लंबी और छोटी स्थिति को समझना
सामान्य अध्ययन: 2
अंतर्राष्ट्रीय सम्बन्ध:
विषय: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह और भारत से जुड़े और/ या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार।
प्रारंभिक परीक्षा: संयुक्त सैन्य अभ्यास “काजिंद – 2022” से सम्बंधित तथ्य।
- भारत-कज़ाख़िस्तान संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण अभ्यास का छठा संस्करण “काजिंद-22” 15 से 28 दिसंबर, 2022 तक उमरोई (मेघालय) में आयोजित किया जाना निर्धारित है।
- सैन्य अभ्यास का उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र शांति प्रवर्तन शासनादेश के तहत सकारात्मक सैन्य संबंध आगे बढ़ाना, एक-दूसरे की सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करना और अर्ध शहरी/जंगली परिदृश्य में काउंटर टेररिस्ट ऑपरेशन पर कार्य करते हुए एक साथ सैन्य गतिविधियों को आयोजित करने की क्षमता को बढ़ावा देना है।
- “काजिंद अभ्यास” भारतीय सेना एवं कज़ाख़िस्तान सेना के बीच रक्षा सहयोग के स्तर को बढ़ाएगा जो दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और बढ़ावा देगा।
- कज़ाख़िस्तान सेना के सैनिक, जिसमें दक्षिणी क्षेत्रीय कमान के सैनिक शामिल हैं, उनके साथ में भारतीय सेना के 11 गोरखा राइफल्स के सैनिक इस अभ्यास सत्र में भाग लेंगे।
- इस अभ्यास के अंतर्गत बटालियन स्तर पर एक कमांड पोस्ट अभ्यास (सीपीएक्स) और उप-पारंपरिक संचालन पर कंपनी स्तर के फील्ड प्रशिक्षण अभ्यास (एफटीएक्स) शामिल हैं।
- प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान, दोनों सेनाओं के सैनिक संयुक्त योजना, संयुक्त सामरिक अभ्यास, विशेष हथियार कौशल, एचएडीआर और शत्रुतापूर्ण लक्ष्य पर हमला करने से लेकर विभिन्न मिशनों में शामिल होंगे।
- कज़ाख़िस्तान की सेना के साथ संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास 2016 में अभ्यास प्रबल दोस्तीक के रूप में शुरू किया गया था, जिसे बाद में कंपनी स्तर के अभ्यास लंबी और छोटी स्थिति को समझना में अपग्रेड किया गया था और वर्ष 2018 में इसका नाम परिवर्तित कर अभ्यास काजिंद कर दिया गया।
- यह संयुक्त अभ्यास दोनों सेनाओं को संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियानों में आने वाले संभावित खतरों को बेअसर करने के लिए संयुक्त सामरिक अभ्यासों की एक श्रृंखला के तहत प्रशिक्षित करने, योजना बनाने और निष्पादित करने में सक्षम बनाएगा।
2. इंडिया वॉटर इम्पैक्ट समिट, 2022:
सामान्य अध्ययन: 3
पारिस्थिकी एवं पर्यावरण:
विषय: पर्यावरण संरक्षण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
प्रारंभिक परीक्षा: इंडिया वॉटर इम्पैक्ट समिट, 2022 से सम्बंधित तथ्य।
मुख्य परीक्षा: भारत में नदियों और जल निकायों की रक्षा करने के लिए जल और पर्यावरणीय अवसंरचना के विकास को किस प्रकार गति प्रदान की जा रही हैं ? चर्चा कीजिए।
छोटी आंत के साथ अपर जीआई सीरीज़
अपर जीआई (छोटी आंत सीरीज़ के साथ) परीक्षण कैसे कार्य करता है?
यह प्रक्रिया शरीर के अंदर का निरीक्षण करने और आंतरिक गतिमान अंगों को देखने के लिए फ़्लोरोस्कोपी नामक एक प्रौद्योगिकी का उपयोग करती है। यह एक तरह का “लाइव” एक्स-रे होता है जिसे कंप्यूटर स्क्रीन पर देखा जाता है। रोगी एक कंट्रास्ट तरल पदार्थ को निगलता है जिसमें बेरियम नामक पदार्थ होता है। यह दूधिया-सफ़ेद रंग का तरल पदार्थ भोजन-नली, पेट और आंतों को स्पष्ट रूप से दिखाने में मदद करता है। जब यह बेरियम जठरांत्रीय मार्ग से होकर गुज़रता है तब रेडियोलॉजी टीम उसका निरीक्षण करती है। छवियों को और स्पष्ट करने के लिए कुछ रोगियों को बेकिंग-सोडा के क्रिस्टल (Alka-Seltzer® जैसे) भी दिए जाते हैं। इस प्रक्रिया को एयर-कंट्रास्ट या डबल-कंट्रास्ट अपर जीआई कहा जाता है।
निम्नलिखित कुछ लक्षणों के कारण का पता लगाने में मदद के लिए रोगियों का अपर जीआई सीरीज़ परीक्षण किया जा सकता है:
- पेट में दर्द
- जठरांत्रीय रक्तस्राव
- लगातार उल्टी होना
- वजन बढ़ाने की कमी
ऊपरी जठरांत्रीय मार्ग में भोजन-नली, पेट और छोटी आंत का ऊपरी भाग (डुओडिनम) शामिल है।
परीक्षण में कितना समय लगता है?
अपर जीआई सीरीज़ परीक्षण में 20 मिनट से 1 घंटे तक का समय लग सकता है।
छोटी आंत के साथ अपर जीआई परीक्षण में 2-6 घंटे या शायद उससे भी अधिक समय लग सकता है। समयावधि, कंट्रास्ट तरल पदार्थ के छोटी आंत से होकर गुज़रने में लगने वाले समय पर निर्भर करती है।
अपर जीआई सीरीज़ जांच कौन करता है?
इस जांच को एक विकिरण चिकित्सक और रेडियोलॉजिकल टेक्नोलॉजिस्ट करते हैं।
क्या अपर जीआई सीरीज़ परीक्षण सुरक्षित है?लंबी और छोटी स्थिति को समझना
अपर जीआई सीरीज़ एक प्रकार का एक्स-रे है। यह परीक्षण छवियां बनाने के लिए एक कम मात्रा में आयनीकृत रेडिएशन का उपयोग करता है। चिकित्सा लाभ, रेडिएशन जोखिम की थोड़ी मात्रा की तुलना में बहुत ज़्यादा हैं। कोई भी समस्या या चिंता होने पर माता-पिता को चिकित्सीय टीम के साथ उसकी चर्चा करनी चाहिए।
तैयारी करने के लिए रोगियों को क्या करना चाहिए?
- इस परीक्षण के लिए रोगी का पेट खाली होना चाहिए, इसलिए वे जांच से कई घंटे पहले तक कुछ भी खा या पी नहीं सकते।
- स्टाफ़ परिवार को पालन करने के निर्देश देंगे। निर्देश रोगी की उम्र पर निर्भर करते हैं। परिवारों को ठीक से निर्देशों का पालन करना चाहिए, नहीं तो परीक्षण का समय पुनर्निर्धारित किया जाएगा।
माता-पिता रोगी को तैयार करने में कैसे मदद कर सकते हैं?
माता-पिता को यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि रोगी:
- यह समझता या समझती है कि जांच क्यों हो रही है और इसमें क्या होगा। शिशु जीवन विशेषज्ञ इसे समझाने में मदद कर सकते हैं।
- ऐसे ढीले, आरामदायक कपड़े पहने जिन्हें पहनना और उतारना आसान हो। रोगी को संभवत: अस्पताल का गाउन पहनना होगा।
परीक्षण से पहले किन विवरणों का ध्यान रखा जाना चाहिए?
- अस्पताल के आधार पर, माता-पिता को अपनी बीमा कंपनी से यह पता लगाने के लिए परामर्श करना पड़ सकता है कि वह इस प्रक्रिया के लिए कितनी राशि का भुगतान करेगी।
- माता-पिता को ये बातें चिकित्सीय टीम को बताना चाहिए:
- कोई भी दवा जो रोगी लेता है, जिसमें बिना पर्ची वाली दवाएं भी शामिल हैं।
- एलर्जी, विशेषकर कंट्रास्ट तरल पदार्थ के प्रति। (बेरियम)
- अगर रोगी गर्भवती है या हो सकती है।
अपर जीआई परीक्षा के दौरान क्या होता है?
- रेडियोलॉजी स्टाफ़ का सदस्य परिवार के साथ इस बारे में बात करेगा कि रोगी को अपर जीआई सीरीज़ परीक्षण की आवश्यकता क्यों है और उन्हें इसकी प्रक्रिया को समझाएगा।
- स्टाफ़ का एक सदस्य एक्स-रे टेबल पर रोगी की मदद करेगा।
- रोगी एक बेरियम शेक पीएगा, जिससे एक्स-रे स्क्रीन पर उसकी भोजन-नली, पेट और आंतें दिखाई देंगी। बेरियम का स्वाद खराब और चॉक जैसा होता है। कुछ केंद्र शेक को स्वादिष्ट बनाने के लिए उसमें फ़्लेवर मिलाते हैं।
- स्टाफ़ का सदस्य एक्स-रे मशीन को, जिसे “फ़्लोरो टॉवर” के नाम से भी जाना जाता है, रोगी के ऊपर घुमाएगा।
- जैसे ही बेरियम जठरांत्रीय मार्ग से होकर गुज़रता है, विकिरण चिकित्सक उसके बहुत सारे एक्स-रे लेगा।
- स्टाफ़ रोगी को अलग-अलग मुद्राओं में स्थिति परिवर्तन करने में मदद करेगा जिससे मशीन विभिन्न कोणों से चित्र ले सके।
रोगी को कैसा महसूस होगा?
इस जांच से कोई हानि नहीं पहुंचती। एक्स-रे मशीन (फ़्लोरो टॉवर) रोगी को स्पर्श नहीं करती।
हो सकता है कि कंट्रास्ट तरल पदार्थ का स्वाद अच्छा न हो। ऐसे में परिवार उसमें फ़्लेवर मिलाने के लिए कह सकता है।
सिस्टम के माध्यम से बेरियम कितनी तेजी से गुज़रता है, इसके आधार पर परीक्षण में कई घंटे लग सकते हैं। प्रतीक्षा अवधि के दौरान रोगी क्या कर सकता है, माता-पिता को इस बारे में स्टाफ़ से बात करनी चाहिए।
परीक्षण के बाद रोगी को क्या महसूस होगा?
माता-पिता को रोगी को अतिरिक्त तरल पदार्थ देने चाहिए क्योंकि बेरियम से कब्ज हो सकती है।
बेरियम के कारण एक दो दिन तक मल सफेद या स्लेटी रंग का दिखाई दे सकता है।
परिवार को परिणाम, कैसे पता चलेगा?
विकिरण चिकित्सक परिणामों की व्याख्या करेगा और जांच की मांग करने वाले चिकित्सक को उसकी एक रिपोर्ट भेजेगा। चिकित्सीय टीम का एक सदस्य अगली नियोजित मुलाकात पर परिणामों को साझा करेगा।
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टूगेदर इस आलेख में उल्लेखित किसी भी ब्रांडेड उत्पाद का समर्थन नहीं करता है।ट्रांसजेंडर होने पर लड़के करते भद्दे कमेंट्स: नौकरी से निकाल दी जाती, अछूत समझते थे, अब मेट्रो से मिली पहचान
दुनिया चाहे कितनी आगे बढ़ जाए, हमारी सोच कितनी भी मॉडर्न हो जाए। समाज में आज भी बराबरी का दर्जा पाने के लिए हमें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है। ये शब्द है दिल्ली के शाहदरा की रहने वालीं ट्रांस वुमन पान्या पवार के।
पान्या ट्रांस कम्युनिटी के लिए समर्पित मेट्रो नोएडा सेक्टर 50 में ‘टिकट वेंडिंग ऑपरेटर’ के तौर पर काम करती हैं। इसके अलावा वो फ्रीलांस मेकअप आर्टिस्ट हैं।
शादियों के सीजन में पान्या बखूबी से नई जिंदगी की शुरुआत करने जा रही ब्राइड्स का मेकओवर करती हैं। मगर पान्या को यहां तक पहुंचने के लिए हर कदम पर अपनी पहचान को साबित करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। लोगों से भद्दे कमेंट्स सुनने पड़े। सुनिए-पान्या की कहानी उन्हीं की जुबानी।
बच्चे चिढ़ाते थे, लेकिन अपनी पहचान को लेकर थी कन्फ्यूज
मेरी शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के शाहदरा के गवर्नमेंट स्कूल से हुई। जब तक छोटी थी तब तक अपने शरीर को, अपनी पहचान को समझ नहीं पाई। मेरे माता-पिता को एहसास तो था, लेकिन शायद उन्हें लगता था कि अभी बच्चा है, धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा।
जब मैं 8-9 क्लास में गई तो साथ के या गली के बच्चे मेरी शारीरिक बनावट को लेकर सवाल करते थे। बच्चे चिढ़ाते थे, परेशान करते थे, लेकिन मैं समझ नहीं पाती थी कि मेरे साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है। किसी तरह 2010 में मैंने 12वीं पूरी की।
कॉलेज में फील करवाया गया कि उनकी नजरों में 'मैं अभिशाप हूं'
इस दौरान मुझे धीरे-धीरे अपनी पहचान की समझ हुई। एहसास तो मुझे बचपन से ही था, लेकिन जब मैं अपने जैसे लोगों से मिली, डिस्कस किया तो मैं खुद की पहचान को लेकर क्लियर हो गई कि मैं एक ट्रांस वुमन हूं।
जब मैं कॉलेज गई तब मुझे समझ आया कि समाज में नजरों में 'मैं अभिशाप हूं'। साथ के स्टूडेंट्स मुझे गालियां देते थे, मारते थे। मुझे एहसास करवाया जाता था कि मैं उन जैसी नहीं हूं। शायद उस समय मैं मानसिक तौर पर उतनी स्ट्रॉन्ग नहीं थी। इस कारण मैंने कॉलेज छोड़ने का फैसला किया।
समाज के कारण घरवाले मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं करवाना चाहते थे
कुछ साल के बाद घर के खर्च ज्यादा होने के कारण मुझे काम करने की जरूरत पड़ी तो मैंने एक बीपीओ जॉइन कर लिया। लेकिन वहां भी मुझे लोगों ने जॉब के लिए अनफिट करार दे दिया। मुझे इतना परेशान किया कि मैंने खुद तंग आकर जॉब छोड़ दी।
इस दौरान 2013 में मैंने में अपना मेडिकल ट्रीटमेंट करवाया। समाज क्या कहेगा, ये सोचकर घर वाले इस ट्रीटमेंट के खिलाफ थे। मैंने अपने घरवालों को समझाया कि ताने तो मुझे बचपन से सुनने को मिल रहे हैं। जब लोग मुझे प्रताड़ित करते हैं तो क्या पड़ोस वाले और रिश्तेदार मुझे बचाने या मेरे आंसू पोछने के लिए आते हैं?
साथ खाना खाने जाने पर लोग अलग हट जाते या मुझसे दूर भगाते थे
ऑपरेशन के बाद मेरी शारीरिक बनावट एक महिला की तरह दिखने लगी। मुझमें थोड़ी हिम्मत आई और मैंने फिर से एक बार अपनी जॉब शुरू करने की सोची और एक रियल स्टेट कंपनी जॉइन की।
यहां भी लोगों को जब मेरे बारे में पता चला तो मुझे तंग करने से बाज नहीं आए। लोगों को यह तक पसंद नहीं था कि मैं उनके साथ बैठकर खाना खाऊं। जब भी मैं उनके साथ बैठकर खाना खाने के लिए जाती, तो मुझे ऐसे देखते जैसे मैं कोई अछूत हूं और कहते कि हमसे अलग बैठकर खा, इतनी बड़ी तो साइट है कोई भी कोना पकड़ ले। मैं लेबर लोगों के साथ बैठकर खाना खाती थी। दो महीने के अंदर मुझे काम से निकाल दिया गया और सैलरी भी नहीं दी। सैलरी के लिए मैंने कई महीने उस ऑफिस के चक्कर भी लगाए।
जॉब नहीं मिली तो VLCC से किया मेकअप आर्टिस्ट का कोर्स
बहुत ट्राई करने के बाद भी जब मुझे कोई जॉब नहीं मिली, तो मैंने मेकअप आर्टिस्ट का काम करने का मन बनाया।
हालांकि, मैं हमेशा से फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करना चाहती थी, लेकिन घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण मैंने मेकअप आर्टिस्ट का कोर्स किया और बतौर मेकअप आर्टिस्ट काम करने लगी। ये काम मेरी पसंद का था, तो धीरे-धीरे मैं इसे एंजॉय भी करने लगी।
मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर काम करते हुए पान्या के कई दोस्त बनें, जिन्होंने कभी उन्हें ट्रांस वुमन होने पर उन्हें जज नहीं किया।
NBCFDC स्कीम के तहत लगी मेट्रो में जॉब
कोरोना आया तो मुझे काम मिलना बंद हो गया। लॉकडाउन खत्म होने के बाद महीने में एक-दो काम मिल जाते थे। जैसे ही ऑफिसेज खुलने शुरू हुए 'नालसा जजमेंट' के तहत नॉर्थ इंडिया में ट्रांस के लिए पहला प्रोजेक्ट आया। इसके तहत नोएडा के सेक्टर 50 मेट्रो को ट्रांसजेंडर को समर्पित किया गया। यहां हम जैसे लोगों को काम दिया जा रहा था।
इस दौरान भारत सरकार के NBCFDC स्कीम के तहत सिमरन अरोड़ा ने ट्रांसजेंडर के लिए एक हेल्पलाइन सेवा शुरू की, जिसके जरिए मुझे कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन में ‘टिकट लंबी और छोटी स्थिति को समझना वेंडिंग ऑपरेटर’ के तौर पर काम मिला।
पान्या नोएडा के सेक्टर 50 मेट्रो स्टेशन में काम करती हैं, जिसका उद्घाटन साल 2020 में हुआ था और इसे ट्रांसजेंडर कम्यूनिटी को समर्पित किया गया था।
चाहती हूं समाज में कोई हमसे अछूत की तरह बर्ताव ना करे
पिछले दो साल से मैं यहां काम कर रही हूं। इसके साथ फ्रीलांस मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर भी काम कर रही हूं। मैं एक अच्छी मेकअप आर्टिस्ट के तौर पर पहचानी जानी चाहती हूं।हम लड़ना जानते हैं, लेकिन हम टॉर्चर होना और भद्दे कमेंट्स सुनना डिजर्व नहीं करते हैं। मैं चाहती लंबी और छोटी स्थिति को समझना हूं कि समाज हमसे अछूत की तरह बर्ताव ना करें।
Horoscope Today: सिंह राशि के जातकों के आज बन सकते है बिगड़े काम
मेष- आज के दिन बिना सोचे-समझे लिए गए निर्णय आपके लिए पक्षतावा का कारण बन सकते हैं. अपने ज्ञान से लाभ कमाने का समय है. ऑफिस चुनौतियां बढ़ सकती हैं. स्टाफ कम होने से दूसरे का कार्यभार संभालना पड़ सकता है. प्लास्टिक के व्यापारी अच्छा मुनाफा कमा पाएंगे. युवाओं और विद्यार्थियों के लिए दिन लगभग सामान्य ही रहने वाल है.
वृष- आज के दिन बिगड़ी दिनचर्या को सबसे पहले ठीक करने की जरूरत है. कार्यस्थल पर उच्चाधिकारियों की उम्मीदों पर खरा उतरना होगा. इसके लिए परिश्रम सामान्य दिनों से दोगुना तक करना पड़ सकता है. अनाज के कारोबारी बड़े सौदे के लिए तैयार रहें. फुटकर व्यापारियों के लिए दिन शुभ है और मनचाहा आर्थिक लाभ होगा. कम्यूनिकेशन का बिजनेस करने वाले भी मुनाफा कमा पाएंगे. युवा अभी मिल रहे अतिरिक्त समय का उपयोग योग्यता बढ़ाने में करें.
मिथुन- आज के दिन कर्म प्रधान रहते हुए आजीविका के क्षेत्र में सजग रहें. भविष्य की प्लानिंग के लिए समय उपयुक्त चल रहा है. करियर या नौकरी को लेकर कोई उलझन है तो फील्ड के विशेषज्ञों से राय लेना लाभप्रद होगा. नौकरी पेशे से जुड़े लोग टीमवर्क में कार्य करें. कार्यस्थल पर महत्वपूर्ण मीटिंग निर्णय लेते समय सभी की राय को महत्व दें.
कर्क- आज के दिन भी पूरी तरह उत्साहित रहें और मन में कोई भी कुंठा न पालें. वर्तमान में फैली महामारी का मानसिकता पर गहरा असर पड़ेगा, इसलिए खुद को सकारात्मक बनाए रखें. कार्यस्थल पर आधुनिकता से जुड़े कामों की टेक्निक को समझें. अधीनस्थों के साथ तालमेल बिगड़ने से नुकसान हो सकता है. कारोबारियों के लिए आज लाभ का दिन है, लेकिन उत्पादों के प्रचार-प्रसार को लेकर भी कुछ कार्ययोजनाएं बनानी होंगी.
सिंह- आज के दिन बनते काम बिगड़ सकते हैं, मन हतोत्साहित महसूस करेगा. मगर अपने साथ-साथ अपनों पर भरोसा बनाएं रखने की आवश्यकता है. आजीविका में अच्छी स्थिति के लिए देवी की पूजा अर्चना करें. कार्यस्थल पर उच्च अधिकारियों की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया मिल सकती है. सौंपे गए कामकाज में कोई भी लापरवाही न होने पाए.
कन्या- आज के दिन पुराने काम पूरे होने से मन शांत रहेगा. अजीविका बेहतर होने से आर्थिक स्थिति मजबूत होगी. ऑनलाइन काम करने वालों को डाटा सिक्योरिटी को लेकर बहुत सजग रहने की जरूरत है. महिला सहकर्मियों के साथ तनातनी होने की आशंका है. अगर महिला बॉस हैं तो उनकी बिल्कुल अनदेखी न करें.
तुला- आज के दिन छोटी-छोटी बातों को लेकर ऑफिस हो या परिवार के वरिष्ठजनों से अंहकार का टकराव न करें. ध्यान रखें, उनका मार्गदर्शन आपके लिए भविष्य में प्रगति के मार्ग प्रशस्त कर सकता है. ऑफिशियल कार्य आलस्य के चलते लंबी और छोटी स्थिति को समझना अधूरा हो सकता है जिससे की परेशानी उठानी पड़ेगी. व्यापारी फैक्ट्री और शॉप में अग्नि दुर्घटना से अलर्ट रहें. अब तक कोई सुरक्षा उपाय नहीं किए हैं तो अब अनदेखी करना और नुकसानदेह हो सकता है.
वृश्चिक- आज सिर्फ काम ही नहीं व्यक्तिगत संबंधों के लिए भी मेलजोल बढ़ाएं. खुद को अपडेट करने के लिए नई चीजों को सीखने की आदत बनाएं. संभव हो तो ऑनलाइन कोर्स आदि करने के लिए यह समय उपयुक्त है. नौकरी में बदलाव का समय चल रहा है. नए ऑफर या ट्रांसफर की गुंजाइश है. फाइनेंस का व्यापार करने वालों का लंबी और छोटी स्थिति को समझना आर्थिक ग्राफ बढ़ेगा.
धनु- आज के दिन बढ़ रही परेशानियों और आजीविका की चिंता परेशान कर सकती है. मन शांत रखने के लिए सत्संग करें या धार्मिक किताबें भी पढ़ सकते हैं. नए रिश्तों को मजबूत बनाने का समय है. ऑफिस में सभी के लिए खड़े होना है तभी टीम से काम के लिए पूरा सहयोग प्राप्त होगा. पैतृक व्यापारी तालमेल और संपर्कों से अच्छा लाभ कमा पाएंगे.
मकर- आज के दिन पिछले चल रहे नियमों को बदलने का समय आ गया है. अजीविका के क्षेत्र में जल्द ही शुभ समाचार सुनने को मिल सकता है. अपने आस-पास के लोगों की मदद के लिए तत्पर्य रहें. प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए संकट गहराने की आशंका है. ऐसे में दूसरे सोर्स भी खंगालते रहना जरूरी है.
कुम्भ- आज के दिन हर महत्वपूर्ण चीज पर अपना फोकस बढ़ाएं. छुपे हुए शत्रु आपके लिए परिवार या कार्यस्थल दोनों ही जगह परेशानी का कारण बन सकते हैं. टेलीकम्युनिकेशन से जुड़े लोगों लंबी और छोटी स्थिति को समझना को टारगेट पूरा होने से राहत मिलेगी. आर्थिक लाभ से मन प्रसन्न रहेगा. खान-पान का व्यापार करने वाले गुणवत्ता में कमी न लाएं. युवाओं को कुछ नया करने की प्लानिंग करना होगा.
मीन- आज के दिन समाजसेवा करने का मौका मिले तो बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए, तो वहीं दूसरी ओर आपके सुझाव किसी के लिए बेहद कारगर होंगे ऐसे में सलाह सोच-समझकर ही दें. लक्ष्यों को निर्धारित कर आगे बढ़े मन का भटकाव परेशान कर सकता है. लंबी दूरी की यात्रा सोच समझ कर करें. कर्मक्षेत्र में चार्टर्ड अकाउंटेंट और वकीलों को काम के लिए अच्छे क्लाइंट मिलेंगे. इलेक्ट्रॉनिक सामान की अच्छी बिक्री से लाभ होगा.
ग्वालियर: 22 दिसंबर को सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात होगी
ग्वालियर (Gwalior), 15 दिसम्बर . आगामी 22 दिसंबर गुरुवार (Thursday) को सूर्य मकर राशि में रात्रि 03:16 बजे प्रवेश करेंगे. अत: इस दिन वर्ष का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात होगी. ज्योतिषाचार्य डॉ. हुकुमचंद जैन ने बताया कि पंचांग अनुसार सूर्य उत्तरायण होंगे और शिशिर ऋतु प्रारंभ होगी. इसके बाद से दिन की अवधि बढ़ना शुरू हो जाएगी और रातें छोटी होना शुरू हो जाएंगी.
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस दिन सूर्य पृथ्वी से काफी दूर रहता है जिससे चंद्रमा की रोशनी पृथ्वी पर काफी देर तक रहती है. धरती को भौगोलिक आधार पर 2 भागों में विभाजित किया गया है. उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी गोलार्ध, यह विभाजन पृथ्वी की मध्य रेखा से किया गया है जिसे भूमध्य रेखा या विषुवत रेखा के नाम से भी जाना जाता है. इसके उत्तरी भाग को उत्तरी गोलार्ध एवं दक्षिणी भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है. उत्तरी गोलार्ध के 23.50 डिग्री उत्तरी अक्षांश रेखा को कर्क रेखा एवं दक्षिणी गोलार्ध के 23.50 डिग्री दक्षिणी अक्षांश रेखा को मकर रेखा कहा जाता है. जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध की ओर अग्रसर होता है तो इसे कर्क संक्राति कहा जाता है एवं सूर्य के दक्षिणी गोलार्ध में अग्रसर होने को स्थिति को मकर संक्रांति कहा जाता है. ज्योतिषाचार्य ने कहा कि सूर्य के कर्क एवं मकर रेखा की ओर अग्रसर होने के कारण ही दिनों की अवधि में अंतर दर्ज किया जाता है.
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