जॉयजीत पाल स्कूल आफ इन्फर्मेशन में एसोसिएट प्रोफेसर है अौर मोदी के सोशल मीडिया जैसे की ट्विटर के उपयोग का अध्ययन करते हैं। उनका अनुसंधान समूह 10,000 से अधिक भारतीय राजनेताओं के सोशल मीडिया का सबसे बड़े डेटाबेस चलाता है।
पुनीत मनचंदा — रॉस स्कूल ऑफ बिजनेस में विपणन के प्रोफेसर हैं। उनकी विशेषज्ञता उभरते क्षेत्रों के बाजार, भारत में व्यापार, और रणनीति और विपणन के मुद्दें हैं।
“दिलचस्प सवाल यह है कि पहले के वर्षों के मजबूत प्रदर्शन के तुलना में पिछले साल बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव की अर्थव्यवस्था में बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव सुस्ती का चुनावों पर प्रभाव होगा या नही,” उन्होंने कहा।”
“आगे देखते हुए, चुनाव के परिणाम का निवेश पर, विशेष रूप से विदेशी निवेश पर, सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। घरेलू उपभोक्ता बाजारों पर प्रभाव कम होने की संभावना है। जनादेश जितना अधिक निर्णायक होगा, व्यापार के लिये उतना ही बेहतर होगा।”
लीला फर्नांडीस, राजनीति विज्ञान और वुमन स्टडीज़ की प्रोफेसर है, वो राजनीति और संस्कृति के बीच के संबंधों, भारत में श्रमिक राजनीति, लोकतंत्रीकरण और आर्थिक सुधार की राजनीति पर शोध करती है।
कोरोना संकट से घरेलू व्यापार में रोजाना 6000 करोड़ की कमी
देश बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव में कोरोना वायरस महामारी तेजी से फैलने के साथ कई राज्यों में लॉकडाउन होने से घरेलू व्यापार में बड़ी गिरावट आई है। कोरोना के डर से बाजार सूने हो गए हैं जिससे घरेलू व्यापार को रोजाना 6000 करोड़ रुपये का झटका लग रहा है।
व्यापारियों के शीर्ष संगठन कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने हिन्दुस्तान को बताया कि आर्थिक सुस्ती के बीच कोराना संकट ने घरेलू कारोबार की कमर तोड़ दी है। कोरोना महामारी को रोकने के लिए अब तक करीब 80 जिलों को लॉक डाउन किया गया है।
इससे बाजार में मांग बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव तेजी से घटी है। जनवरी तक देशभर में रोजाना 15 हजार करोड़ बाजार में व्यापार पर संकट का प्रभाव रुपये का घरेलू व्यापार होता था जो घटकर करीब 9000 करोड़ रुपये का रह गया है। आने वाले दिनों में और तेज गिरावट आने की आशंका है।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 184