हम ऐसा कह सकते हैं कि Blockchain टेक्नोलॉजी हमसे ही बनी हुई है, हमारे लिए ही काम करती है और इसे नियंत्रित भी हम ही लोग करते हैं। ये बात ही इसे और भी बहुत अधिक सुरक्षित बनाता है।

sydney dialogue /pm modi

भारत में क्रिप्टो करेंसी : जोखिम या अवसर

लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है

लेखक, आदित्य राज (एडवोकेट)

साधारण रूप से करेंसी (मुद्रा) माल एंव सेवाओं के बेचने-खरीदने का माध्यम का काम करती है। क्रिप्टो-करेंसी (जैसे-बिट कॉइन, इत्यादि) के द्वारा भी यही काम किया जा सकता है। लंबे समय से रिर्ज़व बैंक (आरबीआई)ने क्रिप्टो-करेंसी के जोखिम से जनता को सावधान किया है। वहीं दूसरी ओर कुछ जानकारों की माने तो मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले ने क्रिप्टो-करेंसी के मुद्दे को एक नया आयाम दिया है। 180 पन्नों के इस फैसले को क्रिप्टो-करेंसी के पक्षकारों ने सकारात्मक रूप से देखा है। यह स्पष्ट है कि सरकार के सामने दो परस्पर विरोधाभासी विकल्प है –कुल मिलाकर हम उपन्यास “कैच-22” जैसी स्थिति में है। आख़िर भारत सरकार की क्रिप्टो-करेंसी को लेकर क्या असहजताऐं हैं? इस सवाल का जबाव हमें आज के दौर मेंतेजी से बदलती हुई दुनिया के बीच आर्थिक पहलुओं पर घटती राष्ट्रीय संप्रभुता में ढुँढना होगा।

आसान भाषा में समझे क्रिप्टो-करेंसी / डिजिटल करेंसी क्या है ?

क्रिप्टो-करेंसी का मुद्दा नया नहीं है,सबसे प्रचलित क्रिप्टो-करेंसीबिट कॉइन 2010 से ही प्रचलन में आ गयी थी। वैसे क्रिप्टो-करेंसी काफी तकनीकी विषय है। यदि इसे आसान भाषा में समझा जाए तो क्रिप्टो-करेंसी एक प्रकार की डिजिटल करेंसी है जो किसी केंद्रीय बैंक से संचालित नहीं है औरइसे कई क्रिप्टोग्राफी तकनीकें जैसे-“ब्लाकचैन” द्वारा इन्हें रिकार्ड किया जाता है। इस प्रकार एक जाली क्रिप्टो-करेंसी बनना काफी मुश्किल है। वहीं दुसरी ओर क्रिप्टो-करेंसी जैसे बिटकॉइन निर्धारित संख्या तक ही उपलब्ध हो सकती है।(वर्तमान में लगभग 21 मिलियन तक।) यदि हम बिटकॉइन को एक प्रकार का सोना मानें (क्योंकि सोना भी एक मात्रा से ज्यादा उपलब्ध नहीं है) तो इसका मूल्य कहीं और अधिक हो जाता है। साथ ही साथ इसमे मुद्रास्फीति का भी डर नहीं है क्योंकि यहाँ कोई एक केंद्रीय बैंक नहीं है जो अचानक नोटों को प्रिंट कर उनकी संख्या बढ़ा दे। ये सभी बातें क्रिप्टो-करेंसी को खास बनाती है। आज विश्व में कई क्रिप्टो-करेंसी प्रचलन में है और2020 बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी मेंक्रिप्टो-करेंसी ने कई खबरें बनाई हे– जेसे बिटकॉइन का डॉलर में एक के बाद एक रिकार्ड तोड्ना। क्रिप्टो-करेंसी निवेश का एक नया “क्रेज़” साबित हो रहीं हैं। (हालांकि अमरिका में क्रिप्टो-करेंसी लीगल टेंड़र नहीं है।) भारत मेंभी क्रिप्टो-करेंसी का यही “ट्रेंड़” निवेशकों को रिझा रहा है।

चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डि‌जिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है

भारत सरकार के सामने ये एक नई चुनौती है। सरकार सुरक्षा से समझौता नहीं कर सकती। क्रिप्टो-करेंसी को भारत में भी सार्थक रूप से उपलब्ध कराना भी सरकार के लिए आवश्यक है। भारत दुनिया से अलग-थलगनहीं रह सकता। अतएव क्रिप्टो-करेंसी में बढते निवेश को नकारा नहीं जा सकता–अर्थात् हम पुरातनवादी सोच का शिकार नहीं बन सकते। भारत का आईटी सेक्टर का व्यापार 2025 तक 350 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है और लाखों लोग रोजगार के लिए इस पर प्रत्यक्ष रूप से निर्भर हैं। बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी क्रिप्टो-करेंसी की वैश्विक दौड़ में हम पिछड़ना स्वीकार नहीं कर सकते खासकर तब जब भारत अपनी आईटी सेक्टर काबिलियत से क्रिप्टो-करेंसी की दुनिया में पेंठ बना सकता है। चीन समेत दुनिया के कई देश अपनी खुद की डि‌जिटल करेंसी बनाने की दिशा में काम कर रहे है। (स्वाभाविक है कि भारत भी इस दिशा में आगे बढ़ेगा।)

क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन का जिक्र

अपने संबोधन में पीएम मोदी ने क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉइन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि उदाहरण के लिए क्रिप्टो-मुद्रा या बिटकॉइन को लें. यह महत्वपूर्ण है कि सभी लोकतांत्रिक देश इस पर एक साथ काम करें और सुनिश्चित करें कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को खराब कर सकता है.

Take crypto-currency or bitcoin for example.

It is important that all democratic nations work together on this and ensure it does not end up in wrong hands, which can spoil our youth: PM @narendramodi

— PMO India (@PMOIndia) November 18, 2021

चुनौती को अवसर के रूप में लेकर हमें आगे बढ़ना बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी होगा : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि चुनौती को अवसर के रूप में लेकर हमें आगे बढ़ना होगा. प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा का प्रमुख साधन बन गई है, ये भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में मदद करेगी. प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं. हमें वेस्टर्न इंटरेस्ट के स्वार्थों को इसका दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सिडनी संवाद' को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के बीच रणनीतिक साझेदारी को क्षेत्र और दुनिया के लिए कल्याणकारी बताया. उन्होंने कहा कि एक लोकतंत्र और डिजिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा मे भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है.

3 अरब से अधिक भारतीयों की अपनी अलग डिजिटल पहचान

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में हम दुनिया की सबसे व्यापक जन सूचना अवसंचना विकसित कर रहे हैं. 1.3 अरब से अधिक भारतीयों की अपनी अलग डिजिटल पहचान है. भारत 6,00,000 गांव को ब्रॉडबैंड से जोड़ने के मार्ग पर अग्रसर है. हमने भारत में डाटा संरक्षण, निजता और सुरक्षा के लिए मजबूत ढांचा तैयार किया है.

#WATCH: We're building world's most extensive public info infrastructure; used technology to deliver over 1.1 billion vaccine doses; investing in telecom technology such as 5G, 6G. India has the world's 3rd largest & fastest-growing start-up ecosystem: PM Modi at Sydney Dialogue pic.twitter.com/3gcbbfCY6v

— ANI (@ANI) November 18, 2021

ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच गहरी दोस्ती

ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया-भारत के बीच गहरी दोस्ती है, समय के साथ हमारे संबंध और आगे बढ़ेंगे. हम अंतरिक्ष, विज्ञान, डिजिटल प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में बहुत प्रगति कर रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया के लिए सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 'सिडनी डायलॉग' को संबोधित कर रहे हैं.

‘सिडनी संवाद' 17 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है. यह ‘ऑस्ट्रेलियन स्ट्रेटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट' की एक पहल है.

बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी

Sandeep Kumar | 02/Dec/2022

Digital Currency:

नया भारत डेस्क : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल रुपये के खुदरा इस्तेमाल से जुड़ा पहला पायलट प्रोजेक्ट एक दिसंबर को शुरू करने जा रहा है। इसमें सरकारी एवं निजी क्षेत्र के चार बैंक शामिल होंगे। बता दें कि रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से डिजिटल रुपये के थोक खंड की शुरुआत की थी। (Digital Currency)

इसके लिए कुल 9 बैंकों का चुनाव किया गया है. इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), यूनियन बैंक, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, IDFC फर्स्ट बैंक और HSBC बैंक शामिल होंगे.पहले चरण में भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फ‌र्स्ट बैंक देश के चार शहरों में खुदरा डिजिटल रुपया जारी करेंगे। अगले चरण में बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को भी इस पायलट प्रोजेक्ट से जोड़ दिया जाएगा। (Digital Currency)

डिजिटल रुपये की खासियत

डिजिटल रुपये का उपयोग यूपीआई, एनईएफटी, आरटीजीएस, आईएमपीएस, डेबिट/क्रेडिट कार्ड आदि के माध्यम से किए गए भुगतानों के समान डिजिटल भुगतान करने के लिए किया जाएगा। सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपये का उपयोग यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI), नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT), रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) की तरह ही डिजिटल पेमेंट के लिए करने के लिए किया जाएगा। (Digital Currency)

1. क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का नियंत्रण नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।

2. वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।

क्या है डिजिटल रुपया, जिसका बजट में वित्त मंत्री ने किया एलान, जेब में रखे रुपये से कितना अलग

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए केंद्रीय बजट पेश कर दिया। इसमें एक बड़ा एलान डिजिटल करेंसी को लेकर किया गया। वित्त मंत्री के एलान के मुताबिक, क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा। हालांकि, सरकार ने जल्द ही अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने की बात भी कही। घोषणा में कहा गया है कि सरकार इसी साल डिजिटल रुपया लॉन्च कर देगी। ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि आखिर डिजिटल रुपया है क्या और यह आपकी जेब में पड़े रुपये से कितना अलग होगा।

डिजिटल रुपये की अवधारणा को साफ तौर पर समझें तो यह रुपये के विकल्प की तरह है। यानी होगा तो वह भी रुपया ही, जारी भी रिजर्व बैंक ही करेगा, पर वह प्रिंटेड नोट से बिल्कुल ही अलग होगा। रिजर्व बैंक ही नहीं बल्कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंक बिटकॉइन, ईथर जैसी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के विकल्प के तौर पर डिजिटल करेंसी पर काम कर रहे हैं।

क्या है Blockchain टेक्नोलॉजी? (What is Blockchain Technology)

Blockchain टेक्नोलॉजी का उल्लेख यदि सबसे सरल रूप में करें तो ये एक विकेंद्रीकृत, वितरित खाता बही के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो कि एक डिजिटल संपत्ति बिटकॉइन की चुनौती और डिजिटल करेंसी के विकास को रिकॉर्ड करता है। यदि आसान भाषा में कहा जाए तो ये सिर्फ डिजिटल करेंसी ही नहीं बल्कि किसी भी चीज को डिजिटल बनाकर उसका रिकॉर्ड सुरक्षित रखता है।

Blockchain पर किसी भी डेटा को में सुधार नहीं किया जा सकता है इसीलिए इसका इस्तेमाल भुगतान साइबर सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसे उद्योगों के लिए ही किया जा सकता है।

Blockchain टेक्नोलॉजी के विषय में अधिक जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि ये एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिससे बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो- करेंसियों को संचालित किया जाता है। यदि इसे और भी अधिक सरल भाषा में समझाया जाए तो ये एक डिजिटल सार्वजनिक बहीखाता है, जिसमें हर एक लेनदेन का पूरा हिसाब-किताब दर्ज किया जाता है।

Blockchain टेक्नोलॉजी के बारे में जानना क्यों जरूरी है।

Blockchain टेक्नोलॉजी को हमे सार्वजनिक रूप से मौजूद करने की कोई जरूरत नहीं होती है। ये निजी तौर पर भी कार्य कर सकता है, जहां पर नोड्स केवल साधारण नंबर होंगे किसी एक प्राइवेट नेटवर्क में और Blockchain एक डिस्ट्रीब्यूटर लेजर की तरह काम करेगा।

Blockchain टेक्नोलॉजी की पकड़ फाइनेंश से भी अधिक है इसे किसी भी मल्टीस्टेप ट्रांसेक्शन जहां पता लगाने की क्षमता और दिखावे की जरूरत है वहां इसे अप्लाई किया जा सकता है। सप्लाई चैन एक ऐसा नॉटेबल केस है जहां के ब्लॉकचेन का इस्तेमाल अधिक डेटा को मैनेज करने के लिए और हस्ताक्षर किये गए कॉन्ट्रैक्ट, उत्पाद उत्पति के हिसाब किताब करने के लिए किया जाता है।

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