रुपया 82.75 प्रति डॉलर पर बंद: अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया शुक्रवार को 82.75 प्रति डॉलर पर लगभग स्थिर बंद विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर हुआ। विदेशों में डॉलर के मजबूत होने और घरेलू शेयरों में भारी बिकवाली दवाब के कारण रुपया 82.89 रुपये प्रति डॉलर के निम्न स्तर को छू गया। कारोबार के अंत में रुपया एक पैसे की तेजी के साथ 82.75 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ।

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इकोनॉमी के लिए गुड न्यूज, लगातार 5वें हफ्ते विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा

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देश का विदेशी मुद्रा भंडार नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.06 अरब डॉलर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह तेजी आई है। पिछले सप्ताह देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 11 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था।

आपको बता दें कि विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर अक्टूबर, 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था। केंद्रीय बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार कुल मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा माने जाने वाली विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) नौ दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर हो गईं।

Forex Reserves: विदेशी मुद्रा भंडार ने बढ़ाई टेंशन, लगातार 8वें हफ्ते आई गिरावट

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देश के विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का सिलसिला जारी है। बीते 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में यह 8.134 विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर अरब डॉलर घटकर 537.518 अरब डॉलर रह गया। इससे पिछले सप्ताह 5.2 अरब डॉलर से अधिक घटकर 545.54 अरब डॉलर रह गया था। यह लगातार आठवां सप्ताह है जब विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आई है।

वजह क्या है: विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में गिरावट के कारण 23 सितंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में कमी विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर आई है। एफसीए समग्र भंडार का एक प्रमुख हिस्सा होता है। आरबीआई के मुताबिक इस दौरान एफसीए 7.688 अरब डॉलर घटकर 477.212 अरब डॉलर रह गया।

थम नहीं रही विदेशी मुद्रा भंडार की गिरावट, 28 महीने पहले जैसे हुए हालात

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भारत के विदेशी विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर मुद्रा भंडार में एक बार फिर गिरावट आई है। रिजर्व बैंक के ताजा आंकड़ों से पता चलता है कि 21 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.8 अरब डॉलर घटकर 524.5 अरब डॉलर रह गया। जुलाई 2020 यानी करीब 28 माह बाद रिजर्व अपने सबसे निचले स्तर पर है। विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर पिछले साल से रिजर्व में 115 अरब डॉलर की गिरावट आई है।

वजह क्या है: भंडार में गिरावट की सबसे बड़ी वजह विदेशी मुद्रा एसेट हैं। इसमें 3.5 अरब डॉलर की कमी आई है। इसी तरह, केंद्रीय रिजर्व बैंक के पास रखे गोल्ड के मूल्य में 14 अक्टूबर की तुलना में 2.47 अरब डॉलर की गिरावट आई है। भारत के कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी 7.1 फीसदी है।

रिजर्व बैंक ने विदेशी मुद्रा प्रवाह से जुड़े मानकों को उदार बनाया

आरबीआई ने वित्तीय बाजारों के बंद होने के बाद शाम को जारी एक बयान में इन कदमों की घोषणा की। उसने कहा कि पोर्टफोलियो निवेश को छोड़कर बाकी सभी पूंजी प्रवाह स्थिर बना हुआ है और विदेशी मुद्रा का समुचित भंडार होने से बाहरी झटकों को झेलने की सुरक्षा भी मिलती है।

देश का विदेशी मुद्रा भंडार 24 जून को 593.3 अरब डॉलर था।

रिजर्व बैंक ने बयान में कहा, ‘‘विदेशी मुद्रा बाजार में व्याप्त अस्थिरता कम करने और वैश्विक झटके को झेलने के लिए विदेशी मुद्रा वित्तपोषण के स्रोतों के विस्तार और विदेशी मुद्रा से संबंधित करियर विविधीकरण करने के लिए पांच कदम उठाने का फैसला लिया गया है।’’

इन कदमों में ऋण बाजार में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश मानकों को सरल करना और एक वित्त वर्ष में स्वचालित मार्ग से ईसीबी सीमा को 75 करोड़ डॉलर से बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर करना शामिल है।

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