डेली न्यूज़
हाल ही में वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन मंदी बनाम तेजी कारक में भारत के विदेश मंत्री (EAM) द्वारा ज़ोर देकर कहा गया है कि कोविड -19 महामारी ने अनियंत्रित वैश्वीकरण (Unchecked Globalization) के बजाय भारत की क्षमताओं और अधिक घरेलू उत्पादन की आवश्यकता को बढ़ाया है।
ज्योतिष की राय: ग्रहों की चाल देती है चांदी में तेजी-मंदी के संकेत
बहुमूल्य धातु सोना और चांदी में अचानक बहुत तेजी आ जाती है या यह सस्ती हो जाती है। ऐसा क्यों होता है? इसके लिए ज्योतिष में कुछ ग्रहों को कारक माना जाता है। चांदी में तेजी या मंदी निम्र ग्रह योगों के होने पर भी बन सकती है-
तेजी के योग
* बुध या गुरु के वक्री होने पर चांदी के भाव तेज होना संभव है।
* शुक्रवार, शनिवार का चंद्र दर्शन चांदी में तेजी करवा सकता है।
* शुभ ग्रह रहित पुष्प या धनिष्ठा नक्षत्र चांदी में तेजी का कारण बनते हैं।
* बुध-गुरु-शुक्र में से कोई भी ग्रह अस्त होने पर चांदी में तेजी होना संभव है।
* किसी महीने में पांच बुधवार मंदी बनाम तेजी कारक होने पर चांदी में उतार-चढ़ाव आकर तेजी होना संभव है।
* शुक्लपक्ष की पंचमी मंगलवारी हो तो चांदी में तेजी हो सकती है।
* सूर्य की संक्रांति के समय मंदी बनाम तेजी कारक सूर्य चंद्र एक राशि पर आने से चांदी में तेजी आना संभव है।
* बुध, गुरु का उदय तथा पश्चिम का शुक्रास्त चांदी में तेजी लाता है।
मंदी का मंदी बनाम तेजी कारक योग
* मंगल अश्लेषा नक्षत्र के चौथे चरण पर आए तो यह चांदी में मंदी का संकेत है।
* सोमवारी अमावस्या चांदी को मंदी करती है।
* शनि के मार्गी या वक्री होने पर चांदी में मंदी आ सकती है।
* शुक्र का वक्री होकर अस्त होना चांदी में मंदी करा सकता है।
* बुध, शुक्र या बुध-चंद्र की युती चांदी में मंदी ला सकती है।
* शुक्लपक्ष 16 दिनों का हो तो चांदी में मंदी आती है।
* बुधवार के दिन चंद्र दर्शन चांदी में मंदी करता है।
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शुक्रवार को बंपर तेजी के बाद कैसी रहेगी सोमवार से Share Market की चाल, क्या जारी रहेगी तेजी या आएगी गिरावट? जानिए, यहां
बीएसई का सूचकांक सेंसेक्स शुक्रवार को 1,016.96 अंक यानी 1.80 प्रतिशत जबकि एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 276.25 अंक यानी 1.64 प्रतिशत चढ़ गया था।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: October 02, 2022 14:11 IST
Photo:PTI Stock Market Next week
Highlights
- कच्चे तेल की कीमत पर भी बाजार की नजरें बनी रहेंगी
- इस सप्ताह में दशहरे का त्योहार होने से कारोबारी दिवस भी कम
- बीते सप्ताह शेयर बाजारों में खासी गिरावट रही
Share Market विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले सप्ताह में शेयर बाजार वैश्विक रुझान, वृहद-आर्थिक आंकड़ों की घोषणा और विदेशी पूंजी के प्रवाह जैसे घटकों से प्रभावित रह सकते हैं। विश्लेषकों ने कहा कि डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में आने वाले उतार-चढ़ाव और कच्चे तेल की कीमत पर भी बाजार की नजरें बनी रहेंगी। इस सप्ताह में दशहरे का त्योहार होने से कारोबारी दिवस भी कम रहेगा। स्वस्तिका इंवेस्टमेंट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, "तेजी का रुख रखने वाले कारोबारियों को बीते शुक्रवार की तेजी आगे भी जारी रखने के लिए वैश्विक बाजारों से कुछ समर्थन की जरूरत होगी। भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कुछ वृहद-आर्थिक आंकड़ों की घोषणा, डॉलर सूचकांक की दिशा और बॉन्ड प्रतिफल जैसे बिंदुओं पर निगाह रहेगी।" कुल मिलाकर इस हफ्ते भी बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकती है। यानी तेजी के साथ मंदी का दौर आगे भी जारी रहेगा। ऐसे में छोटे निवेशक सावधानी से निवेश करें।
शुक्रवार को सात दिनों से जारी गिरावट पर लगा था ब्रेक
पिछले सप्ताह के अंतिम कारोबारी दिवस शुक्रवार को शेयर बाजारों ने लगातार सात दिनों से जारी गिरावट के रुख को पलट दिया था। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स एक ही दिन में 1,016.96 अंक यानी 1.80 प्रतिशत जबकि एनएसई का मानक सूचकांक निफ्टी 276.25 अंक यानी 1.64 प्रतिशत चढ़ गया था। मीणा ने कहा, "बाजार की दिशा तय करने में संस्थागत निवेशकों का रुख अहम भूमिका निभाएगा। दशहरा के अवसर पर बुधवार को बाजार बंद रहने से इस सप्ताह में कारोबारी दिवस भी कम रहेंगे।" बीते सप्ताह शेयर बाजारों में खासी गिरावट रही। साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स मंदी बनाम तेजी कारक 672 अंक यानी 1.15 प्रतिशत गिर गया जबकि सेंसेक्स में 233 अंक यानी 1.34 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। बाजार की नजर कुछ महत्वपूर्ण वृहद-आर्थिक आंकड़ों पर भी रहेगी। विनिर्माण क्षेत्र के लिए खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) का आंकड़ा भी सोमवार मंदी बनाम तेजी कारक मंदी बनाम तेजी कारक को जारी होने की संभावना है। वहीं सेवा क्षेत्र से जुड़े आंकड़े बृहस्पतिवार को जारी किए जाएंगे।
घरेलू बाजार धारणा को प्रभावित करते रहेंगे
रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के उपाध्यक्ष-शोध अजीत मिश्रा ने कहा, "इस सप्ताह से एक नए महीने की शुरुआत हो रही है जिसमें वाहन बिक्री, विनिर्माण पीएमआई और सेवा पीएमआई जैसे अहम आंकड़ों पर ध्यान रहेगा। इसके अलावा विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुख और मुद्रा एवं कच्चे तेल की चाल पर भी कारोबारियों की नजरें रहेंगी।" कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के सह उपाध्यक्ष (तकनीकी शोध) अमोल अठावले ने कहा कि आगे भी वैश्विक कारक घरेलू बाजार धारणा को प्रभावित करते रहेंगे और किसी भी तरह की नकारात्मक खबर से बाजार में फिर से गिरावट का रुख आने की आशंका रहेगी।
Bull बनाम Bear : अगले सप्ताह कौन से फैक्टर्स तय करेंगे शेयर मार्केट की दिशा और दशा ?
बढ़ती महंगाई और इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंकों के और कठोर कदम उठाने की संभावना, वैश्विक आर्थिक विकास मंदी के . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : May 07, 2022, 13:26 IST
नई दिल्ली . अमेरिकी बाजारों में गिरावट के बाद शुक्रवार को भारतीय शेयर मार्केट में भी भारी गिरावट दर्ज की गई. शेयर मार्केट एक्सपर्ट का मानना है कि बढ़ती महंगाई के कारण बदतर स्थिति, इसे नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंकों की ओर से और कठोर कदम उठाने की संभावना, भू-राजनीतिक तनाव, वैश्विक मंदी के खतरे जैसे कारकों ने भारतीय निवेशकों को डरा दिया है. इससे सेंसेक्स और निफ्टी में तेज गिरावट आई है.
भारतीय इक्विटी बाजार में गिरावट के कारणों पर स्वस्तिक इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड (Swastika Investmart Ltd) के मैनेजिंग डायरेक्टर सुनील न्याती ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से अचानक रेपो रेट और सीआरआर में बढ़ोतरी ने निवेशकों को हैरान कर दिया है. यह महामारी के कारण दिए जा रहे प्रोत्साहन के अंत का प्रतीक है. हम मानते हैं कि निवेशकों को अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि आसानी से पैसे बनाने के दिन समाप्त हो रहे हैं.”
न्याती ने मिंट को दिए इंटरव्यू में निवेशकों को गुणवत्ता वाले शेयरों में निवेश करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि ऐसी कंपनियों के शेयरों में निवेश करें, जिनके पास अच्छा विकास विजन है और उचित रूप से मूल्यवान हैं. साथ ही उन्होंने, शेयर में आए करेक्शन का लाभ उठाने की भी राय दी है. ट्रेडर्स और निवेशकों मंदी बनाम तेजी कारक को उन कारकों से सतर्क रहना चाहिए जो दलाल स्ट्रीट के लिए प्रमुख ट्रिगर के रूप में काम कर सकते हैं. यहां उन शीर्ष कारकों की लिस्ट दी जा रही है, जो अगले सप्ताह शेयर बाजार को प्रभावित करेंगे:
चौथी तिमाही के नतीजे
राइट रिसर्च की फाउंडर सोनम श्रीवास्तव का मानना है कि इस समय बाजार कंपनियों के रिजल्ट को देख रहा है. अगले सप्ताह एशियन पेंट, एमआरएफ, पीवीआर सहित कई कंपनियां रिजल्ट पेश करेंगी, जिनकी अर्निंग से कई क्षेत्रों के भाग्य का फैसला होगा. कंपनियों के खराब मंदी बनाम तेजी कारक रिजल्ट का असर निश्चित तौर पर शेयर मार्केट पर दिखेगा.
महंगाई और बॉन्ड यील्ड
आरबीआई ने महंगाई में और बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. कमोडिटी की कीमतें पहले से ही अत्यधिक अस्थिर हैं और खाद्य कीमतें बढ़ रही हैं. बॉन्ड यील्ड भी बढ़ रही है, जो कम नकदी वाले कारोबार के लिए परेशानी का संकेत है. भारत में महंगाई और मंदी बनाम तेजी कारक कंज्यूमर सेंटिमेंट अगले सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण कारक हो सकते हैं.
वैश्विक कारक
डॉलर इंडेक्ट में 20 साल की रिकॉर्ड वृद्धि और निकट भविष्य में डॉलर की मांग बनी रहने के कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों के ‘शुद्ध विक्रेता’ बने रहने की उम्मीद है. ऐसे में डॉलर के उतार-चढ़ाव पर नजर रखना अहम होगा. वैश्विक धारणा, महंगाई दर और बॉन्ड यील्ड आदि अगले सप्ताह बाजार के लिए अहम होंगे. फेड की ओर से ब्याज दर में वृद्धि ने बाजारों को धीमा कर दिया है. अभी यूरोपीय और अमेरिकी मंदी बनाम तेजी कारक अर्थव्यवस्थाओं और बाजार की प्रतिक्रिया देखनी होगी.
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