5 सुपर टैक्स फ्री बॉन्ड जो देंगे आप को इनकम टैक्स में छूट
कर मुक्त (टैक्स फ्री बांड) बांड ऐसे बॉन्ड को कहते है जिन पर मिलने वाले रिटर्न पर आप को किसी भी प्रकार के टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता है। साथ ही ये सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों के होने की वजह से आप का निवेश सुरक्षित भी रहता है। हम आप को ऐसी ही कुछ सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों जैसे की भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC), आवास और शहरी विकास निगम (HUDCO), ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC), पावर फाइनेंस कारपोरेशन (PFC), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) आदि के बॉन्ड के बारे में बताएँगे जिससे की आप अच्छे रिटर्न के साथ साथ टैक्स (टैक्स फ्री) में भी छूट पा सकते है।
टैक्स फ्री बॉन्ड कहां और कैसे खरीदें?
किसी भी कंपनी के बांड को कंपनी 5 से 20 साल के लिए जारी करती है जिसे स्टॉक एक्सचेंज पर से आसानी से ख़रीदा जा सकता है जैसे हम किसी कम्पनी के शेयर खरीदते है है वैसे ही हम किसी भी कम्पनी के बॉन्ड भी आसानी से खरीद सकते है। जो भी व्यक्ति किसी कम्पनी का बॉन्ड ख़रीदता है वो उस कम्पनी से मिलने वाले ब्याज का हक़दार होता है जो की साल में एक बार दिया जाता है मुखतः ये साल के अंत में यानि नवंबर या दिसम्बर में दिया जाता है या फिर फरवरी महा में भी दिया जा सकता है। अगर आप अपने बांड को बेचना चाहते है तो भी आप स्टॉक एक्सचेंज की सहायता से चल रहे भाव पर बेच सकते है जैसे की शेयर को बेचा जाता है।
हम आप को 5 ऐसे सरकारी स्वामित्व वाली सामान्य के बाद के बारे में बताएँगे जिन्हे खरीद कर आप अच्छे रिटर्न के साथ साथ अपने लगने वाले टैक्स में भी छूट पा सकते है वे 4 बॉन्ड निम्नलिखित है –
भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) N1 सीरीज
भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) ने N1 सीरीज बांड फरवरी 2012 में 10 साल के लिए बॉन्ड जारी किये थे जिस पर की कंपनी हर साल 8% की दर से ब्याज दे रही है और हर साल बॉन्ड की कीमत भी बढ़ती जा रही है इसको आप NSC या BSC से खरीद सकते है। ये बांड फरवरी 2022 में परिपक्व होंगे।
अगर हम बॉन्ड की रेटिंग की बात करे तो ये बॉन्ड एएए रेटेड हैं जो की आप स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना के इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा के साथ साथ अच्छे रिटर्न का वडा भी करता है साथ की आप को कर मुक्त आय भी प्रदान करता है। अभी के हम बॉन्ड की कीमत की बात करे तो वो 1053 रूपए है (17-01-2019) को। जैसे जैसे आप ब्याज मिलने के करीब आते है बांड की कीमत बढ़ती जाती है और ब्याज मिलने पर काम होती है।
आवास और शहरी विकास निगम (HUDCO) N1 सीरीज बॉन्ड
आवास और शहरी विकास निगम (HUDCO) ने अपने N1 सीरीज बांड को मार्च 2012 में जारी किया था इसकी समय अवधी 15 साल की है मतलब ये मार्च 2027 में परिपक्व होंगे जिस से को आप को इसका फायदा उठाने का अच्छा टाइम मिल जाता है। इसकी औसत ब्याज दर 8.2 प्रतिशत की रही अभी तक और इसकी वर्तमान कीमत 1203 रूपए है। आप को अचे रिटर्न के लिए काम कीमत पर बॉन्ड खरीदना चाहिए जो की हर साल मार्च के बाद रहती है क्यों की मार्च में कंपनी ब्याज का वितरण करती है।
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) N5 सीरीज बॉन्ड
ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (REC) N5 सीरीज बॉन्ड को मई 2015 में 8 साल के लिए जारी किया गया था जो 2023 में परिपक्व होगा। बांड 8.1 प्रतिशत के रिटर्न के साथ साथ टैक्स फ्री आय भी प्रदान करता है अभी इस बांड का वर्तमान मूल्य 1200 रूपए है। यहाँ बॉन्ड एएए रेटेड हैं इसलिए बहुत सुरक्षित मन जाता है।
पावर फाइनेंस कारपोरेशन (PFC) N4 सीरीज बॉन्ड
पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन एक भारत सरकार के स्वामित्व वाली संसथान है जो की 8.2 प्रतिसत के रिटर्न के साथ साथ टैक्स फ्री इनकम भी देती है। ये जून 2019 में जारी हुआ है जो की 2022 में परिपक्व होगा ये सॉर्ट टर्म बॉन्ड है जिस से आप काम समय में अचे पैसे कमा सकते है। इसके ब्याज का भुकतान हर साल अक्टूबर के महीने में किया जाता है। अभी इसकी वर्तमान कीमत 2055 रूपए है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) N2 सीरीज बॉन्ड
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) N2 सीरीज बॉन्ड एक टैक्स फ्री बॉन्ड है जिसमे आप टैक्स की बचत के साथ साथ 8.3 प्रतिसत का ब्याज भी प्राप्त कर सकते है। इसे जनवरी 2012 में जारी किया गया था ये एक लॉन्ग टर्म बॉन्ड है जो की 15 साल के लिए है ये जनवरी 2027 में परिपक्व होगा। इसकी वर्तमान कीमत 1163 रूपए है।
हम ने आप को 5 ऐसे बॉन्ड बताये जिन में आप इन्वेस्ट कर अच्छे रिटर्न के साथ साथ अपना टैक्स भी बचा सकते है।
अनिश्चितता के दौर में गोल्ड बॉन्ड होल्ड करना कैसे है फायदेमंद? यहां डिटेल में पढ़ें सबकुछ
भारत सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत पूरे साल समय-समय पर सस्ता गोल्ड बेचा जाता है। भारत सरकार की इस स्कीम को रिजर्व बैंक संचालित करती है।
सोने की बढ़ती-घटती कीमतों का असर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर होता है। वहीं, अगर आज भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमत की बात करें तो यहां गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.03 फीसदी गिरकर 46,580 स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि चांदी वायदा 0.15 फीसदी गिरकर 66,884 रुपये प्रति किलोग्राम रही। पिछले सत्र में सोना 0.5 फीसदी लुढ़का था, लेकिन पूरे सप्ताह में इसमें तेजी आई।
इन उतार-चढ़ाव को देखते हुए मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगा चुके निवेशकों के लिए क्या सही है और क्या गलत। साथ ही सोने के दाम निकट भविष्य में कैसे रहेंगे?भारत सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत पूरे साल समय-समय पर सस्ता गोल्ड बेचा जाता है। भारत सरकार की इस स्कीम को रिजर्व बैंक संचालित करती है।
बेच सकते हैं गोल्ड बॉन्ड
बता दें कि निवेश सीमा के अधीन निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और साथ ही धर्मार्थ संस्थान अपने फंड को गोल्ड बॉन्ड में डाल सकते हैं। बॉन्ड पांच साल के बाद एग्जिट ऑप्शन के साथ आठ साल की अवधि के लिए है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बाय-बैक स्कीम की घोषणा की है। ऐसे में आप अपना पांच साल पुराना बॉन्ड रिजर्व बैंक को वापस बेच सकते हैं। यह आप उस वक्त कर सकते हैं जब बॉन्ड का ब्याज मिलता हो (जो साल में दो बार होता है), और बेचने के लिए आप उसी चैनल का इस्तेमाल करें जिसके जरिए आपने बॉन्ड खरीदा था।
नीलामी करने का विकल्प
इसके अलावा आप अपने गोल्ड बॉन्ड को कभी भी बॉन्ड मार्केट में बेच सकते हैं। इसके लिए आपके पास डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। उसके जरिए ही बॉन्ड की ऑनलाइन नीलामी कर इसे बेच या खरीद सकते हैं, ठीक उसी तरह जैसे आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं। ऐसा करने पर आपको अपने गोल्ड बॉन्ड की उतनी कीमत मिलेगी, जितनी दूसरे निवेशक उस पर खर्च करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि गोल्ड का काम निवेश पोर्टफोलियो में स्थिरता बनाए रखना है। खास तौर पर तब जब अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर में हो और शेयर बाजार या बचत योजनाएं कम रिटर्न दे रही हों। ऐसे समय सोना ज्यादा रिटर्न देकर नुकसान को कम करता है। ऐसे में देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के मद्देनजर अगर आप गोल्ड बॉन्ड होल्ड करते हैं तो फायदे में रह सकते हैं। वैसे भी पोर्टफोलियो में पांच से दस होना चाहिए। यदि आपके पास इस अनुपात से कम सोना है, तो गिरते दामों का फायदा उठाएं और थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदते रहें।
आयकर में मिलेगी मदद
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आप एक ग्राम सोने में भी निवेश कर सकते हैं। आप यहां एक साल में कम से कम एक ग्राम और ज्यादा से ज्यादा 500 ग्राम सोना खरीद सकते हैं। खास बात ये है कि गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने से आपको टैक्स छूट भी मिलती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आप अपने बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुनिंदा पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बंबई स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं।
विस्तार
सोने की बढ़ती-घटती कीमतों का असर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर होता है। वहीं, अगर आज भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की कीमत की बात करें तो यहां गिरावट दर्ज की गई। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.03 फीसदी गिरकर 46,580 रुपये प्रति 10 ग्राम रहा, जबकि चांदी वायदा 0.15 फीसदी गिरकर 66,884 रुपये प्रति किलोग्राम रही। पिछले सत्र में सोना 0.5 फीसदी लुढ़का था, लेकिन पूरे सप्ताह में इसमें तेजी आई।
इन उतार-चढ़ाव को देखते हुए मन में यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि गोल्ड बॉन्ड में पैसा लगा चुके निवेशकों के लिए क्या सही है और क्या गलत। साथ ही सोने के दाम निकट भविष्य में कैसे रहेंगे?भारत सरकार की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत पूरे साल समय-समय पर सस्ता गोल्ड बेचा जाता है। भारत सरकार की इस स्कीम को रिजर्व बैंक संचालित करती है।
बेच सकते हैं गोल्ड बॉन्ड
बता दें कि निवेश सीमा के अधीन निवासी व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार, ट्रस्ट, विश्वविद्यालय और साथ ही धर्मार्थ संस्थान अपने फंड को गोल्ड बॉन्ड में डाल सकते हैं। बॉन्ड पांच साल के बाद एग्जिट ऑप्शन के साथ आठ साल की अवधि के लिए है। भारतीय रिजर्व बैंक ने बाय-बैक स्कीम की घोषणा की है। ऐसे में आप अपना पांच साल पुराना बॉन्ड रिजर्व बैंक को वापस बेच सकते हैं। यह आप उस वक्त कर सकते हैं जब बॉन्ड का ब्याज मिलता हो (जो साल स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना में दो बार होता है), और बेचने के लिए आप उसी चैनल का इस्तेमाल करें जिसके जरिए आपने बॉन्ड खरीदा था।
नीलामी करने का विकल्प
इसके अलावा आप अपने गोल्ड बॉन्ड को कभी भी बॉन्ड मार्केट में बेच सकते हैं। इसके लिए आपके पास डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट होना जरूरी है। उसके जरिए ही बॉन्ड की ऑनलाइन नीलामी कर इसे बेच या खरीद सकते हैं, ठीक उसी तरह जैसे आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करते हैं। ऐसा करने पर आपको अपने गोल्ड बॉन्ड की उतनी कीमत मिलेगी, जितनी दूसरे निवेशक उस पर खर्च करना चाहते हैं।
गौरतलब है कि गोल्ड का काम निवेश पोर्टफोलियो में स्थिरता बनाए रखना है। खास तौर पर तब जब अर्थव्यवस्था अनिश्चितता के दौर में हो और शेयर बाजार या बचत योजनाएं कम रिटर्न दे रही हों। ऐसे समय सोना ज्यादा रिटर्न देकर नुकसान को कम करता है। ऐसे में देश में बढ़ते कोरोना के मामलों के मद्देनजर अगर आप गोल्ड बॉन्ड होल्ड करते हैं तो फायदे में रह सकते हैं। वैसे भी पोर्टफोलियो में पांच से दस होना चाहिए। यदि आपके पास इस अनुपात से कम सोना है, तो गिरते दामों का फायदा उठाएं और थोड़ा-थोड़ा सोना खरीदते रहें।
आयकर में मिलेगी मदद
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत आप एक ग्राम सोने में भी निवेश कर सकते हैं। आप यहां एक साल में कम से कम एक ग्राम और ज्यादा से ज्यादा 500 ग्राम सोना खरीद सकते हैं। खास बात ये है कि गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने से आपको टैक्स छूट भी मिलती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को आप अपने बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, चुनिंदा पोस्ट ऑफिस, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज या बंबई स्टॉक एक्सचेंज से खरीद सकते हैं।
मोदी सरकार आज से बेच रही सोना, चेक करें मार्केट से सस्ता है या महंगा
Sovereign Gold Bond scheme: मोदी सराकर आज से एक बार फिर सोना बेचने जा रही है। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास शानदार मौका आ रहा है, लेकिन पिछली बार की तरह तात्कालिक तौर पर यह सोना.
Sovereign Gold Bond scheme: मोदी सराकर आज से एक बार फिर सोना बेचने जा रही है। अगर आप सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास शानदार मौका आ रहा है, लेकिन पिछली बार की तरह तात्कालिक तौर पर यह सोना आपको सस्ता नहीं बल्कि महंगा पड़ेगा।
दरअसल, सरकारी गोल्ड बॉन्ड योजना 2021-22 के लिए इश्यू प्राइस 5,109 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। जबकि आईबीजेए पर शुक्रवार को सोना 50667 रुपये प्रति 10 ग्राम के रेट से बंद हुआ था। इस लिहाज से यह रेट अधिक है।
कैसे तय होता है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का रेट
गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। तीन दिन के रेट के औसत से बॉन्ड की कीमत तय होती है। जिस समय इसकी कीमत तय हुई, उन तीन दोनों में यूक्रेन-रूस् युद्ध की वजह से सोने के भाव में उछाल आया था। 25 फरवरी को यह 50667 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। वहीं, 24 फरवरी को 10 ग्राम गोल्ड की कीमत 52540 रुपये थी और 23 फरवरी को 50049 रुपये।
हालांकि सॉवरने गोल्ड बॉन्ड के अपने अलग फायदे हैं, आईए जानें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 10 जरूरी बातें.
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बॉन्ड होता है, जिसे RBI की तरफ से जारी किया जाता है। इसे डीमैट के रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है।
- सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है।
- गोल्ड बॉन्ड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है।
- आरबीआई ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए 5109 रुपए प्रति ग्राम का भाव तय किया है।
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सर्राफा बाजार से सस्ता और शुद्ध सोना खरीदने का आज आखिरी मौका, जानें कहां और कैसे मिलेगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं।
Sovereign Gold Bond: मोदी सरकार सोमवार से ही सस्ता सोना बेच रही है। आज यानी शुक्रवार को आखिरी दिन है। अगर आप शुद्ध और सस्ता सोना खरीदना चाहते हैं तो आज आपके लिए आखिरी मौका है। बता दें यह सोना फिजिकल रूप में नहीं मिलेगा। यह वह सोना है, जिसे चोर चुरा नहीं सकता, शुद्धता की गारंटी इतनी कि इसे बेचने पर बाजार का करेंट रेट ही मिलता है, वह भी ब्याज के साथ। इसके अलावा भी ढेर सारे फायदे हैं।
जी हां, हम बात कर रहे सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की। सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की पहली सीरीज को जारी कर दिया है। आइए जानते हैं कि क्या इसकी खासियत .
किस पर रेट पर मिलेगा सोना
इस किस्त के लिए सोने का निर्गम मूल्य 5,091 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष का पहला निर्गम होगा। सरकार ने ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट की पेशकश की है और आवेदकों को इस छूट का लाभ लेने के लिए डिजिटल माध्यम से भुगतान करना होगा। यानी अगर कोई 10 ग्राम की खरीदारी करता है तो उसे 500 रुपये की छूट मिलेगी।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे
रिटर्न की गारंटी: इसकी सबसे खास बात होती है कि निवेशक को सोने के भाव बढ़ने का लाभ तो मिलता ही है। साथ ही उन्हें इन्वेस्टमेंट रकम पर 2.5 फीसदी का गारंटीड फिक्स्ड इंटरेस्ट भी मिलता है।
तरलता: बॉन्ड जारी होने के पखवाड़े के भीतर स्टॉक एक्सचेंजों पर तरलता के अधीन हो जाते हैं।
Tax में छूट: इस पर तीन साल के बाद लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा (मैच्योरिटी तक रखने पर कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा)
लोन की सुविधा: वहीं इसका लोन के लिए इसका उपयोग कर सकते हैं। इन बॉन्ड्स की अवधि 8 साल की होती है और 5वें साल के बाद ही प्रीमैच्योर विड्रॉल किया जा सकता है।
GST और मेकिंग चार्ज से छूट : फिजिकल गोल्ड की तरह जीएसटी और मेकिंग चार्ज से छुट्टी।
स्टोरेज की समस्या से मुक्ति: स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना डिजिटल गोल्ड की रख रखाव की समस्या से भी जूझना नहीं पड़ता है
कहां और कैसे मिलेगा
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में एक वित्तीय वर्ष में एक व्यक्ति अधिकतम 500 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है। वहीं न्यूनतम निवेश एक ग्राम का होना जरूरी है। इस स्कीम में निवेश करने पर आप टैक्स बचा सकते हैं। बॉन्ड को ट्रस्टी व्यक्तियों, HUF, ट्रस्ट, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थानों स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना को बिक्री के लिए प्रतिबंधित किया जाएगा. वहीं ग्राहकी की अधिकतम सीमा 4 किलोग्राम प्रति व्यक्ति, एचयूएफ के लिए 4 किलोग्राम और ट्रस्टों के लिए 20 किलोग्राम और प्रति वित्तीय वर्ष (अप्रैल-मार्च) समान होगी।
सस्ता सरकारी सोना खरीदने का आखिरी मौका, बचे हैं केवल 5 दिन
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 : यदि आप एसजीबी को पांच से आठ साल के बीच भुनाते हैं, तो लाभ को लांग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है. इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ इस पर 20.8 फीसदी (उपकर सहित) टैक्स लगाया जाता है.
Sovereign Gold Bond Scheme 2022-23 की अगली किश्त आज पांच दिनों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गई है. सोने का इश्यू प्राइस (Sovereign Gold Bond Issue Price) 5,409 रुपये प्रति ग्राम तय किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना of India) भारत सरकार की ओर से बांड जारी करता है. खास बात ये है कि आरबीआई की ओर से जारी हुए गोल्ड बांड में निवेश करने का इस साल ये आखिरी मौका है. फिर अगले साल मार्च में ही मौका मिलेगा. अगर आप भी निवेश करना चाहते हैं तो आज से 5 दिनों तक मौका है.
आप एसजीबी कहां से खरीद सकते हैं?
SGB को अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को छोड़कर), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL), नामित डाकघरों और स्टॉक एक्सचेंजों एनएसई और बीएसई के माध्यम से बेचा जाएगा.
ऑनलाइन खरीदारों के लिए छूट
भारत सरकार ने, भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, ऑनलाइन आवेदन करने वाले और डिजिटल मोड के माध्यम से भुगतान करने वाले निवेशकों को 50 प्रति ग्राम की छूट देने का फैसला लिया है. आरबीआई के अनुसार ऐसे निवेशकों के लिए गोल्ड बॉन्ड का इश्यू प्राइस 5,359 रुपए प्रति ग्राम सोना होगा.’
SGB खरीदने का अगला मौका
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) 2022-23 सीरीज IV 06-10 मार्च, 2023 के दौरान सब्सक्रिप्शन के लिए खुलेगा.
गोल्ड बांड की अवधि
बॉन्ड की अवधि आठ साल की होगी, जिसमें 5वें साल के बाद समय से पहले भुनाने का विकल्प होगा, जिस तारीख को ब्याज देय होगा.
आपको एसजीबी में निवेश क्यों करना चाहिए?
एक्सपर्ट के अनुसार फिजिकल गोल्ड या डिजिटल गोल्ड में निवेश करने की तुलना में एसजीबी में निवेश करना बेहतर विकल्प माना जाता है. यह योजना भारत सरकार द्वारा समर्थित है और आरबीआई द्वारा रेगुलेट होती है. निवेशकों को प्रत्येक छमाही में 2.50 फीसदी प्रति वर्ष की निश्चित दर से रिटर्न मिलता है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड्स (SGBs) पर टैक्स
SGB के अलग-अलग टैक्सेशन नियम हैं. एसजीबी से होने वाला कैपिटल गेन मैच्योरिटी के समय टैक्स फ्री होता है. हालांकि, निवेशक पांच साल के बाद समय से पहले एसजीबी को रिडीम कर सकते हैं. यदि आप एसजीबी को पांच से आठ साल के बीच भुनाते हैं, तो लाभ को लांग टर्म कैपिटल गेन स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना माना जाता है. इंडेक्सेशन बेनिफिट के साथ इस पर 20.8 फीसदी (उपकर सहित) टैक्स लगाया जाता है.
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निवेशक स्टॉक एक्सचेंज पर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद और बेच सकते स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना स्टॉक और बॉन्ड के साथ काम करना हैं. यदि एसजीबी को तीन साल से पहले बेचा जाता है, तो पूंजीगत लाभ निवेशक की आय में जोड़ा जाता है और लागू आयकर स्लैब के आधार पर कर लगाया जाता है. इसके अलावा, तीन साल के बाद स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी बेचने पर निवेशकों द्वारा अर्जित पूंजीगत लाभ लंबी अवधि के होते हैं और इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 फीसदी पर कर लगाया जाता है.
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