Budget 2022: न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टोकरेंसी पर क्यों लगा 30% टैक्स, क्या इसे सट्टेबाजी मान रही सरकार? जानिए पूरी डिटेल
Union Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को आम बजट पेश करते हुए बिटकॉइन और एथेरियम जैसी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लेनदेन पर टैक्स लगाने का ऐलान किया
Budget 2022-23: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को बिटकॉइन (Bitcoin) और एथेरियम (Ethereum) जैसी वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लेनदेन पर टैक्स लगाने का ऐलान किया। इसे आप एक तरह से 'क्रिप्टोकरेंसी टैक्स (cryptocurrency न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी tax)' भी कह सकते हैं। बजट पेश करते हुए, वित्त मंत्री ने यह भी कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अपनी खुद की डिजिटल करेंसी भी जल्द ही लॉन्च करेगा।
निर्मला सीतारमण के ऐलान के साथ क्रिप्टोकरेंसी को लेकर लंबे न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी समय से चल रही अटकलें भी बंद हो गई है, जिसमें कहा जा रहा था कि सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रासंफर से होने वाली आय पर 30% टैक्स लगेगा। साथ ही उन्होंने यह भी ऐलान किया कि डिजिटल एसेट्स की बिक्री से होने वाले नुकसान की भरपाई अन्य आय से नहीं की जा सकती है।
क्रिप्टोकरेंसी में भारतीयों के जमा हैं 40,000 करोड़
क्रिप्टो इंडस्ट्री के जानकारों के मुताबिक, देश में करीब 1.5 से 2 करोड़ क्रिप्टो इनवेस्टर्स होने का अनुमान है, जिनकी कुल क्रिप्टो होल्डिंग्स करीब 40,000 करोड़ रुपये (5.37 अरब डॉलर) है। बता दें न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री के आकार को लेकर कोई आधिकारिक डेटा उपलब्ध नहीं है।
Crypto Currency में निवेश का है इरादा, तो जान लें इनकी ट्रेडिंग पर लगती है कौन-कौन सी फीस
अगर आप क्रिप्टो करेंसी में निवेश की योजना बना रहे हैं तो इनकी ट्रेडिंग के लिए लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टोकरेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो इसे बेच सकते हैं. (Representative Image)
Trading in Crypto Currencies: न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी दुनिया भर में निवेशकों के बीच क्रिप्टो करेंसी में निवेश को लेकर आकर्षण बढ़ रहा है. इसमें क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ट्रेडिंग होती है. इस एक्सचेंज पर मौजूदा मार्केट वैल्यू के आधार पर क्रिप्टो करेंसीज को खरीदा-बेचा जाता है. जहां इनकी कीमत मांग और आपूर्ति के हिसाब से तय होती है. जिस तरह से स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर खरीदे और बेचे जाते हैं, वैसे ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर एक निश्चित प्राइस पर क्रिप्टो करेंसी खरीद सकते हैं और जब मुनाफा मिले तो बेच सकते हैं. स्टॉक एक्सचेंज की तरह ही क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज पर भी ट्रेडिंग के लिए फीस चुकानी होती है. इसलिए अगर आपने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो पहले इनकी ट्रेडिंग पर लगने वाली तीन तरह की ट्रांजैक्शन फीस के बारे में जरूर जान लें.
एक्सचेंज फीस
- क्रिप्टो खरीद या बिक्री ऑर्डर को पूरा करने के लिए एक्सचेंज फीस चुकानी होती है. भारत में अधिकतर क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज का फिक्स्ड फीस मॉडल है, लेकिन ट्रांजैक्शन की फाइनल कॉस्ट उस प्लेटफॉर्म पर निर्भर होती है जिस पर ट्रांजैक्शन पूरा हुआ है. ऐसे में इसे लेकर बेहतर रिसर्च करनी चाहिए कि कौन सा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज सबसे कम ट्रांजैक्शन फीस ले रहा है.
- फिक्स्ड फीस मॉडल के अलावा क्रिप्टो एक्सचेंज में मेकर-टेकर फी मॉडल भी है. क्रिप्टो करेंसी बेचने वाले को मेकर कहते हैं और इसे खरीदने वाले को टेकर कहते हैं. इस मॉडल के तहत ट्रेडिंग एक्टिविटी के हिसाब से फीस चुकानी होती है.
नेटवर्क फीस
- क्रिप्टोकरेंसी माइन करने वालों को नेटवर्क फीस चुकाई जाती है. ये माइनर्स शक्तिशाली कंप्यूटर्स के जरिए किसी ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करते हैं और ब्लॉकचेन में जोड़ते हैं. एक तरह से कह सकते हैं कि कोई ट्रांजैक्शंन सही है या गलत, यह सुनिश्चित करना इन माइनर्स का काम है. एक्सचेंज का नेटवर्क फीस पर सीधा नियंत्रण नहीं होता है. अगर नेटवर्क पर भीड़ बढ़ती है यानी अधिक ट्रांजैक्शन को वेरिफाई और वैलिडेट करना होता है तो फीस बढ़ जाती है.
- आमतौर पर यूजर्स को थर्ड पार्टी वॉलेट का प्रयोग करते समय ट्रांजैक्शन फीस को पहले से ही सेट करने की छूट होती है. लेकिन एक्सचेंज पर इसे ऑटोमैटिक एक्सचेंज द्वारा ही सेट किया जाता है ताकि ट्रांसफर में कोई देरी न हो. जो यूजर्स अधिक फीस चुकाने के लिए तैयार हैं, उनका ट्रांजैक्शन जल्द पूरा हो जाता है और जिन्होंने फीस की लिमिट कम रखी है, उनके ट्रांजैक्शन पूरा होने में कुछ समय लग सकता है. माइनर्स को इलेक्ट्रिसिटी कॉस्ट और प्रोसेसिंग पॉवर के लिए फीस दी जाती है.
वॉलेट फीस
- क्रिप्टो करेंसी को एक डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है. यह वॉलेट एक तरह से ऑनलाइन बैंक खाते के समान होता है जिसमें क्रिप्टो करेंसी को सुरक्षित रखा जाता है. अधिकतर वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी के डिपॉजिट और स्टोरेज पर कोई फीस नहीं ली जाती है, लेकिन इसे निकालने या कहीं भेजने पर फीस चुकानी होती है. यह मूल रूप से नेटवर्क फीस है. अधिकतर एक्सचेंज इन-बिल्ट वॉलेट की सुविधा देते हैं.
- क्रिप्टो वॉलेट्स सिस्टमैटिक न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी क्रिप्टो करेंसी खरीदने का विकल्प देते हैं और इसके इंटीग्रेटेड मर्चेंट गेटवे के जरिए स्मार्टफोन व डीटीएस सर्विसेज को रिचार्ज कराया जा सकता है.
(Article: Shivam Thakral, CEO, BuyUcoin)
(स्टोरी में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर दिए गए सुझाव लेखक के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
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Cryptocurrency News Today: आठ परसेंट गिरी Bitcoin की कीमत, तीन हफ्ते के लो पर, जानिए अब क्या रह गई है कीमत
Cryptocurrency News, 19th August 2022: दुनिया की बड़ी क्रिप्टोकरेंसीज में शुक्रवार को गिरावट देखने को मिली। दुनिया की सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन (Bitcoin) की कीमत में आठ फीसदी से अधिक गिरावट आई। जानकारों का कहना है कि अमेरिकी फेड रिजर्व आने वाले दिनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी रख सकता है।
बिटकॉइन का कुल मार्केट कैप गिरकर 415.62 अरब डॉलर रह गया है। पिछले साल नवंबर में इसकी कीमत 68,000 डॉलर पहुंच गई थी लेकिन उसके बाद इसमें भारी गिरावट आई है। बिटकॉइन शाम छह बजे 8.81 फीसदी गिरावट के साथ 1879013 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर (Ether) की कीमत में भी गिरावट आई है। यह 8.46 फीसदी की गिरावट के साथ 145811 रुपये पर ट्रेड कर रही थी। इस बीच Tether 0.04 फीसदी तेजी के साथ 86.29 रुपये पर ट्रेड कर रही थी जबकि न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी यूएसडी कॉइन (USD Coin) भी 0.05 फीसदी के साथ 87.80 रुपये पर पहुंच गई।
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कितने लोगों के पास है क्रिप्टोकरेंसी
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 2021 में कुल आबादी में से 7.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी थी। कोरोना काल में दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। दुनिया में आबादी के अनुपात के हिसाब से सबसे ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी यूक्रेन के लोगों के पास है। वहा 12.7 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है। रूस में 11.9 फीसदी, वेनेजुएला में 10.3 फीसदी, सिंगापुर में 9.4 फीसदी, केन्या में 8.5 फीसदी और अमेरिका में 8.3 फीसदी लोगों के पास क्रिप्टोकरेंसी है।
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Cryptocurrency: भारत में कैसे होगा क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल?
सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला किया था.
February 8, 2022
नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) देश में निवेश के रूप में एक बड़ा आप्शन सामने आया है. क्रिप्टोकरेंसी में निवेशकों की भरमार सी आ गई है. जब बजट 2022 के अपने भाषण में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिक्र किया. तब से देश में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में जानने और यह कैसे काम करती है, इस बारे में लोगों जानने के लिए बड़े ही उत्सुक हो रहे हैं. सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30 फीसदी टैक्स लगाने का फैसला न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी किया था.
- डिजिटल लेनदेन बढ़ा
- ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
- क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
- 30 फीसदी लगेगा टैक्स
डिजिटल लेनदेन बढ़ा
डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया पिछले काफी समय से बढ़ी है. लोग लगातार डिजिटल लेनदेन में अपनी रुचि भी दिखा रहे हैं. कई विशेषज्ञ का मानना है कि दुनिया भर में अक्सर क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का सहारा ले रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर विशेषज्ञ बहुत ही आशा लगाए बैठे हैं. चूंकि बिटकॉइन में बिचौलियों जैसी कोई समस्या नहीं है, इसलिए यह मुद्राओं के लिए लेनदेन की लागत को कम कर सकता है, जैसे कि पारंपरिक मुद्राएं, मनी लॉन्ड्रिंग और अन्य आपराधिक गतिविधियों के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं.
ये क्रिप्टोकरेंसी चलन में
जब भी क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की बात आती है, तो सबसे पहला नाम बिटक्वाइन का आता है. दुनिया भर में बिटक्वाइन के अलावा और भी क्रिप्टोकरेंसी चलन में हैं- Ethereum (ETH), Litecoin (LTC), Cardano (ADA), Polkadot (DOT), Stellar (XLM) और Dogecoin (DOGE).
क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर सावधानी की जरूरत
क्रिप्टोकरेंसी के चयन पर बहुत ही सावधानी की जरूरत होती है, क्योंकि डिजिटल करेंसी का बाजार अस्थिर होता है. यह पूरी तरह से बाजारी की स्थिति पर निर्भर करता है. दुनिया भर में कई तरह की क्रिप्टोकरेंसी का चलन है. लेकिन जरूरी नहीं कि सभी क्रिप्टोकरेंसी सभी देश में इस्तेमाल हो. हर देश में अलग-अलग तरीके से लेनदेन की प्रक्रिया होती है.
अब आप शेयर बाजार की तरह मुद्रा को खर्च करने या धारण करने का निर्णय लेते हैं. चाहे आप पोर्टफोलियो बनाएं. ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं से खरीदारी के लिए क्रिप्टोकुरेंसी का उपयोग करें या क्रिप्टोकुरेंसी स्वीकार करने वाले स्थानीय व्यापारियों से सामान या सेवाएं खरीदें.
विशेषज्ञ का मानना है कि डिजिटल करेंसी का न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी उपयोग आने वाले भविष्य बहुत तेजी के साथ बढ़ेगा. क्योंकि इसका उपयोग अन्य तरीकों की तरह दिन-प्रतिदिन की भुगतान आवश्यकता को पूरा करने के लिए किया जा सकता है.
क्रिप्टोक्यूरेंसी दुनिया भर में न्यूनतम लागत पर भुगतान के किसी भी अन्य तरीके की तुलना में बहुत तेजी से सुविधा प्रदान करती है. क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) के उपयोगकर्ता का मानना है कि अगर सरकार कार्ड और दूसरे डिजिटल वॉलेट की इजाजत दे तो, तो एक दिन ऐसा भी आएगा कि क्रिप्टोक्यूरेंसी पारंपरिक भुगतान प्रणाली की जगह ले लेगी. अगर ऐसा होता है तो क्रिप्टोकरेंसी राष्ट्रीय कानूनी मुद्रा और सोने जैसी पारंपरिक वस्तुओं के विकल्प के रूप में कार्य कर सकती है.
केंद्रीय बजट 2022-23 के भाषण में वित्त मंत्री ने उल्लेख किया कि डिजिटल या क्रिप्टो से होने वाली आय पर कर लगाया जाएगा. इस घोषणा ने क्रिप्टोक्यूरेंसी (Cryptocurrency) निवेशकों के बीच एक निश्चित डिग्री की आशा जगाई, क्योंकि उनका मानना है कि उन पर कर लगाने का यह कदम स्पष्ट रूप से भविष्य में वैधीकरण का एक स्पष्ट संकेत है.
30 फीसदी लगेगा टैक्स
सरकार क्रिप्टोकरेंसी के लेन-देन पर कमाई पर 30 प्रतिशत का टैक्स लगाएगी. ऐसे लेन-देन पर नजर रखने के लिए 1 प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रावधान है. सेंट्रल बैंक के द्वारा डिजिटल करेंसी (CBDC) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल न्यूनतम लागत के साथ क्रिप्टोकरेंसी करेंसी एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी. इसलिए, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा 2022-23 से जारी किए जाने वाले ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का उपयोग करते हुए, डिजिटल मुद्रा पेश करने का प्रस्ताव है.
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