शेयर बाजार में ट्रेडिंग (Share Market Trading) कर पैसा बहुत से लोग बनाना चाहते हैं लेकिन शेयर्स खरीदने और बेचने के लिए जिस डीमैट अकाउंट की जरूरत होती है, उसके बारे में कम ही जानकारी होती है. डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है, इस खाते को खोलने के लिए जरूरी कागजात कौन से होते हैं और कितनी फीस डीमैट खाते को खोलने के लिए खर्च करनी पड़ती है. ऐसे बहुत सारे सवालों के जवाब हम आपको इस खबर की मदद से दे रहे हैं क्योंकि शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है, इसके बिना ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है.
Demat Trading Account KYC Rules: नए साल 2022 से आप नहीं कर पायेंगे शेयरों की ट्रेडिंग अगर आपने नहीं किया ये जरुरी काम, पढ़ें पूरी खबर
By: ABP Live | Updated at : 27 Dec 2021 04:24 PM (IST)
Edited By: manishkumar
Demat Trading Account KYC Rules: अगर आपने शेयरों की खरीद फरोख्त करने के डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा रखा है जो ये खबर जानना आपके लिये बेहद जरुरी है. अगर आपने डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट का केवाईसी ( Know Your Customers) नहीं करवा रखा है तो नए साल में आप शेयरों की ट्रेडिंग नहीं कर पायेंगे. नए साल में एक जनवरी 2022 से आपका डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट इनएक्टिव ( Inactive) हो जाएगा.
सेबी ने केवाईसी किया जरुरी
दरअसल शेयर बाजार के रेग्लुयेटर सेबी ( Securities Exchange Board Of India) ने सभी डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट धारकों के केवाईसी को जरुरी कर दिया है. सेबी के नए नियम के मुताबिक 31 दिसंबर 2021 से पहले अगर किसी डिमैट अकाउंट होल्डर ने 6 केवाईसी डिटेल्स उपलब्ध नहीं कराया है जिसमें नाम, पता, पैन नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और इनकम रेंज घोषित नहीं करता है तो ऐसे अकाउंट Non Compliant इनएक्टिव करार दिये जायेंगे. आपको बता दें सभी डिमैट अकाउंट कोलने वाले डिपॉजिटरीज अपने खाताधारकों को अपने सलाना इनकम का रेंज का भी खुलासा करने को कर रहे हैं. ऐसा नहीं करने पर डिमैट अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट को इनएक्टिव करार कर दिया जाएगा.
तो आइए जानते हैं डीमैट खाते से जुड़ी हर जरूरी जानकारी.
जिस तरह से बैंक अकाउंट होता है. इसी तरह से डीमैट अकाउंट भी बैंक खाते की तरह काम करता है. शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली संस्था SEBI के साफ निर्देश हैं कि बिना डीमैट खाते के शेयरों को किसी भी अन्य तरीके से खरीदा और बेचा नहीं जा सकता है.
डीमैट खाते की सबसे अच्छी बात होती है ये जीरो अकाउंट बैलेंस के साथ भी खोला जा सकता है. इसमें मिनिमम बैलेंस रखने की जरूरत नहीं होती है. शेयर बाजार में निवेश के लिए निवेशक के पास बैंक अकाउंट, ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट खाता होने चाहिए क्योंकि डीमैट खाते में आप शेयरों को डिजिटल रूप से अपने पास रख सकते है. तो वहीं ट्रेडिंग अकाउंट से मदद से शेयर, म्युचुअल फंड और गोल्ड में निवेश किया जा सकता है.
कैसे खोलें डीमैट खाता
- शेयरों में ऑनलाइन निवेश करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी डीमैट खाता होता है. आप इसे HDFC सिक्योरिटीज, ICICI डायरेक्ट, Axis डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास खुलवा सकते हैं.
- ब्रोकरेज फर्म का फैसला लेने के बाद आप उसकी वेबसाइट पर जाकर डीमैट अकाउंट ओपन करने का फॉर्म सावधानी से भरने के बाद उसकी KYC प्रोसेस को पूरा करें.
- KYC के लिए फोटो आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ के लिए डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ेगी. जब ये प्रोसेस पूरी हो जाएगा तो उसके बाद इन-पर्सन वेरिफिकेशन होगा. संभव है जिस फर्म से आप डीमैट अकाउंट खुलवा रहे हों, वो अपने सर्विस प्रोवाइडर के दफ्तर आपको बुलवाएं.
- इस प्रोसेस को पूरा होने के बाद आप ब्रोकरेज फर्म के साथ टर्म ऑफ एग्रीमेंट साइन करते है. ऐसा करने के बाद आपका डीमैट अकाउंट खुल जाता है.
- फिर आपको डीमैट नंबर और एक क्लाइंट आईडी दी जाएगी.
कौन खोलेगा डीमैट खाता
इंडिया में डीमैट खाता खोलने का काम दो संस्थाएं करती है. जिसमें पहली है NSDL (National Securities Depository Limited) और दूसरी है CDSL (central ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है securities depository limited). 500 से अधिक एजेंट्स इन depositories के लिए काम करते है, जिनको आम भाषा में डीपी भी कहा जाता है. इनका काम डीमैट अकाउंट खोलना होता है.
डीमैट अकाउंट खोलने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी शर्त होती है कि जो व्यक्ति शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमैट अकाउंट खुलवा रहा हो उसकी उम्र 18 साल से ज्यादा होनी चाहिए. साथ ही इसके लिए उस व्यक्ति के पास पैन कार्ड, बैंक अकाउंट आइडेंटिटी और एड्रेस प्रूफ होना जरूरी है.
जानिए क्या है लाभ अपने सेविंग अकाउंट को DEMAT अकाउंट से जोड़ने के ?
DEMAT अकाउंट उन लोगो के लिए सबसे अच्छा होता है जो लोग शेयर बाजार में अपने पैसो को इन्वेस्ट करना चाहते है, इसके साथ साथ एक ट्रेडिंग खाता भी जरूरी होता है क्यों आप ट्रेडिंग खाते शेयर को खरीदऔर बेच सकते है और साथ में एक सेविंग अकाउंट भी खुलवा लेना अच्छा माना जाता है।
जानिए क्या है लाभ अपने सेविंग अकाउंट को DEMAT अकाउंट से जोड़ने के ?-
DEMAT अकाउंट उन लोगो के लिए सबसे अच्छा होता है जो लोग शेयर बाजार में अपने पैसो को इन्वेस्ट करना चाहते है, इसके साथ साथ एक ट्रेडिंग खाता भी जरूरी होता है क्यों आप ट्रेडिंग खाते शेयर को खरीदऔर बेच सकते है और साथ में एक सेविंग अकाउंट भी खुलवा लेना अच्छा माना जाता है। डीमेट अकाउंट में शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में रखा जाता है आपको डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट के पास अपने शेयर फिजिकल सर्टिफिकेट को इलेक्ट्रॉनिक रूप में चेंज करने के लिए एक डीमेट अकाउंट खुलवाना पड़ता है। डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट कोई बैंक ,संस्थान या सेबी का कोई एजेंट हो सकता है यह आपके और डिपॉजिटरी के बीच में एक कड़ी के रूप में काम करता है। हमारे देश में वर्तमान समय दो डिपॉजिटरी उपलब्ध है जो नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विस लिमिटेड नाम से उपलब्ध है, ये डिपॉजिटरी इलेक्ट्रॉनिक रूप में शेयर और प्रतिभूतियों के मैनेजमेंट का काम करते है।
आइये जानते है ट्रेडिंग अकाउंट क्या है? कैसे करें ऑनलाइन ट्रेडिंग
What is trading account in hindi
- ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
- Trading Account ऐसे करता है काम
- ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ट्रेडिंग अकाउंट क्या है: शेयर बाजार में निवेश करने या फिर ट्रेडिंग करने के लिए ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है।
स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट के माध्यम से यही शेयर को खरीदा और बेचा जाता है। इसमें ट्रेडर अपने Buy या Sell करने के आर्डर को ब्रोकर को कॉल करके बता देता है। या फिर ऑनलाइन ट्रेडिंग के माध्यम से खुद ही अपना आर्डर करता है।
ऐसे खोले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट
ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग अकाउंट खोलना बेहद आसान प्रक्रिया है। इसके लिए ब्रोकर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होता है। ऑनलाइन ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए निम्नलिखित डॉक्यूमेंट की जरूरत पड़ती है। –
- पासपोर्ट साइज फोटो
- नॉमिनी की फोटो
- एड्रेस प्रूफ जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी,
- कैंसिल चेक और लेटेस्ट बैंक स्टेटमेंट ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है
- डीमैट अकाउंट की डिटेल
Trading Account ऐसे करता है काम –
ट्रेडिंग अकाउंट में सबसे पहले निवेशक इसी ट्रेडिंग एकाउंट में पैसा जमा करता है उसके बाद जिस शेयर को खरीदना या बेचना है उसके दाम को चेक करता है और आर्डर करता है। यह आर्डर स्टॉक एक्सचेंज के पास जाता है। इस ऑर्डर को काउंटर ऑर्डर मिल जाने के बाद यह एग्जीक्यूट (Execute) हो जाता है। इस दौरान पैसे पर लगने वाले टैक्स या फिर चार्ज ट्रेडिंग अकाउंट से ही काटे जाते हैं। इसके बाद शेयर 2 दिन में डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं। लेकिन यदि शेयर को बेचने का ऑर्डर किया गया रहता है तो शेयर का पैसा टैक्स और ब्रोकरेज कट होने के बाद ट्रेडिंग अकाउंट में जमा हो जाता है।
ट्रेडिंग अकाउंट होने से ऑनलाइन चैटिंग की सुविधा आसान हो जाती है शेयर को खरीद कर पैसे कटाना और बेचने पर पैसे जमा होना, यह सारी प्रक्रिया अपने आप ऑटोमेटिक होती है। इसके लिए किसी लिखित पेपर या कॉल की जरूरत नहीं पड़ती है। ऑर्डर बहुत जल्दी ही पूरा हो जाता है। मोबाइल के द्वारा भी किसी भी जगह से शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।
ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे करे?
ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के लिए सबसे पहले एक ट्रेडिंग का चयन करना होगा। जिसके साथ अपना ट्रेडिंग डिमैट अकाउंट ओपन करना होता है। शेयर मार्केट में कई प्रकार की ट्रेडिंग होती है। इसके इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विप ट्रेडिंग, पोजीशनल ट्रेडिंग आदि है। इनमें से किसी भी ट्रेडिंग का चुनाव करके ट्रेडिंग की जा सकती है।
ट्रेडिंग स्टाइल के चयन के बाद ट्रेडिंग प्लस और ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है मनी मैनेजमेंट की बारी आती है। इसमें ट्रेडिंग प्लस में कौन सा शेयर खरीदना है और कब खरीदना है जैसी बातें शामिल होती है।
वही मनी मैनेजमेंट में कितने रुपए का निवेश करना है टारगेट क्या होगा?, ऐसी बातों का ध्यान दिया जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग को दो भागों में बांटते हैं। इंट्राडे ट्रेडिंग और डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग में शेयर को एक ही दिन में खरीद कर उसे बेचना होता है। इसमें शेयर को वास्तविकता में नहीं खरीदा जाता बल्कि ब्रोकर को कुछ मार्जिन देखा शेयर के भाव में उतार-चढ़ाव जब आता है तो उसका फायदा उठाया जाता है। डिलीवरी बेस्ड ट्रेडिंग में शेयर को वास्तव में खरीदा जाता है और जितने भी शेयर लिए जाते है, उनका पूरा पैसा चुकाना होता है। डिलीवरी बेस्ट ट्रेडिंग में आप शेयर को जब तक चाहे अपने पास रख सकते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 484