फ्यूचर्स और ऑप्शंस में कारोबार कैसे किया जाता है?
भारत में फ्यूचर्स (futures) और ऑप्शंस (options) में ट्रेड(trade) करने के लिए, आपको एक डीमैट अकाउंट (demate account) और ट्रेडिंग अकाउंट (trading account) की आवश्यकता होगी। Futures and Options ट्रेडिंग में मार्जिन और प्रीमियम महत्वपूर्ण हैं। फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट में मार्जिन वह न्यूनतम राशि है जो आपको ब्रोकर को फ्यूचर्स में ट्रेड करने के लिए देनी होती है। बाजार की अस्थिरता के अनुसार मार्जिन आवश्यकताएं बदलती हैं। मार्जिन जितना कम होगा, लीवरेज उतना ही अधिक होगा।
विकल्प (Options) में प्रीमियम वह राशि है जो विकल्प खरीदार विक्रेता को अनुबंध निष्पादित करने का अधिकार प्राप्त करने के लिए भुगतान करता है।
Read More – फ्यूचर्स और ऑप्शंस क्या हैं?
वायदा (Futures) में व्यापार करने के लिए, आपको एक मार्जिन का भुगतान करना होगा, और आप वायदा (Futures) में व्यापार शुरू कर सकते फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? हैं।
उदाहरण के लिए, यदि आप 10% की मार्जिन आवश्यकता के साथ INR 1 लाख के फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? शेयरों में व्यापार करना चाहते हैं, तो आप केवल INR 10,000 के निवेश के साथ व्यापार कर सकते हैं। विकल्पों में व्यापार करने के लिए, यदि आप कोई विकल्प खरीदना चाहते हैं, तो आपको एक प्रीमियम का भुगतान करना होगा। प्रीमियम एक विकल्प अनुबंध का वर्तमान बाजार मूल्य है। फ्यूचर्स अनिवार्य अनुबंध हैं, और इसलिए एक्सपायरी के समय एक्सचेंज सभी फ्यूचर पोजीशन को फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? बंद कर देता है। इसका मतलब यह है कि यदि आपने समाप्ति के समय वायदा अनुबंध फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? खरीदा है, तो आपको नुकसान होने पर भी इसे बेचना होगा। दूसरी ओर, विकल्प अनिवार्य अनुबंध नहीं हैं। यदि आपने एक विकल्प अनुबंध खरीदा है, तो आप अपने अधिकार का प्रयोग तभी कर सकते हैं जब बाजार आपके पक्ष में हो।
Future Trading क्या होता है?
source by google
हेल्लो दोस्तों आज एकबार फिर से आप सभीको internet sikho में बहुत बहुत स्वागत है.दोस्तों आप आगर स्टॉक मार्किट में ट्रेडिंग करते है तोह future trading के बारे में भी सुने ही होंगे.लेकिन फिर भी आज में आपको future trading के बारे में थोडा जानकारी देना चाहूँगा जिससे नए ट्रेडर्स के लिए भी थोडा मदत मिल सके.
- इस पोस्ट में जानिये लडकिया इन्टरनेट पार क्या क्या सर्च करता है
- टेक्निकल चार्ट में कप एंड हैंडल पैटर्न कैसे पहचाने जाने यहाँ
- कॉमेडी के बादशा कपिल शर्मा के जीबन काहानी के बारे में जाने यहाँ
- kyc क्या है?सबके पास kyc का होना जरुरी क्यों है ?
- गूगल के ceo सुन्दर पिचाई के जीबन काहानी के बारे में जाने यहाँ
- लडकियों को गिफ्ट में क्या दे जिससे लड़की पट जाए जानिये यहाँ
- काटाप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा था जानिए इस पोस्ट के माध्यम से
- क्या आप भी सोचते है की लोग आपके बारे में क्या सोचेंगे ?
future trading क्या होता है?what’s future trading?
future trading या फिर future contract का मतलब होता है की आप किसी भी स्टॉक को एक्स्पिआरी तारीख से पहले उससे खरीदने या फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? बेचने का बचन देते है कोई भी तै किया हुआ दाम पार .आगर आप ऐसे स्टॉक बेचे तोह उससे आपको किसी तै किया हुआ कीमत पार खरीदने वाला को ट्रान्सफर करना पड़ता है.
future trading कैसे होता है?
तैय किया हुआ तारीख पार यानि की एक्सपायरी के तारीख पार वोह कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होता है.जैसे हर गुरुबार को बैंक निफ्टी के weekly कॉन्ट्रैक्ट ख़तम होता है.हर कॉन्ट्रैक्ट एसेट या cash भुगतान की बाकाया राशि देने के से या मुनाफा लेने से उसी तारीख को समाप्त हो जाता है.और जोह बेकती future कॉन्ट्रैक्ट लेने वाले बेकती को लागे की आगे भी मुनाफ़ा कामाया जा सकता है तोह कॉन्ट्रैक्ट को रोलओवर कर सकते है यानि की नेक्स्ट माहीने के लिए उससे continiue करके भी जादा से जादा मुनाफा कामाते है.और आगर future कॉन्ट्रैक्ट्स लेने वाला आदमी उसके लेने वाले positions से खुस नहीं है या फिर नुक्सान हो राहा है तोह वोह उससे expiary के पहले ही उसको बेच सकते है और लोस बुक भी कर सकते है.
दोस्तों यह था future tarding की पूरी जानकारी और मुझे उम्मीद है की आपको यह पोस्ट से समझ में आजाएगा की future trading कैसे होता है और future ट्रेडिंग का क्या मतलब है.स्टॉक मार्किट से जुड़े हुए हर एक टॉपिक के बारे में जानने के लिए market basics catogory को चेक करे उसमे आपको स्टॉक मार्किट से जुड़े हुए बहुत पोस्ट मिल जायेगा.और ऐसे ही हर दिन एक नया पोस्ट आपके मेल बॉक्स में पाने के लिए internet sikho को subscribe करना ना भूले.
F&O: फ्यूचर्स-ऑप्शंस देते हैं कम लागत में ज्यादा पैसा कमाने का मौका
Futures & Options: आप केवल स्टॉक नहीं, बल्कि कृषि वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, मुद्रा आदि में भी फ्यूचर्स-ऑप्शंस ट्रेडिंग कर सकते हैं.
- Vijay Parmar
- Publish Date - July 27, 2021 / 02:38 PM IST
Future & Option: कम इन्वेस्टमेंट करके ज्यादा मुनाफा कमाना कौन नहीं चाहेगा? सभी लोग ऐसा चाहते हैं और उसके लिए मार्केट में कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं. आज हम ऐसे ही एक विकल्प, यानी फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) डेरिवेटिव्स के बारे में जानेंगे. यह आपको केवल स्टॉक नहीं, बल्कि कृषि वस्तुओं, पेट्रोलियम, सोना, मुद्रा आदि में भी ट्रेडिंग करके पैसा कमाने का मौका देता है. इससे आपको कीमतों में उतार-चढ़ाव के जोखिम से बचने में मदद मिलती है.
फ्यूचर्स (फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? Futures) क्या होता है?
कई प्रकार के डेरिवेटिव (derivative) में से एक प्रकार है फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट. इस प्रकार के कॉन्ट्रैक्ट में खरीदार (या विक्रेता) किसी विशेष संपत्ति की एक निश्चित मात्रा को भविष्य की तारीख में एक विशिष्ट कीमत पर खरीदने (या बेचने) के लिए सहमत होता है.
उदाहरण से समझते हैंः आपने एक फिक्स्ड तारीख पर XYZ कंपनी के 50 शेयरों को 100 रुपये में खरीदने के लिए एक फ्युचर कोन्ट्राक्ट खरीदा है. जब ये कॉन्ट्रैक्ट की एक्स्पायरी होगी तब आप उसकी मौजूदा कीमत के बावजूद, 100 रुपये पर ही शेयर प्राप्त करेंगे. यहां तक कि अगर कीमत 120 रुपये तक जाती है, तो भी आपको प्रत्येक शेयर 100 रुपये पर मिलेगा, जिसका मतलब है कि आप 1,000 रुपये का शुद्ध लाभ कमाते हैं. यदि शेयर की कीमत 80 रुपये तक गिरती है, तो भी आपको उन्हें 100 रुपये पर खरीदना होगा, ऐसे में आपको 1,000 रुपये का नुकसान होगा.
ऑप्शंस (Options) क्या होते हैं?
डेरिवेटिव्स के अन्य एक प्रकार को ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट कहते हैं. यह फ्युचर कोन्ट्राक्ट से थोड़ा अलग है जिसमें एक खरीदार (या विक्रेता) को एक विशिष्ट पूर्व-निर्धारित तिथि पर एक निश्चित कीमत पर फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? एक विशेष संपत्ति खरीदने (या बेचने) का अधिकार देता है, लेकिन ऐसा करना उसका दायित्व नहीं होता. ऑप्शंस दो तरह के होते हैं, कॉल ऑप्शंस और पुट ऑप्शंस.
कॉल ऑप्शन – मान लें कि आपने एक निश्चित तिथि पर XYZ कंपनी के 50 शेयर 100 रुपये पर खरीदने के लिए कॉल ऑप्शन खरीदा है, लेकिन शेयर की कीमत एक्स्पायरी के वक्त 80 रुपये तक गिर जाती है, और आप 1,000 रुपये के नुकसान में चले जाते हैं. तब आपके पास 100 रुपये में शेयर नहीं खरीदने का अधिकार है, इसलिए सौदे पर 1,000 रुपये खोने के बजाय, आपको केवल कॉन्ट्रैक्ट के लिए चुकाए गए प्रीमियम का नुकसान होगा, जो बहुत कम होता है.
पुट ऑप्शंस – इस प्रकार के ऑप्शंस कॉन्ट्रैक्ट में आप भविष्य में एक सहमत मूल्य पर संपत्ति बेच सकते हैं, लेकिन ऐसा करना आपका दायित्व नहीं. यदि आपके पास XYZ कंपनी के शेयरों को भविष्य की तारीख में 100 रुपये पर बेचने का विकल्प है, और समाप्ति तिथि से पहले शेयर की कीमतें 120 रुपये तक बढ़ जाती हैं, तो आपके पास शेयर को 100 रुपये में नहीं बेचने का विकल्प है, ऐसे में आप 1,000 रुपये के नुकसान से बच सकते हैं.
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में ट्रेडिंगः
फ्यूचर्स और ऑप्शंस (F&O) का एक फायदा यह है कि आप इन्हें विभिन्न एक्सचेंजों पर स्वतंत्र रूप से व्यापार कर सकते हैं. आप स्टॉक एक्सचेंजों पर स्टॉक F&O का व्यापार कर सकते हैं, कमोडिटी एक्सचेंजों पर कमोडिटी आदि. F&O ट्रेडिंग में आपको 1 लाख रुपये के शेयर या कमोडिटी में ट्रेडिंग करने के लिए केवल 10,000 रुपये की जरूरत पड़ती है, क्योंकि आपको उसका पूरा दाम फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? चुकाने के बजाय 10-30% मार्जिन पर सौदा करने का मौका मिलता है. आप किसी वस्तुओं को खरीदे बिना उसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव का लाभ उठा सकते हैं.
F&O ट्रेडिंग में जोखिमः
फ्यूचर्स बाजार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉप लॉस लगाते हैं. स्टॉप लॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है, जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं.
ऐसे जानिए ऑप्शन ट्रेडिंग से जुड़ी हर बात, होगा फायदा
पिछले कुछ सालों में हमने भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार में ऑप्शन सेगमेंट की ट्रेडिंग गतिविधियों में तेज वृद्धि देखी है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) फ्यूचर और ऑप्शन (एफ एंड ओ) सेगमेंट में दैनिक कारोबार 4 लाख करोड़ को पार कर गई है और इस इंडेक्स में ऑप्शन का 80% से अधिक योगदान रहा है। यही कारोबार बैंक निफ्टी पर साप्ताहिक और मासिक फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? समाप्ति के दिनों पर 10 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। आजकल ऑप्शन सेगमेंट अपनी प्रोफ़ाइल के कारण अधिक लोकप्रिय हो गया है और यह 50 ओवर या टेस्ट सिरीज मैचों फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? की तुलना में आईपीएल या टी-20 मैचों की लोकप्रियता की तरह ही लगता है। इस सेगमेंट में ट्रेडिंग गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं क्योंकि यह सभी प्रकार के बाजार सेंटिमेंट्स का लाभ पाने का अवसर प्रदान करती है चाहे वह बुलिश, बियरिश, रेंज बाउंड या अत्यधिक अस्थिर हो। आइए पहले समझें कि ऑप्शन है क्या जो सभी को अपनी ओर आकर्षित करता है? नकद फ्यूचर्स ट्रेडिंग कैसे किया जाता है? बाजार, जहाँ शेयर खरीदे या बेचे जाते हैं, के अलावा एक्सचेंज में एक ऐसा सेगमेंट भी होता है जहाँ इन शेयरों या इंडेक्स के भविष्य और विकल्प खरीदे या बेचे जाते हैं।
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 553