भारत और दुनिया भर में क्रिप्टोकुरेंसी में व्यापार की विशेष तार्किक समस्याएं हैं। ये काफी हद तक उस तकनीक से जुड़े हैं जिसमें डिजिटल मुद्रा शामिल है। उदाहरण के लिए, जब क्रिप्टोक्यूरेंसी से संबंधित तकनीक को बदलने की आवश्यकता होती है, तो प्रोटोकॉल को बदलने की आवश्यकता होती है। यह एक थकाऊ प्रक्रिया हो सकती है और इसमें लंबा समय लगता है। इसलिए, नियमित परिचालन और कार्यात्मक प्रवाह बाधित हो सकता है और अतिरिक्त मुद्दों का कारण बन सकता है।

alt

इस Cryptocurrency ने किया कमाल, 1 लाख रुपये के बनाए 20 लाख, वो भी सिर्फ 24 घंटे में

Cryptocurrency: क्रिप्टोकरेंसी का बाजार में ऊठापटक चलती रहती है और ये कभी कोई भी नहीं बता पाता की कौनसा सिक्का कितना पैसा दे जाएगा और कितना डूब जाएगा। अभी हाल फिलहाल में क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट का दौर जारी है लेकिन कुछ अच्छा रिटर्न दे रही है। हम यहां आपको ऐसी ही क्रिप्टो करेंसी के बारे में बता रहे हैं जिसने निवेशकों को 24 घंटे में मालामाल कर दिया।

शीबा इनु (Alien Shiba Inu-ASHIB) जिसका नाम एक डॉग की ब्रीड पर रखा गया है, इसने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं लोगों को अच्छा खासा रिटर्न दिया है। शीबा इनु की कीमत एक दिन में 1900 फीसदी बढ गई। यानी अगर किसी व्यक्ति ने अगर 1 दिन में एक लाख रुपया लगाया तो वह एक दिन में बढ़कर 20 लाख रुपये हो गया। 9 जनवरी शाम 5 बजे शीबा इनू 0.0075 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। CoinmarketCap वेबसाइट के अनुसार शीबा इनू के अधिकतम 10 करोड़ सिक्कों की सप्लाई की गई।

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

वर्चुअल क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

Cryptocurrency में पैसा लगाने की सोच रहे? तो पहले जानिए क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने के नुकसान क्या है?

Disadvantages of Cryptocurrency: भारत में क्रिप्टोकरंसी ने युवा और बूढ़े निवेशकों के दिमाग में आशाजनक रिटर्न देने के ज्वलंत विचारों को अपने कब्जे में ले लिया है। लेकिन इसमें निवेश करने से आपको खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। यहां ऐसे 5 कारण बताए गए है, जिस वजह से आपको क्रिप्टोक्यूरेंसी निवेश से दूर रहना चाहिए।

Disadvantages of Cryptocurrency in Hindi: दुनिया के क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं महान निवेशक वॉरेन बफे जैसे सफल निवेशकों ने डिजिटल मुद्रा यानी क्रिप्टोक्यूरेंसी को 'अगला बुलबुला' के रूप में संदर्भित किया है। यह देखते हुए कि बुलबुले फूट रहे हैं, यह जानना महत्वपूर्ण है कि क्रिप्टोक्यूरेंसी में निवेश करने की कमियां (Disadvantages of Cryptocurrency) क्या हैं ताकि हम निवेश के बारे में सोच-समझकर निर्णय ले सकें। यहां ऐसे 5 नुकसान बताए गए, जिस वजह से आपको भी Cryptocurrency में निवेश से सावधान रहना चाहिए।

खुशखबरी! CoinSwitch ने क्रिप्टोकरंसी निवेशकों के लिए लॉन्च की नई स्कीम

क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों के लिए खुशखबरी

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 07, 2022, 15:29 IST

नई दिल्ली. क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) इन दिनों काफी पॉपुलर हो रही है. यह एक प्रकार की वर्चुअल करेंसी है, जिसकी डिमांड पिछले कुछ दिनों में तेजी से बढ़ी है. कई लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करके मोटी रकम कमा ली है. ऐसे में अगर आप भी Bitcoin, Ethereum, dogecoin, Shiba या ऐसी ही किसी क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके बेहद काम की है.

दरअसल, CoinSwitch ने क्रिप्टोकरेंसी निवेश के लिए रिकरिंग बाय प्लान (RBP) लॉन्च किया है. यह सुविधा सिस्टेमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) की तरह काम करती है.

अब क्रिप्टोकरेंसी पर भी लगेगा टैक्स

अब आपको क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स देना होगा. सरकार क्रिप्टोकरेंसी और उनके उपयोग के आधार पर टैक्स को विभाजित करने की योजना बना रही है. ऐसा माना जा रहा है कि ये टैक्स क्रिप्टोकरेंसी में निवेश और भुगतान में लगेगा. सरकार ने पहले ही वर्चुअल करेंसी से डील करने वाली कंपनियों के लिए ट्रांजैक्शन पर हुए प्रॉफिट या लॉस का खुलासा करना अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा कंपनियों से उनकी बैलेंस शीट में क्रिप्टोकरेंसी की मात्रा का खुलासा करने क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं के लिए भी कहा गया है. लेकिन अभी तक उनके लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए टैक्स लगाने का कोई कानून नहीं बना.

क्रिप्टोकरेंसी से इनकम क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने की सोच रहे हैं के मुख्य रूप से चार सिनेरियो हैं.

1.Mining

Mining क्रिप्टोक्यूरेंसी स्वनिर्मित पूंजीगत संपत्ति है. ऐसे बिटकॉइन की बाद में बिक्री से आमतौर पर पूंजीगत फायदा होता है.

रेटिंग: 4.12
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 585