यूक्रेन पर हमले का 16वां दिन: बाइडेन की पुतिन को वॉर्निंग- यूक्रेन के खिलाफ कैमिकल वेपन्स इस्तेमाल किए तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी; नए प्रतिबंध भी लगाए
रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 16वां दिन है। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव के और करीब पहुंच गई है। इस बीच अमेरिका ने रूसी शराब, सी फूड और हीरे के इंपोर्ट पर बैन लगाने का ऐलान किया है। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा है कि अमेरिका रूस के ट्रेड स्टेटस को कम करेगा और मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा हटाएगा।
रूस की आर्थिक स्थिति और कमजोर करने के क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग लिए बाइडेन ने शुक्रवार को अमेरिकी संसद में रूस के साथ नॉर्मल ट्रे़ड सस्पेंड करने की भी मांग की। बाइ़डेन ने कहा- पुतिन हमलावर हैं और अगर उन्होंने कैमिकल वेपन्स इस्तेमाल किए तो इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी होगी।
इस बीच खार्किव के गवर्नर ओले सिनेहुबोव ने आरोप लगाया है कि रूसी सेना ने खार्किव में एक शेल्टर होम पर हमला किया है। शेल्टर होम से 73 लोगों को निकाल लिया गया है। जबकि 330 लोग अब भी फंसे हुए हैं।
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यूक्रेन युद्ध के ताजा अपडेट्स.
- रूसी सरकार ने मार्क ज़ुकेरबर्ग की कंपनी मेटा को कट्टरपंथी बताते हुए इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप पर बैन लगा दिया। इससे पहले फेसबुक और ट्विटर को भी रूस में बैन कर दिया गया था। रूसी मीडिया ने फेसबुक पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है।
- वोल्दोमिर जेलेंस्की ने रूसी संपत्ति को जब्त करने के लिए कानून पर साइन कर दिए हैं। वहीं, यूक्रेन के शिक्षा मंत्री का दावा है कि रूस ने उनके देश में 280 स्कूल-कॉलेज तबाह कर दिए हैं।
- UNHCR के अध्यक्ष फिलीपीनो ग्रैंड ने बताया कि यूक्रेन शरणार्थियों की मदद के लिए 2297 करोड़ रुपए का इमरजेंसी फंड जुटाया गया हैं।
- यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने आरोप लगा है कि मारियुपोल से नागरिकों को निकालने के लिए बनाए गए गलियारे पर रूसी सेना ने हमला किया।
- अमेरिकी उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने यूक्रेन युद्ध से प्रभावित हुए नागरिकों की मदद के लिए 5.3 करोड़ डॉलर की मदद देने की घोषणा की है।
- रूस के डिप्टी PM ने भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी से ईंधन-ऊर्जा प्रोजेक्ट्स में सहयोग और रूस की यूनिवर्सिटीज में भारतीय छात्रों की स्टडी पर बात की।
रूस का यूक्रेन पर बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियार तैयार करने का आरोप
रूस का यूक्रेन पर आरोप है कि वो अमेरिका के साथ मिलकर बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियार तैयार कर रहा है। इसे लेकर आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बैठक भी होगी। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने रूस के इन आरोपों खारिज करते हुए कहा, 'मैं एक योग्य देश का राष्ट्रपति और दो बच्चों का पिता क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग हूं। मेरी जमीन पर कोई बायोलॉजिकल और कैमिकल हथियार नहीं है।
रूस ने की ह्यूमन कॉरिडोर बनाने की पेशकश
जंगी माहौल में रूस ने हर दिन सुबह 10 बजे ह्यूमन कॉरिडोर बनाने की पेशकश की है, ताकि युद्ध में फंसे लोगों को निकाला जा सके और उन तक मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके। मैप से समझिए रूस अब तक यूक्रेन के किन इलाकों पर कब्जा कर चुका है और किस रूट से ह्यूमन कॉरिडोर बनाया गया है।
कीव के और करीब पहुंची रूसी सेना
उधर, रूस ने यूक्रेन के चार बड़े शहरों को घेर लिया है और राजधानी कीव की सीमा के करीब तक पहुंच चुकी है। ताबड़तोड़ रूसी हमलों के बावजूद पूरब में खार्किव अभी यूक्रेन के पास है। वहीं उत्तर पूर्व में सुमी रूसी सैनिकों के घेरे में है, लेकिन ह्यूमन कॉरिडोर के जरिए यहां से हजारों लोग सुरक्षित निकलने में कामयाब रहे। इसके अलावा राजधानी कीव भी अभी यूक्रेन के पास है। कीव पर रूस की क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग पैनी नजर है और शहर की सीमा पर चारों ओर से रूसी सैनिकों के वाहन देखे जा सकते हैं। पिछले दो दिनों में यूक्रेन के सुमी और कीव से 80 हजार लोगों को निकाल गया।
कमला हैरिस की हंसी पर विवाद
अमेरिका की उप राष्ट्रपति हंगरी में यूक्रेन के शरणार्थी संकट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान किसी बात पर हंस पड़ी। इस पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की पूर्व प्रेस सचिव यूलिया मेंडेल ने ट्वीट करते हुए कहा कि अगर हैरिस अमेरिका की राष्ट्रपति बनती हैं तो यह एक त्रासदी होगी। हालांकि, विवाद बढ़ता देख उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।
परमाणु सुरक्षा पर यूक्रेन-रूस में बना संपर्क
यूक्रेन ने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी को सूचित किया है कि उसका चेर्नोबिल क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट से संपर्क पूरी तरह खत्म हो गया है। मालूम हो कि इस प्लांट पर रूसी सेना कब्जा कर चुकी है। एजेंसी के डायरेक्टर जनरल राफेल मारियानो ग्रोसी ने ट्वीट कर यह जानकारी दी। हालांकि, उन्होंने कहा कि एजेंसी परमाणु सुरक्षा को लेकर रूस और यूक्रेन के बीच उच्च स्तर पर संपर्क स्थापित कर दिया है।यूक्रेन के सुमी से निकाले गए भारतीयों को लेकर पोलैंड के रेजेत्जो से रवाना हुआ एअर इंडिया का विमान शुक्रवार सुबह 5.45 बजे दिल्ली में उतर गया।
आइए सैटेलाइट की तस्वीरों से समझते हैं कि यूक्रेन के मारियुपोल शहर में रूसी हमले से कितनी तबाही हुई.
रूस में उठ रही पुतिन विरोधी आवाजें.
यूक्रेन युद्ध को लेकर अब पुतिन के खिलाफ रूस में विरोधी स्वर सुनाई देने लगे हैं। सरकार समर्थित टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान एक्सपर्ट्स ने यूक्रेन के हालातों को अफगानिस्तान से भी बदतर बताया। साथ ही उन दावों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा गया था कि रूस यूक्रेन को 'डी-नाजिफाई' करने के लिए स्पेशल ऑपरेशन चला रहा है।
अफगानिस्तान में अलग-अलग कबीले सत्ता के लिये लड़ते रहे हैं. देश के बड़े हिस्से पर तालिबान का क़ब्ज़ा हो जाने के बाद भी अफग़ानिस्तान लम्बे गृहयुद्ध की राह पर है.
अगस्त 2005 के आखिरी हफ्ते में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अफगानिस्तान का दौरा किया. तब अमेरिका और सहयोगी देशों द्वारा तालिबान को खदेड़ दिये जाने के बाद अफग़ानिस्तान का पुनर्निर्माण ज़ोरों पर था और भारत की उसमें सक्रिय भूमिका थी. प्रधानमंत्री की यात्रा के करीब तीन हफ्ते के भीतर ही वहां चुनाव होने जा रहे थे और भारतीय चुनाव आयोग के अधिकारी अफगानी अधिकारियों को ट्रेनिंग के लिये कई महीनों से वहां डटे थे.
युद्ध से तहस-नहस अफग़ानिस्तान की राजधानी काबुल में नये संसद भवन की नींव पूर्व राजा ज़ाहिर शाह ने डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में ही रखी. सिंह के सामने ही काबुल के एक हबीबिया स्कूल (जो बमबारी में तबाह हो गया था) का पुनर्निर्माण कर भारत ने उसे अफग़ानी अधिकारियों के हवाले किया. हर ओर लोकतंत्र की बयार और राहत भरा माहौल था.
पंजशीर घाटी का रुख
अफगानिस्तान पर अमेरिकी सेनाओं के हमले के वक्त 2001 में पंजशीर घाटी का नाम और उसकी सामरिक अहमियत को एक पूरी पीढ़ी ने टीवी स्क्रीन पर तस्वीरों और जानकारों के बयानों से ही समझा. वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुये आतंकी हमले के कुछ ही दिन पहले ‘पंजशीर का शेर’ कहे जाने वाले ताजिक कमांडर अहमद शाह मसूद की हत्या कर दी गई. मसूद ने दशकों से जिस पंजशीर घाटी से जंग जारी रखी और जिस वादी को अब तक कोई जीत न सका वह एक बार फिर चर्चा में है. फर्क इतना ही है इस बार इस घाटी को बचाने की ज़िम्मेदारी अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के हाथों में है.
करीब 16 साल पहले तब मनमोहन सिंह अपने दो दिन के दौरे के बाद वापस दिल्ली लौट आये लेकिन हमारी टीम काबुल में रुकी रही. हमारी योजना वहां चुनाव की तैयारियां कवर करने की थी. हमारे पास एक अफगानी दुभाषिया था जो अच्छी अंग्रेज़ी बोलता था और एक स्थानीय ड्राइवर भी जो दुभाषिये से कम उम्र का था लेकिन बहुत वाचाल और मज़ाकिया. वह स्थानीय भाषा (दरी) में दुभाषिये के साथ लगा रहता. अफगानिस्तान में अलग-अलग कबीले सत्ता के लिये लड़ते रहे हैं. ताजिक समुदाय के अहमद शाह मसूद हमेशा पश्तून तालिबानों की आंखों की किरकिरी बना रहा.
मसूद, जैसे आपका गांधी
तालिबान की हार के बाद तक क़ाबुल में अहमद शाह मसूद के बड़े पोट्रेट और पोस्टर टंगे दिखे. काबुल एयरपोर्ट का नाम मसूद के नाम पर किया गया जिसे बाद में हामिद करज़ई ने बदल दिया. जब दुभाषिये से मैंने पूछा की अफग़ानिस्तान में मसूद की क्या अहमियत है तो कुछ सोचकर उसने कहा– एज यू हैव गांधी इन योअर कंट्री. मुझे पता नहीं कि उसे गांधी के बारे में कितना पता था और यह उपमा कितनी ठीक रही होगी लेकिन इससे कमांडर अहमद शाह मसूद के मयार का अंदाज़ा हुआ. अगले दिन जब पंजशीर घाटी का रुख किया तो साथी अमिताभ रेवी और नरेंद्र गोडावली अलग कार में थे और मुझे कुछ ताजिक नेताओं के साथ दूसरी गाड़ी में बैठना पड़ा.
पंजशीर घाटी काबुल से उत्तर-पूर्व दिशा में करीब 150 किलोमीटर दूर है. अपदस्त उप-राष्ट्रपति अमरुल्लाह क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग सालेह यहीं शरण लिये हुये हैं. वह ट्विटर पर यह पैगाम डाल चुके हैं कि, "वह अपने हीरो, कमांडर और गाइड अहमद शाह मसूद की आत्मा और विरासत को दगा नहीं देंगे और तालिबानी आतंकियों के आगे नहीं झुकेंगे." सालेह के अलावा अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद ने भी यही इरादा जताया है. इससे स्पष्ट है कि देश के बड़े हिस्से पर तालिबान का क़ब्ज़ा हो जाने के बाद भी अफग़ानिस्तान लम्बे गृहयुद्ध की राह पर है.
पंजशीर का दुर्गम भूगोल
पूरे रास्ते वह ताजिक नेता स्थानीय भाषा में बतियाते रहे और मैं अकेला (मेरे साथी दुभाषिये के साथ दूसरी कार में थे) चुपचाप उस एक्सप्रेस हाईवे जैसी सड़क को महसूस कर रहा था जो तबाही के बाद बनी थी. कुछ देर में यह हाईवे अचानक दोनों ओर पहाड़ियों से घिर गया और साथ में नदी बहती दिखी. ये अद्भुत खूबसूरती और भव्यता थी जिसे एक क्षण में आत्मसात करना मुश्किल था. मेरे चेहरे के भाव देखकर उन अफगानियों में से एक बुज़ुर्ग मेरी ओर देख कर बोला, दरे पंजशीर! यानी पंजशीर घाटी.
मैंने पहली बार हिन्दुकुश की पहाड़ियों को देखा. सड़क पंजशीर घाटी में तो प्रवेश कराती थी लेकिन वहां के दुर्गम पहाड़ों और यहां के गांवों तक पहुंचना किसी के लिये आसान न था. इस भूगोल को देखकर समझ आता है कि पंजशीर का अजेय होना केवल मसूद जैसे कमांडरों के कारण नहीं है बल्कि इसका भूगोल इसकी सबसे बड़ी ताकत है. यहां डटे गुरिल्लाओं के लिये ऊंचे पहाड़ों से दुश्मन पर नज़र रखना और उस पर हमला करना जितना आसान है दुश्मन के लिये फतह करना उतना ही कठिन.
पंजशीर का भूगोल इस घाटी का प्रवेश द्वार की हिफाज़त को आसान बनाता है. सालेह ने ट्वीट कर कहा है, "पड़ोसी की अंदराब घाटी पर गुरिल्ला हमले झेलने के बाद तालिबान अब पंजशीर के प्रवेश द्वार पर जमा हो रहे हैं. तालिबान का प्रतिरोध कर रहे लड़ाकों ने हाईवे को बन्द कर दिया है." सालेह ने ये भी कहा है कि तालिबान रसद और ज़रूरी सामग्री को आने से रोक रहे हैं जिससे एक मानवीय संकट खड़ा हो रहा है.
न्यूज़लॉन्ड्री डाक
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प्रश्नसमुच्चय--१२
विश्व मे कौनसी एसी झील जो प्रत्येक 12 बर्ष बाद मीठे व खारी जल मे परिवर्तित होता रहती है ?
उत्तर : तिब्बत की उरुस्सी झील
विश्व की सबसे लम्बी बस कहा है ?
उत्तर : अमेरिका मे 76 फुट लम्बी , 11 टन भारी 121 यात्री बैठ सकते है
विश्व मे कौनसी पहाडी जो प्रतिदिन अप ना र्ंग बदला करती है ?
उत्तर : आयर्स राक जो दछीण आस्टेलिया मे है
विश्व का सबसे पहला जहाज किस देश मे उडा था, चालक कौन था? 17 दिसम्बर 1903, अरबिले राइट ने विश्व मे कितनी भाषाये बोली जाती है ?
उत्तर : 2792 भाषाये
विश्व मे उस देश का नाम बताइए जहॉ सिर्फ पुरुष है तथा उसकी जनस्ंख्या क्या है ?
उत्तर : जनस्ंख्या 1000 बेट्कन सिटी यूरोप
विश्व मे कौन सी नदी है, जिस नदी मे मछ्ली नही पायी जाती है ?
उत्तर : जार्डन नदी फिलीस्तीन
विश्व की सबसे लम्बी औरत कौन है ?
उत्तर : मध्य चीन की सनि चुगलिंग 8 फुट है
विश्व की सबसे लम्बी नहर कौन सी है
उत्तर : स्वालीन नहर ,स्वेत सागर
विश्व की सबसे बडा एयर पोर्ट कहॉ है ?
उत्तर : टैक्सास का फोर्ट वर्थ अमेरिका मे है
विश्व की सबसे ऊची चोटी ?
उत्तर : माउण्ट एरेस्ट, 8848 मी, है
विश्व की सबसे बडा स्टेडियम है ?
उत्तर : एस्ट्राहीव स्टेडियम प्रांग
विश्व की सबसे बडा महल है ?
उत्तर : बेटिकल इटली मे
विश्व की सबसे लम्बी सडक सुरंग कौन सी है ?
उत्तर : माउण्ट ब्लाक फ्रांस से इट्ली, 72 कि.मी है
भारत का राष्ट्रीय सूत्र (वाक्य ) क्या है ?
उत्तर : सत्यमेव जयते
विश्व की सबसे बडा सेना कौन सी है ?
उत्तर : मुक्ति सेना, चीन 20 लाख सैनिक
विश्व मे कौन सा देश है जिसमे सर्प नही है ?
उत्तर : हवाई दीप मे
विश्व की सबसे बडी लायब्रेरी कौन सी है ?
उत्तर : मास्को की लेनिन लाइब्रेरी 2 करोड पुस्तक है अभी तक
विश्व का सबसे बडा संग्रहालय कौन सा है
उत्तर : एलवर्ड संग्रहालय
विश्व का सबसे बडा बन्दरंगाह कौन सा है
उत्तर : सुर्बर न्युयार्क
विश्व मे सोने का सर्वाधिक उत्पादन बाल देश कौन सा है ? उत्त = दछीण क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग अफ्रीका मे विश्व का कौनसा देश है जो कभी गुलाम नही हुआ है ?
उत्तर : नेपाल
विश्व का वह कौनसा जन्तु है जो जिन्दगी भर बिना पानी पीये जीता है ?
उत्तर : अमेरिका का कंगारु
विश्व की प्रथम महिला जो अंतरिछ यात्री कौन है ?
उत्तर : बेमेनतिना तेरशकी
विश्व का वह कौनसा देश है जो कपडे पर अखबार निकालता है ?
उत्तर : स्पेने
विश्व मे कौन - सा पौधा है जिसकी शक्ल आदमी से मिलती जुलती है और उसे उखाड्ने पर उसमे से बच्चे की रोने की आवाज आती है वह पौधा कहॉ पाय जाता है ? मैडुक अफ्रीका मे विश्व मे प्रथम बाइसिकल कब कहॉ और किसने चलाई थी ?
उत्तर : ऎकलिकन स्काटलैण्ड मे सन 1835 ईसा. मे
विश्व मे कौनसी चिडिया के पंख नौ र्ंग के होते है ? पिटा चिडिया (आस्ट्रेलिया मे ) दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश कौनसा है
Explained: क्या बलूच विद्रोही पाकिस्तान में China का काम तमाम कर देंगे?
पाकिस्तान से अलगाव की मांग कर रहे बलूच ( Baloch nationalists in Pakistan) अब अपनी बात मनवाने के लिए चीन पर हमला कर रहे . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : January 13, 2021, 07:39 IST
चीन कर्ज देकर घुसपैठ का अपना पुराना नुस्खा अपनाते हुए पाकिस्तान में बड़ी पैठ बना चुका है. ये भारत क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग के लिए दोहरा झटका है क्योंकि दोनों ही देश भारत से खराब संबंध रखते हैं. इधर पाक में निवेश के नाम पर इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ा रहे चीन को एक नई मुसीबत का सामना करना पड़ा रहा है, वो है क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग बलूच विद्रोहियों की हिंसा.
क्या हो रहा पाकिस्तान में
पाकिस्तान को आएदिन अपने ही हिस्से के लोगों का विद्रोह झेलना पड़ रहा है. यहां तक कि अब चीन का पाकिस्तान में खरबों डॉलर का निवेश खतरे में आ चुका क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग है. इसका आखिरकार खामियाजा पाकिस्तान को ही भुगतना पड़ सकता है. दरअसल हो ये रहा है कि दशकों से पाकिस्तान से अलग खुद को आजाद देश के तौर पर बनाए जाने की मांग कर रहे बलूच विद्रोहियों की मांग अब हिंसक हो चुकी है.
बलूच विद्रोहियों की मांग अब हिंसक हो चुकी है (Photo- news18 English via Reuters)
अपना रहे अलग रणनीति
हिंसा के लिए भी बलूच सीधे पाकिस्तानी सेना पर ही हमला नहीं कर रहे, बल्कि छांट-छांटकर उन हिस्सों पर हमला कर रहे हैं, जहां चीन का कोई बड़ा निवेश हुआ है और कोई सड़क या पुल तैयार हो रहा है. बलूच निर्माण स्थल पर सामान पहुंचने में भी रुकावट डाल रहे हैं. साल 2020 में ऐसी कई घटनाएं हुईं और दिसंबर में पाकिस्तानी सेना को एक भीषण हमले में अपने 7 जवान गंवाने पड़े थे. कहना न होगा कि ये जवान चीन के इकनॉमिक कॉरिडोर की सुरक्षा में लगे थे.
चीन के पैसे खतरे में
इस घटना के बाद चीन और पाकिस्तान की आंतरिक बातचीत भले ही सामने नहीं आई लेकिन पैसों को दांत से पकड़ते चीन के गुस्से के बारे में अनुमान लगाना खास मुश्किल नहीं. हमले के बाद एक बार फिर से चीन का बलूचिस्तान के ग्वादर पोर्ट और फ्री ट्रेड जोन में अरबों डॉलर का निवेश संकट में आ चुका है. बता दें कि पाक में चीन 60 अरब डॉलर से अधिक का निवेश कर चुका है और जो गुप्त ढंग से उसने पाक को भारी भरकम कर्ज दिए हैं, वो अलग हैं.
पाकिस्तान इस समय भारी दबाव में है. इधर दुनिया के सामने पाक से गलबहियां करता चीन चाहकर भी कुछ कर नहीं पा रहा. वजह, बलूच विद्रोह पाकिस्तान का एकदम आंतरिक मुद्दा है.
बलूच शिक्षा, रोजगार और हेल्थ तक में काफी पीछे रहे
बलूचिस्तान क्यों अलग होना चाहता है?
बलूच लोगों का मानना है कि भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान ने सिंध और पंजाब प्रातों का तो विकास किया लेकिन बलूचिस्तान पर कभी ध्यान नहीं दिया. नतीजा ये रहा कि बलूच शिक्षा, रोजगार और हेल्थ तक में काफी पीछे रहे. यही देखते हुए सत्तर के दशक में बलूच आजादी की मांग काफी तेज हो गई.
बलूचों के साथ हुई थी हिंसा
इसे दबाने के लिए पाकिस्तान की तत्कालीन भुट्टो सरकार ने आक्रामक तरीका अपनाया. पाक सेना वहां आम बलूच नागरिकों को भी मारने लगी. अनुमान है कि सेना और बलूच लड़ाकों के बीच हुए संघर्ष में साल 1973 में लगभग 8 हजार बलूच नागरिक-लड़ाकों की मौत हो गई थी. वहीं पाकिस्तान के करीब 500 सैनिक मारे गए. इसके बाद मामला खुले तौर पर तो ठंडा पड़ गया लेकिन बलूच लोगों के भीतर गुस्सा भड़कता गया.
बलूच लड़ाके अब क्या कर रहे हैं
अब आजादी के लिए वहां गुरिल्ला हमले का रास्ता अपनाया जा रहा है. बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) बलोच अलगाववादियों का सबसे बड़ा संगठन है. ये लगातार पाक पर बलूचिस्तान को अलग करने की मांग करता आया है. इसके अलावा कई और भी अलगाववादी संगठन हैं जो बलूच आजादी के लिए लोगों को एकजुट कर रहे हैं. वे पाकिस्तान से आजादी के लिए चीन को टारगेट कर रहे हैं.
साल 2019 में ग्वादर के एकमात्र पांच-सितारा होटल पर्ल कॉन्टिनेंट पर बलूच विद्रोहियों ने हमला किया- सांकेतिक फोटो
चीनियों के ठहरने की जगह तक बनी टारगेट
साल 2019 में ग्वादर के एकमात्र पांच-सितारा होटल पर्ल कॉन्टिनेंट पर बलूच विद्रोहियों ने हमला किया. बता दें कि इस होटल में चीन से इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम के लिए आए अधिकारी ही ठहरते आए हैं. साथ ही उन्होंने धमकी दी कि वे CPEC प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने देंगे. इससे ये समझ आता है कि पाकिस्तान में चीनी सुरक्षित नहीं. यही यकीन दिलाना दशकों से आजादी मांग रहे विद्रोहियों का मकसद है ताकि वे किसी भी तरह से पाक सरकार पर अपनी आजादी के लिए दबाव बना सकें.
मानवाधिकारों को लेकर कशमकश
इमरान सरकार पहले से ही भारी कर्ज में दबी हुई है. ऐसे में वो किसी हाल में चीन का साथ नहीं छोड़ना चाहती. जिनपिंग को खुश करने के लिए वो अपने ही लोगों यानी क्या है गुरिल्ला ट्रेडिंग बलूच विद्रोहियों और साथ ही बलूचिस्तान प्रांत के आम लोगों पर भी हिंसा कर रही है. मानवाधिकारों के मामले में पहले ही उइगरों पर हिंसा को लेकर चीन घेरे में है. ऐसे में वो हरगिज नहीं चाहेगा कि किसी दूसरे मामले में वो वजह बने. यही कारण है कि वो बलूचिस्तान के लोगों पर सीधी कोई कार्रवाई नहीं करेगा, बल्कि कूटनीति के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएगा कि वो समस्या का हल निकाले, वरना कर्ज वापस मांगने का रास्ता तो चीन के पास है ही.
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Google Pixel 6a vs Nothing Phone 1: कौन सा स्मार्टफोन है बेस्ट, चेक करें कीमत, फीचर्स और डिजाइन की तुलना
Pixel 6a vs Nothing Phone 1 Comparison: Google Pixel 6a स्मार्टफोन 6GB रैम और 128GB UFS स्टोरेज के साथ आता है. वहीं, Phone (1) में 12GB तक रैम और 256GB तक स्टोरेज दिया गया है.
Google Pixel 6a Vs Nothing Phone 1: Google Pixel 6a स्मार्टफोन को आज आधिकारिक तौर पर भारत में पेश किया जाएगा.
Google Pixel 6a vs Nothing Phone 1 – Display, Performance, Camera, Price in India: Google Pixel 6a स्मार्टफोन को आज आधिकारिक तौर पर भारत में पेश किया जाएगा. इस फोन की घोषणा सबसे पहले मई में एनुअल इवेंट Google I/O पर की गई थी. दिलचस्प बात यह है कि भारत में Pixel 6a के प्री-ऑर्डर उसी दिन से शुरू हो रहे हैं जिस दिन पहली बार Nothing Phone (1) की बिक्री शुरू हो रही है. Nothing Phone (1) स्मार्टफोन को कुछ दिनों पहले ही भारत में लॉन्च किया गया है. आइए जानते हैं कि इन दोनों स्मार्टफोन्स की खासियत क्या है और इनमें क्या अंतर है.
Google Pixel 6a VS Nothing Phone (1): डिजाइन, कीमत और फीचर्स की तुलना
Design– Pixel 6a में डुअल टोन लुक है और जिसे Google “कैमरा बार” कहता है. इसमें मेटल से बना एक फ्रेम है. पीछे प्लास्टिक है. आगे की तरफ आपको कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 3 का प्रोटेक्शन मिलता है. फोन (1) में एक सी-थ्रू रियर है, जो कस्टमाइजेबल एलईडी लाइटिंग या “glyph इंटरफेस” के साथ आता है. बाहरी फ्रेम 100% री-सायकल्ड एल्यूमीनियम से बना है, जबकि शेष प्लास्टिक है- इसका 50% बायो-बेस्ड या पोस्ट-कंज्यूमर री-सायकल मटेरियल से बनाया गया है. इसमें फ्रंट में कॉर्निंग गोरिल्ला ग्लास 5 है. दोनों फोन में हेडफोन जैक या माइक्रो-एसडी कार्ड स्लॉट नहीं है.
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Display– Pixel 6a में 1080p रेजोल्यूशन और 60Hz रिफ्रेश रेट के साथ 6.1 इंच का OLED डिस्प्ले है. Phone (1) में 1080p रेजोल्यूशन के साथ 6.55-इंच 120Hz OLED डिस्प्ले और HDR10+ प्लेबैक के लिए सपोर्ट है. दोनों फोन में बायोमेट्रिक्स के लिए इन-स्क्रीन फिंगरप्रिंट रीडर है.
Processor– Pixel 6a Google के Tensor चिप द्वारा संचालित है. Phone (1) में क्वालकॉम का मिड-रेंज स्नैपड्रैगन 778G+ चिप दिया गया है.
RAM, Storage- Pixel 6a स्मार्टफोन 6GB रैम और 128GB UFS स्टोरेज के साथ आता है. वहीं, Phone (1) में 12GB तक रैम और 256GB तक स्टोरेज दिया गया है.
Software– Pixel 6a स्मार्टफोन Android 12 पर बेस्ड है. Google का कहना है कि यह अपकमिंग Android 13 अपडेट प्राप्त करने वाले पहले Android डिवाइस में से होगा. इसे पांच साल तक का सिक्योरिटी अपडेट मिलेगा. Phone (1) नथिंग OS पर बेस्ड है, जो एंड्रॉयड पर आधारित एक मालिकाना ऑपरेटिंग सिस्टम है. फोन को लेकर कंपनी का वादा है कि 3 साल तक ऐंड्रॉयड व 4 साल तक हर 2 महीने पर सिक्योरिटी अपडेट मिलेगा.
Rear camera setup– Pixel 6a में डुअल कैमरा है- 12.2 MP मेन (f1.7 डुअल-पिक्सेल ऑप्टिकल इमेज स्टेबिलाइज़ेशन के साथ) और 12MP अल्ट्रावाइड. यह स्मार्टफोन [email protected] वीडियो रिकॉर्डिंग को सपोर्ट करता है. Phone (1) में ड्यूल रियर कैमरा सेटअप दिया गया है. फोन में रियर पर अपर्चर एफ/1.88 के साथ 50 मेगापिक्सल सोनी IMX766 सेंसर है जो OIS व EIS सपोर्ट करता है. इसके अलावा रियर पर 50 मेगापिक्सल सोनी JN1 सेंसर है जो अपर्चर एफ/2.2 के साथ आता है.
Front camera– Pixel 6a में 8MP का फ्रंट कैमरा है जबकि Phone (1) में 16MP का सेल्फी शूटर है.
बैटरी कैपिसिटी, फास्ट चार्जिंग– Pixel 6a में 18W फास्ट चार्जिंग के साथ 4,410mAh की बैटरी दी गई है. इसमें वायरलेस चार्जिंग नहीं है. Phone (1) में 4,500mAh की बैटरी दी गई है जिसमें 33W वायर्ड, 15W Qi वायरलेस और 5W रिवर्स वायरलेस चार्जिंग सपोर्ट है.
कीमत – भारत में Pixel 6a की कीमत 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वर्जन के लिए 43,999 रुपये है. भारत में Phone (1) के 8GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वर्जन की कीमत 32,999 रुपये से शुरू होती है. यह फोन 8GB/256GB और 12GB/256GB कॉन्फ़िगरेशन में भी आता है. 8GB/256GB वाले वैरिएंट की कीमत 35,999 रुपये और 12GB/256GB वाले वैरिएंट की कीमत 38,999 रुपये रखी गई है.
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