मल्टीबैगर और पेनी स्टॉक से आपको भी बेहतर रिटर्न चाहिए, अपनानी होगी ऐसी रणनीति
Stock Market Investment चालाक इन्वेस्टर आपकी समय सीमा रिस्क सहनशीलता और उद्देश्य बेहतर स्टॉक खोजने में हेल्प कर सकते हैं। हर समय हो रहे आर्थिक एक्टिविटी पर नजर रखना चाहिए और अपने आंख और कान को हमेशा खुले रखना चाहिए
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के दौर में अक्सर आप सुनते होंगे कि कैसे बेहद ही सस्ते स्टॉक ने एक साल में इन्वेस्टर को लाखों रुपये का रिटर्न दिया हैं। वहीं, किसी स्टॉक में एक लाख रुपए से 50 -60 लाख रुपए तक का भी रिटर्न मिला है।आपके मन में ये सवाल आता होगा कि आखिर ऐसे स्टॉक को लोग कैसे चुनते हैं ? वहीं, कंपनी की कौन सी बातें को देखकर इन्वेस्टर इसमें अपना पैसा लगने के बारे में सोचते हैं। साथ ही, उन स्टॉक्स में कुछ ऐसे स्टॉक हैं जो इन्वेस्टर के लिए बड़ा फायदेमंद साबित भी होता है। शेयर खरीदने के लिए सही प्राइस को कैसे पहचानते हैं? ऐसे हर सवाल निवेशक को अक्सर हैरान कर देते हैं।
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चालाक इन्वेस्टर, आपकी समय सीमा, रिस्क सहनशीलता और उद्देश्य बेहतर स्टॉक खोजने में हेल्प कर सकते हैं। हर समय हो रहे आर्थिक एक्टिविटी पर नजर रखना चाहिए और अपने आंख और कान को हमेशा खुले रखना चाहिए। साथ ही, अंडरवैल्यूड स्टॉक की पहचान करना शामिल है जो किसी भी वजह से अपनी वैल्यू से काफी कम प्राइस पर होगा। इसके अलावा अच्छे स्टॉक चुनने का एक बेहतरीन तरीका है कि आप इकॉनमी के हालात पर नजर बनाए रखें। फ्यूचर में होने वाले टेक्नोलॉजी या इंडस्ट्री के बारे में रिसर्च करे और पुरी जानकारी रखें। ट्रेंड से बाहर हो रहे इंडस्ट्री में अपना पैसा लगाने से बचना चाहिए।
डिविडेंड यील्ड
ज़्यादतर इन्वेस्टर डिविडेंड यील्ड को नजरंदाज करते हैं। वहीं, अगर कोई कंपनी के डिविडेंड पेमेंट क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं की दर उनके प्रतिस्पर्धियों से ज्यादा होता है, तो यह सिर्फ संकेत है कि स्टॉक्स अंडरवैल्यूड हो सकता हैं। सोचें अगर कंपनी फांनैशियल रूप से अस्थिर नहीं है और फ्यूचर में कोई रिस्क नहीं तो शेयर की प्राइस में बढ़ोतरी होने की उम्मीद हैं।
P/E का कम अनुपात
आपको बता दें कि P/E से स्टॉक के मौजूदा शेयर प्राइस के रूप में की जाती है। PE अनुपात इन्वेस्टर के लिए इन्वेस्टमेंट निर्णयों को आधार बनाने के लिए एक प्रभावी निर्धारण कारक रहा है। अगर PE अनुपात ज्यादा होता है तो इन्वेस्टर यह मानते हैं कि स्टॉक ओवरवैल्यूड है और शेयरों को बेचना या खरीदने से बचना चाहिए। वहीं, अगर शेयर का अंडरवैल्यूड होत है तो इन्वेस्टर उन्हें अयोग्य मूल्य का दोहन होने पर प्रॉफ़िट का दावा करने के लिए कम दरों पर खरीद लेते हैं।
प्राइस/आय ग्रोथ (PEG) का कम अनुपात
P/E की तुलना में PEG को अधिक सटीक माना जाता है। PEG एक स्टॉक की प्राइस, प्रति शेयर आय और कई पैरामीटर पर उनका एनालिसिस करने का टूल है। अगर अनुपात 1 से कम है (उदाहरण के लिए, 10 का P/E और 15% की अनुमानित वृद्धि, तो हमें PEG अनुपात 0.66, तो यह अच्छा है)। साथ ही, इस बात को ध्यान में रखें है कि ये भी अनुमानित हो सकता है।
मार्केट-टू-बुक रेशियो
मार्केट टू बुक रेशियो (Market to book ratio) को प्राइस टू बुक रेशियो भी कहा जाता है। एक फाइनेंशियल वैल्यूएशन मेट्रिक है जिसका इस्तेमाल कंपनी के बुक वैल्यू को मौजूदा मार्केट वैल्यू का एनालिसिस करने के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल किसी फर्म की मार्केट कैपिटलाइजेशन की उसकी बुक वैल्यू के साथ तुलना करने के लिए होता है। P/B रेशियो किसी कंपनी की मार्केट वैल्युएशन की माप और उसकी बुक वैल्यू की तुलना में माप करता है। किसी इक्विटी की मार्केट वैल्यू पारंपरिक रूप से कंपनी की बुक वैल्यू से ज्यादा होती है। P/B रेशियो क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं का उपयोग वैल्यू इन्वेस्टरों द्वारा निवेशों की पहचान करने के लिए किया जाता है। 1 से नीचे के P/B Ratio बहतेर निवेश समझे जाते हैं।
हालांकि आपको इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं केवल ये मेट्रिक्स ही सभी पैरामीटर नहीं होते हैं। लेकिन आपको ये स्टॉक का एनालिसिस करने में मददगार साबित हो सकते हैं । किसी कंपनी के बारे में बेहतर रिसर्च आपको मल्टीबैगर स्टॉक चुनने में हेल्प करेगा और आपको बेहतर रिटर्न दिलवाने के लिए मददगार साबित होगा।
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प्रेगनेंसी की जटिलताओं के कारण बढ़ जाता है Heart Disease का खतरा
प्रेगनेंसी के दौरान हुई जटिलताओं और समय से पहले मेनोपॉज शुरू हो जाने की वजह से बड़ी संख्या में महिलाओं को आगे चलकर हृदय रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है. एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है.
- प्रेगनेंसी कॉम्प्लिकेशन के कारण हृदय रोग का खतरा
- समय से पहले मेनोपॉज शुरू होना भी नुकसानदेह
- महिलाओं में समय से नहीं होता हाई बीपी का इलाज
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नई दिल्ली: वैसे तो हर गर्भवती महिला यही चाहती है कि उसकी प्रेगनेंसी में किसी तरह की कोई दिक्कत या जटिलता (Complication) न हो. लेकिन कई बार गर्भावस्था (Pregnancy) के दौरान महिला को प्री-एक्लेम्प्सिया (Pre-eclampsia) या जेस्टेशनल डायबिटीज (Gestational Diabetes) जैसी दिक्कतें हो जाती हैं जिसका महिला की सेहत पर बुरा असर पड़ता है और भविष्य में आगे चलकर कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं.
समय से पहले मेनोपॉज भी हार्ट डिजीज का है कारण
एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि अगर प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की जटिलता का सामना करना पड़े या फिर अगर किसी महिला को उम्र से पहले ही मेनोपॉज (Menopause) शुरू हो जाए तो इन दोनों ही वजहों से महिला को भविष्य में हृदय रोग (Heart Disease) होने का खतरा काफी बढ़ जाता है. इस स्टडी को यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित किया गया है. इस स्टडी में हृदय रोग विशेषज्ञ (Cardiologist), स्त्री रोग विशेषज्ञ (Gynaecologist) और एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (Endocrinologist) भी शामिल थे और सभी ने मिलकर यह सुझाव दिया कि किस तरह से मिडिल एज महिलाओं में हार्ट प्रॉब्लम्स को कम किया जा सकता है.
50% महिलाओं को 60 साल से पहले ही हाई बीपी
इस स्टडी में बताया गया कि दुनियाभर की करीब 50 प्रतिशत महिलाओं में 60 की उम्र से पहले ही हाई ब्लड प्रेशर की समस्या विकसित हो जाती है लेकिन उसके जो लक्षण महिलाओं में नजर आते हैं जैसे- घबराहट, कंपकंपी या हॉट फ्लशेज उन्हें मेनोपॉज का संकेत मान लिया जाता है. यही कारण है कि पुरुषों में हाई बीपी को हाइपरटेंशन कहा जाता है लेकिन महिलाओं में इसे स्ट्रेस क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं या मेनोपॉज के लक्षण के तौर पर देखा जाता है.
महिलाओं में हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का रिस्क
नीदरलैंड्स के रैडबोड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर स्थित वीमेन्स कार्डिएक हेल्थ प्रोग्राम की डायरेक्टर प्रोफेसर ऐन्जेला मास कहती हैं, 'पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ब्लड प्रेशर का इलाज कम ही हो पाता है जिसकी वजह से महिलाओं में हृदय संबंधित कई बीमारियों जैसे- ऐट्रिअल फाइब्रिलेशन, हार्ट फेलियर और स्ट्रोक का खतरा क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं बढ़ जाता है. ये ऐसी बीमारियां हैं जिन्हें होने से रोका जा सकता है.'
जिन महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान प्री-एक्लेम्प्सिया हो जाता है उनमें हार्ट फेलियर और हाइपरटेंशन का खतरा 4 गुना अधिक होता है और स्ट्रोक का खतरा दोगुना. तो वहीं जिन महिलाओं में 40 की उम्र से पहले ही मेनोपॉज शुरू हो जाता है उनमें भी कार्डिवस्कुलर डिजीज का खतरा अधिक होता है.
क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं
भोपाल(ईन्यूजएमपी)- प्रदेश में कोविड के नए वैरिएंट का अलर्ट जारी करने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इससे निपटने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। इसके लिए सभी जिलों के CMHO को सर्विलांस सैंपलिंग और पॉजिटिव मरीजों के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं, ताकि कोविड आउटब्रेक होने पर मरीजों को इलाज के लिए परेशान न होना पड़े।
कोविड हेल्थ बुलेटिन के अनुसार गुरुवार को प्रदेश में कोरोना का एक भी नया मरीज नहीं मिला है। बुधवार शाम कोरोना के लक्षण वाले 100 संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। सभी की रिपोर्ट निगेटिव आई है। इसके अलावा 9 सैंपल लैब से रिजेक्ट किए गए हैं। इसके चलते सभी 9 कोविड संदिग्ध मरीजों के सैंपल जांच के लिए दोबारा लिए जाएंगे।
कोविड के नए वैरिएंट BF.7 के अलर्ट के बीच भोपाल में गुरुवार को कोरोना जांच के लिए 95 सैंपल लिए गए। यह सैंपल गांधी मेडिकल कॉलेज, एम्स और दूसरे लैब भेजे गए हैं। सभी की जांच रिपोर्ट शुक्रवार को आएगी।
CMHO डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि पिछले दो सप्ताह में मिले 3 कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैंपल जीनोम टेस्ट के लिए एम्स भोपाल भेजे हैं। जांच रिपोर्ट अगले सप्ताह आएगी।
भोपाल में गुरुवार को एक कोरोना पॉजिटिव मरीज की रिपोर्ट निगेटिव आने पर उसे होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज कर दिया गया। इससे भोपाल में कोविड एक्टिव केस की संख्या 3 से घटकर 2 और प्रदेश में 7 से घटकर 6 हो गई है। इसकी पुष्टि स्वास्थ्य संचालनालय के एक सीनियर अफसर ने की है।
इंदौर में भी तैयारी, अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट चलाकर देखे
कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार ने जांच की गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत हाई रिस्क ग्रुप के लोगों की जांच के लिए कहा गया है। कोविड प्रभावित देशों से आने वाले यात्रियों की जांच भी करने के निर्देश दिए गए हैं। आपातकालीन स्थिति में जांच के लिए रैपिड किट का इस्तेमाल करने की भी अनुमति दे दी गई है। उधर, MGM मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों ने सरकारी अस्पतालों के ऑक्सीजन प्लांट्स को चलाकर देखा। संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा ने भी कॉलेज में डॉक्टरों से बात की। उन्होंने डॉक्टरों से जीनोम सीक्वेंसिंग मशीन को जल्द शुरू करने के लिए कहा। IMA के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. सतीश जोशी कहते हैं, लोग प्रिकॉशन डोज नहीं लगवा रहे हैं। लोगों को इसे जल्द से जल्द लगवाना चाहिए।
जांच संबंधी गाइडलाइन जारी
स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े द्वारा कलेक्टर और CMHO के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार संक्रमित के संपर्क में आने वाले 60 से अधिक उम्र के बुजुर्ग, जिन्हें पूर्व से शुगर, बीपी, कैंसर हो और सर्दी-जुकाम के लक्षण भी हो तो जांच करवाई जाए। यानी हाई रिस्क ग्रुप वालों की ही जांच करना है।
कई जिला कलेक्टर द्वारा कोरोना को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी गई है लोगों को भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने के निर्देश बार-बार हाथ धोने और सैटायर उपयोग करने की सलाह दी गई है।
BF.7 वैरिएंट कितना खतरनाक है, शुरुआती लक्षण क्या हैं?
कोविड के नए वैरिएंट BF.7 के संक्रमण की शुरुआत सामान्य छींक, सर्दी, खांसी और बुखार (वायरल फीवर के लक्षण) से होगी। लेकिन, 4 - 5 दिन में ही नए स्ट्रेन का वायरस संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों तक को संक्रमित कर रहा है। नतीजतन कोविड के BF.7 स्ट्रेन वाले वायरस से संक्रमित व्यक्ति 6 से 8 दिन में गंभीर हालत में पहुंच रहा है। नए स्ट्रेन से संक्रमित होने का पता सेकेंड स्टेज में चल रहा है। इस वजह से चीन में BF.7 स्ट्रेन संक्रमित अधिकांश मरीजों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ रही है।
कोविड के अब तक के स्ट्रेन की तुलना में नए स्ट्रेन का ट्रांसमिशन रेट ज्यादा है?
कोविड के पुराने स्ट्रेन की तुलना में इसका ट्रांसमिशन रेट काफी ज्यादा है। कोविड के जितने भी पुराने स्ट्रेन थे, वह अधिकतम 6 से 8 लोगों को संक्रमित करते थे। लेकिन, कोविड के BF.7 स्ट्रेन संक्रमित व्यक्ति , संपर्क में आए 12 से 16 लोगों को संक्रमित कर सकता है।
छींक, सर्दी, खांसी और बुखार की शिकायत होने पर कोविड टेस्ट कराएं। वायरल फीवर और कोविड, दोनों के लक्षण एक जैसे हैं। इसलिए संभव है कि कोविड की रिपोर्ट निगेटिव आए। बावजूद इसके जब तक सर्दी, खांसी, बुखार और छींक आने की परेशानी पूरी तरह से ठीक न हो जाए। भीड़ वाले स्थानों पर जाने से बचें।
क्या नए वैरिएंट की जांच के लिए नई टेस्ट किट की जरूरत होगी?
नहीं। कोविड के नए वैरिएंट की जांच ICMR अप्रूव्ड एंटीजन और RTPCR टेस्ट किट से की जा सकेगी। नया स्ट्रेन पुरानी किट से डिटेक्ट हो रहा है।
कोविड के BF.7 स्ट्रेन से संक्रमित होने का खतरा किसे ज्यादा है?
देश में 90% वयस्क कोविड का टीका लगवा चुके हैं। इनमें कोविड की एंटीबॉडी मौजूद है। लेकिन, एंटीबॉडी किस लेवल की है? यह किसी को पता नहीं है। 12 साल से कम उम्र के बच्चों को इसके संक्रमण का खतरा ज्यादा है। इसकी वजह बच्चों को किसी भी प्रकार की कोई भी कोविड का टीका नहीं लगना है।
Yes Bank Share: 10 दिन में 25% टुटा Yes Bank का शेयर, क्या यही है खरीदने का अच्छा मौका, जानिए कितनी है टारगेट प्राइस
नई दिल्ली : Yes Bank Share: 10 दिन में 25% टुटा Yes Bank का शेयर, क्या यही है खरीदने का अच्छा मौका, जानिए कितनी है टारगेट प्राइस, यस बैंक के शेयर की कीमत में बीते कुछ दिनों से गिरावट देखने को मिल रही है। 24.75 रुपये के 52 वीक हाई पर पहुंचने के बाद यह शेयर 25 फीसदी टूट चुका है। यह शेयर 13 दिसंबर को अपने 52 वीक हाई पर पहुंचा था। इस तरह सिर्फ दस दिन में ही यह शेयर 25 फीसदी टूट गया। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में यह शेयर बीएसई पर 4.49 फीसदी या 0.85 रुपये की गिरावट के साथ 18.10 पर ट्रेड करता दिखा। एक्सपर्ट्स के क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं अनुसार यस बैंक के शेयर में यह गिरावट खरीदारी का एक अच्छा मौका लेकर आई है। कमजोर बाजार सेंटिमेंट के चलते गिरे इस शेयर में हाई रिस्क ट्रेडर्स और इन्वेस्टर्स कमाई का मौका ढूंढ सकते हैं। टेक्निकल चार्ट्स को देखते हुए इस शेयर के लिए एक्सपर्ट संभावित टार्गेट (Yes Bank Share Target) 32-49-70 रुपये का दे रहे है।
साल 2022 में लगभग 40 फीसदी ऊपर आया शेयर (In the year 2022, the share came up by about 40 percent.)
यस बैंक ने इस साल अपना कुछ नुकसान कम करने की कोशिश की है। साल 2022 में यह शेयर करीब 40 फीसदी ऊपर आया है। टेक्निकल चार्ट पैटर्न यह बताता है कि शेयर में तेजी अभी पूरी नहीं हुई है। बैंकिंग स्पेस में जिस तरह का रुझान है, उसे देखते हुए यह शेयर अगले 6 से 12 महीने में 32-49-70 रुपये तक जा सकता है। यह शेयर पिछले छह महीने में 50 फीसदी उछला है। इसी उछाल के चलते इसने दिसंबर में 52 हफ्ते का उच्च स्तर दर्ज किया। हालांकि, मौजूदा बाजार स्थिति के चलते इसमें मुनाफावसूली दिखी है। ट्रेडर्स 18 से 20 रुपये की कीमत पर इस शेयर को 6-12 महीने में 49-70 रुपये के टार्गेट के लिए खरीद सकते हैं। अधिकतर टेक्निकल इंडिकेटर्स यस बैंक के शेयर के लिए तेजी का संकेत दे रहे हैं।
शेयर को 18-20 रुपये में खरीदने का अच्छा मौका (Good opportunity to buy the stock at Rs 18-20)
वेंचुरा सिक्युरिटीज के प्रेसिडेंट (टेक्निकल रिसर्च) भारत गाला ने कहा, ‘यस बैंक शेयर की कीमत ने एक केल्टनर चैनल ब्रेकआउट दिया और 24.75 का हाई बनाया। यह चैनल्स ऊपर की ओर ट्रेड करने लगे हैं।’ केल्टनर चैनल्स एक ट्रेंड को फॉलो करने वाला इंडिकेटर है। जिसका इस्तेमाल चैनल ब्रेकआउट और चैनल डायरेक्शन के साथ रिवर्सल की पहचान करने के लिए किया जाता है। गाला ने कहा कि संकेतक एक संभावित अपट्रेंड का संकेत दे रहे हैं। संभावित टार्गेट 32-49-70 है। गाला ने कहा कि शेयर को 16 रुपये के स्टॉप लॉस के साथ 18-20 रुपये की कीमत में खरीदा जा सकता है।
एक्सपर्ट्स के हिसाब से पिछले कुछ वर्षों में यस बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार आया है (According to experts, Yes Bank has improved its financial position in the last few years.)
एक्सपर्ट्स का कहना है पिछले कुछ वर्षों में यस बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार लेकर आया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस समय यस बैंक का शेयर अपने लोअर सपोर्ट 18 रुपये के करीब है। 18 से 19 रुपये के बीच यह शेयर हाई रिस्क इन्वेस्टर्स के लिए एक्युमुलेशन जोन में है। एक्सपर्ट्स इस शेयर के लिए 34 रुपये का मीडियम टर्म टार्गेट दे रहे हैं। यस बैंक ने दो साल कंसोलिडेट रहने के बाद 20 रुपये का लेवल क्रॉस किया है। यह निवेशकों के लिए एक अच्छा संकेत है। वहीं, 25 रुपये एक महत्वपूर्ण बैरियर है, जहां मुनाफावसूली देखने को मिलती है।
बैंकिंग शेयर अच्छा कर रहे परफॉर्म (banking stocks doing well)
बैंकिंग शेयरों ने पिछले कुछ महीनें में अच्छा परफॉर्म किया है। मिड साइज के बैंकों में भी अच्छा खरीदारी रुझान देखने को मिला है। इस सेक्टर में यस बैंक ने क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं एक शार्प अपसाइड मूव देखा है। वहीं, अगर हम चार्ट को देखें तो शेयर अगस्त 2022 से 15.50 से 18 रुपये की रेंज में कंसोलिडेट कर रहा है।
जानिए क्या कह रहे चार्ट(Know what the charts are saying)
कीमत के मोर्चे पर देखें तो शेयर प्राइस 5 और 10 डीएमए से नीचे ट्रेड कर रहा है। जबकि यह अभी भी 20, 30, 50, 100 और 200 डीएमए के ऊपर ट्रेड कर रहा है। रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 54.4 पर है। 30 से नीचे का आरएसआई ओवरसोल्ड का संकेत देता है और 70 से ऊपर का आरएसआई ओवरबॉट का संकेत देता है। एमएसीडी सेंटर और सिग्नल लाइन से ऊपर है। यह भी तेजी का संकेत दे रहा है।
404 रुपये से गिरना हुआ था शुरू(The fall started from Rs 404)
यस बैंक के शेयर की कीमत ने अगस्त 2018 में 404 रुपये की कीमत से गिरना शुरू किया था। गिरते-गिरते इस शेयर की कीमत मार्च 2020 में 5.55 रुपये पर आ गई थी। इसके बाद दिसंबर 2020 में क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं इसमें रिकवरी आई और कीमत 20.83 रुपये पर पहुंची। इसके बाद से यह शेयर मार्च 2021 से नवंबर 2022 के बीच 10 से 18 रुपये की रेंज में ट्रेड करता रहा।
Post Office की शानदार योजना केवल 50 रुपये का करें निवेश, 35 लाख रुपये मिलेंगे, जानें कैसे
Post Office Gram Suraksha Yojana Review In Hindi : यदि आप Post Office की Gram Suraksha Yojana में प्रतिदिन मात्र 50 रुपये जमा करते हैं तो आने वाले समय में आपको 35 लाख रुपये का लाभ मिल सकता है। आइए जानते हैं इस योजना के बारे में विस्तार से।
Post Office Scheme: डाकघर में किया क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं गया निवेश सुरक्षित निवेश माना जाता है। दरअसल, आमतौर पर किसी भी निवेश से जुड़ा एक रिस्क फैक्टर होता है। लेकिन, कलाई लेने की क्षमता हर किसी में नहीं होती। ऐसे में ऐसी जगह निवेश करें जहां आपका पैसा सुरक्षित हो और आपको जीरो रिस्क के साथ बेहतर रिटर्न मिले। अगर आप भी ऐसा निवेश चाहते हैं जहां अच्छा मुनाफा भी हो तो Post Office आपके लिए बेहतर क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं है।
Key Highlights;- Post Office Gram Suraksha Yojana
योजना का नाम | सम्पूर्ण जीवन बीमा Gram Suraksha Yojana |
योजना से सम्बन्धित विभाग | भारतीय डाक घर ( इंडियनपोस्ट) |
योजना के लाभार्थी | देश में ग्रामीण क्षेत्र के सभी नागरिक |
योजना के माध्यम से मिलने बोनस | 1000 रूपये में बोनस मिलेगा |
न्युनतम निवेश | 10000 रूपये |
अधिकतम निवेश | 10,00,000 रूपये |
अधिकारिक वेबसाइट | indiapost.gov.in |
35 लाख रुपये का बंपर रिटर्न!
Post Office की छोटी बचत योजनाएं आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प हो सकती हैं। इसमें रिस्क फैक्टर भी कम होता है और साथ ही रिटर्न भी अच्छा होता है। आइए हम आपको एक ऐसा निवेश बताते हैं जिसमें जोखिम न के बराबर हो और रिटर्न भी अच्छा हो। हम बात कर रहे हैं डाकघर की ‘Gram Suraksha Yojana’ की।
इंडिया पोस्ट द्वारा पेश किया गया यह प्रोटेक्शन प्लान एक ऐसा विकल्प है जिसमें आप कम जोखिम के साथ अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना में आपको हर महीने 1500 रुपये जमा करने होंगे। इस राशि को नियमित रूप से जमा करने से आने वाले समय में आपको 31 से 35 लाख का लाभ मिलेगा।
जानिए निवेश के नियम
- 19 से 55 वर्ष की आयु के बीच का क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं कोई भी भारतीय नागरिक इस योजना में निवेश कर सकता है।
- इस योजना के तहत न्यूनतम बीमा राशि 10,000 रुपये से 10 लाख रुपये तक हो सकती है।
- इस योजना का प्रीमियम भुगतान मासिक, त्रैमासिक, अर्धवार्षिक या वार्षिक किया जा सकता है।
- प्रीमियम का भुगतान करने पर आपको 30 दिनों की छूट मिलती है।
- आप इस योजना पर ऋण भी ले सकते हैं।
- इस योजना को लेने क्या फ्यूचर्स हाई रिस्क हैं के 3 साल बाद आप इसे सरेंडर भी कर सकते हैं। लेकिन ऐसी स्थिति में आपको कोई फायदा नहीं होगा।
कितना होगा फायदा?
मान लीजिए कि कोई व्यक्ति 19 साल की उम्र में इस योजना में निवेश करता है और 10 लाख रुपये की पॉलिसी खरीदता है, तो उसका मासिक प्रीमियम 55 साल के लिए 1515 रुपये, 58 साल के लिए 1463 रुपये और 60 साल के लिए 1411 रुपये होगा। ऐसे में पॉलिसी खरीदार को 55 साल के लिए 31.60 लाख रुपये, 58 साल के लिए 33.40 लाख रुपये और 60 साल के लिए 34.60 लाख रुपये का मैच्योरिटी बेनिफिट मिलेगा।
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