समाचार चैनल के कार्यक्रम के बाद भाजपा सांसद रवि किशन ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करने के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक लोकसभा में पेश किया.

Egg Price Today in UP

वे कारक जो रिपल की कीमत को प्रभावित करते हैं

शनि ग्रह एक ऐसा ग्रह है जो सातो ग्रहों में सबसे क्रूर भी है और पापी भी.शनि से दुनिया के ४१.७ प्रतिशत लोग सदैव प्रभावित रहते हैं.१२ में से ३ राशियों पर तो शनि की हमेशा ही साढ़े साती रहती और दो राशियों पर इसकी ढईया रहती है.इस प्रकार ५ राशियाँ सदैव ही शनि से प्रभावित रहती हैं.इसके अतिरिक्त शनि की महादशा और अन्तर्दशा अलग से आती है जीवन में.राहू केतु से लोग डरते हैं लेकिन राहू केतु का कोई भौतिक अस्तित्व ही नहीं है और यह जहाँ बैठते हैं जिससे युति करते हैं या जिसकी दृष्टि में होते हैं उसके परिणाम देते हैं.शनि ऐसा ग्रह है जिसका भौतिक अस्तित्व भी है और सबसे बड़ा कष्ट कारक भी यही होता है किसी भी व्यक्ति के जीवन काल में.शनि की तासीर है अर्थ संकट उत्पन्न करना और पारिवारिक क्लेश करना.शनि के दुस्परिणाम स्वरुप अशांति बनी रहती है ,पारिवारिक अर्थव्यवस्था चरमरा जाती है ,असामान्य स्वप्न आते हैं ,लक्ष्मी विमुख हो जाती है.शनि की शान्ति ,प्रसन्नता के अनेक उपाय बताये जाते हैं फिर भी लोग शनि से परेशान होते हैं.हम आपको शनि की शान्ति का एक अत्यंत सरल और तंत्रोक्त उपाय बताते हैं जो करने में जितना सरल है इसका प्रभाव उतना ही अधिक है चूंकि तंत्रोक्त उपाय सबसे अधिक कारगर उपाय होते हैं.

सर्दियों के लिए अंडे सबसे ज्यादा लाभकारी हैं

सर्दियों में अंडों की डिमांड में बहुत ही ज़्यादा वृद्धि हुई है. इस डिमांड के परिणाम स्वरूप अंडों के दाम में भी काफी उछाल साफ तौर से देखी जा सकती है.

सर्दियों के मौसम में लोगों के द्वारा अंडों का सेवन बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है.

अन्य मौसम की तुलना में सर्दियों में ही अंडों की खपत सर्वाधिक होती है, क्योंकि इस समय लोग‌ अंडे को ही खाना पसंद करते हैं.

लेकिन यदि किसी भी चीज के मूल्य में परिवर्तन की जाती है तो इससे केवल एक या दो व्यक्ति ही प्रभावित नहीं होते हैं, अपितु बहुत सारे लोग इससे प्रभावित हो जाते हैं.

कड़ाके की सर्दी शुरू हो गई है

दिसंबर का महीना शुरु हो चुका है और जैसे ही यह महीना शुरु हुआ है सर्दी भी अपने प्रचंड रूप में आ चुकी है.

लेकिन नए साल के पहले महीने से तो सर्दी का और भी ज्यादा विकराल रूप देखने को मिलेगा.

फरवरी महीने में तो हर दिन सुबह में कोहरा होता है. इस ठंड के वजह से अंडों की डिमांड में समय के साथ-साथ और वे कारक जो रिपल की कीमत को प्रभावित करते हैं भी ज्यादा वृद्धि होती चली जाती है.

लेकिन अब धीरे-धीरे अंडों के दाम भी कम होने लगे हैं.

अंडा एक ऐसा खाद्य पदार्थ है जो साल के 12 महीने में बाजारों में उपलब्ध होता है.

जिसका प्रयोग लोगों के द्वारा बहुत बड़े स्तर पर किया जाता है.

हालांकि परिवर्तित होते मौसम तथा सब्जियों के मूल्य में उतार-चढ़ाव के परिणाम स्वरुप इसके रेट में भी प्रभाव साफ तौर से देखी जा सकती है.

अंडो के क्या मूल्य चल रहे हैं?

मंगलवार को थोक बाजार में अंडे का मूल्य ₹514 के हिसाब से चल रहा था. इस मुल्य पर 100 अंडे दिए जा रहे थे. वहीं खुदरा बाजार में 100 अंडों का मूल्य ₹591 निर्धारित है.

वहीं अगर बात की जाए सुपर मार्केट की तो सुपर मार्केट में अंडे ₹633 के हिसाब से बेचे जा रहे हैं.

नॉनवेज खाने वाले लोग आज कल रोजाना अंडों का सेवन नियमित रूप से कर रहे हैं.

वहीं आज कल बहुत सारे लोगों के दिनचर्या में अंडे के सेवन के साथ ही दिन की शुरुआत की जा रही हैं.

इतना ही नहीं लगभग प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा उनके घरों में अंडा करी को सब्जियों के स्थान पर परोसे जा रहे है.

इसके साथ ही साथ जो व्यापारी बाजार में अंडों से बने व्यंजन जैसे कि उबले हुए अंडे, अंडे का आमलेट, अंडे की भुर्जी को बेच रहे हैं. इससे उन्हें बहुत ही ज्यादा फायदा प्राप्त हो रहा है.

बाजारों में रेट क्या चल रहा है?

यदि बात की जाए बाजार में अंडे तथा इससे बनने वाले व्यंजनों के रेट की तो एक उबला हुआ अंडा ₹9 से लेकर के ₹10 के मध्य में बेचा जाता है. वहीं आमलेट ₹20 से लेकर के ₹25 के मध्य में बेचा जाता है.

इसके अलावा पहले जहां अंडे की एक कैरट जिसमें 30 अंडे हुआ करते है, वो ₹150ं में बेची जाती थी. किंतु इसका मूल्य वर्तमान में ₹180 हो चुका है.

इस वृद्धि के परिणाम स्वरुप अंडे खाने वाले लोगों को थोड़ा सा झटका लगा है.

लेकिन इस महंगाई के दौर में इतने मूल्य का होना कोई बड़ी बात नहीं है, क्योंकि इस महंगाई के प्रकोप के परिणाम स्वरूप प्रत्येक वस्तु महंगी हो चुकी है.

इसका एक और मुख्य कारण यह भी हो सकता है की खपत बढ़ने से भी मूल्य में वृद्धि आई है.

कांग्रेस जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाती तो मैं 4 बच्चों का पिता न होता: भाजपा सांसद रवि किशन

नई दिल्ली: खुद के चार बच्चों के पिता बन जाने के लिए भाजपा सांसद रवि किशन ने कांग्रेस पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है. बीते शुक्रवार को उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में सत्ता में रहते हुए कांग्रेस जनसंख्या नियंत्रण विधेयक लाती तो वह ‘रुक’ जाते.

भोजपुरी फिल्म उद्योग में पहली बार अपना नाम बनाने वाले किशन ने संसद में जनसंख्या नियंत्रण विधेयक पेश करने से ठीक पहले एक समाचार चैनल द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए यह टिप्पणी की.

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर से सांसद रवि किशन ने कहा, ‘मेरे चार बच्चे हैं. एक पिता के रूप में उनकी परवरिश के समय मेरा स्ट्रगल भी था. सुपर स्टारडम तो मैंने काफी समय के बाद देखा. शुरुआत में हमको 15 साल फिल्म इंडस्ट्री में पैसा ही नहीं देते थे. बोलते थे कि काम लो या फिर पैसा तो मैं काम चुनता था, क्योंकि मुझे काम चाहिए था और पैसा पीछे-पीछे आएगा ही.’

कीमतों में 50 फीसदी तक की गिरावट आ सकती है (Fuel can be cheaper by Rs 50)

IIFL के वाइस प्रेसिडेंट अनुज गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि पेट्रोल और डीजल के दाम में आम आदमी को दो तरह से राहत मिल वे कारक जो रिपल की कीमत को प्रभावित करते हैं सकती है. पहला यह कि केंद्र और राज्य सरकारें टैक्स कम कर सकती हैं। केंद्र और राज्य सरकारों ने मई में ऐसा ही किया था। तब से पेट्रोल और डीजल (petrol ka rate) के दाम स्थिर बने हुए हैं। दूसरा तरीका तेल विपणन कंपनियों (oil marketing companies) की कीमतों को कम करना है, जो बहुत महत्वपूर्ण है। ओएमसी ने अप्रैल से पेट्रोल और डीजल की (up petrol price today) कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्होंने कहा कि नए साल में पेट्रोल और डीजल के दाम में 10 रुपये की कमी देखने को मिलेगी.

सबसे महंगा पेट्रोल (petrol rate) और डीजल राजस्थान के गंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में बिकता है। गंगानगर में पेट्रोल 113.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल 98.24 रुपये प्रति लीटर है। जबकि हनुमानगढ़ वे कारक जो रिपल की कीमत को प्रभावित करते हैं जिले में पेट्रोल 112.54 रुपये प्रति लीटर और डीजल 97.39 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है.

भारत में सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल कहां है? (Where is the cheapest petrol and diesel in India?)

देश में सबसे सस्ता पेट्रोल और डीजल पोर्ट ब्लेयर में बिक रहा है, जहां पेट्रोल 84.10 रुपये प्रति लीटर और डीजल 79.74 रुपये प्रति लीटर है.

उत्पाद शुल्क (Excise duty), डीलर कमीशन (dealer commission) और अन्य शुल्कों को जोड़ने के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमत लगभग दोगुनी हो जाती है। विदेशी मुद्रा (foreign currency)दरों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें प्रतिदिन बदलती रहती हैं।

जरूरत सीख लेने की

मार्गरेट थैचर के जमाने में ब्रिटेन ने सारी दुनिया को निजीकरण के फायदे बताए। दुनिया ने उसकी बात इसलिए सुनी, क्योंकि उसने 1980 के दौर में खुद भी ज्यादातर सार्वजनिक सेवाओं का धुआंधार निजीकरण किया। यहां तक कि पानी भी प्राइवेट कंपनियों को सौंप दिया गया। आज हाल यह है कि देश में 70 प्रतिशत से अधिक पानी पर इन्वेस्टमेंट फर्मों, प्राइवेट इक्विटी फर्मों, पेंशन फंड्स और टैक्स हैवेन्स से कारोबार करने वाले बिजनेस घरानों का मालिकाना कायम हो गया है। अखबार द गार्जियन के एक रिसर्च के मुताबिक ब्रिटेन के पानी पर दुनिया के बड़े इन्वेस्टमेंट फंड्स का मालिकाना बन गया है। ब्रिटेन की नौ प्रमुख और छह अपेक्षाकृत छोटी पानी और सीवेज कंपनियों में लगभग 100 अन्य कंपनियों की शेयरहोल्डिंग है। 17 देशों की इन कंपनियों का आज ब्रिटेन में वॉटर इंडस्ट्री के 72 प्रतिशत हिस्से पर नियंत्रण है। इस रिसर्च में वॉटर इंडस्ट्री के 82 फीसदी हिस्से को ही शामिल किया जा सका।

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