कितना आएगा खर्च?
Bitcoin Mining-BTC Cloud Miner
हमने उन्नत डिजिटल तकनीक के साथ बिटकॉइन को माइन करने के लिए मुफ्त और सबसे तेज़ क्रिप्टोक्यूरेंसी ऐप विकसित किया है। क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में पैसे कमाने के कई तरीके हैं। ट्रेडिंग क्रिप्टो एक तरीका है, लेकिन दूसरा ब्लॉकचेन तकनीक के माध्यम से फोन के साथ क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? क्रिप्टो सिक्का मुद्रा का खनन कर रहा है। हम अपने ऐप के साथ आपका बीटीसी नेटवर्क बनाने के लिए क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? रेफरल बोनस और अवसर प्रदान कर रहे हैं। बिटकॉइन कमाने के लिए माइनिंग रेट बढ़ाने के लिए आप दोस्तों के साथ सोशल नेटवर्क बना सकते हैं।
बिटकॉइन माइनिंग ऐप की विशेषताएं:
- सिंगल क्लिक से फ्री बीटीसी माइनिंग शुरू करें।
- वॉलेट सिस्टम सक्षम करें।
- हमारे क्लाउड रिग्स के साथ उच्चतम खनन हैश दर।
- नए उपयोगकर्ताओं के लिए स्वागत बोनस।
- प्रत्येक आमंत्रित मित्रों के लिए रेफरल बोनस।
- मेरे लिए नि: शुल्क और उपयोग में आसान।
क्या होती है Crypto Mining? जिससे दुनिया में उभर रही बिजली संकट की समस्या
आज पूरी दुनिया में पैसे कमाने के लिए क्रिप्टो माइनिंग का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। बता दें कि यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें आपके क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित लेन देन को तरीकों से प्रमाणित किया जाता है और उसे ब्लॉक चेन डिजिटल लेजर में स्टोर किया जाता है।
बता दें कि बीते कुछ समय में बिटकॉइन, ईथर और डॉजकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी में का चलन तेजी से बढ़ने के कारण, इस सेक्टर में काफी बूम आया है और आज सामान्य लोग भी इसमें पैसा लगाने के लिए तैयार हैं।
क्या होता है ब्लॉकचेन?
ब्लॉकचेन एक तरह से डिजिटल डेटाबेस, जिसमें हर लेन देन का रिकॉर्ड एक कंप्यूटर सिस्टम के पूरे नेटवर्क पर दर्ज किया जाता है। बता दें कि इसमें पैसों की सुरक्षा के लिए एक कभी न बदलने वाले क्रिप्टोग्राफिक सिग्नेचर के साथ दर्ज किया जाता है और लोग इसे हैश भी कहते हैं।
क्रिप्टो करेंसी में पैसों का निवेश अमूमन दो तरह के क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? लोग करते हैं। एक तो वे जो इसमें पैसा लगाते हैं और फायदा कमाते हैं और दूसरे वे लोग क्रिप्टो माइनिंग करते हैं।
बता दें कि आज से कुछ समय पहले चीन में क्रिप्टो माइनिंग सबसे बड़े पैमाने पर होती थी। लेकिन अब वहाँ क्रिप्टो माइनिंग पर बैन लगा दिया गया है। इसका फायदा, उसके पड़ोसी देश कजाकिस्तान ने खूब उठाया है और आज वहाँ काफी बड़े दायरे में क्रिप्टो माइनिंग होती है।
क्या होती है जरूरत
आज क्रिप्टो माइनिंग को आम लोगों के लिए सहज बनाने के लिए इंटरनेट पर कई ऐप्स मौजूद हैं। ये ऐप्स आपके मोबाइल में कोई प्रोसेसर और मेमोरी का इस्तेमाल नहीं करते हैं और आप इसका इस्तेमाल सीधे क्रिप्टो माइनिंग के लिए कर सकते हैं।
यदि पूरे देश में क्रिप्टो माइनिंग का चलन काफी बढ़ जाए, तो देश के सामने भारी बिजली संकट पैदा हो सकती है। बीते दिनों अमेरिका में खबर आई थी कि Bitcoin जैसी क्रिप्टो करेंसी की माइनिंग के लिए कोयले से चलने वाले पावर प्लांट्स से बिजली की उपलब्धता तय करने पर, 2 साल का मोराटोरियम लागू हो सकता है और इसे लेकर एक विधेयक भी पास किया गया है।
बता दें कि क्रिप्टो माइनिंग के लिए काफी बिजली की जरूरत होती है। क्योंकि इसमें ब्लॉकचेन क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? ट्रांजैक्शंस को प्रमाणित करने के लिए गणित आधारित कई पहेलियों को कम्प्यूटर पर हल करने की जरूरत पड़ती है और पहेली को हल करने वाले माइनर को रिवॉर्ड के तौर पर क्रिप्टोकरेंसी दी जाती है।
क्या है उपाय
यदि आने वाले समय में क्रिप्टो माइनिंग से पैदा होने वाले खतरे से बचना है, तो दुनिया के तमाम देशों को उसकी तैयारी अभी से ही करनी होगी और उन्हें रिन्यूएबल एनर्जी के इस्तेमाल को तेजी से प्रोत्साहित करना होगा।
इस कड़ी में, सोलर सिस्टम का इस्तेमाल भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। क्योंकि, सोलर एनर्जी एक कभी न खत्म होने वाला ऊर्जा स्त्रोत है और इसका इस्तेमाल आज हर घरेलू कार्य से लेकर व्यवसायिक क्षेत्र में आसानी से किया जा सकता है।
बता दें कि आज बाजार में अत्याधुनिक तकनीकों से लैस ऐसे सोलर पैनल्स लॉन्च हो चुके हैं, जो कम धूप में भी आपको पूरी बिजली बना कर देता है और इसका इस्तेमाल आप एसी, पंखा, कम्प्यूटर चलाने से लेकर मोटर पम्प चलाने तक में कर सकते हैं और खुद को बिजली के मामले में आत्मनिर्भर बना सकते हैं।
बिटकॉइन माइनिंग का क्या मतलब है
बिटकॉइन के बारे में आपको थोड़ा बहुत तो आइडिया होगा ही। ऐसे में आप यह भी जानते होंगे कि किस प्रकार से दिनों दिन Bitcoin का रेट बढ़ता ही जा रहा है, जिसके पास बिटकॉइन है वह बहुत ही जल्द अमीर होता जा रहा है। क्या आपने कभी इस बात पर विचार किया है, कि आखिर यह बिटकॉइन कहां से आता है और इसका Circulation अर्थात बिटकॉइन की माइनिंग किस प्रकार से होती है, इससे जुड़ी सभी जानकारी आपको आज हमारी इस ब्लॉग पोस्ट में मिल जाएगी।
बिटकॉइन क्या है ?
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बिटकॉइन एक प्रकार से वर्चुअल करेंसी/ crypto currency है। इस मुद्रा का उपयोग इंटरनेट के माध्यम से लेन देन के क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? लिए किया जाता है। इसकी सबसे पहले शुरुआत 2009 में हुई थी, चूंकि वर्तमान के समय में धीरे-धीरे यह बहुत अधिक लोकप्रिय होती जा रही है। अतः आज एक बिटकॉइन की कीमत लाखों रुपए के रूप क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? मे आंकी जाने लगी है। दूसरे शब्दों में कहें तो अब इस करेंसी को भविष्य की करेंसी के रूप में देखा जा रहा है।
आप सभी को पता होगा की Crypto currency एक Decentralized currency होती है।इसका मतलब है कि किसी भी कंट्री/सरकार का इसपर कोई विशेषाधिकार नहीं होता है। अतः अब सवाल आता है इस करेंसी को कौन उत्पन्न करता है? बता दें बिटकॉइन के संचालन हेतु इसके डाटा को दुनिया के विभिन्न देशों क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? में बैठे हजारों की संख्या में Miners कंट्रोल करने में जुटे होते हैं। यही वजह कि इसे Decentralized सिस्टम नाम से पुकारा जाता है।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ?
बिटकॉइन माइनिंग का नाम सुनते ही आप सोच में पड़ गए होगे कि क्या बिटकॉइन कोयले या हीरे की खानों से संबंध रखता है, अगर आप ऐसा सोचते हैं तो बता दें कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बिटकॉइन माइनिंग का अर्थ सोने और हीरे की माइनिंग से कतई नहीं है। हालांकि दोनों की माइनिंग की प्रक्रिया एक दूसरे से काफी अलग है, जिस प्रकार से गोल्ड और डायमंड माइनिंग करने के लिए खुदाई की जाती है वैसे ही बड़े बड़े कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के जरिए बिटकॉइन को जेनरेट करने का कार्य करते है।
- बिटकॉइन माइनिंग एक बहुत ही बड़ा प्रोसेस है,जिसकी वजह से यह एक व्यक्ति के द्वारा कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस काम को करने के लिए बहुत सारे लोगों की जरूरत पड़ती है। बहुत सारे लोगों द्वारा किए जाने के कारण इसे Decentralized system भी कहते हैं।
- अगर आपने बिटकॉइन के माध्यम से कभी किसी भी प्रकार का पेमेंट किया है। अर्थात अपने bitcoin वॉलेट के माध्यम से अपने किसी अन्य व्यक्ति के वॉलेट में बैलेंस को ट्रांसफर किया है तो बता दें इस कार्य में बिटकॉइन Miners अहम भूमिका निभाते है।
- उन्हीं के कारण आप सफलतापूर्वक ट्रांसफर कंप्लीट कर पाते हैं,यही नहीं Miners सारी डिटेल Block chain में सेव करने का जिम्मा भी उठाते हैं।
- बता दें लेनदेन के अलावा Bitcoin Miners बिटकॉइन जेनरेट करने का भी कार्य करते है।
बिटकॉइन माइनिंग कैसे करें?
- पुराने समय में बिटकॉइन माइनिंग एक अच्छी रफ़्तार वाले कंप्यूटर के सी.पी.यु और वीडियो ग्राफ़िक्स कार्ड पर हो सकती थी कयोंकि उस समय बिटकॉइन माइनर्स बहुत कम क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं? थे। लेकिन आज बिटकॉइन माइनर्स की संख्या बढ़ने के साथ साथ इसकी माइनिंग करना थोड़ा कठिन हो चुका है।
- आजकल इसकी माइनिंग कस्टम बिटकॉइन ASIC चिप की मदद से की जा रही हैं क्योंकि इससे काफी लाभ प्राप्त कर सकते हैं। अगर हम ASIC चिप से कम रफ्तार वाले किसी हार्डवेयर का इस्तेमाल करते हैं तो उससे अधिक बिजली खर्च होती है जिसकी वजह से हमारा लाभ कम और नुकसान ज़्यादा होता है।
- बिटकॉइन की माइनिंग करने के लिए यह अधिक ज़रूरी है कि आप बिटकॉइन माइनिंग के लिए बने हार्डवेयर का ही इस्तेमाल करें। मार्किट में ऐसी कई कंपनियां है जो कि बिटकॉइन माइनिंग के लिए तैयार श्रेष्ठ हार्डवेयर की पेशकश करती हैं। Avalon इन में से एक कंपनी है।
- इसके अलावा आप बिटकॉइन की क्लाउड माइनिंग भी कर सकते हैं जिसमें आपको अपने कंप्यूटर को क्लाउड मायननर से कनेक्ट करना होता है। क्लाउड माइनिंग करने के लिए कई तरह के प्रोग्राम उपलब्ध है लेकिन CGminer और BFGminer इनमें से अधिक प्रसिद्ध प्रोग्राम हैं। ऐसे कई सॉफ्टवेयर भी हैं जिनसे आप बिटकॉइन माइनिंग कर सकते हैं।
माइनिंग सेटअप का तगड़ा खर्च
केवल GPU में ही 6 करोड़ का इन्वेस्टमेंट है। अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का खर्च अलग से। इसमें हर महीने 30-40 किलो वाट बिजली की खपत होती है, यानी 1 लाख रुपए महीने का बिजली बिल। 24 घंटे सातों दिन हाई स्पीड इंटरनेट जरूरी है।
जापान के सातोशी नकामोटो क्रिप्टो के जनक हैं। शुरुआत 9 जनवरी 2009 को डिजिटल करेंसी बिटकॉइन के रूप में की थी। इसमें ऐसी प्रोग्रामिंग की गई है कि माइनिंग 140 साल तक चलेगी। इसमें 2.10 करोड़ बिटकॉइन हैं। प्रकाश टांक के मुताबिक हर 10 मिनट में एक ब्लॉक बनता है। 1 ब्लॉक में 50 बिटकॉइन निकलते थे, हर 4 साल में इसकी माइनिंग आधी हो जाती है।
जैसे 2009 में हर 10 मिनट में 50 बिटकॉइन माइनिंग से निकाल कर दुनिया में आते थे। आज 10 मिनट में सिर्फ 6.25 बिटकॉइन ही निकल रहे हैं, क्योंकि पजल्स कठिन होती जा रही हैं। इसे टेक्निकल भाषा में माइनिंग डिफिकल्टी बढ़ना भी कहते हैं।
कहां है इसका बाजार ?
क्रिप्टो करेंसी से आज दुनियाभर में लेन-देन हो रहा है। इसे दो तरह से खरीद सकते हैं, जिसमें महत्वपूर्ण है क्रिप्टो एक्सचेंज। दुनियाभर इसके एक्सचेंज हैं। भारत में वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर प्रमुख एक्सचेंज है, ये 24 घंटे चलते हैं।
दुनियाभर में सुर्खियां बटोरने वाली क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल करेंसी अब छत्तीसगढ़ में भी जनरेट की जा रही है, यानी राज्य में इसकी माइनिंग शुरू हो गई है। यहां इसे कई ताकतवर कम्प्यूटरों के जरिए खास तरह के पजल्स को सॉल्व करके बनाया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक राज्य में लोगों के पास 75 से अधिक बिटकॉइन हैं। यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।12 जिलों में क्रिप्टो माइनिंग हो रही है। इनमें रायपुर, राजनांदगांव, भिलाई, दुर्ग, अम्बिकापुर, बिलासपुर, रायगढ़ और जगदलपुर प्रमुख हैं। 1983 अमेरिकी नागरिक ने क्रिप्टोग्राफ़िक इलेक्टॉनिक मनी बनायीं थी इस वक्त पूरी दुनिया में 4 हजार से ज्यादा Cryptocurrency चलन में है भारत में भी 80 लाख से ज्यादा लोग Cryptocurrency में निवेश करते है | 2009 में बिटकॉइन आने के बाद Cryptocurrency को बहुत अधिक लोकप्रियता मिली |
Cryptocurrency: घर बैठे शुरू करें बिटकॉइन की माइनिंग, होगी अच्छी कमाई
डीएनए हिंदी: क्रिप्टोकरेंसी का नाम अमूमन सभी जानते हैं, इसमें भी बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) सबसे पुराने और लोकप्रिय क्रिप्टो में से एक हैं. आपके दिमाग में कई बार यह सवाल भी आता होगा कि यह क्रिप्टो बनता कैसे है या फिर जिसने बनाया होगा उसे तो दुनिया का सबसे अमीर इंसान होना चाहिए. जानकारी के लिए बता दें कि आप बिटकॉइन माइनिंग (Bitcoin Mining) के जरिए भी करोड़ों रुपये कमा सकते हैं. हालांकि बिटकॉइन माइनिंग के लिए बड़ी बड़ी फैक्ट्रियां तक लगाई गई हैं लेकिन आप चाहें तो घर बैठे इसकी माइनिंग कर सकते हैं.
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