आमतौर पर हम, जिसे शेयर बाजार के रूप में संदर्भित करते हैं वह Equity Market कमोडिटी इंडेक्स को समझना ही है, इस बाजार सभी प्रकार की कंपनियों के शेयरों दूसरे शब्दों में कंपनियों की हिस्सेदारी को खरीदा या बेचा जाता है। किसी कंपनी के शेयर खरीदने पर निवेशक, खरीदे गए शेयरों की मात्रा के अनुसार उस कंपनी में मालिकाना अधिकार प्राप्त कर लेता है।

Equity Market Vs Commodity Market

कमोडिटी चयन सूचकांक (सीएसआई)

कमोडिटी सेलेक्शन इंडेक्स (सीएसआई) एक तकनीकी वस्तुएं अल्पकालिक व्यापार के लिए सबसे उपयुक्त हैं। सीएसआई मूल्य जितना बड़ा होगा, उस विशेष परिसंपत्ति से जुड़ी प्रवृत्ति और अस्थिरता विशेषताओं को उतना ही अधिक मजबूत किया जाएगा ।

यह संकेतक केवल उन व्यापारियों द्वारा उपयोग किया जाना चाहिए जो बड़ी मात्रा में अस्थिरता और संबंधित जोखिमों को संभाल सकते हैं क्योंकि यह मजबूत रुझान का संकेत देता है। हालांकि, उलटियां हमेशा संभव होती हैं।

चाबी छीन लेना:

  • कमोडिटी ट्रेडिंग के अवसरों के लिए प्रतिभूतियों की पहचान करने में मदद करने के लिए कमोडिटी सिलेक्शन इंडेक्स (सीएसआई) गति और अस्थिरता का उपयोग करता है।
  • सीएसआई में उच्च मूल्य बेहतर किसी विशेष संपत्ति या सुरक्षा में मजबूत प्रवृत्ति का संकेत देते हैं।
  • अल्पकालिक व्यापारी अस्थिर प्रतिभूतियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, इसलिए सीएसआई इन निवेशकों के बीच एक आम उपकरण है।
  • व्यापारी केवल उच्चतम सीएसआई मूल्य के साथ कमोडिटी का व्यापार कर सकते हैं या जब वे सूचकांक में तेज वृद्धि देखते हैं।

कमोडिटी चयन सूचकांक (सीएसआई) को समझना

कमोडिटी सेलेक्शन इंडेक्स (सीएसआई) एक उपकरण है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग के लिए किया जाता है । अल्पकालिक व्यापारियों को पता है कि पैसा बनाने की कुंजी आंदोलन है, यही कारण है कि वे मुख्य रूप से अत्यधिक अस्थिर संपत्ति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। यह सूचकांक जोखिम को कम करने और प्रवृत्ति विशेषताओं को शामिल करके व्यापार को आसान बनाने का प्रयास करता है । कुछ व्यापारी केवल उन प्रतिभूतियों को सीएसआई पर उच्चतम रैंकिंग में देखेंगे, जबकि अन्य केवल लेन-देन के संकेत देंगे जब वे सीएसआई में बड़ी वृद्धि का निरीक्षण करेंगे।

संकेतक के प्रकार

संकेतक उन आंकड़ों को संदर्भित करते हैं जो एक निवेशक वर्तमान कमोडिटी इंडेक्स को समझना आर्थिक स्थितियों को मापने के लिए उपयोग कर सकता है । निवेशक वित्तीय या आर्थिक रुझानों का पूर्वानुमान करने के लिए सीएसआई जैसे सूचकांक का भी उपयोग कर सकता है। संकेतक को या तो आर्थिक संकेतकों या तकनीकी संकेतकों में विभाजित किया जा सकता है।

कमोडिटी चयन सूचकांक और अल्पकालिक निवेश

सीएसआई विशेष रूप से करने के लिए प्रयोग किया जाता है बचाव अल्पकालिक निवेश के जोखिम। आंतरिक राजस्व कमोडिटी इंडेक्स को समझना सेवा एक साल या उससे कम की होल्डिंग अवधि के साथ उन लोगों के रूप में अल्पकालिक निवेश देखता है।  अल्पकालिक व्यापार बेहद आकर्षक हो सकता है, लेकिन यह जोखिम भरा भी हो सकता है। एक अल्पकालिक व्यापार कुछ मिनटों से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। क्योंकि अल्पकालिक व्यापार उच्च जोखिम और उच्च प्रतिफल दोनों प्रदान करता है, व्यापारियों को प्रत्येक व्यापार को सफल होने के लिए समझना चाहिए।

कई बुनियादी अवधारणाएं हैं जो एक व्यापारी अल्पकालिक व्यापार में सफल होने कमोडिटी इंडेक्स को समझना के लिए मास्टर कर सकते हैं। एक व्यापारी को व्यापार पर प्रतिक्रिया करने से पहले एक अच्छे व्यापार को पहचानने में सक्षम होना चाहिए, जिसका अर्थ है कि व्यापारी को प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए, बल्कि इसके बजाय, बाजार की प्रतिक्रिया से पहले ही लाभ उठाएं। इस प्रकार, सीएसआई बाजार के रुझानों पर विचार करके व्यापारियों के लिए एक उपयोगी उपकरण है।

Equity vs Commodity: इक्विटी और कमोडिटी मार्केट के बीच क्या अंतर है? यहां डिटेल में समझें

Equity vs Commodity: इक्विटी और कमोडिटी मार्केट के बीच क्या अंतर है? यहां डिटेल में समझें

इक्विटी और कमोडिटी दोनों बाजारों की अपनी-अपनी बारीकियां हैं जो उन्हें एक-दूसरे से अलग बनाती हैं। इस लेख में आप दोनों के बीच के अंतर को समझेंगे, ताकि आप बाजार की समझ के आधार पर दोनों में से किसी का भी उपयोग कर सकते हैं।

  Difference between Equity & Commodity Markets: इक्विटी और कमोडिटी मार्केट दोनों ही निवेश का साधन है, इक्विटी लोगों में ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि इसमें निवेश करना आसान है। वहीं कमोडिटी बाजार में निवेश करने के लिए ज्यादा रिसर्च और अध्ययन की जरूरत होती है, लेकिन यह उतना भी कठिन नहीं। हालांकि नए निवेशकों के बीच अब कमोडिटी बाजार का रुझान बढ़ा है। इस लेख में हम आपको इक्विटी और कमोडिटी मार्केट के बीच के अंतर को समझाएंगे।

Commodity Market क्या है?

जैसा कि, इसके नाम से पता चलता है Commodity Market ऐसा फाइनेंशियल मार्केट है, जहाँ विभिन्न कमोडिटी इंडेक्स को समझना प्रकार के उत्पादों, जिन्हें कमोडिटीज़ कहा जाता है की खरीद-बिक्री की जाती है। कमोडिटीज सामान्यतः कच्चा माल अथवा प्राथमिक उत्पाद जैसे गेहूँ, कॉफी, सोना, चाँदी, क्रूड ऑइल आदि होती हैं, जिनका दुनियाँ भर के बाजारों में कारोबार किया जा सकता है।

कमोडिटी मार्केट में अधिकांशतः वस्तुओं के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट ट्रेड किये जाते हैं, उदाहरण के लिए यदि आप एक फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीदते हैं, तो आप निर्धारित कीमत पर कमोडिटी इंडेक्स को समझना कुछ ऐसा खरीदने के लिए सहमत हो रहे हैं, जो एक विक्रेता ने अभी तक उत्पादित नहीं किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट एक किसान तथा किसी कंपनी के मध्य हो सकता है, जिसमें एक निर्धारित कीमत पर किसान की फसल को फ्यूचर में खरीदने की शर्त हो।

हालाँकि कॉन्ट्रैक्ट में उल्लिखित शर्तों के अनुसार यह ट्रेड दो अलग-अलग तरीके का हो सकता है, जिनमें कैश सेटलमेंट तथा फिजिकल डिलीवरी शामिल हैं। कैश सेटलमेंट अर्थात किसी फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट की समाप्ति में उत्पाद की वर्तमान कीमत तथा पूर्व-निर्धारित कीमत के बीच के अंतर का आदान-प्रदान हो जाता है, वहीं फिजिकल डिलीवरी में इसके नाम के अनुरूप उत्पाद की वास्तविक डिलीवरी होती है।

Equity Market Vs Commodity Market

आइए अब इन दोनों प्रकार के बाजारों के मध्य कुछ महत्वपूर्ण अंतरों को समझते हैं

ParameterEquity MarketCommodity Market
ट्रेड की जाने वाली वस्तु की प्रकृतिकिसी कंपनी की हिस्सेदारी, जो उस कंपनी में मालिकाना हक देती हैविभिन्न प्रकार की वस्तुओं, जिनका इस्तेमाल उपभोग करने या द्वितीयक उत्पाद बनाने में किया जाता है, के कॉन्ट्रैक्ट
निवेशकइक्विटी मार्केट में निवेशक को शेयरधारक कहा जाता हैकमोडिटी मार्केट में निवेशक को ऑप्शन होल्डर कहा जाता है
निवेश का मुख्य उद्देश्यकिसी शेयर में निवेश करके मुनाफ़ा कमाना इक्विटी मार्केट निवेशक का मुख्य उद्देश्य होता हैकमोडिटी मार्केट में निवेश का प्राथमिक उद्देश्य भविष्य में किसी वस्तु की कीमतों में आने वाले उतार-चड़ाव से बचना होता है
ट्रेड होने वाली वस्तुओं का वर्गीकरणइक्विटी मार्केट में ट्रेड होने वाले शेयर कंपनी की मार्केट कैप के अनुसार स्मॉल, मिड तथा लार्ज में विभाजित किये जाते हैंकमोडिटी मार्केट में कमोडिटीज को मुख्यतः बहुमूल्य, एनर्जी, धातुएं तथा कृषि उत्पादों में बाँटा जाता है
ट्रेडिंग वॉल्यूमइक्विटी मार्केट में किसी कंपनी के शेयरों को मनचाही मात्रा में खरीदा जा सकता हैकिसी कमोडिटी को केवल निर्धारित लॉट में ही खरीदा जा सकता है
ट्रेडिंग एक्सचेंजइक्विटी ट्रेडिंग NSE, BSE में की जाती हैकमोडिटी ट्रेडिंग MCX, ACE, NCDEX जैसे एक्सचेंज में की जाती है
ट्रेडिंग का समय सुबह 9:15 से दोपहर 3:30 बजे तकसुबह 9:30 से शाम 6:30 बजे तक
बाज़ार पर वैश्विक प्रभावचूँकि कोई शेयर किसी कंपनी के प्रदर्शन पर अधिक निर्भर करता है अतः इक्विटी मार्केट में वैश्विक मुद्दों का प्रभाव कमोडिटी की तुलना में कम पड़ता हैकमोडिटी वस्तुएं हैं, जिन पर अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव बहुत अधिक पड़ता है जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आदि
निवेश में जोखिमइक्विटी मार्केट के निवेश में कम जोखिम होता हैकमोडिटी में निवेश करना इक्विटी कमोडिटी इंडेक्स को समझना की तुलना में अधिक जोखिम भरा होता है
वैधता इक्विटी मार्केट में कंपनी के शेयर खरीदे जाते हैं, जिनकी कोई एक्सपायरी नहीं होती हैकमोडिटी मार्केट में सामान्यतः कमोडिटीज़ के फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट खरीदे जाते हैं, जिनकी एक निश्चित एक्सपायरी होती है
तरलता/लिक्विडिटीइक्विटी मार्केट में तरलता अधिक होती है अर्थात किसी कंपनी के शेयरों को कभी भी कैश में बदला जा सकता हैकमोडिटी मार्केट में निवेशक के पास केवल कॉन्ट्रैक्ट होता है, इसकी तरलता इक्विटी मार्केट की तुलना में कम होती है

आप कहाँ करें निवेश?

फाइनेंशियल मार्केट के दोनों रूपों तथा इनके मध्य मुख्य अंतरों को हमनें विस्तार से ऊपर समझा, ऐसे में आपको कहाँ निवेश करना चाहिए इसके लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि, निवेश के पीछे आपका उद्देश्य क्या है। चूँकि निवेश को लेकर हम में से अधिकांश का उद्देश्य कम जोखिम में अच्छा लाभ अर्जित करना होता है अतः इसके लिए इक्विटी मार्केट एक बेहतर विकल्प हो सकता है।

इसके अतिरिक्त यदि आप किसी कमोडिटी जैसे गेहूँ, चावल, सोना आदि की आने वाले दिनों में क्या कीमतें रह सकती हैं यह अनुमान लगाने की क्षमता रखते हैं और आप इसमें पैसा लगाना चाहते हैं तो कमोडिटी ट्रेडिंग में भी अपनी किस्मत आजमा सकते हैं। निवेश करने के लिए आपको एक डीमैट खाते की आवश्यकता होगी, जिसे आप जीरोधा के साथ बेहद कम शुल्क के साथ खोल सकते हैं।

डिसक्लेमर: किसी भी प्रकार का निवेश करने से पहले सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें

इतने खास क्यों हैं Nifty और Sensex ?

भारतीय शेयर बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव का संकेत देने वाले सिर्फ यही दो इंडेक्स नहीं हैं. इसके अलावा भी तमाम इंडेक्स मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल शेयरों की कमोडिटी इंडेक्स को समझना चाल को समझने के लिए किया जाता है. इनमें ज्यादातर इंडेक्स किसी खास सेक्टर या कंपनियों के किसी खास वर्गीकरण से जुड़े हुए हैं. मिसाल के तौर पर किसी दिन के कारोबार के कमोडिटी इंडेक्स को समझना दौरान 12 प्रमुख बैंकों के शेयरों की औसत चाल का संकेत देने वाला Bank Index या सिर्फ सरकारी बैंकों के शेयरों का हाल बताने वाला PSU Bank Index, स्टील, एल्यूमीनियम और माइनिंग सेक्टर की कंपनियों के शेयरों के चाल का संकेत देने वाला मेटल इंडेक्स या फार्मा कंपनियों के शेयरों का फार्मा इंडेक्स, वगैरह-वगैरह.

ये सभी इंडेक्स बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशकों या उन्हें मशविरा देने वाले ब्रोकर्स या सलाहकारों के लिए बेहद काम के होते हैं. लेकिन अगर एक नजर में बाजार का ओवरऑल रुझान समझना हो या उसके भविष्य की दशा-दिशा का अंदाज़ा लगाना हो, तो उसके लिए सबसे ज्यादा सेंसेक्स और निफ्टी जैसे बेंचमार्क इंडेक्स पर ही गौर किया जाता है. इन्हें मोटे तौर पर मार्केट सेंटीमेंट का सबसे आसान इंडिकेटर माना जाता है.

क्या सोने की कीमतों में जारी तेजी शेयर बाजार पर भारी पड़ेगी?

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शेयर बाजार एक एसेट क्लास के रूप में अन्य परिसंपत्ति वर्गों के मुकाबले एक स्थिर रोटेशन के रास्ते में है. शेयर मार्केट में कुछ समय के लिए तेजी थम सकती है या कंसॉलिडेशन दिख सकता है. लेकिन शेयर मार्केट की दिशा खुद के तकनीकी कारकों से तय होगी न कि सोने में तेजी से. डॉलर में कमजोरी के चलते सोने के दाम चढ़ रहे हैं.

नीचे दिये गए कुछ चार्ट से इसे अच्छे से समझा जा सकता है.

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