जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

क्रिप्टो कैसे बनाते हैं?

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क्रिप्टो या एनएफटी वॉलेट बनाना चाहते हैं? यहां जानिए तरीका

क्रिप्टो या एनएफटी वॉलेट बनाना चाहते हैं? यहां जानिए तरीका

क्रिप्टो करेंसी या डिजिटल आर्टवर्क (एनएफटी) के लिए वॉलेट बनाना जरूरी है। क्योंकि यह सॉफ्टवेयर का उपयोग कर यूजर को क्रिप्टो करेंसी भेजने या प्राप्त करने के क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? लिए ब्लॉकचेन नेटवर्क तक सुरक्षित पहुंच प्रदान करता है। क्रिप्टो या एनएफटी वॉॅलेट के लिए कस्टोडियल वॉलेट्स काफी लोकप्रिय हैं। लेकिन एनएफटी में डील करने के लिए नॉॅन-कस्टोडियल वॉलेट्स की जरुरत पड़ती है। अपना वॉलेट बनाने के लिए सबसे पहले MetaMask.io पर जाएं और क्रॉम से मेटामास्क डाउनलोड कर इंस्टॉल करें। क्रॉम में इसे एड करें और अपना अकाउंट बनाएं और पासवर्ड कन्फर्म करें। स्क्रीन शॉट्स न लें। पासवर्ड्स को लिखकर रखें। आप वॉॅलेट को रीनेम कर सकते हैं।

Cryptocurrency की आड़ में करोड़ों की ठगी, भारतीय निवेशकों को लगा 1,000 करोड़ का चूना

धोखेबाज पहले नकली डोमेन बनाते हैं जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कॉपी होता है। इसी के जरिये वो फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं।

Edited by: Alok Kumar @alocksone
Published on: June 21, 2022 15:37 IST

Cryptocurrency - India TV Hindi

Photo:FILE

Highlights

  • क्रिप्टो में निवेश कर रहे हैं तो हो जाएं सावधान, लगातार बढ़ रहे हैं धोखाधड़ी के मामले
  • मोदी कमाई का लालच देकर क्रिप्टो निवेशकों से ठगा जा रहा पैसा
  • सोशल मीडिया पर फेक प्रोफाइल बनाकर निवेशकों से किया जा रहा संपर्क

Cryptocurrency में निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। हालांकि, अब इसी की आड़ में निवेशकों के साथ धोखाधड़ी भी की जा रही है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि नकली क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों से भारतीय निवेशकों को 128 मिलियन डॉलर (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) से अधिक का नुकसान हुआ है। साइबर-सुरक्षा कंपनी क्लाउड एसईके ने कहा कि उसने कई फिशिंग डोमेन और एंड्रॉइड-आधारित नकली क्रिप्टो एप्लिकेशन से जुड़े ऑपरेशन का खुलासा किया है।

नकली डोमेन बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम

क्लाउडएसईके को एक पीड़ित ने संपर्क किया था, जिसने इस तरह के एक क्रिप्टोकरेंसी घोटाले में कथित तौर पर साथ ही जमा राशि, कर इत्यादि जैसी अन्य लागतों के अलावा 50 लाख रुपये (64,000 डॉलर) खो दिए थे। क्लाउडएसईके के संस्थापक और सीईओ राहुल ससी ने कहा, हमारा अनुमान है कि धोखेबाज इस तरह के क्रिप्टो घोटालों के माध्यम से पीड़ितों को 128 मिलियन डॉलर (लगभग 1,000 करोड़ रुपये) तक का चूना लगाया है। ससी ने कहा, जैसे ही निवेशक क्रिप्टोकरेंसी बाजारों पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, स्कैमर और धोखेबाज भी उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करते हैं। धोखेबाज पहले नकली डोमेन बनाते हैं जो वैध क्रिप्टो ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म का कॉपी होता है। इसी के जरिये वो फर्जीवाड़ा को अंजाम देते हैं।

सोशल मीडिया का भी सहारा

धोखेबाज निवेशकों से संपर्क करने और दोस्ती स्थापित करने के लिए सोशल मीडिया पर एक महिला प्रोफाइल बनाते हैं। इस तरह का प्रोफाइल एक विशेष क्रिप्टो एक्सचेंज को उपहार के रूप में 100 डॉलर का क्रेडिट भी साझा करता है, जो इस मामले में एक वैध क्रिप्टो एक्सचेंज का डुप्लिकेट है। नकली एक्सचेंज निवेशकों को शुरुआत में मुनाफा देता है, जिससे उनका विश्वास बढ़ता है। मुनाफा कमाने के बाद, स्कैमर उन्हें बेहतर रिटर्न का वादा करते हुए अधिक राशि का निवेश करने के लिए मना लेता है। एक बार जब निवेशक नकली एक्सचेंज में क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? अपना क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? पैसा जोड़ता है, तो उसके खाते को फ्रीज कर दिया है। इस तरह निवेशक का पैसा हजम कर दिया जाता है।

Cryptocurrency: यह मालवेयर खाली कर सकता है आपका Crypto Wallet, जानें कैसे रहें सेफ

एक बार BHUNT मालवेयर आपके सिस्टम में पहुंच जाता है तो यह PC में स्टोर आपके Exodus, Electrum, Atomic, Etherium, Bitcoin, Litcoin, Jaxx जैसे क्रिप्टो वॉलेट पर हमला करता है।

  • Mohammad Faisal
  • @itsmeFSLMohammad Faisal -->
  • Updated: January 23, 2022 3:24 PM IST

Crypto Wallet

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Cryptocurrency को स्टोर करने के लिए फिजिकल वॉलेट के साथ-साथ हॉट वॉलेट भी इस्तेमाल की जाती हैं। इन Crypto Wallet में सिक्योरिटी फ्रेज के पीछे यूजर्स की हजारों-लाखों रुपये के Crypto Token और Coins स्टोर होते हैं। मगर साइबर क्रिमिनल्स ने अब इन वॉलेट को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। Also Read - Bitcoin की वैल्यू में एक बार फिर हुई बड़ी गिरावट, कीमत जानकर हैरान रह जाएंगे आप

साइबर सिक्यूरिटी फर्म Bitdefender ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि साइबर अपराधी अब यूजर्स के Crypto Wallet की सामग्री, पासवर्ड और सिक्योरिटी फ्रेज की चोरी कर रहे हैं, जिन्हें उपयोगकर्ताओं अपने PC पर स्टोर करते हैं। बिटडिफेंडर के अनुसार, इस चोरी को अंजाम देने के लिए BHUNT मालवेयर को इस्तेमाल किया जा रहा है। आइए जानते हैं कि यह मालवेयर कैसे काम करता है और आप इससे कैसे बच सकते हैं। Also Read - Apex Legends Mobile कर बैठा गलती, वक्त से पहले जोड़ दिया Crypto लेजेंड

Crypto Wallet से चोरी कर रहा BHUNT मालवेयर

Crypto Wallet एक क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? सिक्योरिटी फ्रेज के जरिए लॉक किए जाते हैं। इस फ्रेज के बिना क्रिप्टो ओनर भी अपने वॉलेट को एक्सेस नहीं कर सकते। यही फ्रेज इन वॉलेट की “प्राइवेट की” होती है जो इन्हें सिक्योर बनाती है। डेस्कटॉप वॉलेट इन “प्राइवेट कीज” को PC की हार्ड ड्राइव या SSD पर रखते हैं, जिसकी वजह से ये वेब या मोबाइल वॉलेट से ज्यादा सिक्योर माने जाते हैं। मगर BHUNT मालवेयर आपके PC पर हमला करके इन सिक्योरिटी फ्रेज को एक्सेस कर सकता है। Also Read - Top 5 Stable Coins: Tether (USDT) से TrueUSD (TUSD) तक टॉप 5 स्टेबल Cryptocurrency, जिनकी कीमत रहती है डॉलर के बराबर

Bitdefender का कहना है कि BHUNT मालवेयर यूजर के कंप्यूटर में पायरेटेड सॉफ्टवेयर के जरिए प्रवेश करता है। ये पायरेटेड सॉफ्टवेयर अक्सर टोरेंट के जरिए या मलिशियस वेबसाइट्स से डाउनलोड किए जाते हैं। एक बार इन सॉफ्टवेयर के साथ यह मालवेयर आपके सिस्टम में पहुंच जाता है तो यह PC में स्टोर आपके Exodus, Electrum, Atomic, Etherium, Bitcoin, Litcoin, Jaxx जैसे क्रिप्टो वॉलेट पर हमला करता है। रिपोर्ट का कहना है कि यह मालवेयर इन वॉलेट में मौजूद क्रिप्टोकरेंसी को दूसरे वॉलेट में ट्रांसफर कर सकता है।

Cryptocurrency के साथ पासवर्ड भी चोरी

बिटडेफेंडर की रिपोर्ट का कहना है कि BHUNT मालवेयर मुख्य रूप से क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट से संबंधित जानकारी चोरी करने पर केंद्रित है मगर यह ब्राउजर में स्टोर आपके पासवर्ड और कुकीज भी चोरी कर सकता है। यह मालवेयर आसानी से आपके सोशल मीडिया, बैंकिंग और दूसरे पासवर्ड चुरा सकता है। साइबर क्रिमिनल द्वारा इस जानकारी का इस्तेमाल आइडेंटिटी टेकओवर के लिए भी किया जा सकता है।

कितना खतरनाक है BHUNT?

Bitdefender का कहना है कि इस मालवेयर को जो चीज खतरनाक बनाती है वह है इसका एन्क्रिप्टेड और डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित सॉफ्टवेयर के रूप में पैक होना। इसकी वजह से यूजर का कंप्यूटर मालवेयर का पता नहीं लगा पाता। सिक्योरिटी फर्म ने कहा:

“हमारे सभी टेलीमेट्री होम यूजर्स से आए हैं जिनके सिस्टम पर क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट सॉफ्टवेयर स्टोर होने की अधिक संभावना है। इस टारगेट ग्रुप की ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर के लिए क्रैक इंस्टॉल करने की अधिक संभावना है, जो हमें संदेह है कि इन्फेक्शन का मेन सोर्स है।”

इस मालवेयर का दुनिया भर में पता चला है और इसके सबसे ज्यादा टारगेट भारत पाए गए हैं। इंडिया के बाद इस मालवेयर के अटैक लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया, मिस्र, जर्मनी, इंडोनेशिया, जापान, मलेशिया, नॉर्वे, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन और अमेरिका जैसे देश हैं।

कैसे बचना है इस मालवेयर से

BHUNT से संक्रमित होने से बचने के लिए, सिक्योरिटी फर्म नोट करती है कि उपयोगकर्ताओं को पायरेटेड सॉफ्टवेयर, क्रैक और इल्लीगल प्रोडक्ट्स को डाउनलोड करने से बचना चाहिए।

इसी तरह का केस पिछले साल दिसंबर में देखने को मिला था जब टोरेंट साइटों से ‘Spider-Man: No Way Home’ डाउनलोड करने पर यूजर्स को एक क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग मालवेयर का सामना करना पड़ा।

  • Published Date: January 23, 2022 3:23 PM IST
  • Updated Date: January 23, 2022 3:24 PM IST

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Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस

जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)

Trading in Crypto Currencies: दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.

एक्सचेंज फीस

  • क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
  • फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.

नेटवर्क फीस

  • क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
  • आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी क्रिप्टो कैसे बनाते हैं? है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.

वॉलेट फीस

  • क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
  • क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
    (Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
    (स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

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