कोर्स का नाम: एग्जीक्यूटिव पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इं‍डस्ट्रियल मार्केटिंग (EPGDIM)
कोर्स का विवरण: यह पोस्ट ग्रेजुएट फुल टाइम कोर्स है. इं‍डस्ट्रियल मार्केटिंग में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं.
अवधि: 18 महीने
योग्‍यता: एडमिशन के लिए ग्रेजुएशन की डिग्री जरूरी है.

Make money with Demand and Supply trading Hindi 2022

हम इस पोस्ट के माध्यम से जानेगे कि Demand and Supply trading क्या होता है? , डिमांड और सप्लाई कैंडल्स, डिमांड और सप्लाई कैंडलस्टिक पैटर्न, डिमांड और सप्लाई एनालिसिस स्टॉक मार्केट में, Demand and Supply trading स्ट्रेटेजी, डिमांड ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी, सप्लाई ट्रेडिंग स्ट्रेटेजी, डिमांड और सप्लाई vs सपोर्ट और रेजिस्टेंस

आपने अपने ट्रेडिंग की शुरुआत कहीं न कहीं कैंडलस्टिक पैटर्न, चार्ट पैटर्न, सपोर्ट – रेजिस्टेंस और इंडिकेटर से की होगी | मैंने भी इसी तरह की थी पर धीरे – धीरे पढ़ने और जानने के बाद ये पता चला की ये सब एक तरफ ठीक है पर अभी के समय में जो इस्तेमाल हो रहा है उसको भी तो जानना अनिवार्य है |

अगर आप भी अभी – अभी ट्रेडिंग की दुनिया में कदम रखे हैं तो आपने price action एवं डिमांड और सप्लाई ट्रेडिंग के बारे में तो सुना ही होगा | डिमांड और सप्लाई ट्रेडिंग सपोर्ट और रेजिस्टेंस का एडवांस इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें वर्शन है | अधिकतर लोग इसके बारे में इसलिए जानना चाहते हैं क्यूंकि यह अभी बहुत ही प्रचलित ट्रेडिंग है | बहुत सारे बड़े – बड़े ट्रेडर सिर्फ डिमांड और सप्लाई के आधार पर ट्रेड लेते हैं |

Demand and Supply trading explained

अगर आप भी demand and supply trading सीखना चाहते हैं तो इसे बहुत ही गौर से पढ़ियेगा | वैसे हमारा पूरा मार्केट ही डिमांड और सप्लाई के ऊपर काम करता है | स्टॉक का प्राइस ऊपर जाता है क्यूंकि उसकी डिमांड बढ़ जाती है, और अर्थशास्त्र में आपने पढ़ा ही है अगर किसी चीज़ की डिमांड ज़्यादा होती है तो उसका मूल्य बढ़ जाता है |

एक निश्चित लेवल पर पहुंचने के बाद स्टॉक की कीमत निचे आने लगती है क्यूंकि उसकी डिमांड कम हो जाती है और सप्लाई ज़्यादा हो जाती है | इसी डिमांड सप्लाई के आधार पर यह ट्रेडिंग सिस्टम का इजात हुआ है, जिसे डिमांड और सप्लाई ट्रेडिंग कहते हैं |

Demand and Supply Candles

Demand and Supply में कैंडल्स 2 से 3 रहती है | इनका कैंडलस्टिक का एक पैटर्न होता है जैसे – रैली बेस रैली (RBR), ड्राप बेस ड्राप (DBD), रैली – ड्राप, ड्राप-रैली इत्यादि | इनके बारे में ट्रेडिंग स्ट्रैटजी में अच्छी तरह से जानेगे |

जैसा कि मैंने इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें पहले भी कहा था पूरे विश्व भर का स्टॉक मार्केट demand and supply पर चलता है | डिमांड बढ़ते ही उसका मूल्य ऊपर जाता है और डिमांड कम होते ही मूल्य निचे आने लगता है |

मान लीजिये एक XYZ स्टॉक है और वह 100 से 200 चला गया है पर अब उसको खरीदने वाले 200 पर हैं नहीं और बहुत सारे जैसे इंस्टीट्यूशनल ट्रेडिंग कैसे सीखें की इंस्टीटूशनल इन्वेस्टर्स (FIIs और DIIs) इंतज़ार करेंगे की कब वह 100 पर फिर से आये तो उसे खरीदा जाए |

Institutional Investors के पेंडिंग आर्डर लगे होते हैं | जैसे ही वह 100 रूपए पर आता है तो उनके आर्डर पुर्ण रूप से पूरे हो जाते हैं और स्टॉक कुछ समय बाद फिर से ऊपर जाने लगता है |

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड, नई दिल्ली में फुल टाइम डिप्लोमा कोर्स

IIFT, New Delhi

  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2014,
  • (अपडेटेड 15 जुलाई 2014, 3:27 PM IST)

कॉलेज का नाम: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड, नई दिल्ली (IIFT, New Delhi)

कॉलेज का विवरण: भारत सरकार द्वारा 1963 में स्वायत्त निकाय के रूप में इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरन ट्रेड की स्‍थापना की गई. फॉरन ट्रेड मैनेजमेंट में करियर बनाने के इच्छुक स्टूडेंट्स इस कोर्स में आवेदन कर सकते हैं.

फैसिलिटी
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