembly बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है Language Kya Hai In Hindi: पिछले लेख में हमने आपको Machine Language के बारे में जानकारी दी थी, और आज के इस लेख में हम आपको Assembly Language के बारे में बताने वाले हैं.

इस लेख में आपको जानने को मिलेगा कि Assembly Language क्या है बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है इन हिंदी, असेम्बलर क्या होता है, असेंबली भाषा की विशेषताएं क्या हैं, असेंबली भाषा के फायदे नुकसान क्या हैं तथा Assembly Language और Machine Language में अंतर क्या है.

अगर आप Assembly Language के बारे में उपरोक्त सभी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको यह लेख पूरा अंत तक पढना होगा, तो चलिए शुरू करते हैं आज का यह लेख असेंबली भाषा क्या है हिंदी में.

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?

सुबह 9:15 बजे से लेकर शाम को 3:30 बजे तक जो शेयर आपने इंट्राडे कहकर लिया है उसे 3:10 तक बेचना ही पड़ता है उस ट्रेड में आपको चाहे नुकसान हो, चाहे फायदा दोनों में से एक चीज ” बुक ” करनी ही पड़ेगी फायदा होता है तो आपकी पूंजी बढ़ जाएगी
और शेयर का रेट घट गया और आपको घटे रेट पर शेयर को बेचना ही पड़ेगा तो आपकी पूंजी घट जाएगी इसको (इंट्रा डे) बाजार कहते है इस बाजार में
इंट्राडे का व्यापार करने के लिए आपके पास कम से कम
₹50,000,00/= (पचास लाख) तो होना ही चाहिए
नहीं तो शॉर्ट टर्म या long टर्म निवेश कर
शेयर की डिलीवरी लेकर व्यपार करे!

अगर आप एक या ₹2,000,00/=लाख से इंट्राडे का व्यापार करेंगे तो आपकी पूंजी आहिस्ता आहिस्ता घटती जाएगी और एक दिन आप शेयर बाजार से बिल्कुल कंगाल हो जाएंगे।

इंट्राडे ट्रेडिंग क्या है ?

इक्विटी बाजार में ट्रेडिंग 2 सेगमेंट होते है

1) कैश ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप मॉर्निज के बिना आपके खुदके पैसों ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप शेयर की दिलीविरी लेकर खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत कम रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम भी बहोत कम होता है। शेयर बाजार में पेशे आदर ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग नहीं करते है । इसमें लेवल लघु समय ( < 1 वर्ष ) के निवेशक ट्रेडिंग करते है।

2) डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग

इस प्रकार के ट्रेडिंग में आप ब्रोकर मॉर्निज पैसों के साथ आपके ट्रेडिंग कर सकते है। इसमें आप स्टॉक ( ITC , HDFC , Reliance ) , करेंसी ( USD/INR ) , इंडेक्स ( NIFTY 50 / SENSEX ) और कमोडिटी ( Cruid Oil , Gold , Silver ) की दिलीविरी लिए बिना खरीद और बिक्री कर ट्रेडिंग करते है। इसमें आपको बहोत ज्यादा रिटर्न्स मिलता है। मगर इसमें आर्थिक जोखिम बहोत ज्यादा होता है। शेयर बाजार में पेशेदार ट्रेडर इस तरह के ट्रेडिंग करते है ।

डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग 2 तरह के होते है

a) फ्यूचर ट्रेडिंग

शेयर मार्किट में फ्यूचर ट्रेडिंग या फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेडिंग का मतलब होता हे की आप किसी भी स्टॉक / इंडेक्स को उसकी एक्सपाइरी डेट से पहले खरीद या बेच सकते हे, कोई भी फिक्स प्राइस पर।

b) ऑप्शन ट्रेडिंग

शेयर बाजार मेंहर दिन शेयर और इंडेक्स की मूल्य ऊपर नीचे होते रहता है । इस में अगर आप किसी शेयर को भबिष्य के किसी निधारित मूल्य (strick price) में बेचना और ख़रीदना हो तो आपको किसी के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट करना होता है । इस को आसान भासा में स्टॉक हेजिंग कहे ते है इस के निबेश की रिस्क कम होजा ता है । सभी कॉन्ट्रैक्ट का एक निधारित समय सीमा होता है । इसी कॉन्ट्रैक्ट (Option) को बेचना और खरीदना को option trading कहते है ।

इंट्राडे और डिलीवरी ट्रेडिंग में क्या अंतर है?

शेयर बाजार में 1 दिन केलिए ट्रेडिंग करते है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग कहते है। इसमें आपको शेयर को एक ही दिन में 9:15 AM से 3:30 PM तक खरीद बिक्री करना होता है। बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है इसमें केबल ट्रेडिंग कर सकते है । मगर आपको लंबी अबधि केलिए निवेश केलिए शेयर की डिजिटल फॉरमेट के जरिए डिलीवरी लेनी होती है। इसमें आपको शेयर को डिजिटल फॉरमेट में खरीद के T +2 दिनों में आपके CDSL / NSDL एकाउंट में शेयर जमा होता है । इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको बहोत ज्यादा ब्रोकेज़ ( प्रति आर्डर ₹20/- ) का शुल्क देना होता है। मगर शेयर की डिलीवरी में ब्रोकेज़ बहोत कम लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग में आपको > 30% ज्यादा इनकम टैक्स भरना होता है। मगर डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश में आपको ( 10 % से 15 % ) तक की इनकम टैक्स लगता है। इंट्राडे ट्रेडिंग शेयर बाजार के अनुभवी लोगों करना चाहिए । अगर आप शेयर में नए हो तो आपको डिलीवरी ट्रेडिंग / निवेश करना चाहिए।

ट्रेडिंग करने केलिए सबसे अच्छी ट्रेडिंग कंपनी कौन सी है?

बाजार में बहोत सारे ऐप है जो कि ऑप्शन ट्रेडिंग देते है मगर सबमें अलग ब्रोकेज चार्ज और मार्जिन के नियम अलग अलग है । इस लिए आपको बहोत सावधानी से अपना ब्रोकर चुने । में आपको कुछ ब्रोकर की सलाह देसकता है ।

1. जेरोधा सेकुरिट्स
2. ऐंजल ब्रोकिंग
3. मोतीलाल ओसबल सेकुरिट्स
4. IIFL सेकुरिट्स
5. उप स्टॉक

बिटकॉइन, इथेरियम, रिपल समेत कई क्रिप्टोकरेंसी में आई 10 फीसदी से ज्यादा बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है की गिरावट

बिटकॉइन, इथेरियम, रिपल समेत कई क्रिप्टोकरेंसी में आई 10 फीसदी से ज्यादा की गिरावट

दो दिनों से क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखने को मिली है, जिसकी वजह से मार्केट को करीब 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। सबसे पुराना और सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो टोकन बिटकॉइन है, जिसकी वैल्यू पिछले 24 घंटे में 10.87 फीसदी कम हुई है। इसके बाद यह 14,81,166 रुपये पर कारोबार कर रहा है। पिछले 24 घंटों में इथेरियम का प्राइस 1,19,980 रुपये से 1,06,210 रुपये पर आ गया है। इस बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है कॉइन में 14.33 फीसदी की कमी देखी गई है।

अन्य लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी की कीमत क्या है?

बिटकॉइन, इथेरियम के अलावा मार्केट में कुछ और लोकप्रिय कॉइन है, जिनमें गिरावट देखने को मिली है। आज रिपल XRP 31.65 रुपये पर कारोबार कर रहा है, जो कल की तुलना से 10.98 फीसदी कम है। वहीं, BNB कॉइन 1.34 फीसदी नीचे गिरकर 25,970 रुपये पर कारोबार कर रहा है। कार्डानो और डॉजकॉइन की कीमत क्रमशः 29.48 रुपये (8.10 फीसदी नीचे) और 6.90 रुपये (19.01 फीसदी नीचे) बनी हुई है।

पिछले सप्ताह से सोलाना की कीमत में 35.69 फीसदी की गिरावट

सोलाना 1,773.93 रुपये (20.13 फीसदी नीचे), शीबा इनु कॉइन 0.000816 रुपये (8.44 फीसदी नीचे), पोल्का डॉट 502.8 रुपये (6.65 फीसदी नीचे) और पॉलीगॉन वर्तमान में 79.6 रुपये (13.43 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं। साप्ताहिक चार्ट के आधार पर सोलाना 35.69 फीसदी नीचे और पोल्का डॉट 6.01 फीसदी नीचे है। शीबा इनु पिछले सात दिनों में अपने मूल्य से 22.11 फीसदी नीचे और पॉलीगॉन 7.73 फीसदी ऊपर है।

टॉप गेनर टोकन लिस्ट

टॉप गेनर टोकन लिस्ट में ट्रस्ट वॉलेट टोकन, कास्पर, पैक्स गोल्ड और बाइनरी एक्स है। ये क्रमशः 97.43 रुपये (7.45 फीसदी ऊपर), 3.16 रुपये (4.72 फीसदी ऊपर), 1,38,529.53 रुपये (2.45 फीसदी ऊपर) और 11,779.46 रुपये (2.02 फीसदी ऊपर) पर कारोबार कर रहे हैं।

आज के स्थिर टोकन का प्रदर्शन

स्थिर कॉइन बिना अस्थिरता वाली क्रिप्टोकरेंसी हैं। यह इथेरियम के ही रूप की तरह हैं, लेकिन पारंपरिक मुद्रा की तरह उनका मूल्य स्थिर रहता है। इन टोकन का इस्तेमाल इथेरियम के लिए भी कर सकते हैं। लोकप्रिय टोकन में टेथर USD, USD कॉइन और बिनेंस USD क्रमशः 81.31 रुपये (1.39 फीसदी नीचे), 81.53 रुपये (0.52 फीसदी नीचे) और 81.51 रुपये (0.57 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

आज के लूजर टोकन

टॉप लूजर की लिस्ट में FTX बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है टोकन, ऐप्टॉस, सोलाना और टेरा क्लासिक शामिल हैं। ये क्रमशः 340.89 रुपये (73.85 फीसदी नीचे), 389.62 रुपये (22.73 फीसदी नीचे), 1,722.14 रुपये (20.82 फीसदी नीचे) और 0.0147 रुपये (17.95 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

स्पॉट एक्सचेंज में टॉप-3 क्रिप्टोकरेंसी

ट्रैफिक, लिक्विडिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम और ट्रेडिंग वॉल्यूम की वैधता में विश्वास के हिसाब से टॉप-3 क्रिप्टोकरेंसी स्पॉट एक्सचेंज में बायनेन्स, कॉइनबेस एक्सचेंज और FTX शामिल हैं। बायनेन्स और कॉइनबेस एक्सचेंज में 24 घंटे के अंदर क्रमशः 3.7 लाख करोड़ रुपये (111.97 फीसदी ऊपर) और लगभग 42,860 करोड़ रुपये (106.13 फीसदी ऊपर) वॉल्यूम पर देखा गया है। FTX में लगभग 35,993 करोड़ रुपये (94.65 फीसदी ऊपर) वॉल्यूम पर देखा गया है।

ये हैं आज के प्रमुख DeFi टोकन

DeFi उन शुल्कों को समाप्त करता है, जो बैंक और अन्य वित्तीय बाइनरी और डिजिटल ट्रेडिंग में क्या अंतर है कंपनियां अपनी सेवाओं का उपयोग करने के लिए चार्ज करती हैं। इसमें लेन-देन के लिए डिजिटल वॉलेट का इस्तेमाल होता है। Dai, एवंलॉन्च, यूनिस्वैप, रैप्ड बिटकॉइन और चेनलिंक कुछ लोकप्रिय DeFi टोकन हैं। वे वर्तमान में क्रमशः 81.49 रुपये (0.03 फीसदी ऊपर), 1,259.31 रुपये (6.19 फीसदी नीचे), 495.19 रुपये (4.72 फीसदी नीचे), 14,92,198.28 रुपये (6.36 फीसदी नीचे) और 586.35 रुपये (12.06 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

आज के टॉप-5 NFT टोकन

NFT (नॉन फंजिबल टोकन) में फंजिबिलिटी एक अर्थशास्त्र शब्द है जो कुछ सामानों की अदला-बदली को दर्शाता है। यह भी ब्लॉकचेन की तरह तकनीक पर काम करते हैं। फ्लो, चिलीज, ऐपकॉइन, तेजोस और द सैंडबॉक्स जैसे कुछ प्रमुख NFT टोकन हैं। ये वर्तमान में क्रमशः 115.58 रुपये (10.01 फीसदी नीचे), 16.35 रुपये (16.01 फीसदी नीचे), 314.24 रुपये (9.66 फीसदी नीचे), 93.88 रुपये (9.56 फीसदी नीचे) और 56.29 रुपये (10.57 फीसदी नीचे) पर कारोबार कर रहे हैं।

वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी की मार्केट कैपिटलाइजेशन

मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो की मार्केट कैपिटलाइजेशन 59.5 लाख करोड़ रुपये है, जबकि पिछले 24 घंटों में कुल क्रिप्टो वॉल्यूम 1.3 लाख करोड़ रुपये है।

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