फोरेक्स ट्रेडिंग क्या है ?
जिस तरह शेयर बाजार या कमोडिटी बाजार में शेयरों या कमोडिटी की ट्रेडिंग होता है, उसी तरह ‘फॉरेक्स मार्केट या विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में कई देशों की मुद्राओं की ट्रेडिंग होता है। इसे एफएक्स (FX) ट्रेडिंग कहते हैं।
विदेशी मुद्रा ट्रेडिंग का लाभ कोई शुल्क या अप्रत्यक्ष कमीशन नहीं 24 घंटे बाजार कार्रवाई व्यापार मुद्रा जोड़े के दर्जनों करने के लिए की क्षमता अपने लाभ के अवसरों को अधिकतम करने के लिए प्रचलित उत्तोलन लाभ की क्षमता बढ़ती है और गिरती कीमतों से उच्चतम करने के लिए अन्य वित्तीय बाजारों की तुलना में करलता ।
पहुँच ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से विभिन्न उपकरणों से बाजार फॉरेक्स बाजार में हुए सभी ट्रांजेक्शनों में दो करेंसियां की खरीद और बिक्री एक साथ होती है। इन्हें ‘करेंसी युग्म’ कहते हैं, और इसमें बेस करेंसी और कोट करेंसी होती है। नीचे दिया गया प्रदर्शन फॉरेक्स युग्म EUR / USD (यूरो/यूएस डॉलर) है, जो फॉरेक्स बाजार पर उपयोग किए जाने वाले सबसे आम करेंसी युग्मों में से एक है।
बेस करेंसी – फॉरेक्स युग्म में दिखाई देने वाली पहली करेंसी बेस करेंसी होती है। यह करेंसी कोट करेंसी के बदले में खरीदी या बेची जाती है।
ऊपर दिए गए उदाहरण के बेस पर, 1 EUR खरीदने के लिए एक ट्रेडर के 1.0916 USD खर्च होंगे। वैकल्पिक तौर पर, ट्रेडर 1.0916 USD के लिए 1 EUR बेच सकता है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग की कार्यप्रणाली कैसा होता है?
ट्रेड में एक करेंसी का मूल्य अन्य करेंसी के मूल्य से संबद्ध है, इसलिए आप हमेशा एक समय में दो करेंसियां के साथ काम करेंगे। करेंसी युग्म के कोटेशन में दिखाई देने वाली पहली करेंसी बेस करेंसी है, उसके बाद कोट करेंसी होती है।करेंसियां के बीच मूल्य में अंतर ही आपका लाभ या हानि होता है।
फॉरेक्स ट्रेडिंग की शुरूआत कैसे करें?
विनियमित ब्रोकर देखें जिसके पास कम से कम 5 वर्ष का ट्रैक रिकॉर्ड है। यदि आपका ब्रोकर नियामक नियमों का पालन करे, तो आप सुनिश्चित रहें कि वो वैध है। आपके पास सक्रिय अकाउंट होने पर आप ट्रेड कर सकते हैं लेकिन अपने ट्रेडिंग की लागत कवर करने के लिए आपको डिपॉजिट करना होगा। इसे मार्जिन अकाउंट कहते हैं।
रिजर्व बैंक शुरू कर रहा रुपये में ग्लोबल ट्रेड सेटलमेंट, कैसे काम करेगा यह सिस्टम और कितना होगा फायदा?
डॉलर के मुकाबले रुपया 79.60 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर ट्रेडिंग करेंसियां चला गया है.
डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा में आ रही गिरावट और विदेशी मुद्रा भंडार पर बढ़ते दबाव से बचने के लिए आरबीआई ने नया ट्रेड . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : July 14, 2022, 13:17 IST
हाइलाइट्स
दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं.
रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है.
नई दिल्ली. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने ग्लोबल मार्केट में भारत की पहुंच बढ़ाने और ट्रेडिंग को आसान बनाने के लिए आयात-निर्यात का सेटलमेंट रुपये में कराने की बात कही है. यह सिस्टम किस तरह से काम करेगा और भारत को इसका क्या फायदा मिलेगा. कमोडिटी एक्सपर्ट इसे भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मूव बता रहे हैं.
कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केडिया का कहना है कि अभी नेपाल-भूटान को छोड़कर दुनिया के बाकी देश डॉलर, येन, यूरो और पाउंड में ही ग्लोबल ट्रेडिंग करते हैं. आरबीआई के नई व्यवस्था शुरू करने के बाद रुपये में भी ट्रेडिंग का रास्ता खुल जाएगा. आरबीआई का कहना है कि इस सिस्टम के शुरू होने के बाद भारत ट्रेडिंग करेंसियां के एक्सपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि दुनिया ने रुपये में दिलचस्पी दिखाई है.
क्या रूस से व्यापार बढ़ाने की है तैयारी
वैसे तो रिजर्व बैंक का मकसद रुपये पर डॉलर व अन्य करेंसी का दबाव घटाना है, जिसके लिए नया सिस्टम डेवलप किया जा रहा है, लेकिन कुछ एक्सपर्ट का कहना है कि इस कदम से रूस के साथ व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. दरअसल, यूक्रेन के साथ युद्ध शुरू होने के बाद से रूस पर कई प्रतिबंध लग चुके हैं और वह अपना रिजर्व डॉलर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है. ऐसे में नया सिस्टम आने के बाद रूस से व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी. इसके अलावा ईरान सहित व्यापारिक प्रतिबंध झेल रहे अन्य देशों के साथ भी भारत अपना व्यापार बढ़ा सकेगा.
विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ कम होगा
रिजर्व बैंक का सबसे बड़ा मकसद विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ को घटाना है. आरबीआई के पास मौजूद करीब 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार वैसे तो 10 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है, लेकिन अभी इसका इस्तेमाल रुपये पर बढ़ते दबाव को घटाने में हो रहा है. नया सिस्टम आने के बाद अगर ग्लोबल मार्केट में कोई देश हमसे भारतीय करेंसी में लेनदेन करता है तो इससे विदेशी मुद्रा भंडार पर दबाव कम हो जाएगा. इतना ही नहीं ग्लोबल मार्केट में रुपये की स्वीकार्यता भी बढ़ जाएगी. तत्काल तो नहीं लेकिन धीरे-धीरे देश रुपये को स्वीकार कर लेंगे तो ग्लोबल मार्केट में यह डॉलर के मुकाबले खड़ा हो सकता है.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के सीईओ अजय सहाय का कहना है कि ग्लोबल मार्केट में रुपये में ट्रेड करने के लिए दूसरे देश को भी रुपये में पेमेंट लेने का सिस्टम बनाना होगा. आरबीआई के लिए कुछ भारतीय बैंकों को वेस्ट्रो अकाउंट खोलने की इजाजत देगा. ये बैंक दूसरे देशों की करेंसी को अपने पास रखेंगे. इसके तहत जब भारतीय कारोबारी निर्यात करेंगे तो वह अपने रेगुलर बैंक के जरिये वेस्ट्रो अकाउंट वाले बैंक को जानकारी भेजेगा. वेस्ट्रो खाते वाले बैंक से पैसा निर्यातक के रेगुलर बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.
इसी तरह, जब कोई कारोबार आयात करेगा तो वह इसका भुगतान अपने रेगुलर बैंक को करेगा, जहां से पैसा वेस्ट्रो खाते वाले बैंक में चला जाएगा. मुद्रा की कीमत दोनों देशों के फॉरेक्स के हिसाब से लगाई जाएगी.
ईरान के साथ शुरू किया था ऐसा सिस्टम
भारत ने इससे पहले ईरान के साथ व्यापार के लिए ऐसा ही सिस्टम विकसित किया था. तब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते डॉलर में कारोबार ठप हो गया था. ईरान से तेल खरीद का भुगतान भी रुपये में किया गया था. हालांकि, 2019 में ईरान से तेल का आयात बंद होने के बाद यह खाता भी ठप हो गया.
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अंबाला में क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड, वेबसाइट पर ऑनलाइन निवेश कराकर फरार हुई कंपनी
अमीर बनने के लिए निवेश तो जरूरी है लेकिन गलत जगह इनवेस्टमेंट करने से कई बार जमापूंजी भी डूब जाती है. ऐसा ही एक मामला अंबाला में भी सामने आया है. क्रिप्टो करेंसी के नाम पर लोगों से पैसा निवेश कराकर वेबसाइट के लोग फरार हो गये. दरअसल क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग डॉट नेट वेबसाइट के जरिए सैकड़ों लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश किया था.
अंबाला: अंबाला में क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड का मामला सामने आया है. अंबाला में क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड का ये मामला (crypto currency fraud in ambala) सामने आने के बाद अब पुलिस तक शिकायत पहुंच गई है. क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग में पैसा लगाने वाले लाखों निवेशक परेशान हैं. वेबसाइट बंद होने और कंपनी के फरार होने के बाद लोगों ने इसकी शिकायत अंबाला पुलिस की इकनॉमिक सेल में की है.
दरअसल, क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग डॉट नेट के नाम से चल रही वेबसाइट के झांसे में आकर लाखों रुपये लोगों ने लगा दिए. लेकिन बीते सोमवार की शाम जब निवेशकों ने वेबसाइट को चेक किया तो यह वेब साइट उन्हें नहीं मिली. परेशान लोगों ने एसपी अंबाला को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की है. पुलिस ने मामले की जांच करने का आश्वासन दिया है. पुलिस ने भी माना कि यह मामला करोड़ों ट्रेडिंग करेंसियां के घोटाले का हो सकता है.
आज ज्यादातर लोग क्रिप्टो में फंसकर अपना पैसा कई फर्जी वेबसाइट्स या ऐप्स में लगा रहे हैं. नतीजतन लोग कम निवेश में ज्यादा अर्निंग की फिराक में ठगी का शिकार हो जाते (crypto currency fraud in haryana) हैं. यही कारण है कि उनका निवेश किया हुआ पैसा फंस जाता है. यही हाल अंबाला में हुआ. क्रिप्टो वर्ल्ड ट्रेडिंग डॉट नेट की वेबसाइट ने जब काम करना बंद कर दिया तब निवेशकों ने वेबसाइट के दलालों को फोन ट्रेडिंग करेंसियां किया. लेकिन उनका भी नंबर बंद आ रहा था.
इसके बाद पीड़ित निवेशकों ने खुद को ठगे (fraud in ambala) जाने को लेकर एसपी अंबाला को शिकायत देकर कार्रवाई की मांग की. निवेशकों ने बताया कि अंबाला के हजारों लोगों ने लाखों रुपये इस वेबसाइट में लगा रखे थे. निवेशकों ने कहा कि दलालों ने उन्हें बड़ी-बड़ी गाड़ियां दिखाकर और बेहतरीन घर दिखाकर प्रलोभन दिया. जिसमें वह फंस गए. अब वह सभी लोग फरार हो गए हैं. निवेशकों ने शिकायत में कहा है कि उन्हें बढ़ा हुआ पैसा नहीं चाहिए सिर्फ जो पैसा निवेश किया है वही चाहिए. फिलहाल अंबाला पुलिस ने जांच के बाद कार्रवाई की बात कही है.ट्रेडिंग करेंसियां
Noida Crime News : करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर करोड़ों की ठगी ,साइबर ठग को मप्र के देवास से पकड़ा
Noida : नोएडा । करेंसी में ट्रेडिंग के नाम पर डीमैट खाता खुलवा कर करोड़ों रुपए की ठगी करने के एक आरोपी को साइबर क्राइम थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। साइबर क्राइम पुलिस ने आरोपी की गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के देवास से की है। इसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी रीता यादव ने बताया कि अशोक कुमार ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि कुछ दिन पहले एक व्यक्ति ने उन्हें करेंसी में ट्रेडिंग के नाम पर बेहतर रिटर्न देने का झांसा देकर रकम इन्वेस्ट करने का ऑफर दिया था। उक्त व्यक्ति की बातों में आकर उन्होंने अमदानी सलूशन कंपनी में करीब 15 लाख रुपए इन्वेस्ट किए थे। अशोक कुमार ने बताया कि जब उन्होंने जमा किए गए रुपयों का स्टेटस चेक किया तो उनमें काफी बढ़ोतरी दिखाई दी। कुछ समय पश्चात जब उन्होंने डीमैट खाते से अपने रुपए निकालने का प्रयास किया तो रुपए नहीं निकल पाए। इसके पश्चात उन्होंने मध्यप्रदेश के देवास में स्थित कंपनी मुख्यालय में संपर्क किया लेकिन वहां से भी कोई संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। कुछ समय बाद उक्त कंपनी वालों ने फोन उठाना बंद कर दिया। थाना प्रभारी ने बताया कि अशोक कुमार की शिकायत के पश्चात साइबर क्राइम सेल ने जांच पड़ताल की तो पता चला कि कुछ लोग करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर लोगों को ठग रहे हैं। साइबर सेल की टीम ने जांच पड़ताल के बाद मध्य प्रदेश के देवास से शोएब मंजूरी को गिरफ्तार किया। शोएब ने बताया कि इंदौर में बकायदा कॉल सेंटर चलाया जा रहा है जिसके जरिए लोगों को इन्वेस्टमेंट पर बेहतर रिटर्न का झांसा दिया जाता है। थाना प्रभारी ने बताया कि शोएब मंजूरी को गिरफ्तार कर नोएडा लाया गया है। इसके पास से दो मोबाइल फोन बरामद हुए हैं जिनमें महत्वपूर्ण जानकारियां हैं।
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क्रिप्टो करेंसी फंड के साथ रिटायर होने की योजना है? फिर से विचार करें 31.05.2022
इस रिलीज में, हम क्रिप्टोकरेंसी के संभावित भविष्य और सेवानिवृत्ति (रिटायरमेन्ट) निधि के रूप में इसकी विशेषताओं का विश्लेषण करेंगे। हम यह भी आकलन करेंगे ट्रेडिंग करेंसियां कि क्या फिलहाल क्रिप्टो मुद्राओं में निवेश करने का उपयुक्त समय है।
अतिरिक्त विवरण और स्पष्टीकरण प्राप्त करने के लिए डैश युक्त नीला शब्द और चित्रों के ऊपर स्थित हरे बिंदु के साथ अंतर्क्रिया करें।
दृश्य सामग्री पर अधिक विवरण यहां होंगे।
शब्द की परिभाषा या स्पष्टीकरण यहां उपलब्ध होगा।
क्या क्रिप्टोकरेंसी एक खराब निवेश है?
क्रिप्टोकरेंसी अत्यंत अस्थिर हैं। सट्टा और अपराध से परे उनका बहुत कम व्यावहारिक उपयोग है, अक्सर खो जाते हैं या चोरी हो जाते हैं, और वास्तविक दुनिया के नकदी-प्रवाह की इसमें कमी होती है जो स्टॉक और बॉन्ड के मूल्यों को मज़बूती देते हैं। इसलिए कहने की कोई ज़रूरत नहीं कि सेवानिवृत्ति (रिटायरमेंट) बचत योजना में उनका कोई स्थान नहीं है।
दुर्भाग्य से, कहने की ज़रूरत पड़ रही है। इस साल की शुरुआत में, फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स, देश के सबसे बड़े 401(k) प्रदाता ने कहा, यदि नियोक्ता विकल्प ट्रेडिंग करेंसियां को चुनते हैं, तो जल्द ही सहभागी Bitcoin में 20% तक निवेश कर सकेंगे। वे कहते हैं कि अमेरिकी जन अधिक विकल्प के हकदार हैं, और सर्वेक्षण दर्शाते हैं कि विशेष रूप से,सहस्राब्दी (मिलेनियल्स), क्रिप्टो को एक वांछनीय निवेश के रूप में देखते हैं।
इसके अलावा, वे कहते हैं, डिजिटल असेट किसी निश्चित पोर्टफोलियो में ट्रेडिंग करेंसियां विविधता ला सकता है क्योंकि उनके मूल्य में उतार-चढ़ाव अन्य बाजारों के साथ समन्वयित नहीं होते हैं। उचित वित्तीय शिक्षा, वे जोर देते हैं, लोगों को जोखिमों को समझने में सहायक हो सकते हैं। क्रिप्टो का एक सीमित ट्रैक रिकॉर्ड है, और Bitcoin हाल ही में अन्य बाजारों की तुलना में, नवंबर 2021 के शिखर से 50% से अधिक निचे गिरा है। तकनीकी कठिनाइयों के आलावा, जैसे विश्वसनीय मूल्य प्राप्त करना और बड़े पैमाने पर अनियमित परिवेश में सुरक्षित स्वामित्व सुनिश्चित करना।
निसंदेह, लोगों ट्रेडिंग करेंसियां को अपने कर-लाभ युक्त सेवानिवृत्ति खातों के बाहर अपने पैसों का निवेश करने की स्वतन्त्रता होनी चाहिए। किसी दिन, क्रिप्टो विशुद्ध रूप से स्पेक्युलेटिव (सट्टा) इंस्ट्रूमेंट से अधिक कुछ साबित हो सकता है। बहरहाल, यह बहुत दूर की बात है।
भारत में क्रिप्टोकरेंसी से संबंधित टैक्स कैसे फाइल करें?
भारत में क्रिप्टो करेंसी से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स लगता है। भारत का क्रिप्टो बाजार 2020 से 2021 तक 641% बढ़ा, जिससे भारत सबसे तेजी से बढ़ते क्रिप्टोकरेंसी बाजारों में से एक बन गया है। सैन फ्रांसिस्को स्थित CoinTracker , एक क्रिप्टो टैक्स अनुपालन (कंप्लायंस) और पोर्टफोलियो ट्रैकिंग स्टार्टअप, ने भारतीय बाजार में आधिकारिक उत्पाद लॉन्च के साथ प्रवेश किया है।
CoinTracker द्वारा प्रस्तुत क्रिप्टो टैक्स अनुपालन (कंप्लायंस) और पोर्टफोलियो ट्रैकिंग के उत्पाद अब भारत में क्रिप्टो उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध हैं। क्रिप्टो एक्सचेंज प्लेटफॉर्म ने क्रिप्टोकरेंसी उपयोगकर्ताओं के लिए संपत्ति बनाने, टैक्स फाइल करने और अपने पोर्टफोलियो को साल भर अनुकूलित रखने के लिए टूल बनाए हैं। विशेषत:, यह क्रिप्टो निवेशकों को उनकी सभी गतिविधियों को सभी एक्सचेंजों और वॉलेट में एक ही स्थान पर सिंक करने और पूंजीगत लाभ और नुकसान की गणना करने में मदद करता है।
"लोगों को क्रिप्टोकरेंसी के साथ खरीद, धारण (होल्ड करना) और लेनदेन की जटिलता को व्यवस्थित करना चुनौतीपूर्ण लग सकता है और सही साधन के बिना कर अनुपालन सुनिश्चित करना लगभग असंभव सा हो जाता है। हमने इस समस्या के मूलत: समाधान हेतु CoinTracker का निर्माण किया है और भारत में अपनी पेशकश देने के लिए उत्साहित हैं," CoinTracker के CEO जॉन लर्नर ने कहा।
यह क्रिप्टो स्टार्टअप भारत में उपयोग किए जाने वाले सभी लोकप्रिय एक्सचेंजों और कर उत्पादों के साथ अपने एकीकरण और साझेदारी को तेजी से विस्तार करने की योजना बना रहा है।
संभवत: स्टेबलकॉइन की अस्तित्व ख़त्म हो जा सकने के कारण।
निवेशकों का स्टेबलकॉइन्स पर से विश्वास उठ रहा है। Luna और UST स्टेबल कॉइन की विफलता के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार में उथल-पुथल हुई, दोनों एक सप्ताह पहले Terra ब्लॉकचैन से जुड़े थे। क्रिप्टो मूल्य में $17 बिलियन से अधिक का सफाया हो गया, और पतन ने साधारणत: स्टेबल कॉइन के बारे में सवाल खड़े कर दिए हैं।
गिरावट ने राजनेताओं और नियामकों का ध्यान आकर्षित किया है। इस वजह से स्टेबल कॉइन में भारी गिरावट और खलबली मची। निवेशकों का स्टेबल कॉइन पर से विश्वास उठ रहा है। एलोन मस्क के अनुसार, भविष्य में स्टेबल कॉइन्स को ETH/BTC जोड़े द्वारा बदला जा सकता है। यह विचार स्टेबल कॉइन्स की अवधारणा को पूरी तरह से बदल देगा और यह क्रिप्टोकरेंसी को अधिक स्थिर बना सकता है।
क्या क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने के अवसर हैं?
Bitcoin और Ethereum का विश्लेषण करते हुए, ऐसा प्रतीत होता है कि 2022 में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करके अमीर बनना संभव है, लेकिन आप अपना सारा पैसा गंवा भी सकते हैं। क्रिप्टो असेट्स में निवेश करना जोखिम भरा है, लेकिन संभावित रूप से अत्यंत लाभदायक भी है।
आइए, दुनिया की शीर्ष दो क्रिप्टोकरेंसी Bitcoin और Ethereum की बात करते हैं और उनका विश्लेषण करते हैं।
आइए Bitcoin और Ethereum के महत्वपूर्ण चरणों का अध्ययन करते हैं। Bitcoin का सबसे महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर 20,000 है, और Ethereum के लिए 10,000 का है। उम्मीद की जा रही है कि कुछ समय के लिए क्रिप्टो करेंसी दबाव ट्रेडिंग करेंसियां में रह सकती है। इन स्तरों से निवेशक Bitcoin और Ethereum जमा करना शुरू कर सकते हैं। लेकिन फिलहाल हम सही अवसर की प्रतीक्षा करने की सलाह देते हैं।
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