रोहित अरोड़ा ने भी कहा कि, एलआईसी ने पेटीएम से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया है. एलआईसी के शेयर प्राइस में 8 फीसदी की गिरावट है जबकि पेटीएम के मामले में 30 फीसदी गिरावट थी. एलआईसी का बिजनेस मॉडल भी पेटीएम के मुकाबले अच्छा है.
हिंदवेयर होम इनोवेशन (Hindware Home Innovation) के निवेशकों को क्या करना चाहिए : बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार की सलाह
बाजार विश्लेषक शोमेश कुमार : आपने 385 रुपये के भाव पर खरीदा है, इसमें कोई दिक्कत नहीं है। लेकिन इसके नजरिये में थोड़ा बदलाव आ रहा है। आने वाले समय में इसमें मंदी के आसार दिख रहे हैं। इसलिये मेरा मानना है कि इसमें थोड़-बहुत और सुधार हो सकता है। इसका भाव 355 रुपये के ऊपर अगर बंद होता है, तो कुछ उम्मीद की जा सकती है और इसमें मजबूती 380 रुपये के ऊपर ही आयेगी। 355 रुपये के ऊपर जब तक ये नहीं निकलेगा तब तक इसका रास्ता साफ समझ में नहीं आयेगा। ये धीरे-धीरे और नीचे की तरफ जा सकता है। अगर 355 रुपये के ऊपर ये निकल जाता है तो ये कहीं पर भी सहारा लेगा, लेकिन ये स्तर आने के पहले कुछ भी नहीं कहा जा सकता है।
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LIC IPO का मीटर तीसरे दिन भी डाउन, अब निवेशकों को क्या करना चाहिए? एक्सपर्ट राय
LIC IPO की लिस्टिंग के तीसरे दिन यानि गुरुवार, 19 मई को शेयर में गिरावट जारी रही. एलआईसी के शेयर्स 31.10 रुपये यानी 3.55 फीसदी की गिरावट के साथ 840.20 पर आ कर बंद हुआ. एलआईसी के आईपीओ में इश्यू प्राइस 949 रुपये तय किया गया था पर इन तीन दिनों में एलआईसी के शेयर ने एक बार भी अपने इश्यू प्राइस को नहीं छुआ. LIC के IPO के साथ आज जो हो रहा है उससे याद आया Paytm, Zomato जैसे इस साल आए कई आईपीओ जो बड़ी धूम के साथ मार्केट में आए लेकिन निवेशकों को नुकसान पहुंचाया. इन सबसे हमें निवेश को लेकर क्या सीख लेनी चाहिए, एक्सपर्ट से समझते हैं.
देश के बड़े IPO जो ओवर-सब्सक्राइब हुए
एलआईसी आईपीओ से पहले लिस्टिंग के दिन जो निवेशक पैसा कमाने की सोच रहे थे उन्हें झटका लगा. इससे पहले पेटीएम के आईपीओ ने भी निवेशकों में खूब उत्साह भरा था था लेकिन लिस्टिंग के बाद निवेशकों को निराशा हाथ लगी.
LIC का IPO 2.95 गुना सब्सक्राइब हुआ. केवल पॉलिसीहोल्डर की बात करें तो इस कैटेगरी में 6 गुना आईपीओ बुक हुआ था. लेकिन शेयर डिस्काउंट पर लिस्ट हुआ. वहीं पेटीएम 1.89 गुना सब्सक्राइब हुआ लेकिन उसका 2100 का शेयर 1900 के आसपास लिस्ट हुआ जिसमें आज और भी गिरावट है.
इसके अलावा कोल इंडिया 15 गुना, एसबीआई कार्ड 26.54 गुना और रिलायंस पावर 73 गुना सब्सक्राइब हुआ था. एलआईसी के आईपीओ को कई लोगों ने कंपेयर किया. इस पर बिजनेस कोच राजीव तलरेजा ने कहा कि, कम प्राइस पर लिस्ट हुए एलआईसी के शेयर्स को लेकर निराश नहीं होना चाहिए. एलआईसी एक अच्छी कंपनी है, इसके फंजामेंटल्स अच्छे हैं, ये लगातार बढ़ रही है और आगे भी अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है.
LIC IPO: लगभग 9 फीसदी नीचे लिस्ट हुए एलआईसी के शेयर, जानें- पॉलिसीधारकों और निवेशकों अब क्या करना चाहिए?
Updated: May 18, 2022 9:39 AM IST
LIC IPO: भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) के शेयर मंगलवार को अपने शेयर बाजार की शुरुआत में 8.5 फीसदी से ज्यादा गिर गए, जबकि देश के सबसे बड़े आईपीओ को प्राइस बैंड के ऊपरी लेवल पर लगभग तीन गुना सब्सक्राइब किया गया था. 949 रुपये के प्राइस बैंड के मुकाबले, एलआईसी के शेयर बीएसई पर 81.80 रुपये के डिस्काउंट प्राइस के साथ 872 रुपये पर लिस्ट हुए. एनएसई पर 77 रुपये की छूट के साथ स्टॉक 867.20 रुपये पर लिस्ट हुआ.
Alsएलआईसी शेयर प्राइस
बीएसई पर एलआईसी के शेयर इश्यू प्राइस से 7.75 फीसदी या 73.55 रुपये की गिरावट के साथ 875.45 रुपये पर बंद हुए. एनएसई पर एलआईसी के शेयर 873.00 रुपये पर बंद हुए.
बता दें, एलआईसी ने एक सफल आरंभिक सार्वजनिक पेशकश के बाद अपने आईपीओ का मूल्य 949 रुपये तय किया था, जो 9 मई को बंद होने पर लगभग 3 गुना सब्सक्राइब हुआ था. शेयरों को मुख्य रूप से खुदरा और घरेलू निवेशकों द्वारा खरीदा गया था, जबकि विदेशी निवेशकों ने रुचि नहीं दिखाई थी.
एलआईसी पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को दी गई छूट को ध्यान में रखते हुए, क्रमशः 889 रुपये और 904 रुपये की कीमत पर शेयर मिले.
सरकार ने आईपीओ के जरिए एलआईसी में 22.13 करोड़ शेयर या 3.5 फीसदी हिस्सेदारी बेची.
क्या कर सकते हैं निवेशक?
लिस्टिंग के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांता पांडे ने कहा कि बाजार में कमजोर शुरुआत बाजार की अप्रत्याशित परिस्थितियों के कारण हुई और निवेशकों को लंबी अवधि के मूल्य के लिए स्टॉक को बनाए रखने का सुझाव दिया.
क्या होते हैं कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड, किन्हें करना चाहिए इनमें निवेश?
अनूप परमार एक सक्रिय इनवेस्टर (Investor) हैं और वॉरेन बफेट (Warren Buffet) के बड़े फैन हैं. आप तो जानते ही होंगे कि वॉरेन बफेट अमेरिकी निवेशक हैं और बर्कशायर हैथवे के CEO हैं. वे धारा के विपरीत चलने वाले निवेशक माने जाते हैं. ऐसा निवेशक जो बाजार (Share Market) के ट्रेंड को फॉलो नहीं करता और उसके उलट चलता है. अनूप भी वॉरेन बफेट की फिलॉसफी से इत्तेफाक रखते हैं और वे भी कॉन्ट्रैरियन इनवेस्टर बनना चाहते हैं यानी ऐसा निवेशक जो भेड़चाल से अलग निवेशकों को क्या करना चाहिए चले. जब उन्होंने अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से बात की, तो उन्हें कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड्स (Contra Mutual Funds) के बारे में पता चला. फाइनेंशियल एडवाइजर ने अनूप को बताया कि कॉन्ट्रा म्यूचुअल निवेशकों को क्या करना चाहिए फंड हर आदमी के लिए सही नहीं हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि कॉन्ट्रा म्यूचुअल फंड्स होते क्या हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
अनूप को आखिर कॉन्ट्रा फंड में क्यों निवेश करना चाहिए और क्यों नहीं करना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक, जिन निवेशकों को शेयर बाजार की बेहतर समझ है और जो रेगुलर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स के मुकाबले ऊंचा रिटर्न चाहते हैं, वे इस तरह के फंड में निवेश कर सकते हैं.
हां निवेशकों को अपने निवेश पर भारी नुकसान के लिए भी तैयार रहना चाहिए. यहां तक कि जब बाजार बहुत बेहतर कर रहा हो, तब भी वे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है.
वेंचुरा सिक्योरिटीज के डायरेक्टर जुजेर गाबाजीवाला कहते हैं कि निवेशकों को इस बात को ध्यान में रखना होगा कि शायद निकट भविष्य में ये फंड अच्छा प्रदर्शन न करें. इसलिए ऐसे लोगों को ही ये फंड चुनना चाहिए जो 5 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश कर सकते हों. निवेशकों को इस फंड के जोखिम का भी ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि हर शेयर जो अभी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहा, जरूरी नहीं कि भविष्य में भी अच्छा परफॉर्म करे.
निवेश के लिए Share और Gold में किसका करे चुनाव? यहां दे रहे हम आपके सभी सवालों के जवाब
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: October 15, 2022 13:07 IST
Photo:INDIA TV निवेश के लिए Share और Gold में किसका करे चुनाव?
Highlights
- भारतीय सबसे पहले सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं
- अनिश्चितता के समय में सोने को एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है
- गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग में आई वृद्धि
Share and Gold: स्टॉक और सोना निवेश के लिहाज से दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। शेयर का लंबे समय में महंगाई के दौरान बेहतर प्रदर्शन करने का ट्रैक रिकॉर्ड है, जबकि सोना अनिश्चितता के खिलाफ बफर के रूप में काम करता है और पोर्टफोलियो में सुधार करता है। जब निवेश की बात आती है तो सावधानीपूर्वक विश्लेषण और शेयर पर बढ़ियां रिसर्च करने के बाद निवेश के लिए चुने गए स्टॉक अधिक रिटर्न दे सकते हैं, लेकिन जब लगातार महंगाई बढ़ रही होती है और डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी होती है तो सोना सबसे अच्छा प्रदर्शन करता है। अधिक जोखिम या ज्यादा फायदा को ध्यान में रखते हुए निवेश के लिए वित्तीय सलाहकार आमतौर पर एसेट में निवेश करने की सलाह देते हैं, लेकिन निवेशकों को सोने और शेयर के बीच क्या चयन करना चाहिए? आइए जानते हैं।
सोना बनाम शेयर
विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत में त्योहार का सीजन शुरु हो चुका है। भारतीय संस्कृति को देखने के लिए यह एक शानदार मौका होता है। इस दौरान लोग निवेश भी करते हैं, लेकिन एक बात जो अहम है, वह यह कि जब भी कोई त्योहार होता है तो सबसे पहले हम सोने पर खर्च करने के बारे में सोचते हैं। निवेश के रूप में सोना व्यक्तिगत भावनाओं, परिसंपत्ति वर्ग से लगाव, रूढ़िवादी जोखिम प्रोफ़ाइल, सांस्कृतिक महत्व आदि जैसे विभिन्न कारकों से संबंधित हो सकता है।
लेकिन निवेश के रूप में सोना खरीदते निवेशकों को क्या करना चाहिए समय हम महंगाई, आर्थिक विकास के साथ लिक्विडिटी जैसे कारकों को ध्यान में रखना भूल जाते हैं। सोने के साथ एक भावुक कनेक्शन है लेकिन अनिश्चितता के समय में इसे एक लिक्विड एसेट में बदलना चुनौती है, जबकि शेयर विकल्प में हम अपनी जरूरतों के अनुसार अपने निवेश को आसानी से विविधता प्रदान कर सकते हैं।
सोने और शेयर का प्रदर्शन
शेयर ने पिछले एक दशक में (सूचकांक के आधार पर) 11-14% सीएजीआर दिया है, जबकि सोने ने 6% का सीएजीआर दिया है। इस वर्ष के दौरान, वैश्विक आंकड़ों की तुलना में भारतीय शेयर बाजार (Sensex/NIFTY 50) का भारतीय बाजार मूल्य क्षरण -3% है, जबकि S&P 500 के लगभग 25% है। दूसरी ओर, सोने ने इस साल अब तक 11 फीसदी वर्तमान वैश्विक भू-राजनीतिक और आर्थिक स्थिति को देखते हुए बढ़ती ब्याज दर के साथ एक परिसंपत्ति वर्ग के रूप में बढ़त हासिल की है। गोल्ड ईटीएफ और भौतिक सोने की मांग जून 2021 तिमाही की तुलना में जून 2022 तिमाही में 43% बढ़ी है।
पोर्टफोलियो विविधीकरण के लिए गोल्ड म्यूचुअल फंड, गोल्ड ईटीएफ और सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को शामिल करने और आर्थिक संकट के समय में पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को औसत करने का सुझाव दिया गया है। भौतिक सोना व्यक्तिगत खपत का हिस्सा हो सकता है, लेकिन निवेश के रास्ते से, ऊपर बताए गए विकल्पों पर विचार करना चाहिए।
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