Stock Broker Select Karne ke Steps

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एक मंदी का खिलाड़ी, काला जादू और शेयर बाजार में आई 235 अरब डॉलर की गिरावट, जानिए क्या है यह स्टॉकब्रोकर क्या हैं? मामला

शेयर बाजार के क्रैश होने के लिए क्या चाहिए होता स्टॉकब्रोकर क्या हैं? है? सदियों में एक बार आने वाली महामारी? यूरोप स्टॉकब्रोकर क्या हैं? में छिड़ी पिछले 70 सालों की सबसे बड़ी जंग? अमेरिकी सेंट्रल बैंक की तरफ से लगातार बाजार में पैसे कम करने के लिए उठाया जाने वाला कदम? या महंगाई के कई सालों के ऊंचे स्तर पर जाना?

वैसे काला जादू के बारे में आपकी क्या राय है? काला जादू को एक ऐसे जादू के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसका इस्तेमाल शैतानी शक्तियों के सहयोग से गलत उद्देश्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है।

एक ऐसी दुनिया जहां शेयर बाजार की रोजाना की चाल को ऊबाऊ वित्तीय आंकड़े, कंपनियों के प्रॉफिट-लॉस स्टेटमेंट और अर्थव्यवस्था से जुड़ी जटिल घटनाएं तय करती हैं। वहां राजकोट के एक स्टॉकब्रोकर ने पिछले हफ्ते दावा स्टॉकब्रोकर क्या हैं? किया कि उसने काला जादू के जरिए शेयर बाजार में कई दिनों लंबी गिरावट को अंजाम देने के लिए 8 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

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पटेल वेल्थ एडवाइजर्स के मालिक और सेबी के साथ स्टॉकब्रोकर क्या हैं? रजिस्टर्ड रिसर्च एनालिस्ट, मिनिष पटेल ने 12 मई को अपने टेलीग्राम चैनल में एक पोस्ट के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने लिखा, "शेयर बाजार में आज की गिरावट और पिछले कुछ दिनों की गिरावट के लिए हम जिम्मेदार है। आप को विश्वास नहीं होगा, लेकिन हमने 8.5 करोड़ से अधिक रुपये काला जादू में खर्च किए हैं, जिससे बाजार में घबराहट फैल सके।" मिनिष पटेल के टेलीग्राम चैनल पर 11 लाख से अधिक सब्सक्राइबर्स हैं।

पटेल ने कहा, "काला जादू काफी महंगा है, लेकिन यह सटीक और मनोकामना का पूरा करने वाला नतीजा देता है।" पटेल ने दावा किया कि उन्होंने 6 से 13 मई (6 कारोबारी दिन) के बीच शेयर बाजार में काला जादू के जरिए गिरावट को अंजाम दिया।

क्या होता है स्टॉक ब्रोकर:

Stock broker से आशय उस व्यक्ति या संगठन से है, जिन्हें अपने ग्राहकों की ओर से stock market में participate करने का लाइसेंस मिला हुआ होता है | Stock broker शेयर खरीदने और बेचने वाले व्यक्ति के बीच एक प्रतिनिधि के तौर पर काम कर रहा होता है, और इस प्रतिनिधित्व के बदले ब्रोकर Trading Value का कुछ प्रतिशत कमीशन के तौर पर लेकर अपनी कमाई कर रहा होता है | एक प्रतिनिधि अर्थात एजेंट के तौर पर broker केवल और केवल निवेशकों के लिए शेयरों की खरीद बिक्री कर रहा होता है |

जिसका अभिप्राय है की जो निवेशक अपने शेयर बेचना चाहते हैं उनके लिए वह बेचेगा और जो ग्राहक खरीदना चाहते हैं उनके लिए वह खरीदेगा | इसलिए जरुरी हो जाता है की कोई भी व्यक्ति stock broker select करते वक्त यह पता अवश्य लगाने की कोशिश करे की क्या वह उसके लिए निवेश सम्बन्धी सही निर्णय ले पायेगा | इसके अलावा और भी बहुत सारी बातें है जिनका ध्यान किसी भी निवेशक को stock broker select करते वक्त रखना चाहिए |

Stock Broker Select करने के लिए उठाये जाने वाले कदम:

stock broker select kaise kare

Stock Broker Select Karne ke Steps

निवेशक को stock broker select करने से पहले यह पता करना बेहद आवश्यक है की ब्रोकर पंजीकृत है या नहीं | अर्थात स्टॉकब्रोकर क्या हैं? जो सेवा वह लोगो को दे रहा है उस सेवा को देने का लाइसेंस ब्रोकर के पास है या नहीं | यह सब करने के लिए निवेशक चाहे तो Stock broker की वेबसाइट पर जा सकता है, क्योंकि लगभग सभी ब्रोकर अपनी Registration details अपनी website के स्टॉकब्रोकर क्या हैं? माध्यम से display करते हैं |

इसके अलावा दूसरा विकल्प यह है की निवेशक Securities and exchange board of स्टॉकब्रोकर क्या हैं? India (SEBI) की Website के माध्यम से भी यह पता कर सकता है की ब्रोकर Registered है या नहीं | BSE और NSE की वेबसाइट पर भी Registered stock broker की लिस्ट विद्यमान रहती है |

ऐसे व्यक्ति का फीडबैक लें जो पहले से निवेश कर रहा हो

व्यक्ति का स्वभाव है की अक्सर कुछ नया करने से पहले अपनी शंका के समाधान हेतु उस सेवा विशेष या प्रोडक्ट विशेष के बारे में वह अपने आस स्टॉकब्रोकर क्या हैं? पास के लोगों से जरुर पूछता है, जो की सही भी है |

लेकिन यहाँ पर ध्यान देने वाली बात यह है की आप ऐसे व्यक्ति से राय बिलकुल स्टॉकब्रोकर क्या हैं? मत लें जिसने पहले कभी Stock Market में Invest किया ही न हो, इस क्रिया को अंजाम तक पहुँचाने के लिए निवेशक को चाहिए की वह अपने जानकारों में से किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करे, जिन्होंने स्टॉकब्रोकर क्या हैं? Stock market में Invest किया हो या पहले कर चुके हों, उन्ही के Feedback के माध्यम से निवेशक को stock broker select करने में मदद मिल पायेगी |

Stock Market के ब्रोकर पर बैंकों की बड़ी चोट, अब बिना गारंटी वाले इंट्राडे फंडिंग पर लग सकती है रोक, जानिए क्या होगा असर

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शेयर बाजार में कामकाज कर रहे बहुत से ट्रेडर गारंटी के बिना मिलने वाले इस लोन की मदद से खासी कमाई करते हैं.

भारतीय स्टॉकब्रोकर क्या हैं? रिजर्व बैंक ने हाल में ही देश के चार निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों को कहा है कि ब्रोकर को बिना गारंटी के दिया जाने वाला इंट्राडे क्रेडिट बंद करने की व्यवस्था करें. आरबीआई ने कहा है कि अगर इस तरह की रकम देनी है तो उसका कम से कम 50 फ़ीसदी ब्रोकर से फिक्स डिपॉजिट या मार्केटेबल सिक्योरिटीज के रूप में रखा जाए. दो सीनियर बैंकर ने इकनॉमिक टाइम्स को यह जानकारी दी है.

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