आ गए साल 2023 में मोटी कमाई कराने वाले 7 बेस्ट शेयर, क्यों और क्या करना होगा, जानिए सभी काम की बातें

Stock Picks for 2023 India : HDFC सिक्योरिटीज ने साल 2023 के लिए अपनी टॉप पिक्स जारी है. आइए आपको विस्तार से बताते हैं.

2023: HDFC सिक्योरिटीज की टॉप पिक्स में ACC पहला शेयर है. यहऊपरी स्तरों से 12% नीचे आ गया है.
अडानी के खरीदने का फायदा मिलेगा. लागत में कमी आ सकती है. नई क्षमता विस्तार का असर 2023 में दिखेगा.

दूसरा शेयर भारत फोर्ज कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है है. डिफेंस,फोर्जिंग में बड़े ऑर्डर मिले हैं. कुल `240 करोड़ की क्षमता विस्तार का फायदा मिलेगा. एयरोस्पेस कारोबार में 400-1000 करोड़ आय हो सकती है.

तीसरा शेयर चेन्नई पेट्रो है. यह ऊंचाई से 53% गिर चुका है. लिहाजा वैल्यूएशन काफी आकर्षक हो गई है. रिफाइनिंग मार्जिन में सुधार हो रहा है. 31580 करोड़ के कैपेक्स से फायदा भी कंपनी को मिलेगा.

चौथा शेयर IOC है. ऊपरी स्तरों से 20% गिर चुका है. अब ये शेयर काफी सस्ता है. डिविडेंड यील्ड करीब 11% है यानी कंपनी अच्छा डिविडेंड देती है. देश की कुल 32% रिफाइनरी क्षमता कंपनी के पास है. पानीपत, गुजरात रिफाइनरी की क्षमता विस्तार कर रही है. लिहाजा आमदनी बढ़ेगी. जिसका असर शेयर पर दिखेगा.

पांचवां शेयर L&T है. कंपनी की कुल ऑर्डरबुक 3.72 लाख करोड़ की है. अगले 2-3 साल में कर्ज 5000 करोड़ घटाने का लक्ष्य है. सब्सीडियरी के बेहतर प्रदर्शन का अनुमान है. लिहाजा अगले साल मोटी कमाई का मौका है.

लिस्ट में छठा शेयर SBI का है. यह देश का सबसे बड़ा और भरोसेमंद बैंक है. NPA में कमी, CASA में सुधार जारी रहेगा. लिहाजा अगले साल भी शेयर में मोटी कमाई का मौका मिलेगा.

लिस्ट का आखिरी शेयर है PNC इंफ्रा. शेयर ऊपरी स्तर से 15% नीचे आ गया है. ऐसे में शेयर काफी आकर्षक लग रहा है. मौजूदा ऑर्डरबुक 19200 करोड़ रुपये है. FY23 में 8000-10000 करोड़ के नये ऑर्डर मि लने की उम्मीद है. नये प्रोजेक्ट के मोनेटाइजेशन से फायदा

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तेल कंपनियों से 19 हजार करोड़ क्‍यों मांग रही सरकार? आसान भाषा में समझें

आर्थिक सुस्‍ती के बीच केंद्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से 19,000 करोड़ रुपये का डिविडेंड मांग रही है.

सरकार 19,000 करोड़ रुपये मांग रही है

दीपक कुमार

  • नई दिल्‍ली,
  • 15 जनवरी 2020,
  • (अपडेटेड 15 जनवरी 2020, 4:43 PM IST)
  • सार्वजनिक तेल कंपनियों से 19,000 करोड़ मांग रही केंद्र सरकार
  • ONGC और इंडियन ऑयल को देनी हाेगी सबसे अधिक रकम

बीते कुछ समय से देश में आर्थिक सुस्‍ती का माहौल है. इस माहौल से निकलने के लिए सरकार की ओर से तरह-तरह के प्रयास किए जा रहे हैं. हाल ही में ऐसी खबरें आईं कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 45 हजार करोड़ की मदद मांग सकती है.

अब इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से 19,000 करोड़ रुपये के डिविडेंड (लाभांश) की मांग की है. यह सरकार की ओर से डिविडेंड के तौर पर कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है मांगी गई अब तक की सबसे बड़ी रकम है. ऐसे में आपके मन में ये सवाल होगा कि आखिर डिविडेंड क्‍या है और क्‍यों सरकार तेल कंपनियों से इसकी मांग कर रही है.आइए जानते हैं.

क्‍या होता है डिविडेंड?

डिविडेंड यानी लाभांश का मतलब अपने ''सहयोगी'' के साथ मुनाफा साझा करना होता है. शेयर मार्केट की भाषा में ''सहयोगी'' का मतलब शेयर होल्‍डर से है. कंपनियां अपने शेयर होल्‍डर को समय-समय पर अपने मुनाफे का कुछ हिस्सा देती रहती हैं. मुनाफे का यह हिस्सा वे शेयर होल्‍डर को डिविडेंड के रूप में देती हैं. डिविडेंड देने का फैसला कंपनी की बोर्ड मीटिंग में लिया जाता है. यह पूरी तरह कंपनी के फैसले पर निर्भर करता है.

सरकार क्‍यों मांगती है डिविडेंड?

जिन कंपनियों यानी पीएसयू में सरकार की हिस्‍सेदारी होती है उसमें वह बेहिचक डिविडेंड की मांग करती है. वहीं पीएसयू कंपनियां भी अपने मुनाफे को ध्‍यान में रखकर सरकार को डिविडेंड देती हैं. लेकिन अब केंद्र सरकार तेल कंपनियों से डिविडेंड के तौर पर 19 हजार करोड़ रुपये की मांग कर रही है. तेल कंपनी कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है ONGC और इंडियन ऑयल से तो ये तक कहा गया है कि वे इस कुल रकम में से करीब 60 फीसदी यानी 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक की राशि दें.

इकोनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट की मानें तो ONGC को करीब 6,500 करोड़ रुपये, इंडियन ऑयल को 5,500 करोड़, BPCL को 2,500 करोड़, GAIL को 2,000 करोड़, ऑयल इंडिया को 1,500 करोड़ और इंजीनियर्स इंडिया को 1,000 करोड़ रुपये बतौर डिविडेंड सरकार को देने पड़ सकते हैं.

दिक्‍कत क्‍या है?

कोई कंपनी कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है डिविडेंड तब ही जारी करती है जब वह मुनाफे में होती है. लेकिन बीते कुछ समय से तेल कंपनियों की हालत ठीक नहीं है, यही वजह है कि वह डिविडेंड की इतनी बड़ी रकम देने के लिए तैयार नहीं हैं. कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि इतनी बड़ी डिमांड करते समय यह भी तो देखा जाना चाहिए कि कंपनियों की प्रॉफिटेबिलिटी पिछले साल जितनी नहीं है. जाहिर सी बात है कि अधिकारी तेल कंपनियों की माली हालत की ओर इशारा कर रहे हैं.

अभी सरकार को क्‍यों जरूरत पड़ी?

दरअसल, सरकार के लिए चालू वित्त वर्ष काफी मुश्किल नजर आ रहा है. इस साल आर्थिक सुस्ती के चलते विकास दर 11 साल के सबसे निचले स्तर (पांच फीसदी) पर रह सकती है. वहीं सरकार करीब 19.6 लाख करोड़ रुपये राजस्व की कमी से जूझ रही है. जीएसटी और टैक्‍स कलेक्‍शन भी उम्‍मीद के मुताबिक नहीं हो सका है.

आरबीआई से भी मांगने की तैयारी

बीते दिनों न्‍यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर में बताया गया था कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 45 हजार करोड़ की मदद मांग सकती है. बता दें कि रिजर्व बैंक ने केंद्र को लाभांश (डिविडेंड) के तौर पर 1.76 लाख करोड़ रुपये देने की बात कही थी. इस रकम में से चालू वित्त वर्ष (2019-20) के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये दिए गए थे.

JNU Times

Dividend क्या होता है, जानें लाभांश के बारे में नियम

जब कंपनी अपने profit का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ शेयर करती है, उसे dividend कहते है। वर्तमान में भारत में 10 लाख तक के dividend पर शेयर होल्डर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।

Dividend rules शेयर मार्केट में लाभांश से संबंधित नियम

  • अपने share holders को डिविडेंड देना किसी भी कंपनी के लिए अनिवार्य नही होता है।
  • अगर कोई कंपनी हर बार अपने लाभांश का हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ बांट रही है तो आपको इसकी गारंटी नही है की वो आगे भी dividend देगी।
  • Dividend देने से संबंधित सभी अधिकार कंपनी के Board of directors के पास होते है।
  • आपने देखा होगा छोटी कंपनी बहुत कम ही dividend देती है क्योंकि अभी उन्हें और ग्रो करना है।
  • कंपनी हमेशा dividend अपने शेयर की face value पर ही देती है। जैसे किसी कंपनी के शेयर की कीमत मार्केट में ₹10000 है और फेस वैल्यू ₹100 है, और कंपनी कहती है की हम इस बार 100% dividend देने वाले है तो वो इस बार हर शेयर पर ₹100 देने वाली है।

dividend yield क्या होता है उदाहरण सहित

dividend yield का अर्थ कंपनी ने अपने शेयर की मार्केट वैल्यू का कितना प्रतिशत dividend (लाभांश) दिया है।

जैसे दो कंपनी Jaipur और alwar दोनो ने अपने प्रत्येक शेयर पर ₹20 डिविडेंड दिया है तो आप dividend yield का प्रयोग कर कंपनी की मार्केट वैल्यू से dividend का प्रतिशत निकाल सकते हो।

Jaipur कंपनी के शेयर की कीमत ₹500 और उसने dividend दिया है ₹20 तो आप 20÷500×100 करदे जिससे dividend का प्रतिशत 4% निकलकर आएगा और ऐसे ही आप दूसरी कंपनी alwar के शेयर की कीमत ₹2000 होगी तो इसके dividend का प्रतिशत 1% निकलेगा।

dividend yield को शेयर प्राइस प्रभावित करती है या कई बार कंपनियां ही ज्यादा dividend देती है।

इस हफ्ते ये 2 कंपनियां हर स्टॉक पर देंगी 5 बोनस शेयर, Nykaa का लॉक-इन पीरियड भी होगा खत्म

इस हफ्ते ये 2 कंपनियां हर स्टॉक पर देंगी 5 बोनस शेयर, Nykaa का लॉक-इन पीरियड भी होगा खत्म

ये हफ्ता शेयर बाजार में पैसे लगाने वालों के लिए कुछ अहम रहने वाला है. इसी हफ्ते में नायका का लॉक-इन पीरियड खत्म होगा. साथ ही इसी हफ्ते कंपनी बोनस शेयर भी जारी करेगी.

अगर आप भी शेयर बाजार (Share Market) में पैसे लगाते हैं तो ये हफ्ता आपके लिए कुछ खास खबरें लाया है. इसमें एक बड़ी खबर तो ये है कि इस हफ्ते दो कंपनियां बोनस शेयर (Bonus Share) जारी करेंगी. इसमें पहली कंपनी है  Nykaa  और दूसरी कंपनी है Punit Commercials. दोनों ही कंपनियां हर शेयर के बदले 5 बोनस शेयर दे रही हैं. दिलचस्प है कि इसी हफ्ते 10 नवंबर को Nykaa के आईपीओ का लॉक इन पीरियड भी खत्म हो रहा है. उम्मीद जताई जा रही है कि लॉक-इन पीरियड खत्म होते ही बहुत सारे निवेशक अपने शेयर बेच सकते हैं, जिससे इसमें गिरावट आ सकती है.

Nykaa bonus share: कुछ हफ्ते पहले ही Nykaa ने घोषणा की थी कि वह अपनी कंपनी के हर शेयर पर 5 बोनस कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है शेयर जारी करेगी. इसकी रेकॉर्ड डेट 11 नवंबर है, जबकि 10 नवंबर इसकी एक्स बोनस डेट है. नायका का इश्यू प्राइस 1125 रुपये था, जबकि इसका शेयर लगभग 83 कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है फीसदी के प्रीमियम पर 2054 रुपये पर लिस्ट हुआ था. इसका आईपीओ भी करीब 82 गुना सब्सक्राइब हुआ था. 10 नवंबर को यह शेयर लिस्ट हुआ था और 26 नवंबर तक इसकी कीमत 2574 रुपये के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गई. हालांकि, उसके बाद से अब तक इसमें गिरावट देखने को मिल रही है. 9 नवंबर तक नायका के शेयर की कीमत 1100 रुपये के करीब पहुंच चुकी है.

Punit Commercials Bonus share: स्मॉल-कैप कंपनी पुनीत कमर्शियल्स लिमिटेड ने 4 अक्टूबर 2022 को हुई अपनी बैठक में फैसला किया था कि 5:1 के अनुपात में बोनस शेयर जारी किए जाएंगे. इसकी रेकॉर्ड डेट बुधवार 10 नवंबर तय की गई है. वहीं दूसरी ओर इसकी एक्स-बोनस डेट 9 नवंबर तय की गई है. 9 नवंबर से ही इस शेयर में एक्स ट्रेडिंग शुरू होगी. कंपनी के शेयर आखिरी बार 3 अक्टूबर को ट्रेड हुए थे, तब इसका शेयर 51.25 रुपये पर था.

बोनस शेयर का मतलब भी समझ लीजिए

अगर कोई कंपनी बोनस शेयर देने की घोषणा करती है तो बहुत से निवेशक सोचते हैं उन्हें अतिरिक्त शेयर मुफ्त में मिल रहे हैं. बात सही भी है, अतिरिक्त शेयर मुफ्त में मिलते ही हैं, लेकिन इसमें एक ट्विस्ट है. बोनस शेयर मिलने बाद सिर्फ शेयरों की संख्या बढ़ती है, उनकी वैल्यू नहीं. उदाहरण के लिए अगर आपके पास 500 रुपये का कोई शेयर है और कंपनी आपको प्रति शेयर एक बोनस शेयर दे, तो आपके पास दो शेयर हो जाएंगे. हालांकि, ऐसी स्थिति में आपके शेयर का भाव कम होकर 250 रुपये रह जाएगा. आपको बोनस शेयर का फायदा डिविडेंट मिलने के वक्त कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है होगा, क्योंकि तब प्रति शेयर के हिसाब से डिविडेंड दिया जाता है.

कंपनियां क्यों देती हैं बोनस शेयर?

अमूमन कंपनियां बोनस शेयर इसलिए देती हैं, क्योंकि वह शेयर की लिक्विडिटी को बढ़ाना चाहती हैं. मान लीजिए कि कोई शेयर 500 रुपये का है, ऐसे में प्रति शेयर एक बोनस शेयर दिए जाएं तो एक शेयर की कीमत 250 रुपये हो जाएगी. इससे शेयर सस्ता दिखने लगेगा और कम पैसे लगाने वाले निवेशक भी इसमें पैसा लगा सकेंगे. मौजूदा वक्त में नायका का शेयर करीब 1300 रुपये का है, ऐसे में बहुत से लोगों को यह महंगा लगता होगा. बोनस शेयर जारी करने की ये एक बड़ी वजह हो सकती है कि कंपनी अपने शेयरों को सस्ता बनाना चाहती है. इतना ही नहीं, बोनस शेयर की खबर से अक्सर कंपनियों के शेयर चढ़ जाते हैं. ऐसे में बोनस शेयर को कई कंपनियां शेयरों की कीमत पंप करने की एक रणनीति की तरह भी इस्तेमाल करती हैं.

समझिए एक्स-बोनस और रेकॉर्ड डेट का मतलब

शेयर बोनस तमाम कंपनियों में इस्तेमाल होने वाली आम प्रैक्टिस है, लेकिन निवेशक अक्सर इससे कनफ्यूज हो जाते हैं. इन मामलों में दो तारीखें बहुत ही अहम होती हैं, रेकॉर्ड डेट और एक्स-डेट. रेकॉर्ड डेट वह तारीख होती है, जिस पर या उससे पहले आपके पास शेयर होना जरूरी है, तभी फायदा मिलेगा. वहीं एक्स-डेट रेकॉर्ड डेट से एक-दो दिन पहले की तारीख होती है, ताकि उस तारीख पर अगर आप शेयर खरीदें तो रेकॉर्ड डेट तक वह शेयर आपके डीमैट अकाउंट में आ जाएं.

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Dividend क्या है और ये कितने प्रकार के होते है – Dividend Kya Hota Hai

dividend kya hota hai

Dividend Kya Hota Hai शयद की ऐसा कोई हो जिसे की Reward मिले और वो न ले सीधा सा जवाब है Reward हर कोई को पसंद होता है इसलिए आज हम ऐसे की एक reward के बारे में जानेंगे जो की शेयर मार्किट से रेलेटेड टर्म है Dividend यानि लाभांश एक ऐसा रिवॉर्ड है जो कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को देती है ये कई प्रकार से जारी किये जाते है इसलिए आज के आर्टिकल में हम जानेंगे की डिविडेंड क्या है या फिर Dividend Kya Hota Hai और ये कैसे मिलता है Dividend कितने प्रकार का होता है और डिविडेंड जुडी सभी जानकारी देने वाले है तो चलिए शुरू करते है |

डिविडेंड क्या होता है – Dividend Meaning In hindi

Dividend यानि लाभांश जिसका अर्थ होता है लाभ में अंश जो कंपनी अपने मुनाफे से थोड़ा सा हिस्सा कंपनी अपने शेयर होल्डर्स को देती है जिसे की Dividend यानि लाभांश कहते है डिविडेंड कई तरीके से कंपनी के द्वारा जारी किया जाता है जैसे कैश पेमेंट , स्टॉक्स या फिर किसी और फॉर्म में ये डिविडेंड उस कंपनी के नेट प्रॉफिट होता है जो कंपनी अपने शेयर होल्डर के साथ शेयर करती है जब कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है आपके पास डिविडेंट पे करने वाले शेयर होते है तो आपको प्रॉफिट मिलता है कंपनी के अल्वा कई म्यूच्यूअल फण्ड और एक्सचेंज ट्रेड फण्ड (ETF) भी डिविडेंड देती है आप आपको समझ आ गया होगा की Dividend Kya Hota Hai और आप आगे जानते है की शेयर मार्किट में डिविडेंड क्या है |

शेयर मार्केट में डिविडेंड क्या होता है ?कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है

जब कंपनी के सारे खर्चे कवर हो जाते है और सभी तरह के टेक्स और बाकि बचे देनदारी हटाकर बचे हुए फायदा का कुछ हिस्सा अपने शेयर धारको को देती है ये डिविडेंड सभी शेयर होल्डर्स के पास रखे गए उनके शेयर के हिसाब से दिया जाता है जैसे की मान लीजिये TCS की कंपनी ने डिविडेंड देने का निर्णय लिया है की वो 1 शेयर पर 20 रूपये डिविडेंड देंगे और आपके पास 100 शेयर है तो आपको 100 x 20 = 2000 रूपये का TCS के द्वारा डिविडेंड मिलेगा |

डिविडेंड जरुरी क्यों होते है

डिविडेंट इन्वेस्टर को ये मैसेज देते है डिविडेंड देने वाली कंपनी में स्टेबल cash flow है और वो प्रॉफिट भी जेनेरेट कर रही है जैसे इन्वेस्टर को फेट उस कंपनी में बढ़ता है और इन्वेस्टर का फेट ही तो कंपनी के प्रोग्रेस में हेल्प करता है इसलिए डिविडेंट इतने जरुरी होते है

सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी – Top dividend Company

सबसे ज्यादा डिविडेंड देने वाली कंपनी की बात की जाये तो इसमें ज्यादातर स्टैब्लिश कंपनी ही शामिल होती है जिन्हे ज्यादा फायदा होता है और कंपनी रेगुलर बैसेस पर डिविडेंट दिया करती है

dividend kya hota hai

अकसर ज्यादातर कंपनी इस इंडस्ट्री में आती है जैसे

  • Basic Material
  • Oil And Gas
  • Banks & Finance
  • Healthcare & Pharmaceutical
  • Utilities
  • Real State Investment Trust ( RSIT)
  • Master Limited Partnership ( MLP)

डिविडेंड की महत्वपूर्ण तारीख

आइये जानते है की डिविडेंट की इम्पोर्टेन्ट डेट के बारे में जिसके बारे में आपको भी पता होना चाहिए

Announcement Date

अनाउंसमेंट डेट वह डेट होती हैं जिस दिन कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स shareholders को डिविडेंड देने की घोषणा करते हैं इस तारीख को डिविडेंट दिया जायेगा

Ex- Dividend Date

एक्स डिविडेंट डेट पर डिविडेंड एलिजिबिलिटी expire हो जाती है एक्स – डिविडेंड date Record Date से 3 दिन अगर आपको किसी कंपनी का डिविडेंड प्राप्त करना कंपनियां डिविडेंड क्यों देती है है तो आपको उसके एक्स डिविडेंड डेट से पहले शेयर खरीदने होंगे तभी आपको डिविडेंड प्राप्त होगा |

Record Date

रिकॉर्ड डेट के जरिये कंपनी को ये पता चलता है की कौन से शेयर होल्डर डिविडेंड प्राप्त करने के योग्य है |

Payment Date

पेमेंट डेट पर कंपनी इन्वेस्टर के अकाउंट में मनी क्रेडिट कर देती है |

डिविडेंट कितने प्रकार के होते है – Types of Dividend in hindi

डिविडेंड क्या होता है ये तो अपने जान लिया और अब जानते है की डिविडेंट कितने प्रकार के होते है

1 . Cash dividend

ये सबसे कॉमन डिविडेंड टाइप होता है जिसमे कंपनी शेयर होल्डर के ब्रोकेग अकाउंट में डायरेक्ट कॅश पेमेंट कर देती है

2 . Stock Dividend

इस टाइप में कंपनी कॅश देने के बजाए स्टॉक के एडिशनल शेयर के रूप में पे करती है |

3 . Dividend Reinvestment Programs ( DRIPS)

DRIPS की बात की जाये तो इस तरह के डिविडेंड टाइप में इन्वेस्टर डिस्काउंट पर कंपनी के स्टॉक में डिविडेंट को री इन्वेस्ट कर सकते है \

4 . Special Dividend

इस डिविडेंट की बात की जाये तो ये एक्स्ट्रा डिविडेंट यानि One time dividend पेमेंट्स होते है इन्हे regular dividend भी कहा जाता है ये डिविडेंड तब मिलते है जब कंपनी के पास unexpected cash होता है ये regular कंपनी डिविडेंट से अलग होते है क्युकी रेगुलर डिविडेंट तो रेगुलर इंटरवल्स पर रिकल होते है जबकि स्पेशल डिविडेंट एक ही बार जाता है और ये कैश अमाउंट भी रेगुलर डिविडेंट से ज्यादा हो सकते है |

5 . Preferred Dividend

प्रिफर्ड स्टॉक्स ऐसे स्टॉक होते है जो स्टॉक की तरह कम काम करते है और बांड की तरह ज्यादा होते है और प्रिफर्ड स्टॉक पर मिलने वाले डिविडेंड जनरली फिक्स्ड होते है जबकि कॉमन स्टॉक पर मिलने वाले डिविडेंड यूज़ली क्वार्टरली पे किये जाते है |

निष्कर्ष

तो आज के आर्टिकल में हमने जाना की dividend Kya Hota Hai या फिर Dividend Kya Hai और कितने प्रकार का होता है ये जानकारी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी राय जरूर दे और सोशल मीडिया पर भी जरूर शेयर करे |

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