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निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं
अस्वीकरण :
इस वेबसाइट पर दी की गई जानकारी, प्रोडक्ट और सर्विसेज़ बिना किसी वारंटी या प्रतिनिधित्व, व्यक्त या निहित के "जैसा है" और "जैसा उपलब्ध है" के आधार पर दी जाती हैं। Khatabook ब्लॉग विशुद्ध रूप से वित्तीय प्रोडक्ट और सर्विसेज़ की शैक्षिक चर्चा के लिए हैं। Khatabook यह गारंटी नहीं देता है कि सर्विस आपकी आवश्यकताओं को पूरा करेगी, या यह निर्बाध, समय पर और सुरक्षित होगी, और यह कि त्रुटियां, यदि कोई हों, को ठीक किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी सामग्री और जानकारी केवल सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है। कोई भी कानूनी, वित्तीय या व्यावसायिक निर्णय लेने के लिए जानकारी पर भरोसा करने से पहले किसी पेशेवर से सलाह लें। इस जानकारी का सख्ती से अपने जोखिम पर उपयोग करें। वेबसाइट पर मौजूद किसी भी गलत, गलत या अधूरी जानकारी के लिए Khatabook जिम्मेदार नहीं होगा। यह सुनिश्चित करने के हमारे प्रयासों के बावजूद कि इस वेबसाइट पर निहित जानकारी अद्यतन और मान्य है, Khatabook किसी भी उद्देश्य के लिए वेबसाइट की जानकारी, प्रोडक्ट, सर्विसेज़ या संबंधित ग्राफिक्स की पूर्णता, विश्वसनीयता, सटीकता, संगतता या उपलब्धता की गारंटी नहीं देता है।यदि वेबसाइट अस्थायी रूप से अनुपलब्ध है, तो Khatabook किसी भी तकनीकी समस्या या इसके नियंत्रण से परे क्षति और इस वेबसाइट तक आपके उपयोग या पहुंच के परिणामस्वरूप होने वाली किसी भी हानि या क्षति के लिए उत्तरदायी नहीं होगा।
बिजनेस स्टार्टअप से सम्बंधित शब्द
बिजनेस प्लान (Business Plan) और बिजनेस मॉडल (Business Model) जैसे दो शब्दों का स्टार्टअप में कई बार काफी इस्तेमाल किया जाता है!
Business model: किसी भी बिजनेस को शुरू करने से पहले उसके विशेषज्ञों के साथ में बिजनेस प्लान बनाना, जिसमें कुछ तय किए गए लक्ष्यों को ध्यान में रखकर यह प्लान बनाये जाते हैं! इसमें बिजनेस करने के तरीके, निवेश कैसे करना है? कमाई तथा खर्चे का सही ढंग से प्रबंध करना जैसे सभी तथ्य शामिल होते हैं!
Business plan: बिजनस शुरू करने से पहले बिजनेस की सभी बारे क्यों के बारे में विस्तार पूर्वक अध्ययन करना! यानी कि बिजनेस प्लान में नीचे दिए गए सवालों के जवाब ढूंढे जाते हैं!
2- Bootstrapping
इसके अलावा बिजनेस में एकदम ऐसी होती है जिसका नाम होता है “Bootstrapping”
अब! आपके दिमाग में यह प्रश्न आ रहा होगा कि बूटस्ट्रैपिंग क्या होती है?
तो दोस्तों बूटस्ट्रैपिंग का अर्थ: बूटस्ट्रैपिंग का अर्थ बिजनेस में इस बात से है कि इसमें सारा पैसा business owner का ही लगा होता है! इसलिए समस्त व्यवसाय पर उसका स्वामित्व होता है!
बूटस्ट्रैपिंग बिजनेस में जिसका पैसा खुद का लगा हो वह अपने बिजनेस के प्रति बेपरवाह नहीं होता या आलस या फिर काम को हल्के में नहीं लेता!
इसमें हर निर्णय का, हर मुनाफे का स्वामित्व बिजनेस ओनर का ही रहता है!
3- Incubators और Accelerators
Incubators और Accelerators कुछ ऐसे संगठन होते हैं जो फिजिकल स्पेस चलाते हैं या फिर वर्चुअली स्टार्टअप को सपोर्ट करते हैं!
स्टार्टअप को सपोर्ट करने के लिए वह ऑफिस स्पेस, फंडिंग, कनेक्शन, प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, इंडस्ट्रीअल कनेक्ट आदि कि सुविधाएं मुहैया कराते हैं! इसके अलावा इसमें Seed Round और Angel Round भी होते हैं!
यह किसी भी स्टार्टअप को मिलने वाला वह पहला अमाउंट होता है, जिसमें कुछ HNI’s (हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स) और VC’s (वेंचर कैपिटलिस्ट) शामिल होते हैं! इसके अलावा इसमें फैमिली और दोस्तों को भी शामिल किया जाता हैं|
बिजनेस इंक्यूबेटर्स का अर्थ
एक निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं व्यवसाय इनक्यूबेटर एक ऐसी कंपनी होती है जो नई और स्टार्टअप निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं कंपनियों को वित्तीय प्रबंधन (financial management) प्रशिक्षण या कार्यालय अंतरिक्ष जैसी सेवाएं प्रदान करके उनके बिजनेस को बढ़ाने में मदद करती है! इन्हें हम स्टार्टअप बिज़नेस शुरुआती दिनों के दौरान युवा (स्टार्टअप) फर्मों का निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं पोषण करने के लिए स्थापित सुविधा भी कह सकते हैं!
निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं
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Indian Startups: देश में स्टार्टअप्स का बुरा हाल, देखिए आज की पॉपुलर न्यूज
- नई दिल्ली,
- 01 जुलाई 2022,
- अपडेटेड 11:42 PM IST
इस वक्त फंडिंग की कमी से जूझ रहे है देश के स्टार्टअप्स के लिए ये कोई नई स्थिति नहीं हैं. इससे पहले जब साल 2016 में देश के स्टार्टअप्स फंड की कमी की वजह से मुश्किल दौर से गुजरे थे, तो उन्हें अपने ऑपरेशन बंद करने पड़े थे. यहां तक की कंपनियों में कर्मचारियों की छंटनी भी हुई थी. छह महीने के भीतर ही करीब 50 से अधिक स्टार्टअप्स पूरी तरह से ठप हो गए थे. लेकिन उस मुश्किल परिस्थिति में भी अर्बन कंपनी ने खुद को संभाल लिया और वो साल 2021 में एक यूनिकॉर्न बनकर उभरी. एक बार फिर से स्टार्टअप्स को फंडिंग जुटाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं रहा है. शशि तुषार शर्मा के साथ देखिए आज की पॉपुलर न्यूज.
स्टार्टअप से सपनों को नई उड़ान, सरकार ऐसे करेगी आपकी मदद
प्रधानमंत्री निवेशक किसी स्टार्टअप की कीमत कैसे तय करते हैं नरेंद्र मोदी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स की जब भी बात होती है तो स्टार्टअप इंडिया का जिक्र जरूर होता है. इस योजना के जरिए सरकार नए कारोबारियों को एक प्लेटफॉर्म देने में मदद करती है. मतलब यह कि अगर आप कारोबार करने की सोच रहे हैं तो सरकार की मदद ले सकते हैं. आइए जानते हैं आखिर आप कैसे स्टार्टअप की शुरुआत कर सरकार से सहयोग ले सकते हैं.
स्टार्टअप शुरू करने के लिए एक अच्छे और नए आइडिया की जरूरत होती है. ऐसे में अगर किसी भी कारोबार को आप शुरू करने जा रहे हैं तो उससे पहले बिजनेस का आइडिया जरूर सोच लें. आपका बिजनेस आइडिया किसी प्रोडक्ट या सर्विस का हो सकता है. लेकिन आपको यह तय करना होगा कि आपके आइडिया से कितने लोगों की कौन सी समस्या का समाधान होता है.
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