म्‍यूचुअल फंड में बाजार की कम जानकारी रखने वाले निवेशकों के लिए SIP के माध्‍यम से निवेश करना सबसे सही और सुरक्षित है. अगर बाजार स्थिर है और भविष्य में ऊपर जाने के आसार हैं तो लार्ड कैप फंड में निवेश करना फायदेमंद होता है. किसी भी फंड में निवेश से पहले उसके बारे में रिसर्च जरूर करें. सिप चुनते वक्‍त फंड की रेटिंग जरूर चेक कर लें. जिन फंड की रेटिंग 4-5 स्टार हो, उनमें निवेश करना ठीक रहता है. वित्‍तीय सलाहकारों का कहना है कि जो निवेशक टेंशन नहीं लेना चाहते और लम्बे समय में अच्छा रिटर्न शेयर मार्केट से पाना चाहते हैं, उन्‍हें म्‍यूचुअल फंड में जरूर निवेश करना चाहिए.

रबी सीजन 2022-23 : रबी की बुवाई में 4.37% की वृद्धि, जानें, कौनसी फसल कितनी हुई बुवाई

अनिल ने सुरजने की खेती से अब तक लिया 6 लाख का मुनाफा

20 दिसम्बर 2022, खरगोन: अनिल ने सुरजने की खेती से अब तक लिया 6 लाख का मुनाफा – सूचना क्रांति के दौर में डिजिटल तकनीक के सहारे संचार माध्यम का सार्थक उपयोग करना भी एक कला ही है। इसी कला की बदौलत खरगोन शहर से करीब 20 किमी. दूर स्थित रायबिड़पुरा के 46 वर्षीय बीए तक शिक्षित श्री अनिल वर्मा ने सुरजने की फसल से 3 वर्षाे में 6 लाख रुपये से अधिक का मुनाफा लिया है। वे सुरजने की आधुनिक खेती के साथ-साथ अंतरवर्ती फसल भी ले रहे हैं।

नियमित छंटाई और टॉपिंग से मिला लाभ – श्री अनिल बताते है कि पहले लॉक डाउन के दौरान महाराष्ट्र के एक किसान से सुरजना के बीज और फलियों के बारे में जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने लगातार यूट्यूब पर इस फसल की जानकारी लेते रहे। इसी समय इसकी खेती की ओर रुचि बढ़ी । वर्ष 2019 में मनरेगा से जुड़ने के बाद अब तक सुरजने की खेती से वे 5 बार फसल लेकर 6 ठी लेने को तैयार है। इससे उन्हें 6 लाख रुपये तक का मुनाफा हुआ है। सुरजने की आधुनिक खेती के साथ-साथ अंतरवर्ती फसल लेकर बढ़ावा दे रहे हैं। सुरजना एक बड़े पेड़ पीपल, नीम या बरगद के समान भी आकार ले सकता है। लेकिन श्री अनिल की तकनीक ऐसी है कि वे इससे होने वाले फायदे के लिए मई माह में छंटाई तथा टॉपिंग कर भरपूर फायदा ले रहे है। टॉपिंग करके अधिक से अधिक शाखाओं से 20 से 25 किलो. फलियां ले सकते हैं , जबकि छंटाई से शाखाएं बढ़ाने में सहयोग मिलता है। टॉपिंग पौधे पर आने वाली कलियों को तोड़ते हैं और छंटाई में निकलने वाली शाखाएं व्यवस्थित करने से अधिक संख्या में अपने मुनाफे को कैसे सुरक्षित करें? शाखाएं निकलती है।

Gold Silver Price Today: सोने-चांदी में रौनक लौटी, जानें अपने शहर का ताजा भाव

Gold Silver Price Today: सोने-चांदी में रौनक लौटी, जानें अपने शहर का ताजा भाव

Gold Silver Price Today 20 December 2022: शादियों के सीजन से पहले सोने-चांदी की कीमत में मामूली कमजोरी देखने को मिल रही हैं. जिसके बाद आज सोने का भाव 54500 के आसपास पहुंचकर कारोबार कर रहा हैं. इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन द्वारा जारी भाव के अनुसार आज 999 कैरेट वाला सोना 54180 के आसपास कारोबार कर रहा, वहीं 995 कैरेट वाला सोना 53963 के भाव पर खुला, 916 कैरेट वाला सोना 49629 के भाव पर खुला, 750 कैरेट वाला सोना 40635 के भाव पर खुला, 585 कैरेट वाला सोना 31695 के भाव पर खुला, वहीं 999 कैरेट वाली चांदी 66444 के भाव पर कारोबार कर रही हैं.

इन राज्यों में गेहूं की बुवाई क्षेत्र में हुई वृद्धि

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों की मानें तो इस बार चालू रबी सीजन में अब तक गेहूं की बुवाई का रकबा 312.26 लाख हेक्टेयर हो चुका है। जिसमें देश के विभिन्न राज्यों में इसकी बुवाई के क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की गई है। इसमें राजस्थान में 1.99 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 1.74 लाख हेक्टेयर उत्तर प्रदेश में 1.57 लाख हेक्टेयर, बिहार में 1.51 लाख हेक्टेयर, मध्य प्रदेश में 0.83 लाख हेक्टेयर, छत्तीसगढ़ में 0.64 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 1.43 लाख हेक्टेयर, कर्नाटक में 0.15 लाख हेक्टेयर, असम में 0.01 लाख हेक्टेयर, पश्चिम बंगाल में 0.24 लाख हेक्टेयर, जम्मू और कश्मीर में 0.23 लाख हेक्टेयर रकबा में बढ़ोत्तरी अपने मुनाफे को कैसे सुरक्षित करें? दर्ज की गई है।

सरकार द्वारा जारी आँकड़ों की मानें तो गेहूं के अलावा रबी फसलों में बोई जाने अन्य फसलों की बुवाई का भी रकबा बढ़ा है। जिसमें रबी सत्र में छोटे पैमाने पर उगाए जाने वाले चावल की बुआई का रकबा भी अब तक 14.42 लाख हेक्टेयर हो चुका है, जो वर्ष 2021-22 की समान अवधि में 12.60 लाख हेक्टेयर था। आँकड़ों के अनुसार तिलहन की वर्ष 2021-22 में 93.28 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई थी जो इस वर्ष 2022-23 में 9.60 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 101.47 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसमें सरसों का क्षेत्र पिछले वर्ष 85.35 लाख हेक्टेयर था जो वर्ष 2022-23 में 7.32 लाख हेक्टेयर की वृद्धि के साथ 92.67 लाख हेक्टेयर हो गया है। वर्ष वर्ष 2022-23 में रबी फसलों में तिलहन के क्षेत्र में सबसे ज्यादा योगदान रेपसीड और सरसों का रहा।

चने की बुवाई का रकबा भी बढ़ा

जारी आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष चने का रकबा भी बढ़ा हुआ बताया जा रहा है, लेकिन कृषि बाजार जानकारों की मानें तो ग्राउण्ड रियलिटी में चने की बुवाई घटी है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चने की खेती के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 0.72 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। साथ इस वर्ष 102.65 लाख हेक्टेयर से थोड़ा बढ़कर 103.37 लाख हेक्टेयर हो गया है। आँकड़ों के अनुसार इस वर्ष दलहन की बुवाई क्षेत्र में भी वृद्धि देखने को मिली है। जिसमें दलहन की वर्ष 2021-22 में 144.64 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में हुई थी जो इस वर्ष 3.91 लाख हेक्टेयर की वृद्धि करते हुए 148.54 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गई है। सभी दालों के लिए 3.91 लाख हेक्टेयर में से अकेले मसूर की दाल के क्षेत्र के हिस्‍से में 1.40 लाख हेक्‍टेयर की वृद्धि हुई है।

सरकारी मंत्रालय के आँकड़ों के अनुसार मोटे और पोषक अनाज के बुवाई क्षेत्र में भी वृद्धि देखने को मिली है। मोटे और पोषक अनाज की खेती के तहत आने वाले क्षेत्र में 242 लाख हेक्टेयर की वृद्धि हुई है, जो पछिले साल से 41,50 लाख हेक्टेयर से बढ़कर इस वर्ष 2022-23 में अब तक 43,92 लाख हेक्टेयर हो गई है। केंद्रीय कृषि मंत्रालय की ओर से कहा गया कि देश अभी तक तिलहन तथा दलहन के क्षेत्र में आत्म निर्भर नहीं हुआ है। पिछले वर्ष देश में खाद्य जरूरतों को पूरा करने के लिए 1.41 लाख करोड़ रूपये की लागत से 142 लाख टन खाद्य तेलों का आयात करना पड़ा है इसलिए सरकार देश में दलहन तथा तिलहन की उत्पादन बढ़ाकर आयात में कमी लाने की कोशिश कर रही है।

उत्पादन बढ़ाने के लिए उन्नत किस्मों के बीज वितरित

कृषि मंत्रालय की मानें तो सरकार देश में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को उन्नत किस्मों के बीज वितरित किए गए हैं। ताकि देश में तिलहन और दलहन का उत्पादन बढ़ाया जा सके। इसके लिए सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत एनएफएसएम ‘टीएम 370’ के नाम से विशेष कार्यक्रम भी शुरू किया है। जिसका उद्देश्य अच्छे बीज और तकनीकी प्रक्रियाओं की कमी के कारण राज्य की औसत से कम दालों की पैदावार वाले 370 जिलों की उत्पादकता बढ़ाना है।

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म्‍यूचुअल फंड से पैसा बनाने का यह फॉर्मूला, जिसने जान लिया उसकी तो निकल पड़ी

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© News18 हिंदी द्वारा प्रदत्त "म्‍यूचुअल फंड से पैसा बनाने का यह फॉर्मूला, जिसने जान लिया उसकी तो निकल पड़ी"

नई दिल्‍ली. म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund Investment) में निवेशकों की दिलचस्‍पी लगातार बढ़ रही है. इसका कारण है पिछले कुछ वर्षों में म्‍यूचुअल फंड की कई स्‍कीमों में मिला अच्‍छा रिटर्न. अगर हम साल 2022 की ही बात करें तो इस साल अब तक इक्विटी म्‍यूचुअल फंड की मल्‍टीकैप कैटेगिरी 13.4 रिटर्न दे चुकी है. लॉर्जकैप का रिटर्न 7 फीसदी है. मिडकैप कैटेगिरी ने 10.6 फीसदी मुनाफा निवेशकों को इस साल दिया है. म्‍यूचुअल फंड में निवेश, बाजार जोखिमों के अधीन है. लेकिन, अगर इनमें सोच-समझकर निवेश किया जाए तो अच्‍छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

2023 में बेहतर निवेशक बनने के लिए 3 सिद्धांत!

निवेश के लिए कोई एक आकार-फिट-सभी दृष्टिकोण नहीं है। कुछ निवेशक बेहतर मूल्य प्रस्ताव के लिए एक सार्थक गिरावट खरीदने के इच्छुक हैं, जबकि कुछ संभावित विकास को भुनाने के लिए प्रीमियम का भुगतान करने को तैयार हैं। मेरे जैसे अन्य लोगों को कैश मशीन या लाभांश देने वाली कंपनियां पसंद हैं। इसके अलावा, इन तीन प्राथमिक तरीकों में भी जाने के अनगिनत तरीके हैं।

हालांकि, कुछ सार्वभौमिक सिद्धांत हैं जो किसी की निवेश यात्रा को कम दर्दनाक और अधिक फायदेमंद बना सकते हैं। यहां उनमें से 3 हैं जो वित्तीय बाजारों में आपकी यात्रा पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं।

अपने आला पर टिके रहें

यदि आप दुनिया के किसी भी महान निवेशक को देखें, तो उन सभी में एक बात समान है कि वे अपनी क्षमता के दायरे को जानते हैं और उस पर टिके रहते हैं। वारेन बफेट प्रतिस्पर्धी व्यवसायों को सौदेबाजी में लेने में बेहद कुशल हैं, जबकि लैरी हाइट दुनिया के सबसे अच्छे ट्रेंड फॉलोअर्स में से एक हैं। दूसरी ओर, मार्टिन श्वार्ट्ज ने दिन के कारोबार में भाग्य बनाया।

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