संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ)
“ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी” के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (वर्ष 2020)
Top 10 Bitcoin, Crypto Exchange & Trading Platforms in India
क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज को डिजिटल करेंसी एक्सचेंज भी कहा जाता है। यह एक ऐसा व्यापार है जिसमें लोग अपने डिजिटल परम शिष्या क्रिप्टोकरेंसीज को दूसरे संपत्तियों के लिए एक्सचेंज हैं। क्क्रेडिट कार्ड पेमेंट, या वायर ट्रांसफर आदि जैसे पेमेंट तरीकों से डिजिटल करेंसी का लेन- देन होता है।
ऐसे कई तरह के क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज होते हैं जीने से कहीं भारत में भी है, उनमें से निम्नलिखित 10 बेस्ट क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज दिए गए हैं।
यह 2016 के जून में आस्तित्व में आया, यह Alullg Bhatt, Shivam Thakral और Devansh Aggarwal द्वारा बनाया गया है। यह मंच बहुत जल्द ही क्रिप्टो करेंसी के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बन गया था, और इस मंच ने स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं बहुत कम समय में ही कई निवेशकों का एक बड़ा समुदाय निर्माण कर लिया था।
इसका निर्माण विशेष रूप से ऐसे बनाया गया है ताकि सबके लिए इसे इस्तेमाल करना सरल हो, फिर चाहे वह अनुभवी इन्वेस्टर हो या वह इन्वेस्टर्स जो पहली बार इसके यूज कर रहे है। जब से इसको बनाया गया है, इस प्लेटफॉर्म ने $50 मिलियन USD के ट्रेड को कंडक्ट किया है, और इसने 30 से ज़्यादा cryptocurrencies को आधार देता है, और इस आंकड़े में अभी और भी नाम जोड़े जाएंगे।
डोमेस्टिक crypto currency के व्यापार के मंच में, WazriX को underdog champion माना जाता है, इसका निर्माण 2017 में हुआ था, जब काफ़ी ज़्यादा मात्रा में इनवेस्टर्स और यूजर्स के बीच डिजिटल करंसी का व्यापार बहुत प्रसिद्ध था। यह मंच, अपने यूजर सर इन्वेस्टर्स की और उनके इन्वेस्टमेंट्स की सिक्योरिटी के लिए नियमित रूप से security audits कंडक्ट करते रहता है। इसकी फीस अक्सर कम से कम 0.1% से 0.2% तक होती है। यह 5 और अलग प्लेटफार्म पर उपलब्ध है जिससे हर डोमेन पर यूजेस सरलता से एक्सचेंज कर पाते हैं।
यह मंच अपने इन्वेस्टर्स को 200 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी एक ही प्लेटफार्म पर कंडक्ट करने की सुविधा प्रदान करता है। जब बात डोमेस्टिक क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज मार्केटिंग की सेफ्टी और सिक्योरिटी की हो, तो यह प्लेटफार्म सबसे ज्यादा सेफ्टी प्रदान करने वाले प्लेटफॉर्म्स में से एक है। इसका फी स्ट्रक्चर मेक अ और टीचर के बीच में हुए क्रिप्टो करेंसी के प्रकार पर निर्भर करता है और जब cross-platform ट्रेड स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं कंडक्ट किए जाते हैं तब यह प्लेटफॉर्म फीस चार्ज करता है।
इसने यूजर्स को क्रिप्टो करेंसी मार्केटिंग के बारे में उसी कीमत, उसके संपर्क, आकर्षक इंटरेस्ट रेट्स, इत्यादि चीजों में अशिष्ट करने के लिए कई प्रोडक्ट्स भी रिलीज किए हैं।
इसका निर्माण एक alumni नामक IIT ग्रुप द्वारा किया गया था। यह 2017 के december में बनाया गया था। कुछ समय पश्चात इस मंच ने स्टॉप लिमिट ऑर्डर्स को इंट्रोड्यूस किया था ताकि जो यूजर या इन्वेस्टर है, ट्रेडिंग के दौरान इस मंच पर अपने लॉसेस को मिनिमाइज कर सके। इसकी फीस अधिकतर 0.03% से 0.25% तक होती है। इसका फीस स्ट्रक्चर 11 अलग-अलग लेवल्स का होता है।
इसे साल 2017 में बनाया गया था, इस प्लेटफार्म को भी उसी डेवलपमेंट टीम ने बनाया था जिस डेवलपमेंट टीम ने CrypDates नामक प्लेटफार्म बनाया था। इस मंच का उद्देश्य अपने यूजर्स व इन्वेस्टर्स को फास्टट्रांजिक्शन स्पीड व ट्रेड एग्जीक्यूशन की सुविधा देना है। इस प्लेटफार्म का फीस स्ट्रक्चर काफी विस्तृत है, और इसकीट्रांजिक्शन फीस एक एक क्रिप्टो करेंसी के हिसाब से अलग-अलग है। इसका फीस स्ट्रक्चर एक यूजर के 30 दिन के ट्रेडिंग वॉल्यूम पर निर्भर करता है। अपने यूजर्स की accessibility को बढ़ाने के लिए इस प्लेटफार्म ने एक ऐप को मोबाइल पर भी लॉन्च किया है। अपने यूजर्स के assets को सुरक्षित रखने के लिए यह प्लेटफॉर्म काफी मजबूत सिक्योरिटी सिस्टम को अपनाता है।
यह प्लेटफार्म 100 से ज्यादा क्रिप्टो करेंसी को अपने प्लेटफार्म पर होस्ट करता है। और सुनिश्चित करता है कि इन्वेस्टर्स के लिए यह इस्तेमाल करने के लिए आसान हो, ताकि जो नए यूज़र या इन्वेस्टर्स है वह इसकी प्रोसीजर को काफी सरलता से समझ पाए। इस मंच ने अपना एक और वर्जन लॉन्च किया है, जिसका नाम है Coinswitch Kuber जो इसकी तुलना में ज्यादा सरलता से इस्तेमाल किया जा सकता है, और यह ऐप एंड्राइड प्ले स्टोर अथवा एप्पल स्टोर स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं दोनों में पाया जाता है। इनकी ट्रांसलेशन फीस 0.49% है परंतु ट्रांजीक्शन के लिए जिस साधन का उपयोग किया गया है उस हिसाब से फीस में बदलाव होते हैं।
यहां एक ऐसा डोमेस्टिक क्रिप्टो करेंसी प्लेटफार्म है जिसे विशेष इसलिए बनाया था कि यह रुक रुक कर ना चले और इसकी प्रोसेसिंग स्पीड फास्ट हो, ताकि यूजर्स को कोई परेशानी ना हो। इसे इसकी 50,000 ट्रांजैक्शंस एक सेकंड में करने की क्षमता की वजह से इंटरनेशनली जाना जाता है। इसके साथ साथ यह प्लेटफार्म स्टेबिलिटी की भी गारंटी देता है, जबकि ऑर्डर्स की संख्या एक बार में मिलियंस तक होती है। इसका फीस शेड्यूल हर buy order पर 0.25 है, और हर sell order par 0.15 होता है ।
यह platform क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंजेस के फील्ड में सबसे उत्तम प्लेटफॉर्म्स में से एक है। इसका निर्माण साल 2015 में किया गया था। इस मंच ने आज तक लगभग 3 मिलीयन यूजर्स को सर्व किया है। इसका fee structure काफी विस्तृत है जो तीन अलग भागों में होता है। पहली होती है maker fee, जो 0.15% है, यह तब लागु की जाती है जब जो आर्डर प्लेस किया गया है वह तुरंत मैच नहीं होता। Taker fee, अर्थात वह फीस जब order को निष्पादित कर दिया जाता है, यह 0.25% होता है। इंट्राडे fee, जो उसट्रांजिक्शन पर होता है जो, आधी रात को किया गया है, यह 0.10% होता है। नेट बैंकिंग से किए गए ट्रांजैक्शंस पर यह प्लेटफार्म कमीशन (1.75 परसेंट) भी चार्ज करता है।
यह सबसे पुरानी क्रिप्टो करेंसी ट्रेन में से एक है। इसका निर्माण 2013 में हुआ था। जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग का बैन हटाया गया था, उसके पहले से या प्लेटफार्म बनाया गया है। इसका fee structure 0.7% है, जो इस प्लेटफार्म पर हुए गए ट्रांशिक्शन पर निर्भर करता है। अपने यूजर्स को और पहुंच दिलवाने के लिए इस प्लेटफार्म ने एक ऐप भी बनाया है।
इस प्लेटफार्म पर एक ट्रस्ट फैक्टर नामक सिस्टम है जो दूसरे ट्रेडर्स को सेलर्स ढूंढने में सहायता करता है। इसके fee structure में, पहले 500000 जंक्शन पर कोई फीस नहीं चार्ज की जाति, परंतु उसके बाद हरट्रांजिक्शन पर $1 चार्ज किए जाते हैं, हर ट्रांजिक्शन पर उसका एक परसेंट चार्ज किया जाता है।
निष्कर्ष
आज का हमारा यह आर्टिकल जिसमें हमें बेस्ट 10 क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। मुझे पूरी उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल है। तो वह हमें कमेंट के माध्यम से बता सकता है।
Cryptocurrency का भारत में भविष्य क्या?
भारत में क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का भविष्य क्या होगा. ये संसद में आने वाले बिल के बाद तय होगा. क्योंकि बहुत जल्द सरकार संसद में क्रिप्टो करेंसी रेगुलेशन बिल पेश करने वाली है. ऐसे में निवेशकों के मन में सबसे बड़ा सवाल है कि क्या क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लग गया तो उनके पैसे का क्या होगा. तो हम आपको पूरी रिसर्च के बात बताते हैं कि क्रिप्टो करेंसी पर आगे की राह क्या होगी. ऐसे में अगर बैन लग गया तो बैंक और आपके क्रिप्टो एक्सचेंज के बीच लेनदेन बंद हो जाएगा. क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए रुपये को डॉलर या दूसरी करेंसी में कन्वर्ट नहीं कर पाएंगे. साथ ही दूसरी करेंसी में खरीदे गए क्रिप्टो कॉ़इन को बेचकर रुपये में ट्रांजेक्शन नहीं होगा.
भारत में कितना बड़ा है क्रिप्टो मार्केट?
आपको बता दें कि फिलहाल भारत में 10 करोड़ ऐसे निवेशक हैं. जिनका पैसा क्रिप्टोमार्केट में लगा है. दावा है कि करीब 6 लाख करोड़ रुपया इस वक्त भारतीयों का क्रिप्टो मार्केट में लगा है. इसमें औसतन हर निवेशख का 9 हजार रुपये का इनवेस्टमेंट है. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर सरकार की चिंता इसलिए है, क्योंकि 60 फीसदी निवेशक ऐसे हैं, जो छोटे शहरों से आते हैं। इसके अलावा निवेशकों की औसत उम्र 24 साल है. मतलब ज्यादातर युवा इस नए तरह के इनवेस्टमेंट मार्केट से जुड़े हैं.
क्रिप्टोकरेंसी और डिजिटल करेंसी में क्या फर्क?
क्रिप्टोकरेंसी आम करेंसी से अलग है. इसे न तो छू सकते हैं, न ही इससे कुछ खरीद सकते हैं, बल्कि इसे सिर्फ ऑनलाइन रख सकते हैं. चिंता की वजह ये है कि इस करेंसी को लेकर कोई रेग्युलेटर नहीं है. दुनिया की किसी सरकार का इस पर कंट्रोल नहीं है. इस वक्त दुनिया में 1,000 से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी चलन में है और 308 से ज्यादा क्रिप्टो एक्सचेंज हैं. इस मार्केट की शुरुआत 2009 में हुई थी. इस करेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव काफी ज्यादा होता है. कोरोना काल में तो भारत में क्रिप्टो मार्केट काफी ऊंचाई पर पहुंच चुका है, जबकि डिजिटिल करेंसी केंद्रीय बैंक की देनदारी होती है. इसे केंद्रीय बैंक ही जारी करता है, इसीलिए इसकी कीमतों पर केंद्रीय बैंक का कंट्रोल रहता है.
भारत में क्रिप्टोकरेंसी पर कब क्या हुआ?
2018 में भारत में आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगा दिया, लेकिन मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट में मामला पहुंचा तो कोर्ट ने बैन हटा दिया, लेकिन क्रिप्टोमार्केट को लेकर चिंता जारी रहीं. 11 नवंबर 2021 को आरबीआई गवर्नर ने क्रिप्टो करेंसी पर गंभीर चिंताएं जाहिर की. इसके बाद 13 नवंबर 2021 को पहली बार पीएम मोदी ने क्रिप्टो मार्केट पर बैठक की. इस बैठक के बाद क्रिप्टो करेंसी पर लगातार सवाल उठने लगे. 15 नवंबर 2021 को संसदीय समिति में क्रिप्टो पर चर्चा की गई और संसदीय समिति में बैन की बजाय रेगुलेट करने पर बातचीत हुई. इसके बाद 18 नवंबर 2021 को सिडनी संवाद में पीएम मोदी ने क्रिप्टो पर एक बार फिर चिंता जाहिर की.
क्रिप्टो पर किस देश का क्या रुख
भारत में क्रिप्टो को लेकर गंभीर चिंताएं हैं, लेकिन अल सल्वाडोर ने बिटकॉइन को लीगर टेंडर घोषित कर दिया, जबकि अमेरिका क्रिप्टोकरेंसी के हिसाब से अपनी नीतियां बना रहा है. दक्षिण कोरिया भी इस करेंसी को रेगुलेट करने के लिए कानून बनाने पर विचार कर रहा है. हालांकि चीन इस करेंसी का लगातार विरोध कर रहा है.
किन-किन क्रिप्टोकरेंसी के प्राइवेट होने का डर
जानकारों के मुताबिक कुछ प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी ऐसी हैं, जिनकी गतिविधियां संदिग्ध रही है. इसीलिए स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं इन क्रिप्टोकरेंसी पर बैन लगाने की बात चल रही है. इसमें कुछ नाम इस तरह हैं. Monero(XMR), Dash Coin, Zcash(ZEC), Verge(XVG), Beam, Grin, Horizen(ZEN), Firo(FIRO), Byte Coin(BCN), UCoin और Delta. हालांकि 2019 में सरकार के पेश किए गए विधेयक के नाम में क्रिप्टोकरेंसी को बैन करना का जिक्र था, लेकिन 2021 आते आते विधेयक के नाम में से बैन शब्द हट गया है, जिसके बाद क्रिप्टो करेंसी के निवेशकों को उम्मीद जगी है. अब कुल मिलाकर अब इंतजार संसद में पेश होने वाले मसौदे का है, जिसमें ये तस्वीर साफ हो पाएगी, कि भारत में क्रिप्टो मार्केट चलता रहेगा या फिर निवेशकों की गाड़ी कमाई डूब जाएगी.
435 गुना सब्सक्राइब हुआ यह IPO, जानिए डिटेल में
स्वागत है दोस्तों आपका हमारे इस पोस्ट में, आज के इस पोस्ट में हम बताएंगे एक IPO के बारे में जो 75% के फायदे के साथ है जल्दी लिस्ट हो सकती है। इसके अलावा गुरुवार को बहेती रीसाइक्लिंग का शेयर ग्रे मार्केट में लगभग ₹34 के आसपास ट्रेड कर रहा है
जो बुधवार को लगभग ₹32 के आसपास ग्रे मार्केट में था, साथ ही इस कंपनी के आईपीओ के आने से इस कंपनी के इन्वेस्टर्स को जबरदस्त फायदा मिला है साथ ही यह कंपनी में जल्द ही लिस्ट हो सकती है
जानकारी के लिए बता दें कि बहेती रीसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज का शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट हो सकता है जिसे रिटेल इन्वेस्टर्स ने 435.65 गुना सब्सक्राइब कर इस शेयर को 12.42 करोड़ का फायदा पब्लिक इश्यू के दौरान कराया है। इस कंपनी को रिटेल इन्वेस्टर से काफी ज्यादा सपोर्ट और अच्छा रिस्पांस मिलने के बाद कंपनी शेयर मार्केट में काफी अच्छा रिस्पांस दिखा रही है
34 रुपये प्रति शेयर प्राइस पहुंचने की उम्मीद: जो लोग भी इस कंपनी से जुड़े हुए हैं उन लोगों का कहना है कि कंपनी अच्छा स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं रिटर्न दे सकती है और ग्रे मार्केट के बाद यहां ₹2 और बढ़ चुका है जो बुधवार को ग्रे मार्केट में लगभग ₹32 के आसपास था
जिससे इसका आईपीओ शेयर मार्केट में और ज्यादा तेजी पर है। इसके अलावा सूत्रों के हवाले से पता चला है कि कुछ लोगों का कहना है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज निफ़्टी में इस कंपनी द्वारा जल्द ही 19000 के लेबल को पार करने की उम्मीद है
पुराने इन्वेस्टर्स और इस कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि बहेती रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज के शेयर ग्रे मार्केट में ₹32 से पहले ₹8 के स्तर पर था और एक्सपर्ट का कहना है कि शेयर मार्केट में इस कंपनी का लिस्टिंग ऊंचे प्रीमियम पर होने की उम्मीद है
जिसका प्राइस बैंड लगभग ₹45 के आसपास है और अगर यह ग्रे मार्केट में ₹34 के स्तर पर टिका रहता है तो बहेती रिसाइक्लिंग इंडस्ट्रीज के शेयर लगभग ₹79 के आसपास लिस्ट होने की उम्मीद है। इसके अलावा इस कंपनी के शेयर को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज SME पर लगभग 8 दिसंबर 2022 को लिस्ट किया जा सकता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल को कुछ अनुमानों और जानकारी के आधार पर बनाया है हम फाइनेंसियल एडवाइजर नही है आप इस आर्टिकल को पढ़कर शेयर बाज़ार (Stock Market), म्यूच्यूअल फण्ड (Mutual Fund), क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) निवेश करते है तो आपके प्रॉफिट (Profit) और लोस (Loss) के हम जिम्मेदार नही है इसलिए अपनी समझ से निवेश करे और निवेश करने से पहले फाइनेंसियल एडवाइजर की सलाह जरुर ले
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Crypto-Queen : हुस्न के जाल में ऐसा फंसाया, बातों के प्रभाव से सबको नचाया; जानिए कौन है ये क्रिप्टो-क्वीन जिसने किया 30 हजार करोड़ से ज्यादा का स्कैम
Cryptocurrency को लेकर अभी ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है। लेकिन, पिछले साल ये हॉट-टॉपिक बना हुआ था। इसकी वजह से काफी लोगों को अमीर बनने का भी मौका मिला। हालांकि, कई लोग अपनी जमा-पूंजी क्रिप्टो में लगाकर कंगाल भी हो गए। लेकिन, हम यहां पर Cryptocurrency के नाम पर हुए एक बड़े स्कैम के बारे में बात करने वाले हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, क्रिप्टो के नाम पर बड़ा स्कैम Ruja Ignatova ने किया था। लोग इन्हें क्रिप्टो-क्वीन के नाम से भी जानते हैं। रुजा इग्नातोवा ने क्रिप्टो करेंसी की लोकप्रियता का फायदा उठाकर लोगों को फर्जी क्रिप्टो में पैसे लगवा दी थी।
साल 2014 में लॉन्च हुई थी OneCoin
लोग केवल उनकी बातों से प्रभावित होकर पैसे लगाने लगे थे। साल 2014 में पीएचडी होल्डर रुजा इग्नातोवा ने अपनी क्रिप्टोकरेंसी को लॉन्च किया था। हालांकि, ये क्रिप्टोकरेंसी का शुरुआती दौर था। लेकिन लोगों को इससे अमीर बनने के सपने दिखाए गए।
इस करेंसी का नाम OneCoin रखा गया था। इसका विस्तार कई देशों में क्रिप्टो क्वीन ने किया। वो लोगों को OneCoin खरीदने और इसको समझने के लिए एजुकेशन मैटेरियल खरीदने के लिए कहती थी। लोग उनके बोलने से प्रभावित हो जाते और लाखों रुपये इन्वेस्ट कर देते हैं।
लगभग 2 साल तक लाखों लोगों ने इसमें पैसे लगाए। उसने लोगों को विश्वास दिलाया कि OneCoin की वैल्यू बिटक्वॉइन से भी आगे जाएगी। इसके लिए वो कई सेमिनार करती थी। कई बड़ी मैग्जिन स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं में उसने ऐड न्यूज के फॉर्म में पब्लिश करवाई। लोग इन ऐड्स को सही न्यूज मानकर उससे जुड़ते चले गए।
छोटा पैकेज 140 यूरो का था
रिपोर्ट के अनुसार, वनक्वॉइन का सबसे छोटा पैकेज 140 यूरो का था और सबसे बड़ा एक लाख 18 हजार यूरो का। लोगों से एक्सचेंज खोलने का वादा किया गया था, जिससे भविष्य में वो अपने OneCoin डॉलर या यूरो में बदल सकते थे।
इस दौरान कई क्रिप्टोकरेंसी सपोर्टर को OneCoin पर संदेह होने लगा और वो इसको लेकर Ruja Ignatova से जवाब चाहते थे। Ruja Ignatova सबके सवालों का जवाब देने का वादा कर फरार हो गई। उसने 30 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का स्कैम किया।
क्रिप्टो में स्टॉक एक्सचेंज पर एक क्रिप्टोकुरेंसी कैसे बनाएं निवेश से पहले जरूर करें वेरिफाई
आपको बता दें कि OneCoin कोई ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर बेस्ड था ही नहीं। ब्लॉकचेन वैसी टेक्वनोलॉजी है जिस पर बिटक्वाइन और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी काम करती है। लोग केवल मार्केटिंग और उसकी बातों में आकर इनवेस्ट करने लगे थे।
इस वजह से किसी भी नई क्रिप्टोकरेंसी में पैसे लगाने से पहले उसे वेरिफाई करने की सलाह लोगों को दी जाती है। फिलहाल मूल रूप से बुल्गारिया की रहने वाली रुजा इग्नातोवा FBI के टॉप 10 मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल है।
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