क्रिप्टोकरेंसी में नुकसान उठाने से कैसे बचें, जानिए क्या हैं एक्सपर्ट्स के सुझाव
कम लिक्विडिटी वाले क्रिप्टो को खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इन्हें बेचने में मुश्किल हो सकती है
क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है। इसके साथ ही इनमें पैसा कमाने और गंवाने के भी मौके रहते हैं। अगर आप किसी सेलेब्रिटी के ट्वीट पर इनवेस्टमेंट कर रहे हैं या खुद को एक्सपर्ट्स बताने वाले किसी व्यक्ति की सलाह पर चल रहे हैं, तो आपको नुकसान हो सकता है। यहां आपको उन गल्तियों के बारे में बताया जा रहा है जिनसे आपको क्रिप्टोकरेंसीज में इनवेस्टमेंट करने पर बचना चाहिए।
एक्सपर्ट्स की सलाह पर पूरा भरोसा न करें, अपनी रिसर्च भी जरूरी
आपको कई ऑनलाइन साइट्स पर क्रिप्टो एक्सपर्ट्स की सलाह मिल जाएगी। आपको शायद यह जानकर हैरानी होगी किसी वास्तव में कोई क्रिप्टो एक्सपर्ट्स नहीं हैं। क्रिप्टोकरेंसीज में उतार-चढ़ाव बहुत अधिक होता है और इनके प्राइसेज का सही अनुमान नहीं लगाया जा सकता। इस वजह से खुद रिसर्च करनी चाहिए।
कम लिक्विडिटी वाली क्रिप्टोकरेंसीज से बचें
लिक्विडिटी अधिक होने पर ही क्रिप्टोकरेंसीज को आसानी से खरीदा या बेचा जा सकता है। अगर किसी क्रिप्टोकरेंसी में लिक्विडिटी कम है तो आपको उसे बेचने में मुश्किल होगी।
Cryptocurrency: 1.5 करोड़ भारतीय कर रहे हैं Trading; जानिए Bitcoin इस्तेमाल करने के नुक्सान क्या हैं क्या है इससे जुड़े नफा-नुकसान
पिछले साल अप्रैल में एक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 12000 रुपये थी जो अभी 25000 रुपये के स्तर पर है। एक साल में इस प्रकार के रिटर्न को देखते हुए ही भारतीय निवेशकों का रूझान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर साफ देखा जा सकता है।
नई दिल्ली, राजीव कुमार। पिछले साल अप्रैल में एक क्रिप्टोकरेंसी की कीमत 12,000 रुपये थी जो अभी 25,000 रुपये के स्तर पर है। एक साल में इस प्रकार के रिटर्न को देखते हुए ही भारतीय निवेशकों का रूझान क्रिप्टोकरेंसी को लेकर साफ देखा जा सकता है। पिछले एक साल में क्रिप्टोकरेंसी में होने वाली भारतीय निवेश में 612 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। ब्लाकचेन एनालिटिक्स फर्म चेनएनालिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल क्रिप्टो बाजार में भारतीयों का निवेश 92.30 करोड़ डालर का था जो एक साल में बढ़कर 6.6 अरब डॉलर हो गया। रिपोर्ट के मुताबिक डेढ़ करोड़ भारतीय फिलहाल क्रिप्टो की ट्रेडिंग करते हैं।
अमेरिका में क्रिप्टो करेंसी में ट्रेडिंग करने वालों की संख्या 2.3 करोड़ है तो ब्रिटेन में सिर्फ 23 लाख लोग इसमें ट्रेडिंग करते हैं। हालांकि, क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार का रुख अब भी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। पिछले दो साल से सरकार के अंदर क्रिप्टोकरेंसी को लेकर ऊहापोह की स्थिति है। पहले सरकार क्रिप्टो को प्रतिबंधित करने के लिए बिल लाना चाहती थी, लेकिन अब क्रिप्टो को नियंत्रित करने की बात चल रही है।
तीन साल पहले आरबीआइ ने बैंकों के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन पर रोक लगाई थी। हालांकि, इससे सुप्रीम कोर्ट सहमत नहीं था। 19 जून से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में भी क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित बिल लाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी एक कार्यक्रम में इसका संकेत दिया था कि क्रिप्टोकरेंसी को पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा। जाहिर है सरकार कहीं न कहीं क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नए सिरे से कानून लाना चाहती है।
क्या है क्रिप्टोकरेंसी
यह एक तरह की डिजिटल करेंसी है। दुनिया में सैकड़ों तरह की क्रिप्टोकरेंसी हैं। भारत में मुख्य रूप से दस प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी का कारोबार होता है। इसमें बिटकाइन, एथेरियम, डोजे, पोल्काडाट, बिनानसे और ट्रोन नामक क्रिप्टोकरेंसी अधिक प्रचलित हैं। क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-फरोख्त पूरी तरह से क्रिप्टो एक्सचेंज पर होती है। भारत में क्रिप्टो कारोबार को संचालित करने के लिए छह प्रमुख एक्सचेंज हैं। इनमें वजीरएक्स, कायनडीसीएक्स, कायनस्वीच कुबेर, यूनोकायन, जेबपे और बाइयूकायन शामिल हैं। क्रिप्टो की खरीदारी के लिए एक्सचेंज पर जाकर आनलाइन एकाउंट खुलवाना होता है, जिसके लिए मात्र 100-200 रुपये का शुल्क लगता है।
क्या हैं जोखिम
दूसरे देशों की कई कंपनियां क्रिप्टोकरेंसी में भुगतान स्वीकर कर रही हैं, लेकिन इनकी संख्या बहुत ही कम है। अन्य करेंसी की तरह क्रिप्टोकरेंसी कोई वैधानिक करेंसी नहीं है। कोई सरकार इसकी गारंटी नहीं लेती है। शेयर बाजार में जब किसी कंपनी का शेयर खरीदते हैं तो वह कंपनी उस शेयर की गारंटी देती है और एक्सचेंज के नियामक के रूप में सरकारी एजेंसी काम करती है, लेकिन क्रिप्टोकरेंसी के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं होता है।
फिर भी है आकर्षण
निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह से डिजिटल रूप में है इसलिए नौजवानों को आकर्षित करती है। सोने और प्रापर्टी में निवेश करने के बाद उसकी असलियत को लेकर दुविधा बनी रहती है। ज्वैलर्स नकली सोना भी दे सकता है। क्रिप्टो की असलियत जांचने की जरूरत नहीं है। काफी कम समय में मोटे रिटर्न की उम्मीद होती है। हालांकि विशेषज्ञ इस बात को लेकर भी चिंता जता रहे हैं कि इस साल फरवरी में कुछ क्रिप्टो की कीमत 45,000 रुपये थी जो अभी 25,000 रुपये के स्तर पर है। ऐसे में 45,000 वाले क्रिप्टो को खरीदने वाले को फिलहाल घाटा ही है।
Cryptocurrency क्या है? यह कैसे काम करती है? इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? जानिए
दुनिया के कई देशों में अलग-अलग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) चलन में है. इनमें बिटकॉइन का नाम काफी पॉपुलर है और सुना जाता है. इसीलिए आज हम इस करेंसी के बारे में जानेंगे कि आखिर क्रिप्टो करेंसी क्या है और यह कैसे काम करती है और इसके फायदे और नुकसान क्या-क्या हैं. वैसे तो आजकल हम जिस करेंसी का इस्तेमाल अपने लेनदेन के लिए करते हैं वो एक देश की अप्रूवड करेंसी होती है जैसे भारत में लेन-देन के कामों में रुपया का इस्तेमाल किया जाता है ठीक उसी तरह अलग-अलग देशों की अलग-अलग करेंसी होती है.
वहीं आप अमेरिका की करेंसी को देख लो वहां डॉलर चलते हैं इसी तरीके से दुनिया के अलग-अलग देशों की अलग-अलग करेंसियां होती हैं, जिनका इस्तेमाल केवल उसी देश में किया जाता है, जहां उसका चलन हो लेकिन जिस तरह हम बाकी करेंसी को हाथ से छू सकते हैं उसे जेब में रख सकते हैं. वैसे हम क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के साथ नहीं कर सकते हैं. हैरान मत होइए आपके इसी सवाल का जवाब हम अपने इस आर्टिकल में देने वाले हैं, तो आइए जानते हैं..
आखिर क्या है Cryptocurrency ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) एक ऐसी करेंसी है, जो कंप्यूटर एल्गोरिथ्म पर बनी होती है. ये एक डिजिटल करेंसी है, इसका इस्तेमाल क्रिप्टोग्राफी द्वारा किया जाता है डार्क वेब की दुनिया में खासतौर पर इसका इस्तेमाल किसी सामान को खरीदने और सर्विस खरीदने के लिए किया जाता है. सबसे पहले इसकी शुरुआत जापान के सतोषी नाकमोतो नामक इंजीनियर ने सन 2009 में की थी, जिसने इस करेंसी(Cryptocurrency) का नाम बिटकॉइन रखा था. शुरू में लोगों ने इसे ज्यादा अहमियत नहीं दी, लेकिन आज के जमाने में यह सबसे ज्यादा महंगी क्रिप्टो करेंसी है. 11 सालों में लगभग 900 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी बाजार में उपलब्ध है. इसके काम करने का तरीका पीयर-टू-पीयर इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम है.
इस करेंसी की ग्रोथ कैसे होती है ?
क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) की ग्रोथ कैसे होती है यह जानने के लिए हमें इसका मार्केट में प्रदर्शन देखना होगा. ब्लैक मार्केटिंग में इसका प्रदर्शन बहुत अच्छा होता है इसमें इन्वेस्ट करना काफी फायदे का सौदा साबित हो सकता है. आपको बता दें कि, लगभग 900 से 1000 तक Cryptocurrency बाजार में उपलब्ध है, जब यह क्रिप्टो करेंसी लांच की गई थी तब इनकी कीमत जीरो के बराबर थी, लेकिन उसमें कुछ की कीमत आज $1000 तक के बराबर है. इसका अंदाजा लगा सकते हैं कि फ्यूचर में यह करेंसी कितनी तरक्की कर सकती है और लोगों का रुझान शेयर बाजार से हटकर अब इस तरफ होने लगा है.
क्या खत्म हो गई क्रिप्टोकरेंसी की चमक, जल्द ही 25% और गिर सकता है बिटकॉइन
अगर आप आने वाले दिनों में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो अब आपको एक बार दोबारा सोच लेने की जरूरत है. ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में मौजूदा समय में गिरावट जारी है.
अगर आप आने वाले दिनों में Cryptocurrency में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो अब आपको एक बार दोबारा सोच लेने की जरूरत है. ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी में मौजूदा समय में गिरावट जारी है. इसके साथ ही आने वाले दिनों में भी Bitcoin में 25 फीसदी की गिरावट आ सकती है. इसके पीछे वजह बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज FTX और उससे जुड़ी ट्रेडिंग कंपनी Alemada रिसर्च का पूरी तरह ढह जाना है.
बिटकॉइन के निवेशकों हो जाएं सावधान
जेपी मॉर्गन के विश्लेषकों का कहना है कि बिटकॉइन में आगे 25 फीसदी की और गिरावट देखी जा सकती है. उसने बिटकॉइन के निवेशकों के लिए चेतावनी जारी कर दी है. जानकारों का कहना है कि इस साल क्रिप्टो से जुड़े लगातार संकटों ने बिटकॉइन की कीमत को इस स्थिति तक पहुंचाया है. उनके मुताबिक, इससे बिटकॉइन की कीमत 13,000 डॉलर के निचले स्तर तक पहुंच सकती है.
जेपी मॉर्गन ने आगे कहा कि दोनों एफटीएक्स और अलमेडा रिसर्च दोनों के साइज और इंटरलिंकिंग को देखते हुए यह लगता है कि क्रिप्टोकरेंसी में यह गिरावट पिछले साल मई या जून की स्थिति जैसी होगी. उसने कहा कि कई कंपनियों को दिवालिया होने का ऐलान करना पड़ा है.
आज कितना गिरा बिटकॉइन?
आपको बता दें कि आज बड़ी क्रिप्टोकरेंसी गिरावट के साथ ट्रेड कर रही हैं. ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट कैप पिछले दिन में 1.21 फीसदी की गिरावट के साथ 835.92 अरब डॉलर पर पहुंच गया है. वहीं, कुल क्रिप्टो मार्केट वॉल्यूम पिछले 24 घंटों के दौरान 3.36 फीसदी गिरकर 60.72 अरब डॉलर हो गया है. डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) में कुल वॉल्यूम अब 3.30 अरब डॉलर पर मौजूद है, कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 5.43 फीसदी है. वहीं, सभी स्टेबलकॉइन्स का वॉल्यूम 57.26 अरब डॉलर है, जो कुल क्रिप्टो मार्केट के 24 घंटों के वॉल्यूम का 94.30 फीसदी है.
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मार्केट कैपिटलाइजेशन के हिसाब से दुनिया की सबसे बड़ी और लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन पिछले 24 घंटों में 1.92 फीसदी गिरकर 14,30,000 रुपये पर पहुंच गई है. बिटकॉइन की बाजार में मौजूदगी 0.20 फीसदी बढ़कर मौजूदा समय में 38.40 फीसदी हो गई है. वहीं, Ethereum की कीमत 3.63 फीसदी घटकर 1,05,998.Bitcoin इस्तेमाल करने के नुक्सान क्या हैं 8 रुपये हो गई है. Tether पिछले 24 घंटों में 0.9 फीसदी गिरकर 86.30 रुपये पर आ गया है.
भारत में शिकंजे की खबरों के बीच भरभरा कर गिरे BitCoin के भाव, जानिए आप पर क्या होगा क्रिप्टो बैन का असर?
देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है।
Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 24, 2021 10:44 IST
Photo:AP
भारत में शिकंजे की खबरों के बीच भरभरा कर गिरे BitCoin के भाव, जानिए आप पर क्या होगा क्रिप्टो बैन का असर?
Highlights
- बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो करेंसी में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है
- क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने के मामले में भारत दुनिया का नंबर 1 देश है
- दुनिया में इसका इस्तेमाल करने वाले 30 करोड़ से ज्यादा लोग हैं
अगर आप भी देश के उन लाखों लोगों में हैं जो क्रिप्टो में पैसा लगा चुके हैं या पैसा लगाने की तैयारी में हैं तो आपके लिए बुरी खबर है। केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। सिर्फ इसी खबर के चलते कल से क्रिप्टो करेंसी की कीमतों में बड़ी गिरावट देखने को मिल रही है। बिटकॉइन सहित दूसरी क्रिप्टो करेंसी में 15 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। एक आंकड़े के मुताबिक, क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाने के मामले में भारत दुनिया का नंबर 1 देश है। अमेरिका दूसरे नंबर पर है वहां लगभग 3 करोड़ इन्वेस्टर है
बता दें कि 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में सरकार, क्रिप्टो करेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। 'द क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021' के नाम से लाए जा रहे विधेयक में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी पर पाबंदी लगाने की बात कही गई है। इस बिल के कानून बनने से सभी निवेशक प्रभावित हो सकते है।
आरबीआई लाएगा अपनी क्रिप्टो करेंसी
क्रिप्टो करेंसी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कुछ ढील भी दे सकती है। किस क्रिप्टोकरेंसी को राहत मिलेगी। ये अभी साफ नहीं है। वहीं बिल की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को अपनी आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने के लिए सुविधाजनक फ्रेमवर्क मिलेगा।
धराशायी हुए क्रिप्टो बाजार
क्रिप्टो करेंसी बैन के लिए संसद में विधेयक पेश करने की खबर के बाद क्रिप्टो बाजार धरशायी हो गया। बीती रात 11 बजे के करीब सभी प्रमुख क्रिप्टो करेंसी में लगभग 15 प्रतिशत या उससे अधिक की गिरावट देखी गई। बिटकॉइन में 17 प्रतिशत से अधिक कमी दर्ज की गई। वहीं, इथीरियम में लगभग 15 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। टेदर में लगभग 18 प्रतिशत और कारडानी में 17 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
किस क्रिप्टो करेंसी में कितनी गिरावट?
- बिटकॉइन 17%
- इथीरियम 15%
- टेदर 16%
- कारडानो 17%
आम निवेशकों पर होगा क्या असर
अब सवाल है कि क्रिप्टो करेंसी पर अगर बैन लगती है तो इसका क्या असर होगा। इसे आपको आसान भाषा में समझाते हैं। देश में लगभग 9-10 करोड़ लोगों का क्रिप्टो करेंसी में निवेश है। अभी तक लोगों ने करीब 70 हजार करोड़ रुपये डिजिटल करेंसी के रूप में इन्वेस्टमेंट किया है। देश में बैन के बाद दुनिया भर में क्रिप्टो करेंसी के Bitcoin इस्तेमाल करने के नुक्सान क्या हैं दाम गिरेंगे। भारत में जो निवेशक हैं उन्हें हर हाल में अपना क्रिप्टो बेचकर निकलना होगा। तकरीबन 10 करोड़ निवेशकों को सिर्फ और सिर्फ बेचना होगा, वे खरीद नहीं सकते। ऐसे में जब सभी को बेचना ही है तो फिर खरीदेगा कौन? - इस हालात में जिन लोगों ने अपना पैसा लगाया है उन्हें नुकसान सहकर भी अपना क्रिप्टो बेचना होगा।
पीएम मोदी ने भी किया आगाह
अभी हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दुनिया को बताया भी था कि जिस तरह से क्रिप्टो करेंसी में लोग पैसा लगा रहे हैं, वो खतरनाक हो सकता है।
आखिर ये क्रिप्टो करेंसी होता क्या है?
क्रिप्टो करेंसी एक तरह की वर्चुअल करेंसी है। आसान भाषा में कहे तो ये कि इसे नोट या सिक्के की तरह हाथ में नहीं ले सकते। इसका कोई फिजिकल एग्जीस्टेंस नहीं होता है। ये डिजिटल एसेट्स होते हैं। क्रिप्टोग्राफी से इन्हें सेक्योर किया जाता है। इसमें लेन-देन पर कोई नियंत्रण नहीं होता है। हर एक क्रिप्टोकरेंसी, यूनिक प्रोग्राम कोड से बनाई जाती है जिससे कि एक ही क्रिप्टोकरेंसी की कॉपी बना लेना या धोखाधड़ी कर पाना तकरीबन नामुमकिन है। ये दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी करेंसी है।
ये काम कैसे करता है.
क्रिप्टोकरेंसी को कोई भी सेंट्रल अथॉरिटी यानी कि सरकार या फिर रिजर्व बैंक रेगुलेट नहीं करता है। ये पूरी तरह से डिसेंट्रलाइज्ड है और इंटरनेट पर ही इसका क्रिएशन, इंवेस्टमेंट और ट्रांजेक्शन होता है। भारत के लिहाज से बात करें तो सरकार या आरबीआई को नहीं पता कि ये कैसे बनाए जा रहे हैं। इसकी वैल्यू कैसे घट और बढ़ रही है या फिर इसका एक्सचेंज कैसे हो रहा है। दरअसल, इसका अपना एक पूरा इंटरनेट नेटवर्क है। जहां पर हर एक ट्रांजेक्शन की जानकारी सेव होती रहती है। इसे कोई सिंगल पर्सन या फिर कोई संस्था मॉनिटर नहीं कर रही होती। एक ही समय पर कई जगह इस पर काम होता रहता है।
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