विदेश जाना चाहते थे संकर्ष
दरअसल शुरू से संकर्ष का प्लान कुछ और था. पहले उन्होंने पढ़ाई के लिए विदेश जाने की योजना बनाई थी, लेकिन फिर उन्होंने अपना मन बदल लिया और बेनेट विश्वविद्यालय में बीटेक कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया, जहां उन्होंने पैसे के प्रति मानवीय दृष्टिकोण पर अपना शोध करना शुरू किया. संकर्ष कहते हैं, "मैंने छह महीने से ज्यादा समय तक निम्न-मध्यम वर्ग के लोगों, अमीर लोगों और उद्यमियों से बात करके एक सर्वेक्षण शुरू किया, ताकि यह पता चल सके कि वे जीवन में प्राथमिकता पर क्या रखते हैं."
यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान
यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान, जिसे आमतौर पर यूलिप पॉलिसी के रूप में जाना जाता है, निवेश और बीमा कवर का एक पूरा पैकेज है जो धन बढ़ाने में मदद करता है। आमतौर पर, यूलिप पारदर्शी और लचीले होते हैं, जिससे व्यक्ति को आवश्यकता के अनुसार अपनी योजना को अनुकूलित करने की अनुमति मिलती है। यह आपको बीमा कवरेज प्रदान करता है और आपको योग्य निवेश विकल्पों में अपने प्रीमियम का एक हिस्सा निवेश करने की अनुमति देता है जिसमें स्टॉक, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और बहुत कुछ शामिल हैं। यूलिप इंश्योरेंस में निवेशक अपने निवेश को ऋण से इक्विटी में स्वैप कर सकते हैं और इसके विपरीत स्तंभ से पोस्ट तक चलने या दंडित होने की चिंता किए बिना भी कर सकते हैं।
यूलिप प्लान पहली बार 1971 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया द्वारा पेश किए गए थे और तब से इन योजनाओं को भारतीय बीमा बाजार द्वारा सराहा गया है।
यूलिप प्लान का महत्व क्या है?
यूलिप प्लान आपको 18 साल की उम्र में जल्दी निवेश करने की अनुमति देता है। जब कोई पॉलिसीधारक यूलिप प्लान के लिए नियमित प्रीमियम का भुगतान करता है, तो बीमाकर्ता जीवन बीमा कवर के लिए इसके एक हिस्से का उपयोग करता है। शेष राशि का उपयोग विभिन्न ऋण और इक्विटी निवेशों के लिए किया जाता है, इस प्रकार आपके रिटायरमेंट के बाद के जीवन को वित्तीय रूप से समर्थन देने के लिए पर्याप्त धन जमा होता है। ऐसी योजनाओं का सबसे अनिवार्य हिस्सा यह है कि पॉलिसीधारक लॉक-इन अवधि के बाद किसी भी समय पॉलिसी का कार्यकाल निर्धारित कर सकता है और बाहर निकल सकता है। यूलिप रिटायर होने और रिटायरमेंट के बाद जीवन का आनंद लेना शुरू करने का निर्णय लेने की सुविधा प्रदान करता है।
यूलिप प्लान की बेहतर समझ के लिए यहां एक उदाहरण दिया गया है।
30 साल के कमल अपनी पत्नी के साथ यात्रा करने के लिए पर्याप्त धन के साथ 60 साल की उम्र में रिटायर होना चाहते हैं। वह नियमित और संभावित खर्चों जैसे कि घरेलू आवश्यक वस्तुओं, चिकित्सा बिलों, क्षति और मरम्मत आदि के बारे में अच्छी तरह से जानते हैं, इस प्रकार, उन्होंने अनुमान लगाया कि सेवानिवृत्ति के बाद एक स्वतंत्र और आरामदायक जीवन जीने के लिए लगभग 5 करोड़ रुपये की आवश्यकता होनी चाहिए। कमल अब लगभग 15,000 रुपये के मासिक प्रीमियम के साथ यूलिप प्लान का विकल्प चुन सकते हैं। अपनी सेवानिवृत्ति के समय 60 वर्ष की आयु पर, वह अपनी आवश्यकताओं के आधार पर नियमित आय या एकमुश्त के रूप में रिटर्न प्राप्त करने का निर्णय ले सकता है। यूलिप प्लान आपको लाइफ़ कवर सुरक्षा प्रदान करते हुए आपके प्रीमियम को अपनी पसंद के फ़ंड के प्रकार में निवेश करके काम करते हैं।
यह कैसे काम करता है?
यूनिट-लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान के लिए आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम का उपयोग धन और जीवन बीमा बनाने के लिए किया जाता है। प्लान के शुरुआती वर्षों में, प्लान के खर्चों के लिए प्रीमियम की एक बड़ी राशि का उपयोग किया जाता है। बाद में, प्रीमियम को दो अलग-अलग खंडों में विभाजित किया जाता है- निवेश और बीमा।
आपकी पसंद के फंड में निवेश की गई राशि के लिए इकाइयां जारी की जाती हैं; यह ऋण, इक्विटी या दोनों का संयोजन हो सकता है। इकाइयों का आवंटन मूल निधि के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। शुरुआती 2 से 3 प्लान वर्षों में, उच्च खर्चों की कटौती के कारण, फंड का मूल्य कम रहेगा। इसके अलावा, मृत्यु दर में भी मासिक रूप से कटौती की जाएगी। यह किसी व्यक्ति को जीवन बीमा प्रदान करने के लिए बीमा राशि है और आपके द्वारा चुने गए फंड मूल्य के रूप में बदल जाएगी। इन फंडों के रखरखाव के लिए, एक राशि जिसे फंड प्रबंधन शुल्क के रूप में संदर्भित किया जाता है, काट लिया जाएगा।
निवेश के लिए कैसे करें सही शेयर का चुनाव, ताकि कम जोखिम में मिल सके बेहतर रिटर्न
शेयर मार्केट में निवेश करते समय कुछ बुनियादी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है.
How To Invest For Better Returns: शेयर मार्केट में सही निवेश की पहली सीढ़ी है ऐसे शेयर्स का चुनाव जो लंबे समय के दौरान अच्छा मुनाफा देने की संभावना रखते हैं हों. ऐसे शेयरों की पहचान यूं ही सिर्फ सुनी-सुनाई बातों या यहां-वहां से मिलने वाले टिप्स के आधार पर करना ठीक नहीं होता. अगर आप चाहते हैं कि कम से कम जोखिम में आप बाजार से बेहतर रिटर्न हासिल करें, तो आपको कुछ खास फिल्टर्स या कसौटियों पर नजर रखनी होगी. आइए जानते हैं, क्या हैं वो महत्वपूर्ण कसौटियां जिन पर ध्यान देकर आप सही शेयर का चुनाव कर सकते हैं.
अच्छी क्वॉलिटी के शेयर जिनकी कीमत अभी कम है
अच्छी क्वॉलिटी वाले शेयर की पहली कसौटी है निवेश की सुरक्षा. यानी ऐसी कंपनी जिसकी वित्तीय स्थिति और हाल के वर्षों का परफॉर्मेंस अच्छा हो. निवेश की सुरक्षा के लिहाज से कम से कम 500 करोड़ रुपये के मार्केट कैपिटलाइजेशन वाली कंपनी पर ध्यान देना एक अच्छी रणनीति साबित हो सकती है. इसके अलावा शेयर का PEG यानी Price-earnings to Growth रेशियो एक से कम होना चाहिए. इससे कंपनी के शेयर की सही वैल्यूएशन का पता चलता है.
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अच्छा डिविडेंड देने वाले शेयर
निवेश के लिए बेहतर शेयर के चुनाव की एक और कसौटी अच्छा डिविडेंड भी हो सकता है. डिविडेंड यानी लाभांश का अर्थ है वो मुनाफे का वो हिस्सा जो कंपनी अपने शेयरधारकों में बांटती है. लगातार डिविडेंड से न सिर्फ शेयरधारक को सीधे-सीधे निवेश पर रिटर्न मिलता है, बल्कि इससे कंपनी की अच्छी वित्तीय सेहत का भी पता चलता है. निवेश से पहले कंपनी के पिछले 5 साल का डिविडेंड देने का रिकॉर्ड देखना शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के 3 महत्वपूर्ण चरण चाहिए. साथ ही कंपनी का डिविडेंड-पे-आउट रेशियो 40 फीसदी से कम हो तो बेहतर. क्योंकि इससे पता चलता है कि कंपनी अपने लाभ का एक हिस्सा बांटने के बाद बाकी रकम बिजनेस के विस्तार में भी लगाती है.
अगर कोई शेयर ऊपर की दोनों कसौटियों पर खरा उतर रहा हो तो तीसरी बात उसके ‘डिस्काउंट-टू-बुक वैल्यू’ पर नजर डालनी चाहिए. अगर कंपनी बाकी हर लिहाज से मजबूत और बेहतर भविष्य वाली नजर आ रही है, फिर भी उसके शेयर अपनी बुक वैल्यू के मुकाबले कम कीमत पर मिल रहे हैं, तो उसमें आगे चलकर अच्छे रिटर्न मिल सकते हैं. ऐसे शेयर में यह भी जरूर देखना चाहिए कि उसका डेट-इक्विटी रेशियो 1.5 से कम हो और हाल के वर्षों में रिटर्न ऑन नेट वर्थ 10 फीसदी से अधिक रहा हो.
ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत वाले शेयर
बेहतरीन शेयर के चुनाव के लिए यह भी एक अहम कसौटी हो सकती है. सवाल यह है कि ग्रोथ की अच्छी संभावना और वाजिब कीमत का अंदाजा कैसे लगाएं. फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयर का P/E यानी प्राइस-टू-अर्निंग्स रेशियो अगर 15 से कम है, तो आमतौर पर कीमत को वाजिब मान सकते हैं. पिछले 5 साल में कंपनी की अर्निंग्स ग्रोथ कम से कम 20 फीसदी होनी चाहिए. YoY आधार पर पिछली तिमाही की अर्निंग्स ग्रोथ और पिछले 12 महीनों की ट्रेलिंग अर्निंग्स ग्रोथ भी कम से कम इतनी ही यानी 20 फीसदी होनी चाहिए.
इन तमाम कसौटियों पर खरा उतरने वाला शेयर आने वाले दिनों में कम जोखिम में अच्छा रिटर्न देने वाला साबित हो सकता है. हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि यहां कही गई बातें इनवेस्टमेंट टिप्स नहीं हैं. ये कसौटियां बेहतर निवेश के लिए अपनाई जाने वाली कुछ बुनियादी बातों में शामिल हैं. इनके अलावा शेयर से जुड़ी खबरों, संबंधित इंडस्ट्री की दशा-दिशा और पूरी इकॉनमी को प्रभावित करने वाले राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय हालात जैसी बातों पर नजर रखना भी जरूरी है.
पढ़ाई के बीच छोड़ा कॉलेज, 17 की उम्र से शेयर में निवेश करना शुरू किया, अब 100 करोड़ के मालिक हैं 23 साल के संकर्ष
संकर्ष चंदा
gnttv.com
- नई दिल्ली,
- 29 मई 2022,
- (Updated 29 मई 2022, 12:41 PM IST)
8 लाख रुपये से शुरू की थी कंपनी
"लाइफ में सबसे बड़ा रिस्क होता है, कभी रिस्क ना लेना." बर्फी फिल्म का ये डायलॉग उस इन्वेस्टर पर एकदम सटीक शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के 3 महत्वपूर्ण चरण बैठता है जिसने 17 साल की उम्र से स्टॉक मार्केट में इन्वेस्ट करना शुरू किया, और अब 23 साल की उम्र में वो 100 करोड़ के मालिक हैं. स्टॉक मार्केट एक ऐसी दुनिया है, जहां रिस्क ही रिस्क है. हालांकि अगर आप रिस्क के साथ दिमाग का इस्तेमाल करेंगे, तो आपको इससे काफी फायदा हो सकता है. जिंदगी में रिस्क लेना कभी-कभी जरूरी भी होता है. रिस्क लेकर ही आप कभी-कभी जिंदगी में बहुत आगे बढ़ जाते हैं. आज आपको एक ऐसे इंसान के बारे में बताएंगे जिसने अपने लाइफ में रिस्क लिया और आज वो बहुत कामयाब हैं.
23 साल की उम्र में 100 करोड़ के मालिक हैं संकर्ष
हैदराबाद के रहने वाले 23 साल के संकर्ष चंदा (Sankarsh Chanda) ने 17 साल की उम्र से ही शेयर बाजार में निवेश करना शुरू कर दिया था और आज उनकी कुल संपत्ति 100 करोड़ रुपये हो गई है. संकर्ष एक फिनटेक शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के 3 महत्वपूर्ण चरण स्टार्टअप सावर्ट (Savart) के संस्थापक हैं, जो लोगों को स्टॉक, म्यूचुअल फंड और बॉन्ड में निवेश करने में मदद करता है. उनकी कंपनी का पंजीकृत नाम स्वोबोधा इन्फिनिटी इन्वेस्टमेंट एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड (Svobodha Infinity Investment Advisors Private Limited) है.
Adani Group ने तांबे में ऐसा क्या देख लिया कि लगा रहे 6,000 करोड़ से अधिक की रकम
तांबा बाजार में बड़ा निवेश करने जा रहा है अडानी ग्रुप
क्यों तांबे में पैसा लगा रहे अडानी
कोरोना महामारी के बाद से दुनियाभर में तांबे की डिमांड काफी बढ़ गई है। इन्वेस्टमेंट बैंक गोल्डमैन सैस का कहना है कि यह इंडस्ट्रियल कमोडिटी एक ऐसे नए सुपर साइकल में है, जो साल 2004 से 2011 के बीच देखने को मिली थी। भारत की बात करें तो यहां तांबा बाजार में अधिक बड़े प्लेयर्स शेयर बाजार में निवेश शुरू करने के 3 महत्वपूर्ण चरण नहीं हैं। इसलिए यहां तांबा बाजार में अच्छे मौके हैं। रिन्यूएबल एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाओं के चलते देश में तांबे की मांग बढ़ने का अनुमान है। स्टरलाइट कॉपर के बंद होने के बाद से भारत इस धातु का शुद्ध आयातक बन गया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इससे पहले लगभग दो दशकों तक देश तांबे का शुद्ध निर्यातक था।
1 एमटीपीए की क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य
यह पैसा ग्रीनफील्ड प्लांट (Greenfield Plant) के पहले चरण के हिस्से के रूप में सालाना 0.5 मिलियन टन (MTPA) की तांबा शोधन क्षमता (Copper Refining Capacity) स्थापित करने में खर्च होगा। दो चरणों में कुल 1 एमटीपीए की क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। यह लोन भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में बैंकों के एक कंसोर्टियम द्वारा दिया जाएगा। अडानी एंटरप्राइजेज द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के अनुसार, कंसोर्टियम के अन्य बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, एक्जिम बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं।
आत्मनिर्भर भारत की दिशा में उठाया गया कदम
अडानी एंटरप्राइजेज के डायरेक्टर विनय प्रकाश ने एक बयान में कहा, "आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाए हुए केसीएल का लक्ष्य परिष्कृत तांबे (Refined Copper) की उत्पादन क्षमता स्थापित करना है, यह देश के ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) और नवीकरणीय ऊर्जा सेक्टर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।"
2024 की पहली छमाही तक शुरू हो जाएगा उत्पादन
प्रकाश ने कहा कि साइट पर निर्माण अच्छी तरह से चल रहा था और प्लांट 2024 की पहली छमाही तक उत्पादन शुरू करने लग जाएगा। उन्होंने कहा, "यह बेंचमार्क ईएसजी परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड के साथ दुनिया के सबसे बड़े कॉपर रिफाइनरी परिसरों में से एक होगा।" यहां बता दें कि KCL मार्च 2021 में अडानी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी के रूप में अस्तित्व में आई थी।
बन जाएगा तीसरा बड़ा प्राइवेट प्लेयर
इस निवेश के साथ, अडानी समूह भारत में तांबा बाजार में निजी क्षेत्र का तीसरा महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन जाएगा। अन्य दो आदित्य बिड़ला समूह के हिंडाल्को (Hindalco) और वेदांता समूह के स्टरलाइट कॉपर (Sterlite Copper) हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (Hindustan Copper Limited) इस सेक्टर की एक महत्वपूर्ण कंपनी है।
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बिक्री के लिए रखी गई है स्टरलाइट कॉपर
पिछले हफ्ते वेदांता ने स्टरलाइट कॉपर को बिक्री के लिए रखा था। 0.4 एमटीपीए तांबा स्मेल्टर चार साल से थोड़े अधिक समय से बंद है। इसका कारण कथित प्रदूषण को लेकर स्थानीय लोगों के हिंसक विरोध प्रदर्शन हैं। वेदांता ने दावा किया था कि प्लांट भारत की तांबे की 40% मांग को पूरा करता है।
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